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अन्तर्वासना के मेरे सभी दोस्तों को मेरा नमस्ते! आज बहुत दिनों बाद में एक बार फिर आप सभी से मुखातिब हूँ, मैं हर बार अन्तर्वासना पर कहानियों के अलावा भी कुछ लिखने का प्रयास करता हूँ क्योंकि अन्तर्वासना प्र हमेशा ही बहुत ही नायाब और उत्तेजक कहानियाँ प्रकाशित होती रहती हैं। तो आज जो मैं कुछ लिखने जा रहा हूँ, वो एक खत है, कामुक खत!
असल में पूर्व में मेरे लिखे गए ज्ञानवर्धक, सेक्स सलाह और सेक्स समस्याओं से सम्बंधित पाठक पाठिकाओं के मेल आते रहते हैं और मैं उन्हें जवाब देता रहता हूँ, इसी वजह से मुझे कुछ नए मित्र भी मिले हैं।
और मेरी कहानियों में अधिकतर में मेरा केंद्र बिंदु में खुद की पत्नी ही होती है इसलिए इस रूचि के लोग मेरे मित्र हैं। ऐसे ही एक सज्जन से मेरा लम्बे समय से संपर्क है, हम अक्सर अपनी अपनी पत्नियों को लेकर सेक्सी बातें शेयर करते हैं। वो मेरी एक खास कहानी ‘मेरी बीवी के बदन की एक बानगी’ और ‘बड़े बेदर्द बालमा’ से खासे प्रभावित हैं, उनकी पत्नी भी मेरी सभी कहानियाँ पढ़ चुकी है और सेक्स में बहुत ही सहयोगी है, बिंदास भी है। वो मुझसे उनकी पत्नी के बारे में कुछ न कुछ सेक्सी कहने को लिखने को बोलते रहते थे।
तब मैंने कहा- बिना देखे कुछ ख़ास नहीं लिख पाऊँगा और जो लिखूंगा वो काल्पनिक होगा, तुम्हें मज़ा भी नहीं आएगा, तुम यदि अपनी पत्नी के फ़ोटो मुझे दिखाओ तो मैं कुछ बताऊँ या लिखूँ।
वो तैयार हो गया लेकिन साथ ही वादा लिया कि मैं कलात्मक और कामुक लिखूँगा। तो फिर कुछ दिनों बाद उन्होंने मुझे एक मेल किया, उसमें स्मार्ट मोबाइल से लिए अपनी पत्नी के कुछ बहुत ही कामुक चित्रों की एक पूरी शृंखला मुझे मेल की और मैंने उन्हें उस मेल का जो जवाब दिया वो में ज्यों का त्यों यहाँ कॉपी पेस्ट कर रहा हूँ
‘हाय दोस्त, तुम निशा के बारे में जो भी कहा करते थे सब सच कहते थे ! यह बात इन दिनों में देखे गए निशा के कामुक और कलात्मक फ़ोटोस से सिद्ध हो गई है। तुमने अद्भुत चित्र लिए हैं और निशा ने भरपूर सहयोग किया है। तुम दोनों का यह कामुक और कलात्मक सामंजस्य देख कर मुझे कुछ दिनों पहले देखी हुई एक फिल्म ‘रंग-रसिया’ की याद ताज़ा हो गई जो प्रसिद्ध पेंटर राजा रवि वर्मा के जीवन पर आधारित थी।
मैं अपने हिसाब से उन चित्रों का विश्लेषण करता हूँ: सबसे पहले तो मैं तारीफ़ करना चाहूँगा कि तुम्हें बहुत ही सेक्सी वाइफ मिली है और इस उम्र (40) में भी जिस्म में बहुत कसावट है, मोटापा नहीं आया है। तुमने भाभी के जींस और चटक रंगों वाले फेंसी ब्लाउज़ के फ़ोटो की जो शृंखला भेजी, उसने मुझे बहुत ज्यादा तरसाया यार क्योंकि उस में धीरे धीरे चित्र दर चित्र ब्लाउज़ के हुक का खुलना और उस में से पल पल उभरता, अनावृत होता मांसल वक्ष का सौंदर्य बहुत ही नायाब और उत्तेजक था, तुम्हारे प्रत्येक फोटो में वक्ष का कुछ न कुछ हिस्सा झलक रहा है। तुम दोनों बहुत ही इत्मीनान से ये सब कर रहे थे लेकिन यह इंतज़ार मेरे और मेरे लिंग के लिए बहुत भारी पड़ रहा था।
निशा के जिस्म में इस उम्र में भी जो कसावट है, बनावट है वो, बहुत कम होती है, हाथ, बाहें, कंधे सब कुछ एक संतुलित आकार में हैं। एक फोटो में इस बेक-लेस ब्लाउज़ से दिखाई देती उसकी नग्न पीठ और कमर के आसपास का संकुचन और फिर नीचे कूल्हों का फैलाव, नितम्ब के उभार, उफ्फ सब कुछ क़यामत !!!! यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! तुम ने भी वक्ष-दर्शन करवाने में कोई जल्दबाज़ी नहीं दिखाई… आगे के चित्रों में कभी दायां वक्ष कभी बायां वक्ष दिखाई दे रहा था, यह एक तरह से सम्भोग के पहले किये जाने वाले फॉर-प्ले की तरह से था जो मंज़िल पर पहुँचने से पहले की उत्तेजना जगाता है।
तीसरे और चौथे फोटो में जिसमें की भाभी के ब्लाउज़ के खुले हुए दोनों पल्ले अब लाचार वक्षों पे सिर्फ पड़े हुए थे उन्हें छुपा नहीं पा रहे थे क्योंकि वक्ष कपोत आज़ाद हो चुके थे और इस स्थिति में भाभी के वक्ष और ब्लाउज़ को देख कर कोई नहीं कह सकता था कि ये उन्नत उभार इस ब्लाउज़ में समा सकते हैं।
असंभव !
