This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
मेरे प्यारे दोस्तों को मेरा सेक्सी सलाम.. मैं सलमान अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ.. मुझे अन्तर्वासना की कहानियाँ बहुत अच्छी लगती हैं। आज मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ.. मैं इसे पहली बार इंटरनेट पर डाल रहा हूँ।
मैं बाहर से यहाँ अजमेर में अपनी पढ़ाई पूरी करने आया था। दिखने में मैं किसी हीरो से कम नहीं था, मुझे लड़कियों से ज्यादा भाभियां अच्छी लगती थीं।
मैं यहाँ किराये के मकान में बिल्कुल अकेला रहता था.. मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती थी.. जो दिखने में बिल्कुल ‘बिपाशा वसु’ की बहन लगती थी। उसकी उमर करीब पच्चीस साल थी.. उसका पति आर्मी में था। उसका एक बेटा जो छ: साल का था वह उसे रोज़ स्कूल छोड़ने जाती थी।
मैं भी उसी रास्ते से अपनी बाइक पर कॉलेज जाता था.. लगभग रोज़ ही हमारी आँखें एक-दूसरे से टकराती थीं।
कुछ दिनों बाद भाभी मुझे देख कर मुस्कुराने लगीं और मैं भी भाभी को देख मुस्कुराने लगा। ऐसा करीब पन्द्रह दिनों तक चलता रहा। एक दिन जैसे ही मैंने अपनी बाइक स्टार्ट की.. कि पीछे से आवाज आई- सुनिए.. मैं एकदम ठिठक गया.. मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो भाभी अपने बेटे के साथ थीं।
वो क्या क़यामत लग रही थी..! उसने मुझसे कहा- आज मुझे जरूरी काम है.. आप इसको इसके स्कूल तक छोड़ देंगे? मुझे उनकी कोई बात सुनाई नहीं दे रही थी.. मैं तो बस एकाग्रता से उन्हें ही निहार रहा था। उन्होंने फिर मुझसे कहा- आप इसको इसके स्कूल तक छोड़ देंगे? मैंने कहा- जरूर..
उन्होंने उसे बाइक के आगे बिठा दिया और उसका स्कूल बैग रखने के लिए झुकीं.. तो मुझे उनके आधे स्तनों के दीदार हो गए। उन्होंने मुझे दूध देखते हुए पकड़ लिया और एक कामुक मुस्कान बिखेर दी।
फिर मैं कॉलेज चला गया.. सारा दिन मुझे बस वही नज़र आ रही थी। पढ़ाई में मेरा मन नहीं लग रहा था.. मैं कॉलेज से घर वापिस जल्दी आ गया।
मुझे देख कर वह मेरे पास आई और बोली- मेरे मोबाइल का बैलेंस खत्म हो गया है.. क्या आप मेरे मोबाइल को रिचार्ज करा देंगे? मैंने मुस्कुरा कर हामी भरी। उन्होंने पैसे और नंबर मुझे दिया और कहा- फुल टॉक वैल्यू वाला रिचार्ज कराना.. मैं रिचार्ज करवाने गया और फुल टॉक वैल्यू रिचार्ज करा दिया.. बचे हुए पैसे देने मैं उनके घर गया.. दरवाज़ा बंद था।
मैंने घन्टी बजाई.. भाभी ने कुछ पलों बाद दरवाजा खोला। उन्होंने केवल सफेद गाउन पहन रखा था.. वो एकदम परी लग रही थी.. मैं उन्हें फिर एकाग्रता से देखने लगा था। उन्होंने चुटकी बजाते हुए कहा- ओ हैलो.. देखते ही रहोगे.. या अन्दर आओगे? मैंने कहा- नहीं भाभी.. भाभी मैं तो आपके बचे हुए पैसे वापिस करने आया था।
उन्होंने मुझे अन्दर आने को कहा और मेरे लिए नाश्ता लेने रसोई में चली गईं। वह जैसे ही टेबल पर नाश्ता रखने झुकीं तो मुझे उनके पूरे दूध झलकते हुए दिख रहे थे.. मैं वासना से उनकी मदमस्त जवानी को देखने लगा।
उन्होंने मुझे देख लिया और बोली- क्या देख रहे हो? मेरे मुँह से अचानक निकला- नहीं भाभी, मैंने कुछ नहीं देखा.. उन्होंने मुझे एक शरारती मुस्कान दी और कॉफ़ी बनाने रसोई में चली गईं।
उधर पास ही टीवी का रिमोट पड़ा था.. मैंने टीवी ऑन कर दिया। टीवी पर डीवीडी प्लेयर में भाभी ने ब्लू-फ़िल्म लगा रखी थी.. जो टीवी ऑन करते ही.. चल पड़ी। शायद भाभी मेरे आने से पहले ब्लू-फिल्म देख रही थीं।
तभी अचानक भाभी कॉफ़ी लेकर आ गईं.. वे कॉफ़ी रख कर जैसे ही टीवी की तरफ घूमीं.. उनकी आँखें फटी की फटी रह गईं। वे जरा गुस्से से मेरी तरफ देखने लगीं.. मैंने कहा- भाभी मैंने तो टीवी ऑन किया.. ये तो पहले से ही प्ले थी। भाभी ने रिमोट लिया और टीवी ऑफ़ कर दिया और कहा- कॉफ़ी ठंडी हो रही है..
