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मेरा नाम मनीष है.. मैं 21 साल का हूँ। मैं आप सभी को आज एक अपनी कहानी बताने जा रहा हूँ।
बात सन 2010 की है। मैं 19 साल का था.. मेरे पापा ने मेरी माँ के होते हुए दूसरी शादी की और जो दूसरी वाली बीवी थी.. उसे हम किसी भी तरह से उसे अपने मन में नहीं बैठा पाए थे.. लेकिन कोई बात नहीं.. मेरी मम्मी इस शादी से गुस्सा होकर अलग रहने लगी थीं।
मैं अपने पापा के साथ ही रहता था.. इन नई वाली मम्मी के साथ जब पापा ने शादी की तो उसके साथ उसकी एक लड़की भी हमारे घर पर आ गई थी.. जो कि 18 साल की थी। वो मुझे बड़े गौर से देखती थी.. लेकिन उसके बारे में मेरी ऐसी कोई गन्दी सोच नहीं थी। मैंने उससे पूछा- तुम मुझे ऐसे क्यों देखती हो..?
तो बोली- मुझे तुम अच्छे लगते हो और मैं तुमसे प्यार करने लगी हूँ। मैंने उससे मना किया- यह ग़लत है.. तू अब रिश्ते में मेरी बहन हो.. पर नहीं.. उस पर तो प्यार का भूत सवार था.. वो बोली- जैसे मेरे लिए पापा नकली हैं.. वैसे ही भाई भी नकली है।
मुझे यह सुन कर बहुत बुरा लगा.. पर कोई बात नहीं मैं चुप रह गया।
मैं और वो एक ही कमरे में सोते थे। एक दिन की बात थी.. रात को मैं सो रहा था तो उसने मेरे को गाल पर किस किया.. मैंने कहा- यह क्या कर रही है.. पागल है क्या? वो बोली- तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो।
वो मेरे को बार-बार किस करने लगी। मैं उससे दूर हो गया। तभी उसने अपना हाथ मेरे लंड पर लगा दिया और बार-बार मेरा लौड़ा सहलाने लगी। मेरा लंड जो कि 7.5 इंच का लंबा और 2 इंच मोटा था। मैंने उसकी इस हरकत का कोई उज्र नहीं किया।
उसने मेरा विरोध न होते देख कर अपना हाथ मेरे लंड पर पूरे दम से लगाया और हिलाने लगी। लौड़ा खड़ा हो गया.. उसने मेरे खड़े लंड को देख.. तो आँखें फैला कर बोली- हाय.. इतना बड़ा..? मुझे भी मस्ती चढ़ने लगी थी। उसने मेरे लौड़े को बाहर निकाला.. उसे अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
अब मुझे डर लग रहा था कि कोई देख ना ले.. लेकिन मेरा भी मन कर रहा था। कुछ पलों बाद मैं उससे दूर हो गया और सो गया, वो भी गुस्से में आ गई.. और सो गई।
एक दिन जब घर पर कोई नहीं था.. मैं अकेला था। पापा और नई वाली मम्मी अपने घर गई थी। वो मुझसे ये बोल कर गई थीं- मैं कल आऊँगी.. अपनी बहन का ध्यान रखना। वो चली गईं।
बहन स्कूल से आई.. उसने मुझसे पूछा- मेरी मम्मी कहाँ हैं? मैंने कहा- वो अपने घर गई हैं.. कल आएंगी।
तो वो बहुत खुश हुई और हँसते हुए अपने कमरे में गई.. फिर वो कपड़े बदल कर वापस आई। मैंने कहा- खाना रखा है.. खा ले..