क्योंकि ब्लाउज़ के पल्ले वक्ष के धक्के से इधर-उधर असहाय पड़े हुए थे।
एक अन्य फोटो में तो पूरा वक्ष-स्थल ही खुला पड़ा था।
अब मेरी बेसब्री भी बढ़ती जा रही थी आगे सब कुछ देखने की… तुम्हारा मुझे दिखाया जा रहा अपनी पत्नी का यह वक्ष-स्थल उजागर वाला चित्र संयोजन अब ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे कि तुम मेरे सामने खुद अपनी पत्नी को नग्न कर रहे हो, मुझे दिखा दिखा कर मुझे तरसा तरसा कर और फिर अंतिम फ़ोटो में जैसे कि तुम मेरी भावनाओ को समझ गए, और यह बात भी कि जब यह ब्लाउज़ निशा के उभार को छुपा ही नहीं पा रहा, तो फिर इस ब्लाउज़ के यहाँ लटके रहने का क्या फायदा? और !!! ब्लाउज़ को वहाँ से पूरी तरह से हटा दिया गया, उतार दिया गया! चित्रों की इस शृंखला के अंतिम फ़ोटोस में ब्लाउज़ का पूरी तरह से खुलना… उसमें से उभारों का बाहर दिखाई देना और तुम्हारी पत्नी की यह टॉप-लेस स्थिति बहुत ही खूबसूरत, कामुक और उत्तेजक थी क्योंकि जब भाभी पूरी तरह से टॉपलेस थी उसमें एक फोटो में तुम ने उस के दोनों हाथों को उसके सर के ऊपर रखा हुआ था !
उफ्फ… यह चित्र तो सच में ऐसा था कि जैसे किसी व्यावसायिक फैशन फोटोग्राफर ने लिया हो! इस फोटो को मैंने खूब ज़ूम कर कर के इत्मीनान से देखा, चिकने मांसल उभार, गहरे भूरे रंग का निप्पलों के घेरे जिन पर दरदरे से दाने दिख रहे थे, तनी हुई चूचियाँ, वक्ष-स्थल की खूबसूरती को बढ़ा रही थी और हाथ ऊँचे किये जाने से बाहों के नीचे का हिस्सा यानि बगलें (आर्म्स पिट) गज़ब सेक्सी लग रही थी, वहाँ हल्के काले बाल बहुत उत्तेजक लगे मुझे! कोई भी लड़की हो वो बगलों में बाल होने पर उन्हें कभी उजागर नहीं करती लेकिन भाभी ने ऐसा किया, वो भी मेरे लिए… इसके लिए मैं उनका शुक्र-गुज़ार हूँ।
धन्य हो गया मैं कामुक चित्रों का यह सिलसिला देख कर…
यूँ तो नेट पर नग्न चित्रों की भरमार है लेकिन अपने किसी परिचत जिससे में फोन पे बात भी कर चुका हूँ उसके ऐसे चित्र देखना और वो भी उसके पति द्वारा दिखाया जाना, मेरे लिए बहुत ही उत्तेजक अनुभव रहा! धन्यवाद दोस्त, तुम्हें और तुम्हारी पत्नी को! अरुण
तो दोस्तो, यह था वो मेल, जो अपने उस मित्र के कहने से मैं अन्तर्वासना पर भी भेज रहा हूँ। और उसने मुझसे वादा किया है कि वो भविष्य में मुझे अपनी पत्नी के योनि-दर्शन भी करवाएगा। क्योंकि आजकल नई जनरेशन में कुछ लोगों में पत्नियों की अदला बदली चलती है और कुछ हम जैसे लोग अपनी पत्नियों के कामुक, नग्न और अर्ध-नग्न फोटो एक दूसरे को दिखा कर ही यौन-संतुष्टि पाते हैं।
आप लोग इस खत के बारे में मुझे मेल जरूर करना और कुछ नए आइडियाज भी देना! अरुण [email protected]
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