एक लंड ने जिन्दगी बदल दी -1

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

नमस्कार देवियों और सज्जनो, आप सबके लिए मेरी जिंदगी की हकीकत पेश कर रही हूँ, कृपया मेरी दिल की बात समझने की कोशिश करें ! मैं यह सिर्फ कहानी नहीं लिख रहा बल्कि अपनी जिंदगी की अलग अनोखी हकीकत ही लिख रहा हूँ ! मेरा नाम साहिल है जो मेरे माता पिता ने दिया बचपन में, पर मैंने अपना नाम सोनिया रानी दिया है अपने आपको! मैं 27 साल का पुरुष हूँ पर दिल और दिमाग से में एक औरत हूँ, लम्बाई 5’7″ सांवला रंग और औसत शरीर पर मेरी छाती औरतों की तरह बड़ी बड़ी है, और बाल बिल्कुल नहीं हैं छाती और पेट पर, बल्कि मेरे पूरे शरीर पर बाल बहुत ही कम हैं।

बात 2001 की है, मैं दिल्ली में ही पीतमपुरा में एक सरकारी स्कूल में में पढ़ता था।

वैसे मैं बता दूँ कि मैं शुरू से नार्मल ही था, बस कभी कभी जब घर पर कोई नहीं होता था तो मैं मम्मी की साड़ी या सूट पहना करता था और मेकअप भी किया करता था। वैसे लिपस्टिक ही लगाया करता था, वही लगानी आती थी और प्याज़ या टेनिस बोल ब्रा में लगा लिया करता था, फिर आईने में अपने आप को देखकर बहुत खुश होता था। इसके अलावा कभी कुछ नहीं हुआ था ऐसा वैसा मेरे साथ… पर मेरी जिंदगी बदली जब मेरे घर मेरा एक चचेरा भाई आया हुआ था, मेरा हम उमर ही था।

सर्दियों का टाइम था, जनवरी थी 2001 में… मैं खटिया पर सोता था तो जगह ज्यादा ना होने की वजह से वो मेरे साथ ही सोया, उसके बारे में बता दूँ उसका नाम सोनू था देखने में ज्यादा ख़ास नहीं औसत सा था सांवला था।

तो उस रात वो मेरे साथ मेरी ही रजाई में लेट गया, उसने जीन्स की पैंट और स्वेटर पहना था और मैंने अंडरवियर और टी शर्ट पहनी थी। हमने काफी बातें की फिर नींद आ गई और सो गए। सर्दियाँ थी रात खामोश सन्नाटे वाली थी, रात को अचानक मुझे कुछ अच्छा अच्छा सा महसूस हुआ लगा, मेरा लंड कोई सहला रहा है, मैं चुप लेटा रहा, सोनू मेरा लंड पकड़ कर सहला रहा था।

थोड़ी देर सहला कर वो रुक गया, मैंने थोड़ा इंतज़ार किया पर उसने दोबारा नहीं सहलाया शायद वो चाहता था कि मैं भी खुलकर साथ दू ना कि नींद का नाटक करूँ।

मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रखा, उसने सहलाना शुरू कर दिया, अंडरवियर के ऊपर से ही उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया और मैंने भी सहलाना शुरू कर दिया।

अब हम दोनों एक दूसरे का लंड सहला रहे थे, वो मेरे होंटों के करीब अपने होंट लाया, हमारी साँसें एक दूसरे की नाक से टकरा रही थी, अजीब सा फील हो रहा था, होंट काँप रहे थे, मेरे हमारे होंट एक दूसरे के होंटों से सटे हुए थे पर आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं हो रही थी। फिर उसने हल्की सी पप्पी मेरे होंट पर की, फिर होंट हटा लिए।

मेरे दिल दिमाग ने पता नहीं क्यों काम करना बंद कर दिया, इस बार मैं अपने होंट उसके होंटों के पास ले गया, एक हल्का चुम्बन किया, कुछ सेकंड रुका, फिर एकदम से उसके होंट अपने होंटों में जकड़ लिए और धीरे धीरे चूसने लगा।

कैसे बताऊँ, इतना रस आ रहा था उसके मुँह में से कि मैं पिए जा रहा था.. पिए जा रहा था और उसका लंड हिलाए-सहलाये जा रहा था और वो मेरा लंड सहलाये जा रहा था।

फिर उसने मेरा निचला होंट अपने होंटों में भर लिया और चूसने लगा। अब मुझे और ज्यादा मज़ा आ रहा था, लंड का बुरा हाल था, बस होंट चुसवाते चुसवाते हुए झड़ गया और सच बताऊँ, इतना माल पहली बार निकला, पूरा बिस्तर अच्छे से सन गया मेरे वीर्य से…

मैंने उसका लंड भी अच्छे से सहलाया जोर जोर से और उसका भी झड़ गया… उस रात मेरा जिंदगी में पहली बार हस्तमैथुन हुआ था और पहला चुम्बन था वो भी अपनी ही उम्र के लड़के के साथ ही !

