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पिछली स्टोरी में मैंने आपको बताया कैसे मेरा लंड रिया चूस रही थी और पापा गैलरी में खड़े होकर यह सब देख रहे थे अब उसके आगे का यह पार्ट है चुकी तब मैं घर पर नही था मामा के यहाँ चला गया था तो यह पार्ट बहन रिया ने जो बताया लिख रहा इसलिए यह स्टोरी मैं बहन रिया की जबानी लिख रहा…. तो आगे चलते है स्टोरी पर…
पापा ने मुझे सुदीप भैया का लंड चूसते देख लिया था और तब वे चले गए थे…
वो रात में घर वापस आये मैं उनके सामने नही पड़ रही थी खाना बना लिया था पापा के आने के बाद उनके कमरे में पानी रखकर चली आई और फिर खाना के लिए बुलाने गयी पापा मुझे एक भरी नज़र देखा फिर बोले सुदीप कहाँ मैंने कहा मामा के यहाँ
पापा – कब से चल रहा ये सब मैं- चुप थी
पापा – चलो खाना निकालो आ रहा
मैंने खाना लगा दिया और पापा आकर खाने बैठ गए फिर कुछ नही पूछा खाना खा कर उठ गए।
रात में गर्मी का महीना था और बिजली नही आनी थी दिन पाली में थी तो छत पर सोना था।
मैंने मेरा बिस्तर लगाया और वही पापा भी कुछ दूर पर सोते है उनका भी जब मैं सारे काम करके छत पर गयी पापा सो चुके थे मैंने चैन की साँस ली बहुत देर तक सोचती रही पापा क्या सोच रहे होंगे और फिर पता नही कब नींद आ गयी….
नींद खुली तो मेरा नीचे का भाग नग्न था पापा पैंटी लगभग निकाल चुके थे निकाल ही रहे थे की मैं जग गयी थी…. पहले तो कुछ समझ न आया फिर सब याद आता चला गया और पापा की मंशा भी जान गयी पर अभी तक आँख नही खोला था मैंने की पैंटी भी निकल चुकी थी मतलब मैं कमर के नीचे पूरी नंगी थी….
समझ ये नही आ रहा था जागने की बात जाहिर कैसे करूँ करूँ या न करूँ….
तभी मैंने आँखे थोड़ा खोल कर देखा पापा एकदम नग्गे थे और मुझे कुछ समझ न आया मैं उठकर बैठ गयी और बोल पड़ी
पापा आप ???
पापा – चुप कर और पड़ी रह जैसे पड़ी है
मैं – आप ये क्या कर रहें प्लीज़ ऐसा मत करो
पापा – क्यों क्यों न करूँ
मैं – पापा प्लीज़ मैं आपकी बेटी हूँ
पापा – और सुदीप कौन है तुम्हारा ?
मैं चुप हो गयी
और अब पापा मुझे गिरा कर लिपटने लगे थे कहानियों में मैं पढ़ती हूँ मेरी भी चूत में खुजली होने लगी थी पर ऐसा कुछ न था मुझे सच में ये आज अच्छा नही लग रहा था पापा जो कर रहे थे क्यों नही पाता शायद इसलिए वो मेरे पापा थे।
मुझे मेरा ऊपर का सूट उतारने को बोला पापा ने
मैं थोड़े असमंजस में थी तभी उन्होंने जोर देकर कहा मैं यंत्रचालित सी उतारने लगी और सूट स्लिपि (लेडीज बनियान) और उसके नीचे की ब्रा तीनो उतार दिया… हाँ मुझे अच्छा तो नही लग रहा था पर शर्म भी आ आई अभी शायद पापा की नग्नता सुबह की घटना भाई से चुदते रहने के कारण मेरी शर्म मर गयी थी या जो भी रहा हो
चुदना मेरे लिए अजब न था पर पापा के साथ हमबिस्तर बहुत अजीब लग रहा था अब तक पापा मुझे गिरा कर ऊपर भी आ चुके थे ।
और पापा मेरी चूत पर अपना लण्ड रगड़ने लगे तभी मेरे मुँह से निकला पापा प्लीज़ आप फिर सोच लो आप ये ठीक नही कर रहे
पापा – चुप छिनाल पहले माँ ने मुझे धोखा दिया और अब तू ऊपर से मुझे ही सीखा रही चुपचाप पड़ी रह…..
तभी पापा एक साथ बोले चल मुँह में ले विरोध का अब मुझमें साहस न था मैंने पापा का लण्ड मुँह में लेकर चूसने लगी
पापा मेरे शरीर को सहला रहे थे मैं झुककर लण्ड चूस रही थी
तभी पापा का अगला फरमान चल लेट जा
मैं लेट गयी पापा ने होल टटोला अपना लंड सेट किया एक बार में अंदर कर दिया आज मुझे दर्द भी हो रहा था क्योंकि मैं खुद को इस सब के लिये तैयार नही कर पाई थी।
पापा झटके दे रहे थे और आज मेरी चूत में जलन हो रही थी क्योंकि जब खुद को तैयार न कर पाओ ऐसा होता है लड़कियों को पता होगा ये
पापा की स्पीड बढ़ती गयी पापा पुरे जोर से चुदाई कर रहे थे हर झटके के साथ पूरा जोर लगा रहे थे अपना और मैं अब खुद को तैयार करने का प्रयास कर रही थी… कुछ कुछ अब मैं भी तैयार हो ही रही थी की पापा का पानी निकल गया सुबह भाई का और अब रात पापा का वो तो भला हो भाई उनवांटेड 72 हर वक़्त दे कर रखता है।
पापा निढाल होकर कुछ वक़्त पड़े रहे फिर बोले अब सही सही बताओ कब से चल रहा तुम्हारा ये खेल
मैं – 2 , 3 महीने से
कैसे क्या हुआ था…
मैंने बताया भैया ने ही शुरुआत की थी सब सार्ट में बता दिया
पापा बोले जैसी माँ वैसे बच्चे…
पापा का लण्ड एक बार फिर खड़ा हो गया थौर वो फिर से मेरे ऊपर आ गए थे अब मुझे भी समझ में आया जब चुदना ही है तो क्यों न मज़े लेकर चुदे पापा नइ कहा मुह में लो इस बार मैंने झट मुह में ले लिया पापा मएरिया चूत मदलने लगे अब मैं भी तैयार हो गयी थी इस बार चुदने के लिए इस तरह पापा ने एक बार और चोद
और अपने बिस्तर पर चले गए पापा ने ये जो माँ के लिए शब्द बोला मुझे थोड़ा अजीब लगा बीकॉज माँ घर में ही रहती है और किसी के साथ उनका सम्बन्ध हो मुझे नही लगता ऐसा।
खैर बाद में पता लगाने पर वो बात भी पता चली वो अगले पार्ट में
उधर सुदीप भैया ने कॉल किया दूसरे दिन की क्या हुआ मैंने बोला कुछ नही पापा ने पूछा सब बात मैंने बता दिया पर ये मैंने छुपा लिये की पापा ने क्या किया मेरे साथ
तो भैया डर से की मेरे जाने पर पापा क्या कहे वही फुक्शन में मौसा जी आये थे जो मुम्बई में रहते है उनके साथ मुम्बई चले गए बाद में उन्हें मैंने कॉल पर पापा की चुदाई की कहानी बताया इधर पापा की लॉटरी लग चुकी है क्योंकि अब माँ को भी मिला लिया अपने साथ सुदीप भैया मुम्बई में और पापा का लण्ड हर वक़्त मेरी चूत में.
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