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दोस्तो, मैं मनीष सक्सेना हूँ। मैंने बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं। मैंने भी सोचा कि आपको अपनी आपबीती सुनानी चाहिए। इसीलिए मैं आपको अपनी एक घटना सुनाने जा रहा हूँ। ये घटना मेरे साथ कुछ ही दिनों पहले घटी थी।
मैं दिल्ली में रह कर मास-कम्यूनिकेशन की स्टडी कर रहा था। हमारे कॉलेज में एक कंप्यूटर की मैडम थीं। उनकी उम्र 32 साल की होगी। उनकी फिगर साइज़ 36-24-36 होगी.. उनके मम्मों के उभार बहुत बड़े-बड़े थे। उनकी गोरा बदन.. जब वो ब्रा पहनती थीं.. तो उनके मम्मे आधे बाहर की तरफ लटके होते थे।
एक दिन हम लोग कंप्यूटर के कमरे में बैठ कर प्रैक्टिकल कर रहे थे, तभी मैंने मैडम को एक प्राब्लम सॉल्व करने के लिए आवाज़ दी- मैडम.. प्लीज़ मुझे ये बता दीजिए।
मैडम मेरे पास आकर मेरे टेबल पर झुक कर प्राब्लम सॉल्व करने लगीं। जब वो झुकीं.. तो उनका पूरा मम्मों का नजारा मेरी आँखों के सामने था। मैं उस मस्त नज़ारे को देखने लगा। मैडम ने जब प्राब्लम सॉल्व कर लिया तो वो मेरी तरफ को हुईं और उन्होंने मुझे देख लिया कि मैं उनके बड़े-बड़े मम्मों को निहारे जा रहा हूँ। मैडम (धीरे से)- यह क्या कर रहे हो?
मेरे तो होश उड़ गए.. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूँ? मैं- मैडम.. क..कुछ भी तो नहीं देख रहा था.. उन्होंने मेरा मोबाइल उठा लिया और उस पर कोई नम्बर डायल करने लगीं.. मेरी फट गई थी।
‘मुझे कॉलेज की छुट्टी के बाद आकर मिलो..’ इतना कह कर मैडम अपने चूतड़ मटकाते-मटकाते क्लास से बाहर चल दीं। मैं मन ही मन बहुत खुश हो रहा था। मेरे लंड से पानी निकल रहा था.. कि आज मैडम की जमकर चुदाई करूँगा। मेरा दिन भर क्लास में मन नहीं लग रहा था।
आख़िरकार जब कॉलेज की छुट्टी हुई.. तो मेरी जान में जान आई.. सब स्टूडेंट अब घर जा चुके थे। अब मैं मैडम के केबिन की ओर चल दिया।
तभी मुझे किसी अज्ञात नंबर से कॉल आया। मैं- हैलो? ‘नीचे बेसमेंट में आ जाओ..’ वो मैडम की आवाज़ थी। शायद उस वक्त उन्होंने मेरा नम्बर ही लिया था। मैं जल्दी-जल्दी बेसमेंट की तरफ भागा। मेरे दिल में ख़ुशी भी बहुत थी और मैं थोड़ा परेशान भी था कि आगे क्या होगा।
जब मैं बेसमेंट में पहुँचा.. तो वहाँ बिल्कुल अंधेरा था। तभी.. किसी ने मुझे अपनी तरफ खींचा और मेरा हाथ को अपने हाथ में पकड़ कर मुझे नीचे गिरा दिया। अब वो मुझ पर चढ़ कर मेरे होंठों पर अपने होंठों को रख कर ‘वाइल्ड किस’ करने लगीं। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था.. मैं बस देखने की कोशिश कर रहा था कि क्या हो रहा है..
लगभग 15 मिनट तक चुम्बन करने के बाद उन्होंने मुझे छोड़ा और मुझे देख कर मुस्कुराने लगीं.. उनकी मुस्कुराहट में इतना वासना भरी हुए थी.. कि क्या बोलूं दोस्तो!