अब हम दोनों झड़ चुके थे, शांत हो चुके थे अब एक दूसरे से अलग मुँह करके करवट ले कर लेट गए, बहुत देर तक तो हम जगे रहे पर एक दूसरे से कुछ बोलने की हिम्मत नहीं हुई। पता नहीं कब नींद आ गई और जब मेरी सुबह आँख खुली, मैं अकेला ही सो रहा था सोनू नाश्ता करके बाहर गया था बड़े भैया के साथ घूमने!

मुझे डर था कहीं किसी से कुछ बता ना दें, और सोच रहा था कि जब वो घर आयेगा, तो उससे नज़र कैसे मिलाऊँगा.. अजीब सा दिन हो गया था मेरे लिए पर मैं उठा और नहा धोकर टाइम से स्कूल पहुँच गया !

स्कूल में भी मन नहीं लग रहा था, बस रात की बातें सोच रहा था, बार बार लंड खड़ा हो रहा था।

खैर मैं शाम को घर आया, सोनू टी वी देख रहा था, मेरे आते ही बोला- आज ठण्ड बहुत है ना? मैंने भी उसकी तरफ चोर नजरों से देखते हुए कहा- हाँ यार, है तो ज्यादा ठण्ड! तो उसने कहा- आज भी साथ सोयेंगे तो एक गरम चीज़ दूंगा तुझे! मैंने कहा- मुझे नहीं चाहिए!

फिर जो नार्मल रोज-मर्रा की बातें होती हैं, हुई… जैसे खाना, टीवी फिल्म सीरियल सब… फिर रात को सोने के लिए लेट गए, लाइट बंद, गुप्प अँधेरा और सन्नाटा छा गया, मैं भी लेटा रहा, इंतज़ार करता रहा कि सोनू कुछ शुरुआत करेगा पर उसने कुछ नहीं किया और मुझे भी नींद आ गई।

फिर रात को अचानक मेरी नींद खुली… सोनू कल रात की तरह मेरा लंड सहला रहा था। मैंने अंडरवियर और टी शर्ट पहनी थी, उसने पैंट शर्ट पहनी थी, बचपन में ऐसे ही सोते थे।

फिर मैंने भी उसका लंड सहलाना शुरू कर दिया, हमारी लिप-किस भी शुरू हो गई एक दूसरे के होंट चूसे खूब जी भर कर..

फिर सोनू ने मेरे कान में कहा- ठण्ड लग रही है किया तुझे ? मैंने कहा हा लग तो रही है …! उसने कहा- चल एक गरम चीज़ देता हूँ… उलटी लेट जा!

मैंने कहा- क्यूँ? क्या करेगा उल्टा लेट कर? सोनू- …तेरी गांड में गरम लंड डालकर गर्मी दूंगा लंड की! मैंने कहा- नहीं, पहले मैं तेरी गांड में डालूँगा अपना लंड! सोनू- ठीक है!

और वो अपनी पैंट नीचे सरका कर करवट लेकर बोला- ले डाल धीरे धीरे… मैंने एक दो बार ऐसे ही डालने की नाकामयाब सी कोशिश की और मेरा लंड नहीं गया उसकी गांड में… दरअसल मैं लंड डालना नहीं चाहता था, बस उसका लंड अपनी गांड में डलवाना चाहता था।

मैंने कहा- यार मुझसे नहीं डल रहा.. सोनू- चल ठीक है, तू करवट ले, मैं डाल कर बताता हूँ…

मैं यही चाहता था, मैंने कहा- ठीक है। और मैं उसकी तरफ पीठ करके करवट लेकर लेट गया।

उसने मेरी अंडरवियर नीचे सरका दी और मेरी कच्ची कोमल कुंवारी गांड पर ऊँगली लगाकर सहलाना शुरू किया… दोस्तो, सच कह रहा हूँ… क्या जन्नत मिल रही थी मुझे जब वो मेरी गांड सहला रहा था। फिर उसने थूक लेकर गांड में लगाया और धीरे धीरे एक ऊँगली गांड में घुसा दी… दर्द तो हुआ था पर एक मज़ा सा भी था।

फिर उसने और थूक लगाया और लंड का टोपा मेरी गांड के छेद पर अडजस्ट करने की कोशिश करने लगा पर उससे नहीं लग रहा था… मैंने अपने हाथ से उसका लंड पकड़ कर अपनी गांड के छेद पर लगाया और धीरे से कहा- यार, प्लीज़ आराम से डालियो…

उसने कहा- ठीक है! और लंड पर थोड़ा जोर लगाया पर लंड अन्दर नहीं गया।

उसने कहा- थोड़ा तेज़ धक्का मारना पड़ेगा…

मैंने कहा- ठीक है, पर दर्द हो तो रुक जइयो प्लीज़..

