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हैलो, मेरा नाम अंकित है.. यह दीदी की चुदाई की मेरी पहली सच्ची चुदाई की कहानी है। मैंने काफी सोच विचार करके यह फैसला किया कि इस कहानी को औरों के साथ शेयर किया जाए ताकि मेरे दिल को सुकून मिल सके।
मैंने अन्तर्वासना पर कई कहानियाँ पढ़ी हैं.. तो दोस्तों मेरी इस कहानी को अवश्य पढ़ें और मुझे मेल करके जरूर बताएं कि आपको मेरी कहानी कैसी लगी।
वैसे तो अभी मैं ग्रेजुएशन के फ़ायनल ईयर का छात्र हूँ। मेरी हाइट 5’11″ है.. मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मुझे सेक्स की तो मानो लत सी लगी हुई है.. मेरे दिमाग में हमेशा सेक्स ही चलता रहता है।
यह बात तक की है.. जब मैंने अपनी 12 वीं कक्षा की परीक्षा दी थी। मेरे घर वालों ने मुझे घूमने के लिए मेरी मौसी के घर पर भेज दिया था.. क्योंकि परीक्षाएं अभी समाप्त ही हुई थीं.. इसलिए मैं घूमने के लिए अपनी मौसी के घर चला गया। मेरी मौसी के 2 बच्चे हैं.. एक लड़की और एक लड़का। लड़का 13 साल का है और लड़की 19 साल की है। वैसे तो वो लोग बहुत ही अच्छे हैं और मुझे पसंद भी हैं.. तो मैं करीब एक महीने के लिए उनके यहाँ गया था।
मेरी मौसी की लड़की और मेरी खूब बनती है.. क्योंकि हम बचपन में साथ रहा करते थे। उसका नाम शिल्पा है (बदला हुआ नाम)। मैं जब भी उनके घर जाता हूँ.. तो शिल्पा और मैं हमेशा साथ में ही घूमते रहते हैं। वो उम्र में मुझसे एक साल बड़ी है.. वो इतनी सेक्सी फ़िगर वाली है कि मैं आपको बता नहीं सकता। उसके मम्मे तो इतने मस्त हैं कि आपको क्या बताऊँ।
अबकी बार मैं उनके घर कई सालों बाद गया था। मेरी मासी और मौसा का स्वीट्स का व्यापार है.. वो ज़्यादातर दुकान पर ही रहते हैं।
घर पर सिर्फ चिंटू और शिल्पा ही रहते हैं (चिंटू मेरी मौसी का लड़का)। मई का महीना था.. इस वक्त गर्मी तो बहुत होती ही है। मेरी मौसी और मौसा तो दुकान पर चले जाते हैं और चिंटू स्कूल चला जाता है।
मेरी मौसी की लड़की ने भी अभी 12वीं के पेपर दिए थे.. क्योंकि वो 6 में एक बार फ़ेल हो गई थी। अब हम दोनों पूरा दिन घर पर बैठ कर टीवी देखा करते थे.. या फिर हम घर पर ही रह कर गेम्स खेला करते थे।
एक दिन हम मॉल में शॉपिंग करने गए.. हमने काफी शॉपिंग की और उसके बाद हम तीनों ऑटो रिक्शा में घर जाने के लिए बैठ गए। हमें घर पहुँचने की बहुत जल्दी थी.. क्योंकि गर्मी का मौसम था और गर्मी बहुत ज्यादा लग रही थी। जब हम घर पहुँचे.. तो 4:30 बज चुके थे।
हम पसीने से भीग चुके थे.. चिंटू को 5 बजे अपनी टयूशन जाना था.. तो वो जल्दी से नहा कर कपड़े बदलकर टयूशन चला गया।
फिर चिंटू के जाने के बाद शिल्पा बोली- मैं नहाने जा रही हूँ। मैंने कहा- ठीक है.. पहले आप नहा लो। वो सिर्फ अपना तौलिया लेकर बाथरूम में चली गई, बाथरूम कमरे से अटैच था, वो नहाने लगी।
उनका घर टॉप फ्लोर पर था.. और वैसे भी मुझे बहुत गर्मी लग रही थी.. तो मैंने अपनी शर्ट उतार दी और जीन्स भी निकाल दी। क्योंकि वैसे भी मैंने नहाने तो जाना था। मैं सिर्फ बनियान और अंडरवियर में उसके बाथरूम से बाहर आने का वेट कर रहा था।
