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नमस्ते मित्रो, मेरा नाम अभय है, मैं सूरत का रहने वाला हूँ। यह बात 4 साल पहले की है जब मैं हैदराबाद में एक निजी कंपनी में काम करता था, कंपनी की और से मुझे घर और गाड़ी दोनों दिए गये थे। तब मैं अकेला रहता था, मैंने अपने घरेलू काम के लिए एक नौकरानी रखी थी जो मेरे लिए खाना बनाती थी, घर की देखभाल करती थी। उसका नाम शोभा था, रंग सांवला था पर देखने में बहुत सेक्सी थी, वह सुबह 8 बजे से रात 9 बजे तक घर पर सारे काम करके चली जाती थी। शोभा हमेशा साड़ी पहनती थी, उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ बलाउज़ में से साफ दिखाई देती थी। उसके कूल्हों का तो क्या कहना… जब वह मटका कर चलती, तो मन करता कि अभी साली की गांड में लंड घुसा कर चोद डालूँ।
जब उसकी तबियत ठीक नहीं होती तब उसकी ननद काम करने आती थी, उसका नाम सीमा था उसकी उम्र 30-32 साल थी, शोभा की तरह वह भी सावँली थी पर भरावदार महिला थी, सीमा की चूचियाँ और चूतड़ शोभा से भी बड़े थे। कभी कभी दोनों साथ में काम करने चली आती थी।
एक शनिवार की सुबह मैं ऑफिस नहीं गया था, शोभा 8 बजे घर आई और मेरे लिये चाय बनाकर लाई। शोभा काफी सेक्सी दिख रही थी। मैं फ्रेश होकर नाश्ता करके टीवी देखने लगा, शोभा तब खाना बना रही थी। करीब एक बजे हमने खाना खाया, शोभा बरतन साफ करके टीवी देखने बैठी। जब टीवी पर कुछ खास नहीं आ रहा था तो मैंने शोभा से उसके परिवार के बारे में पूछा।
शोभा ने बताया कि उसका गाँव हैदराबाद से 2000 की.मी दूर है, उसके पिता गाँव के मुखिया के घर घरेलू काम करते हैं, शोभा का पति 5 साल पहले मर गया था, उसको एक लड़का है जो गाँव में उसके पिताजी के साथ रहता है।
फिर शोभा ने मुझसे पूछा- साहब आपकी शादी हो गई है? मैंने हाँ कहा तो शोभा हल्के से मुस्कुरा दी और कहा- आपको भाभीजी की याद नहीं आती? आप उनको यहाँ क्यों नहीं बुला लेते?
मैंने कहा- अभी नहीं!
शोभा हैरान होते हुए बोली- आपकी उम्र में बीवी की याद बहुत आती है। मैं बात करते शोभा के जिस्म को देख रहा था खासकर उसकी चूचियों को… उसने मुझे देख लिया था। शोभा ने पूछा- मुझमें क्या देख रहे हो आप? मैंने कुछ नहीं कहा।
फिर शोभा जमीन पर बैठकर टीवी देखने लगी, टीवी देखते मुझे कब नींद आ गई, पता ही नहीं चला। जब मेरी नींद खुली तो 4 बजे थे। मैंने देखा तो शोभा पेट के बल सो रही थी और उसकी साड़ी उसके चूतड़ों के ऊपर थी, उसकी गांड देखी, बहुत गजब की थी, उसने पेंटी भी नहीं पहनी थी, उसकी गांड देख लंड खड़ा हो गया।
हिम्मत करके मैंने उसकी गांड पर हाथ रखा, शोभा कोई भी हरकत किए बिना लेटी हुई थी। मेरी हिम्मत बढ़ी, मैं उसकी गांड को मसलने लगा और उसकी गांड की दरार में उंगली करने लगा तो शोभा ने गांड सिकोड़ ली।
मैं समझ गया कि शोभा सोने का नाटक कर रही है। उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी, मैं समझ गया कि आज शोभा मुझसे चुदवा लेगी। फिर मैं भी उसकी गांड जोर जोर से मसलने लगा, वह भी जोर से सिसकारी लेने लगी, उसकी आवाज़ सुन कर मुझे और जोश आ गया और शोभा का हाथ मैंने मेरे लोवर के ऊपर से मेरे लंड पर महसूस किया।
मैंने झट से मेरा लंड निकाल कर शोभा की मुठ्ठी में थमा दिया और धीमी आवाज़ में कहा- शोभा, कितने मस्त चूतड़ हैं तेरे! उसने भी कहा- साहब, आपका लौड़ा भी बहुत मोटा और लंबा है। मैंने कहा- तो मजा ले इस मोटे और लंबे लंड का! शोभा बोली- हाँ साहब, बस ऐसे ही बातें करते रहना, मुझे चोद लो, कब से तरस रही हूँ, मेरा मर्द जल्दी मर गया और मैं ठीक से चुदाई का मजा भी नहीं ले सकी। अब साहब आप ही मेरी प्यास मिटा दो, बना दो मुझे रंडी और खूब चोदो मेरी चूत और गांड… हाययय काश मैं सच की रंडी होती… रोज जमकर चुदवाती नये नये लौड़ों से खूब मजा करती… सीसी… सीउइइइ माँ… और कस के मसलो मेरी गांड को, मजा करो मेरे जिस्म का!