उसने कहा- ठीक है! और बोलते ही जोर का झटका लगाया…

उईई इमाअमाआअ… मर गयईईई… मेरे मुँह से निकल गया। मैंने तुरंत आगे होकर लंड बाहर निकाल दिया… सच में चक्कर आ गए थे मुझे! गांड में चींटियाँ सी दौड़ गई थी और दर्द बहुत तेज़ हो रहा था..

मैंने सोनू को धक्का देकर दूर किया- हट जा प्लीज मुझे नहीं करवाना कुछ भी! वो बिना कुछ बोले चुपचाप लेट गया दूसरी तरफ करवट लेकर..

पर दोस्तो, जो होना था वो हो चुका था गांड की सील टूट चुकी थी.. मेरे अन्दर की औरत जाग चुकी थी और मेरी जिंदगी का पहला बदलाव उसी वक़्त शुरू हो चुका था।

थोड़ी देर बाद मेरा दर्द कम हो गया और गांड में अजीब अजीब सा महसूस होने लगा, मैंने उंगली डाल कर देखी तो आराम से अन्दर जा रही थी, गांड अन्दर से गीली गीली हो गई थी जो खून था सील टूटने का खून था..

अब मुझे बेचैनी सी होने लगी, फिर से लंड गांड में लेने का मन करने लगा।

मैंने सोनू का लंड पकड़ लिया और उसे अपनी तरफ करवट लेने को कहा।

उसने कहा- क्या हुआ… मैंने बोला- चलो, फिर से कोशिश करते हैं, अब दर्द कम हो गया।

वो सुनते ही खुश हो गया और मैंने करवट ले ली… फिर उसने गांड पर थूक लगाया और लंड मैंने अपने हाथों से छेद पर लगाया और कहा- यार, धीर से डालियो.. उसने धीरे से अन्दर सरकाया, हल्का अन्दर गया और जनाब ने फिर झटके से पूरा अन्दर कर दिया और मुझे जकड़ लिया ताकि हिल ना सकूँ मैं… सच में वो गांड मारने में खिलाड़ी लग रहा था।

मुझे दर्द तो हुआ ही था पर मैं सहन करके चुपचाप पड़ा रहा, फिर दर्द कम हुआ थोड़ी देर में…

फिर सोनू ने पूछा- दर्द हो रहा है क्या? मैं बोला- अब ज्यादा दर्द नहीं, अब दो गर्मी पर आराम से धीरे धीरे..

उसने लंड बाहर निकाला, फिर धीरे से अन्दर डाल दिया… हाय क्या बताऊँ… अजीब सा लगा दर्द तो हुआ पर मीठा मीठा कुछ लगा गांड में.. और गांड पूरी तरह खुली सी लगी मुझे… फिर जनाब ने फिर से लंड बाहर खींचा और अन्दर डाला मुझे फिर मीठा मीठा दर्द हुआ।

जनाब ने तीसरी बार लंड बाहर खींचा, फिर पूरा जड़ तक अन्दर डाल दिया और मुझे जकड़ लिया।

कुछ देर ऐसे ही रहा फिर लंड बाहर खींचा… मुझे फिर मीठे मीठे धक्के का इंतज़ार था यानि के लंड अन्दर होने का… पर उसने लंड बाहर निकाल लिया पूरा और ऊँगली से मेरी गांड में कुछ गीला गीला भर दिया और मेरी अंडरवियर गांड तक चढ़ाकर चुपचाप करवट बदल कर लेट गया।

मेरा बुरा हाल था, मुझे और लंड के मीठे धक्कों का इंतज़ार था.. मैंने बेचैनी से अपनी गांड पर हाथ लगाकर देखा, पूरी चिपचिपी हो रखी थी, मैं समझ गया कि वो झड़ गया 3 धक्को में ही.. और मैं प्यासी ही रह गई पर मैं उससे कुछ बोली नहीं!

थोड़ी देर बाद टॉयलेट में गई, गांड को हाथ से पोंछा तो खूब सारा चिपचिपा खून लगा हुआ था.. मैंने अच्छे से गांड धोई और मुठ मारी, खूब सारा वीर्य निकला। गांड में बहुत तेज़ दर्द मच रहा था, खुली खुली लग रही थी।

मैं आकर चुपचाप लेट गई सोनू सो चुका था… मैंने फिर भी उसके कान में कहा- प्लीज किसी को बताना मत! पता नहीं उसने सुना या नहीं!

फिर मैं लेट गई और पता नहीं दर्द में कब नींद आ गई… सुबह उठी तो सोनू जा चुका था और मेरी गांड भी सूज गई थी। अब मेरी जिंदगी में एक ना रुकने वाले बदलाव की शुरुआत हो चुकी थी…!

आशा है आप सबने मेरी कहानी पसंद की और इसका मजा लिया होगा। आप मुझे आपके कीमती सुझाव भेज सकते हैं, मुझे बहुत ख़ुशी होगी। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000