मैं कॉफ़ी पीने लगा.. उन्होंने मुझसे मुस्कुराते हुए पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रैंड है? मैंने ‘ना’ में अपना सर हिला दिया। भाभी ने कहा- क्यों?
मैंने बोला- मुझे शादीशुदा भाभियाँ बहुत अच्छी लगती हैं.. इसलिए मैं लड़कियों की ओर ध्यान नहीं देता.. उसने कहा- अच्छा.. फिर मैं तुम्हें कैसी लगती हूँ? मैंने कहा- भाभी आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो.. उसने कहा- तुम मुझे भाभी नहीं मेहर कहा करो..
और यह कहते हुए उसने टीवी ऑन कर दिया.. और मेरी तरफ झपट कर पागलों की तरह मुझे चूमने लगी और बोली- मैं एक अरसे से बहुत प्यासी हूँ राजा.. आज मेरी प्यास बुझा दो।
मैं भी भाभी को बिस्तर पर गिरा कर उनके चूचों को मस्ती से दबाने लगा और पैरों से भाभी के गाउन को कमर तक ऊपर करके उनकी कच्छी उतार दी। उनकी गुलाबी चूत देखकर मुझसे रहा नहीं गया.. और मैंने उनकी जांघ पर धीरे-धीरे हाथ फेरना शुरू कर दिया।
उनके जिस्म के भी रोंगटे खड़े हो गए थे.. थोड़ी ही देर में उन्होंने करवट ले ली और अब उनकी चूत के दर्शन मुझको साफ़ तरीके से होने लगे थे।
तो मैंने भी देर ना करते हुए उनकी चूत के गड्ढे में अपनी एक ऊँगली डालना शुरू कर दी.. पर उनकी चूत बहुत ही टाईट थी.. जिसकी वजह से मैं और भी पागल हो चुका था। थोड़ी देर में मैंने एक ऊँगली से दो उँगलियाँ उनकी चूत में अन्दर-बाहर करना शुरू कर दीं। मैंने उसके सारे कपड़े जिस्म से हटा दिए और उनकी चूत में लण्ड डालना चाहा। वो बोली- जरा रुक तो जा यार..
उसने मेरा लण्ड पकड़ कर मुँह में ले लिया और खूब जोर से मुँह में अन्दर-बाहर करने लगी। थोड़ी देर में बोली- अब मेरे से रहा नहीं जाता.. प्लीज़.. मुझे इसी पलंग में पटक-पटक कर चोद दे.. प्लीज़ चोद न.. प्लीज़ जल्दी से चोद दे.. मेरे यार.. चूत में बहुत खुजली हो रही है..
मैंने कहा- भाभी मैं अभी कैसे.. मैं सीधे ही अपना लण्ड आपकी चूत में नहीं डाल सकता हूँ। तो बोली- मतलब.. क्या करेगा..? मैंने कहा- आप पलंग के कोने पर पैर फैला कर रखो.. मुझे तुम्हारी चूत चाटनी है। वो खुश हो गई- यार.. पहली बार कोई मेरी चूत चाटेगा.. चाट ले.. जल्दी से चाट.. मेरे राजा..
फिर काफ़ी देर तक मैंने उसकी चूत और उसने मेरा लण्ड चाटा।
अब भाभी ने मुझसे कहा- अब देर मत करो और अपना लंड मेरी तड़पती चूत में डाल दो राजा..