मैं बिस्तर पर बैठा टीवी देख रहा था.. तो वो मेरे पास आई और आकर मेरे आगे लेट गई।
मैंने उसे देखा.. उसने केवल समीज़ पहन रखी थी और नीचे शॉर्ट निक्कर पहना हुआ था। वो धीरे-धीरे पीछे को आने लगी.. और ज्यों ही मुझसे पूरी तरह सट गई और अपना हाथ मेरे लंड पर रगड़ने लगी। मैंने बनियान ओर कैपरी पहनी हुई थी।
उसके हाथ फेरने से मेरा लंड धीरे-धीरे खड़ा हो गया। उसने मेरी तरफ देखा और बैठ कर मुझे किस करने लगी.. फिर वो मेरे होंठों पर चुम्बन करने लगी।
तो फिर मैं भी चालू हो गया, मैं भी उसे किस करने लगा। अब वो भी जोश में आ गई थी। मैं धीरे-धीरे नीचे की तरफ बढ़ा.. उसके छोटे-छोटे चीकू जैसे चूचे सहलाए.. वो मस्त होने लगी.. फिर मैंने उनको मुँह में लेकर चूसने लगा।
मेरा एक हाथ उसके निप्पलों पर था जिसे मैं धीरे-धीरे मसल रहा था। वो बहुत ज़ोर से गरम होने लगी। उसने मुझे कस कर पकड़ लिया।
मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए.. कपड़े उतरने के बाद मैंने उसका जिस्म देखा छोटी-छोटी चूचियाँ थीं और पतली सी कमर.. उसकी चूत पर तो बाल थे ही नहीं.. जरा-जरा से रोएं से थे। उसने मेरे निक्कर में हाथ दिया और मोटे लंड को बाहर निकाल लिया। अब उसने मेरे लौड़े को हिलाया और मुँह में ले लिया। मैं उसकी प्यारी सी चूत में ऊँगली डाल रहा था।
वो बार-बार मेरा हाथ वहां से निकाल दे रही थी। क्योंकि उसने इससे पहले किसी के साथ चुदाई नहीं की थी।
अब मैं उसकी चूत को चाटने लगा.. उसका जोश और बढ़ गया। वो फिर खुद अपनी चूत में ऊँगली डालने लगी।
मैंने फिर से उसे अपनी ऊँगली से कुरेदा और जब उसकी चूत ने रस छोड़ दिया तो मैंने पोजीशन में आकर उसकी कोमल सी चूत पर अपना बेशरम लंड रख दिया।
अभी मैंने थोड़ा सा लौड़ा ही अन्दर किया था.. कि उसने दर्द के मारे उसे बाहर निकाल दिया। मैंने उसे सवालिया निगाहों से देखा। बोली- लग रही है। मैंने लौड़े को फिर से उसकी चूत पर लगाया.. उसने फिर हटा दिया। फिर मैंने उसकी चूत पर थूक लगाया और अपने लंड पर भी थूक लपेटा। अब मैंने लंड को उसकी चूत पर रखा और घिसने लगा.. तो वो सिस्याने लगी।
मैंने इसी रगड़ाई के साथ हलका सा धक्का मार दिया.. तो मेरे लंड का टोपा अन्दर चला गया और वो जोर से चिल्ला पड़ी- ऊ माँ.. लग रही है.. प्लीज़्ज़्ज निकाल लो… मैंने लौड़ा नहीं निकाला और उसे किस करने लगा। कुछ देर बाद वो शांत हो गई।
फिर मैंने धीरे-धीरे उसे यूँ ही हिलाता रहा जब उसे मजा आने लगा तो मैंने फिर ज़ोर से एक झटका दिया.. तो इस बार मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया। अब वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई.. उसने मेरे को कस कर पकड़ लिया। मैं उसकी छोटी-छोटी चूचियों को मुँह में लेकर चूसने लगा, वो धीरे-धीरे शांत होने लगी।
फिर मैं आधे लौड़े को ही धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा।
जब वो कुछ नॉर्मल हो गई तो जब मैंने एक ज़ोरदार धक्का लगा दिया और इस बार मेरा लंड उसकी प्यारी सी चूत को चीरते हुए पूरा जड़ तक घुस गया।
उसकी चूत में से खून निकलने लगा।
उसकी आँखों में से आंसू बहने लगे और वो मेरे लंड को बार-बार हटाने की कोशिश करने लगी। लेकिन मैंने हटाया नहीं..
मैंने उसके होंठों पर काफ़ी देर तक किस किया.. फिर वो थोड़ी देर बार फिर से नॉर्मल हो गई।
अब मैंने अपने 7 इंच के लंड को धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा। अब उसे भी मजा आने लगा। मेरा भी जोश और बढ़ गया। मैं तेज-तेज चुदाई करने लगा और कुछ देर बाद वो झड़ गई.. और वो फिर मना करने लगी। लेकिन मेरे को मजा आ रहा था.. तो मैं नहीं हटा चूत में लण्ड पेलने में लगा रहा। मैंने बहुत देर तक उसकी चूत मारी।
फिर मेरा पानी उसकी चूत में झड़ गया। मैंने उसकी चूत से अपना लंड निकाला… तो देखा सारा लण्ड उसके खून से सना हुआ था। उसकी चूत ओर गाण्ड तक खून से सनी थी। उसके बाद मैंने उसे पूरे दिन.. पूरी रात खूब चोदा.. ओर अब वो मुझसे बहुत खुश है।
अब जब भी उसका मन होता है या मेरा मन करता है.. तो मैं उसे जी भर कर चोदता हूँ। अब तो वो बहुत मस्त हो गई है उसकी चूचियां अब चूचे बन गए हैं.. मैं आज तक चोदता आ रहा हूँ।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे रिप्लाई जरूर कीजिएगा। [email protected]
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