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! मैंने कहा- शोभा साली रंडी की चूत पहले मुझे तो अच्छे से चोदने दे! शोभा ने कहा- साहब, मैं आपका अहसान कभी नहीं भूलूँगी। फिर मैंने उसके कूल्हे पर काट लिया।
‘साहब, आज जमकर मुझे चोदना… फाड़ डालो इस हरामण को… बहुत मचलती है लौड़ा लेने के लिये… काटो, और काटो… साले मादरचोद चूस ले चोद ले…
मैंने कहा- साली रांड, जरा पलट जा, देखूं तो सही तेरी चूचियाँ कितनी मोटी हैं, जरा तेरी चूचियो का असली नाप तो बता! शोभा पलट गई और मैंने उसके ब्लाउज़ के ऊपर से मोटी मोटी चूचियाँ सहलाना शुरु किया। सच में बहुत गजब की चूचियाँ थी। मैंने शोभा से उसका साइज पूछा तो शोभा बोली- चूचियाँ चोदने और दबाने में साइज की कहाँ जरूरत है।
मैंने कहा- कल तेरे लिये बाजार से सेक्सी ब्रा और पेंटी लेकर आऊँगा।
शोभा ने कहा- ठीक है साहब, मेरी साइज 38-32-38 है।
मैंने कहा- साली रंडी… तभी मुझे इतना मजा आ रहा है। मैंने उसका ब्लाउज़ निकाल दिया और उसकी चूचियों को आज़ाद कर दिया, मैंने कहा- बहन की लोडी, ब्रा भी नहीं पहनती? उसकी चूचियाँ फुदक बाहर आ गई। वाहह हह! क्या मस्त माल है… साली बहुत बड़ी चुदक्कड़ लग रही है मादरचोद…
मैं जोश में आ गया था, कस कस के उसकी चूचियाँ दबा रहा था और चूसने लगा तो शोभा सिस्कारने लगी- हायय मेरे राजा, बहुत मजा आ रहा है, सच में साहब आप मुझे अपनी रंडी बना दो जोर से दबाओ, हाँ ऐसे ही… और जोरर से सीसीय… सीसी हाहाहा मजा आ गया… साली को मसल दो, बहुत दर्द होता है… रगड़ो इनको… अच्छे से मजा ले लो मेरी तड़पती जवानी का… काटो इनको!
शोभा की बात सुनकर मैं और भी जोश में आ रहा था, इसी जोश में मैंने शोभा के निप्पल पर काट लिया, शोभा और जोर से चिल्लाने लगी- हाय रे जालिम, साले मादरचोद… काट लिया… कोई बात नहीं, ऐसे ही करते रहो!
मैं कस कर उसकी चूचियाँ दबा और चूस रहा था और कहा- साली कुतिया मादरचोद बहुत बड़ी रंडी है तू, तेरी माँ ने कितने लंड लिये होंगे तब जाकर तेरे जैसी छिनाल पैदा हुई… तेरी चूत और गांड बहुत मोटी कर रखी है भोसड़ी वाली कुतिया हरामजादी!
शोभा बोली- साहब ऐसे ही मजा देकर फाड़ डालो मेरी चूत और गांड, जमकर चोदना मुझे!
मैं नीचे होते हुए उसकी चूत पर आ गया, उसकी चूत चाटने लगा, वह पागल हो गई, मस्त होकर पता नहीं क्या क्या बोलने लगी- साले बहन के लोड़े, यह क्या कर दिया, मादरचोद बहुत मजा ले रहा है तू, मेरी जवानी के इतने मजे तो मेरे चूतिए पति ने भी नहीं लिये 6 साल में… हाँ साले बहनचोद चूस और कस के… हायय… मैं मर गई… खा जा साले मादरचोद… बस अब नहीं सहा जाता! चोद मुझे… चोद!
मैंने जोश में आकर उसकी गांड पर चांटा मारा और कहा- साली रंडी, चुपचाप पड़ी रह, मेरे मन में जो आएगा, करने दे, नहीं तो तेरी गांड फाड़ डालूंगा। शोभा बोली- मैंने कब मना किया है, चूत तुम्हारी, गांड और चूचियाँ भी तुम्हारी, जैसा चाहे मजे ले लो!