कुछ पलों बाद वो सिर्फ़ तौलिया बाँध कर बाहर आई। उसे इस हालत में देखकर मुझे पता नहीं क्या हुआ.. मैं उसे काम-वासना से देखने लगा। वो मुझे उस दिन पहली बार इतनी सेक्सी लग रही थी कि मैं बयान नहीं कर सकता। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
वो मुझे इस तरह देख कर एक अजीब सी स्माइल देने लगी। उसे इस हालत में देखकर मेरे अंडरवियर में उभार आने लगा। मैं फटाफट अपना तौलिया लेकर बाथरूम में नहाने के लिए चला गया। मेरी आँखों के सामने बस वो ही तौलिया लपेटे हुए छाई हुई थी।
मुझे उस वक्त वो इतनी ज़्यादा हॉट लग रही थी.. मैं बता नहीं सकता। अब मैं बाथरूम में शावर लेने लगा.. फिर उसकी जवानी याद करते हुए अपना लण्ड हिलाने लगा। मेरा लौड़ा एकदम से पूरी तरह सख्त हो कर पूरा 8 इंच का हो चुका था। मैं शावर चला कर बाथरूम में फर्श पर लेट गया और मुठ्ठ मारने लगा।
तभी मेरी नज़र अचानक से उसकी उतारी हुई पैन्टी पर पड़ी.. जो कि उसने अभी-अभी नहा कर उतारी थी। मैंने उसकी पैन्टी उठाई और उसको खुद पहन लिया। फिर मैंने मुठ्ठ मारी.. पर मुझे फिर भी शांति नहीं मिली। उसके बाद मैंने बार-बार मुठ्ठ मारी.. पर मुझे फिर भी शांति नहीं मिली।
उसके बाद मैंने नहाते-नहाते पूरी बॉडी पर साबुन लगाया और फिर ढेर सारा साबुन अपने लण्ड पर लगाया। मुझे मजा आने लगा तो मैं उसे फिर हिलाने लगा.. और मुठ्ठ मारने लगा। अब मेरे एक हाथ में उसकी पैन्टी थी और दूसरे हाथ से मैं अपना लण्ड हिला रहा था।
मैंने उसकी पैन्टी के नीचे वाली साइड जो कि उसकी चूत को ढकती है.. उस तरफ के हिस्से को अपने लण्ड के टोपे पर लगा कर मुठ्ठ मारने लगा। करीब 10-15 मिनट बाद मैंने उसकी पैन्टी पर ही अपना माल झाड़ दिया और मेरा सारा रस उसकी पैन्टी पर ही लग गया। उसकी पैन्टी बहुत चिपचिपी सी हो गई थी।
अब मैं खुद को ठंडा और रिलैक्स महसूस कर रहा था। फिर मैं जल्दी से नहाकर बाहर आ गया और कपड़े पहनने लगा। तभी वो मेरे लिए शिकंजी बना कर लाई और बोली- काफ़ी देर लगा दी नहाने में.. मैंने कब से शिकंजी बना रखी है। तो मैंने कहा- मैं तो रोज इतनी ही देर लगाता हूँ।
फिर हमने शिकंजी पी.. इतने में लाइट आ गई और हमने टीवी ऑन किया और देखने लगे। थोड़ी देर बाद वो उठ कर बाथरूम गई.. तभी अचानक मेरी हवा टाइट हो गई क्योंकि मैं उसकी पैन्टी को साफ़ करना भूल गया था। जैसे उसके जाते ही मेरी साँसें तो मानो जैसे रुक ही गई हों। वो लगभग आधे घंटे बाद बाहर आई।
मैंने उसकी तरफ देखा तो वो मुझे ऐसे देख रही थी जैसे कि मैंने उसकी भैंस चुरा ली हो.. पर मुझे शायद पता था कि वो ऐसे क्यों देख रही है।
वो बिना कुछ बोले आकर मेरे पास बैठ गई और मूवी देखने लगी। इस बार वो मेरे कुछ ज़्यादा ही पास आकर लेट गई और मूवी देखने लगी।
कुछ 5 मिनट बाद मैं उठा और बाथरूम में उसकी पैन्टी साफ़ करने के लिए भागा और जब मैंने वहाँ देखा कि उसकी पैन्टी साइड में धुल कर सूख रही है। उसने पैंटी को धोकर हैंगर पर डाल रखी थी।