तब मैंने उनकी चूचियों को पकड़ कर चुचूकों को मसलते हुए उनके होंठों को चूमा और बोला- अरे मेरी मेहरू रानी.. इतनी भी क्या जल्दी है.. पहले मैं ज़रा तुम्हारे सुन्दर नंगे बदन का आनन्द तो उठा लूँ.. फ़िर तुम्हें जी भर के चोदूँगा.. मैंने उन्हें पलंग पर चित्त लिटा कर अपना सुपारा उनकी पहले से ही भीगी चूत के दरवाजे के ऊपर रखा और धीरे से कमर हिला कर सिर्फ़ सुपारे को ही अन्दर किया।
मेहर भाभी ने मेरे फ़ूले हुए सुपारे को अपनी चूत में घुसते ही अपनी कमर को झटका दिया और मेरा आठ इन्च का लण्ड पूरा का पूरा उनकी चूत में घुस गया। तब भाभी ने एक ‘आह’ सी भरी और बोली- आह.. क्या शान्ति मिली.. तुम्हारे लण्ड को अपनी चूत में डलवा कर.. आह.. यह बहुत ही अच्छा हुआ.. मुझे किसी लम्बे लण्ड से चुदने की बहुत दिन से इच्छा थी.. आज वो तुम्हारे लौड़े से पूरी हो गई.. नहीं तो मेरी इच्छा पूरी नहीं होती।
अब मैं अपना लण्ड धीरे-धीरे उनकी चूत के अन्दर-बाहर करने लगा। उन्होंने पहले कभी अपनी चूत में इतना मोटा लण्ड कभी नहीं घुसवाया था।
शायद उनके पति का लण्ड छोटा होगा.. इसलिए उन्हें मेरा लौड़ा खाने में कुछ तकलीफ़ हो रही थी। मुझे भी उनकी चूत काफ़ी टाईट लग रही थी।
मैं मस्त हो कर उनकी चूत चोदने लगा। वह मुझे भरपूर मजा दे रही रही थी। कुछ देर बाद भाभी मेरे ऊपर आ गईं और मैं नीचे से चूत चोदने के साथ-साथ उनके गोरे और बड़े-बड़े चूतड़ों को सहलाने लगा। कुछ ही धक्कों में भाभी की चूत पानी छोड़ गई। अब मैं भी और देर तक टिका नहीं रह सकता था।
मैं उठा और भाभी को लिटा कर.. उनकी टांगें चौड़ी करके चूत में लण्ड ठेल दिया और भाभी कराहने लगीं।
अब मैं जोर-जोर से धक्के लगाने लगा। भाभी ने मुझे कस कर पकड़ लिया और कहने लगी- ऐसे ही चोदो मेरे दिलबर.. बहुत मजा आ रहा है.. आज मैं तुम्हारी हो गई.. अब मुझे रोज़ तुम्हारा लण्ड अपनी चूत में चाहिए.. आह्ह.. एएऊउ.. स्स स्सी.. स्स्स आह्ह्ह.. ह्म्म.. आई माँ.. हां.. हां.. हुच्च.. उई म्म माँ.. मैं सदके जावां..
कुछ देर बाद मेरे लण्ड ने पानी छोड़ दिया और भाभी तब तक कई बार स्खलित हो चुकी थीं। उसके बाद मैंने अपना लण्ड को उनकी बुर से निकाला। भाभी ने उसे अपने हाथ में लिया और कहा- रोज़ इसमें तेल लगाया कीजिए.. इससे ये और भी बड़ा और मोटा हो जाएगा।
मैं मुस्कुरा रहा था। भाभी बोली- सुनिए.. कल आप अपने लण्ड की झाँटों को साफ़ कर लीजिएगा। मैं भी आज रात को अपनी चूत की झांटें साफ़ कर लूंगी।
इसके बाद भाभी ने मुझसे और भी कई तरीकों से अपनी चुदवाई कराई। आज तक किसी को इस बात का पता नहीं चला है। अब जब भी भाभी की चुदवाने की मर्ज़ी होती.. वे मुझे कॉल कर देतीं और चोदने को बुला लेती हैं। अब मुझे ऐसी ही किसी दूसरी तड़पती भाभी की तलाश है.. तड़पती भाभियों की तड़पती चूतों को मेरा प्यारा सा चूमा।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. ईमेल जरूर करें। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000