मैं नंगा हो गया, मेरा मोटा लंड उछल के बाहर आ गया, शोभा देखकर खुश हो गई और बोली- आज तो मेरे भाग खुल गये जो आपका मोटा लंड मिल रहा है। मैंने कहा- हरामजादी ज्यादा बातें ना बना, लंड चूस मेरा ! शोभा ने लंड चूसना शुरू किया, मुझे बहुत मजा आ रहा था, हाय साली कुतिया… क्या मस्त लंड चूस रही है बिल्कुल रंडी की तरह… मेरा लंड पूरा अंदर तक चूस।
शोभा जोर जोर से चूसने लगी, मेरा लंड बहुत टाइट हो गया था, मैंने कहा- चल लेट जा बहन की लोड़ी, मैं तेरी चूत फाड़ना चाहता हूँ। शोभा लेट गई और बोली- साहब पहला धक्का खूब जोर से मारना ताकि मुझे बहुत दर्द हो… मैं बहुत सालों से चुदी नहीं हूँ तो मेरी चूत बहुत सालों चुदी नहीं, बहुत टाइट हो गई, जमकर चोदना मेरी भोसड़ी को!
मैंने कहा- ठीक है। और मैंने लंड का सुपारा उसकी चूत परलगाया और जोर से धक्का मारा। शोभा चीख पडी और बोली- हायय मैं मररर गईईई… फाड़ दिया मेरी चूत को… उइइइ माँ बचा ले, मैं मरररर जाऊँगी।
मैं थोड़ी देर ऐसे ही लेटा रहा, फिर जब शोभा थोड़ी शांत हुई, मैंने फिर धक्का लगाया। शोभा बोली- फट गई, मुझे रंडी बना दिया, चोद डाला मुझे हरामजादे, फाड़ दी मेरी भोसड़ी, घुसा दिया लंबा और मोटा लोड़ा मेरी चूत में! अब मैंने पूरा लंड डाल दिया उसकी चूत में! शोभा ने राहत की साँस ली, मैंने धीरे धीरे धक्के मारना शुरू कर दिया, उसे भी मजा आने लगा, शोभा सिसकारने लगी- मजा आ गया… बहुत मजा आ रहा है! काश आप पहले मिल जाते, मुझे इतना तड़पना नहीं पड़ता लंड के लिये! चोद मुझे साले कुत्ते कमीने फाड़ दे मुझे और मेरी चूत को, और जोर से चोद… हाँ ऐसे ही चोदता रह मुझे मादरचोद… मैं तेरी रखैल हूँ, जैसे चाहे चोद मुझे, कस के झटके मार, कुतिया बना दे मुझे, रंडी हूँ मैं तेरी, कस के चोद साले मादरचोद हरामजादे!
मैं भी उसे जोर से चोदे जा रहा था, मुझे बहुत मजा आ रहा था, मेरा लंड पूरा अंदर जा के बाहर आ रहा था। शोभा अब झड़ने पर आ गई थी, उसकी चूत में बहुत गुदगुदी हो रही थी, वह पागल हो गई थी, उसकी चूत गीली होने के कारण चुदाई की मस्त आवाज़ फच फच निकल रही थी। तभी वह मुझसे चिपक गई, उसकी चूत का पानी निकल रहा था पर मेरा लंड अभी भी चुदाई के मूड में था, उसको जोर जोर से चोदे जा रहा था।
मैंने लंड उसकी चूत से निकाला, तब शोभा ने कहा- साहब मुझे पिशाब करनी है! मैंने कहा- चल साली, मैं भी देखता हूँ कैसे पिशाब करती है तेरी चूत !
हम खड़े होकर बाथरूम गये, शोभा बैठकर मूतने लगी, मैंने उसी समय मेरा लंड उसके मुँह में रख दिया और कहा- चल मादरचोद, मेरे लोड़े को भी मूतना है!
शोभा लंड चूसने लगी, मेरी पेशाब अब निकलने वाली थी, मैंने लोड़ा उसके मुँह से बाहर निकाल के मेरे मूत से शोभा को नहला दिया फिर कमरे में आकर शोभा से कहा- मादरचोद लोड़ी अब कुतिया बन मुझे तेरी गांड देखनी है।
शोभा हाथ और घुटनों के बल खड़ी हो गई, मुझे उसकी गांड का छेद साफ नजर आ रहा था, मैंने शोभा की गांड को चौड़ा किया और उनके गांड का छेद चाटने लगा। थोड़ी देर चाटता रहा, साथ ही उसकी चूत में उंगली कर रहा था।
फिर मैंने कहा- मादरचोद रांड, अब मैं तेरी गांड फाड़ने जा रहा हूँ, दर्द होगा माँ की लोड़ी, चिल्लाना मत! शोभा बोली- ठीक है, मार लो मेरी गांड… ले लो मजा हरामी गांड का, बहुत सालों से खुजली हो रही है, मिटा दो आज मेरी गांड की खुजली को!