मुझे समझ में आ गया कि उसने ही इस पैन्टी को साफ़ करके सूखने डाला था.. जिस पर मेरा काफ़ी सारा वीर्य लगा हुआ था। मैं वापिस बाहर आया और फिर से उसके बाजू में बैठकर मूवी देखने लगा।
मैं बिस्तर पर बैठा हुआ था.. जबकि वो सोफे पर बैठी हुई थी। मुझे डर लग रहा था कि कहीं वो कुछ कहे ना। मैं बैठा-बैठा यही सोच रहा था कि इसने मुझे कुछ कहा क्यों नहीं।
फिर वो उठ कर पानी पीने चली गई और वापिस आकर मेरे और पास बिस्तर पर बैठ गई फिर वो मुझसे सट कर लेट कर मूवी देखने लगी। मैं भी मूवी देखने लगा। उसने लेटे-लेटे ही अपने दोनों पैर मेरे पैरों के ऊपर रख दिए। मेरा भी ध्यान मूवी में था तो मैंने कुछ खास ध्यान नहीं दिया।
फिर वो अपने पैरों को धीरे-धीरे से हिलाने लगी और फिर अचानक से उसने अपना एक पैर मेरे लण्ड के ऊपर रख दिया। उसके पैर से जैसे मेरी हवा सी टाइट हो गई.. फिर मेरा लण्ड उसके पैरों के अहसास से सख्त होने लगा और वो मेरे लौड़े की हरकत शायद उसके पैरों पर भी फील हो रहा था।
अचानक वो उठ कर बैठ गई.. उसने स्कर्ट और स्लीवलैस टॉप पहन रखा था। वो मेरे बिल्कुल चिपक कर बैठ गई.. मैंने अपना लण्ड का उभार छुपाने के लिए अपनी टाँगें खोल कर बैठ गया।
वो भी अपनी टाँगें खोल कर बैठ गई और बोलने लगी- मुझे मूवी में मज़ा नहीं आ रहा। मैंने कहा- हाँ.. मुझे भी नहीं आ रहा। फिर वो बोली- चलो कोई गेम खेलते हैं। मैंने कहा- ठीक है.. जैसी मर्ज़ी..
वो एक बोतल ले कर आ गई और नीचे बैठ गई और बोली- मैं यह बोतल घुमाऊँगी.. जिस पर भी आकर रुकी.. उसे एक टास्क करना पड़ेगा.. जो भी दूसरा प्लेयर कहेगा। मैंने कहा- चलो ठीक है..
पहले उसने बोतल को घुमाया और बोतल का मुँह उसी की तरफ आकर रुका। वो कहती है- बोलो.. क्या करना है?
मैंने कहा- मेरे सिर में दर्द हो रहा है मेरे सिर की मालिश कर दे.. आज बहुत स्ट्रेस सा फील कर रहा हूँ। वो रसोई में गई और सरसों का तेल ले कर आ गई और मेरे सिर की मसाज करने लगी। वो मसाज भी इस तरह कर रही थी कि मुझे तो सेक्स जैसी मस्ती हो रही थी। पहले तो वो 5 मिनट तक मस्त मालिश करती रही.. फिर उसने अचानक से अपनी उंगली को अपने मुँह में डाल लिया और चूसने लगी।
फिर उसी उंगली को निकाल कर मेरे मुँह में डाल दिया.. मैंने कहा- यह क्या कर रही हो? तो वो बोली- शायद मेरी उंगली कट गई है। मैंने कहा- दिखाओ.. वो बोली- इसमें जलन हो रही थी। मैंने कहा- अब तो नहीं हो रही ना.. बोली- नहीं..
फिर मालिश के बाद हमने खेल को आगे बढ़ाया। इस बार मैंने बोतल घुमाई और फिर बोतल मेरी तरफ आकर रुक गई।
मैंने कहा- बोलो मेरा टास्क क्या है? वो बोली- मुझे तो फुल बॉडी मसाज चाहिए, मेरे पूरे शरीर में बहुत दर्द हो रहा है।
मैं समझ गया कि इसकी चूत कुलबुलाने लगी है.. अब दीदी की चुदाई कैसे हुई.. इसका मंजर आपको कहानी के अगले भाग में लिखूँगा तब तक के लिए नमस्कार। अन्तर्वासना पढ़ते रहिए.. कहानी जारी है। [email protected]
दीदी के बदन की मालिश और चूत चुदाई-2
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