अब वो धीरे-धीरे अपने सारे कपड़े खोलने लगीं.. जब उन्होंने अपनी ब्रा खोली और अपने चूचे मुझे हिला–हिला कर दिखाने लगीं.. तो मुझे भी मज़ा आने लगा।
फिर उन्होंने मेरे हाथ को पकड़ कर अपने मम्मों पर रख दिए और मुझसे मम्मों को सहलाने की लिए बोला। मैंने ज़ोर-ज़ोर से उनके पपीतों को सहलाने लगा और उन्होंने मेरा दूसरा हाथ पकड़ कर अपनी पैन्टी के अन्दर डाल दिया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैं बड़े प्यार से उन्हें सहलाने लगा। अब वो सिसकारियाँ ले रही थीं- आआह.. उईईई.. आआअहह.. फिर उन्होंने मुझे खड़े होने के लिए बोला और मेरे 8 इंच काले लंड को पैन्ट की ज़िप खोल कर बाहर निकाल दिया।
मेरा पूरा लंड उनके हाथ में नहीं आ रहा था। मैडम- तेरा तो बहुत बड़ा है। मैं- जी मैडम.. और ये आज आपकी चूत में हलचल मचाएगा। मैडम खुशी के मारे मेरे 8 इंच के लंड को अपने मुँह में लेने लगीं।
उनके मुँह में मेरा पूरा लंड घुस नहीं रहा था.. मैं उनके बालों को पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे जा रहा था।
मैडम की सिसकारियाँ भी नहीं निकल रही थीं.. उनकी आँखों में आँसू आने लगे थे। इधर मेरा भी निकालने वाला था, मैंने उनसे बोला.. तो उन्होंने बोला- मुँह में झाड़ दो!
आआ.. आआआ.. आआहह.. की आवाज़ के साथ मैंने पूरा वीर्य उनके मुँह में छोड़ दिया था। मैडम उससे बड़े प्यार से चाटने लगीं।
अब मैं मैडम की चूत का रस पीने लगा था। मैं उनकी चूत का सारा रस पी गया.. फिर मैडम ने मुझे इशारा किया और मैंने मैडम को उठाया और वहाँ पर दीवार के सहारे टिका दिया।
अब मैंने उनके चूतड़ों को थोड़ा पीछे किया.. फिर उनके बालों को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और अपना काला लंड उनकी गीली चूत की ऊपर रख दिया।
उनकी चूत गीली होने के कारण मेरा लंड फिसल रहा था… तो मैंने अपने हाथों से अपने लंड को पकड़ कर उनकी चूत में घुसड़ने लगा। उनकी थोड़ी चीख निकल गई- अहह..
फिर मैंने उनके गोरे-गोरे चूतड़ों पर अपना हाथ रख कर एक ज़ोरदार झटका मारा और मेरा आधा लंड उनकी चूत को चीरता हुआ उनकी चूत में जा घुसा। उनकी चीख निकल गई- ओउ… उईईई ईईंमम… आआहह.. मर गई निकाल साले जल्दी.. मैंने अनसुना कर दिया और धीरे-धीरे झटके मारने चालू कर दिए।
अब मैंने उनके चूतड़ों को ज़ोर से पकड़ा और फिर एक जोरदार झटका मारा.. मेरा पूरा लंड उनकी चूत में घुसता चला गया। उनकी तो हालत बहुत बुरी थी- आआ.. आअह.. उउईईई.. आह.. उफफ… निकाल इसे जल्दी… कुत्ते.. मादरचोद निकाल इसे..
मैंने अपने झटके चालू रखे और ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने लगा। अब उनका दर्द कुछ कम हुआ और वो भी मज़े लेने लगीं- चोद मुझे कुत्ते.. हरामी.. मादरचोद.. चोद मुझे.. मेरी बुर का भोसड़ा बना दे.. आआआहह.. मैं झटके पर झटका मारने में लगा हुआ था। फिर मैंने उनको उठाया और अपनी गोद में उठा लिया और उनकी चूत को अपने लंड पर पटकने लगा। वो मेरी गोदी में उछल-उछल कर मज़े ले रही थीं।
अब मेरी हालत भी खराब हो गई थी.. और मैं अब झड़ने वाला था, मैडम भी अब झड़ने वाली थीं.. मैंने मैडम से पूछा.. तो मैडम ने कहा- मेरी चूत में ही झड़ा दो..
फिर मैं उन्हें पूरी रफ्तार से चोदते हुए एक तेज आवाज आआहह..के साथ मैं झड़ गया। इसी के साथ मैडम भी झड़ चुकी थीं। फिर कुछ देर रस का समागम हुआ.. उसके बाद उन्होंने मुझे एक चुम्बन दिया और थैंक्स बोल कर वे चली गईं।
दोस्तो, यह मेरी सच्ची कहानी थी.. इसके बाद हम लोग रोज चुदाई करने लगे थे और मैडम एक बार प्रेग्नेंट भी हो गई थीं.. वो कैसे हुआ.. मैं आप लोगों के मेल मिलने के बाद लिखूंगा। मुझे बताइएगा ज़रूर कि आपको मेरी कहानी पसंद आई या नहीं.. [email protected]
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