उसकी बातों से मैं जोश में आ गया, लंड को उसकी गांड पर रखा और उसकी चूचियों को दोनों हाथों से कस कर पकड़ कर जोर से दबाया, मेरा लंड उसकी गांड फाड़ता हुआ अंदर घुस गया। शोभा दर्द से बेहाल हो गई- उउईई हायय मैं मर जाऊँगी मादरचोद फटट गयी मेरी गांड हाययय रेरे रेरेरे बहुत दर्द हो रहा है, बाहर निकाल साले ! मैंने कहा- साली कुतिया, बहन की लोड़ी चुपचाप चुदवाती रह, नहीं तो और जोर जोर से चोदूँगा भोसड़ी वाली तुझको, रंडी कहीं की! शोभा बोली- साहब, क्या करूँ, बहुत दर्द हो रहा है, आज तक गांड नहीं मरवाई थी।
मैंने कहा- चुप कर साली मादरचोद छिनाल ! और इतना कहते ही एक और जबरदस्त धक्का उसकी गांड में लगा दिया। शोभा उछल पड़ी, मैं उसके ऊपर था, मेरे दोनों हाथों में उसकी चूचियाँ फंसी हुए थी, शोभा रोने लगी- साहब गांड फट गई है, रहने दो, नहीं तो मैं मर जाऊँगी। मैंने उसकी गांड पर एक कस कर चांटा दिया और कहा- साली रंडी कुतिया, समझ नहीं आता तेरे को… चुपचाप चुदवाती रह!
फिर मैं उसकी गांड पर कस कस के चांटे मार रहा था, शोभा सिसकने लगी- हायययय रेरेरे रेरेरे मेरी माँ… इस कमीने ने फाड़ डाला… धीरे धीरे चोद साले, नहीं तो मैं मर जाऊँगी, हरामजादे कुत्ते जाकर अपनी बीवी की गांड चोद भोसड़ी के मादरचोद!
मैंने कहा- बीवी की तो बहुत गांड मारी रंडी साली, तू तो मेरी रखैल है, ऐसे ही चोदा करुँगा तुझे बहन की रंडी, क्या मस्त कसी हुई गांड है तेरी, बहुत मजा आ रहा है।
थोड़ी देर में शोभा का दर्द कम हो गया और वह भी खूब सिसक रही थी- चोदो मुझे, ले मजा मेरी गांड का… मस्त कर दिया तुमने मुझे, क्या मस्त चोद रहे हो! मुझे आज पता चला मैं कितनी चुदक्कड़ रंडी हूँ।
शोभा की बातें सुनकर मुझे और भी जोश आ रहा था, मैं जोर से धक्के मारने लगा, साथ ही दोनों हाथों से उसकी चूचियाँ दबा रहा था उसकी निप्पलों को रगड़ रहा था। मेरा लंड झड़ने वाला था, मैंने स्पीड बढ़ा दी, मुझे पूरा मजा मिल रहा था- साली कुतिया, मेरे लंड का पानी निकलने वाला है बहन की लोड़ी, भोसड़ी की मादरचोद रंडी… मैं झड़ने वाला हूँ। पानी निकल रहा है, यह निकला मेरा लंड का पानी! शोभा की गांड पूरी लंड के पानी से भर गई।
‘बहुत मजा आ गया मेरी रंडी तुझे चोदकर !’ मैंने शोभा से मेरा लंड चूस चूस कर साफ करवाया और दोनों साथ में बिस्तर पर लेट गये में धीरे धीरे उसकी चूचियों से मजा ले रहा था जिसके कारण मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया, मेरा खड़ा लंड देखकर शोभा बोली- क्या आज ही पूरी मेरी माँ चोद डालोगे?
मैंने कहा- तेरी माँ की तो तेरा बाप फाड़ चुका, मैं तेरी फाड़ूँगा ! और मैंने शोभा को अपने ऊपर चढ़ाया, फिर खड़े लंड का सुपाडा लगवा दिया और जोर से झटके देने लगा, मजे से चोदे जा रहा था और इस तरह मैंने पूरा दिन शोभा को चोदा।
शोभा का जाने का समय हो गया था, कपड़े पहनते हुई शोभा ने कहा- साहब, आप जब चाहे तब मेरी चूत और गांड फाड़ कर मजे ले सकते हो, आज से मैं आपके लंड की रखैल हूँ, मैं पूरी चुदक्कड़ बनकर आपको रंडी की तरह मजा दूँगी।
दोस्तो, आपको मेरी कहानी कैसी लगी, आप मुझे मेल कर के बतायें। [email protected]
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