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मेरा नाम देवांशु है मैं बिलासपुर छतीसगढ़ का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 20 साल है और गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज का स्टूडेंट हूँ.. मेरी हाइट 5 फीट 10 इंच है और मैं दिखने में गोरा और स्मार्ट बन्दा हूँ।
यह मेरी पहली कहानी है.. मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ इसलिए मैंने सोचा कि मैं भी अपनी कहानी लिखूँ।
घटना एक साल पहले की है.. जब मैं क्लास 12 में था। मेरे स्कूल में एक लड़की थी.. कृतिका.. वो मुझसे छोटी थी और मेरी ही कॉलोनी में रहती थी।
वो बहुत ही खूबसूरत दिखती थी और स्कूल में कई लड़के उसके पीछे पड़े थे। मैंने उसे कभी ग़लत नज़र से नहीं देखा था.. क्योंकि में काफ़ी शरीफ किस्म का लड़का था.. पर सेक्स के बारे तो सबको पता ही होता है.. सो मुझे भी था। मैं अपनी खुजली घर में ही पॉर्न वीडियो देख कर मुठ मार कर शांत कर लेता था.. पर मेरा भी कभी-कभी मन होता था कि किसी के साथ चुदाई करूँ। धीरे-धीरे मेरी यह कामना बढ़ती ही जा रही थी।
कृतिका और मैं काफ़ी अच्छे दोस्त थे.. नवरात्रि के समय हम दोनों एक साथ दिन भर पंडाल में रहते और खूब मस्ती करते थे। वो भी मेरे साथ बहुत मस्ती करती थी.. पर इस नवरात्रि में सब कुछ बदल गया।
नवरात्रि से कुछ दिन पहले एक दिन कृतिका की छोटी बहन मुझसे आकर बोली- कृतिका तुमसे प्यार करती है और तुम्हारे साथ शादी भी करना चाहती है.. पर वो ये सब बोलने से डरती है। मुझे यह सब जानकार काफ़ी अजीब सा लगा.. पर मैं खुश था.. क्योंकि अब कोई तो था.. जिसके साथ मैं अपनी प्यास बुझा सकता हूँ।
नवरात्रि का वक़्त था.. इस बार मैंने गौर किया कि कृतिका मेरे आस-पास ही रहती थी और कई बार मुझे एकटक देखती रहती थी। वो अक्सर मेरे बगल में आकर बैठ जाती थी और मुझसे खूब बातें करती थी..
अब मैंने पहली बार उसको गौर से देखा.. यार क्या माल थी वो.. बिल्कुल मस्त स्लिम फिगर.. गोरा शरीर.. गुलाबी होंठ.. बड़े मम्मे.. चौड़ी गाण्ड.. बहुत ही मस्त माल थी वो..
उसको तो पता था ही कि उसकी बहन ने मुझे सब बता दिया है.. सो वो मेरे पास आई और थोड़ा डरते-डरते वो मुझे कहने लगी- अगर तुम्हें मेरी बहन की बात का बुरा लगा हो.. तो ‘सॉरी’.. पर हम दोनों हमेशा फ्रेंड रहेंगे.. मैंने उसे बोला- मुझे उसकी बात का बुरा नहीं लगा.. पर ये बात तुमने मुझे क्यों नहीं कही? तो वो बोली- मुझको डर लगता था.. मैंने उसको बोला- मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.. पर मैंने भी कभी कहा नहीं..
यह सुनकर वो काफ़ी खुश हो गई और ‘आई लव यू I Love You !’ बोल दिया। मैंने भी ‘आई लव यू टू..I Love You Too’ बोला।
अब हम दोनों ब्वॉयफ्रेण्ड – गर्लफ्रेंड Boyfriend girlfriend थे.. अब वो हर वक्त मेरे साथ ही रहती थी।
अब मुझे पता चला कि वो मुझसे बहुत ज़्यादा प्यार करती थी.. हम कई बार स्कूल में बंक मार कर पार्क जाते.. घूमने जाते.. या मूवी देखने जाते थे और मूवी देखते वक़्त हम दोनों चुम्बन करते और मैं उसके मम्मे भी दबाता.. तो वो थोड़ा मना करती.. पर थोड़ी देर के बाद मान जाती।
क्या सॉफ्ट मम्मे थे उसके.. मैं उसका हाथ लेकर अपने लंड पर रखता.. तो वो हाथ हटा लेती.. पर धीरे-धीरे उसे भी ये सब अच्छा लगने लगा। अब वो भी मेरे लंड को पैन्ट के ऊपर से दबाने और सहलाने लगी थी।
एक दिन मैंने उससे कहा- मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूँ। तो वो डर गई और मना करने लगी.. मेरे समझाने पर बोली- किसी को पता चल जाएगा.. और अगर वो प्रेग्नेंट हो गई तो प्राब्लम हो जाएगी। पर मैंने उसे समझाया- मैं इसका ख्याल रखूँगा कि तुम प्रेग्नेंट ना हो और किसी को इस बारे में पता ना चले! तो वो मान गई और मुझे एक पप्पी करके घर चली गई।
अब बस मुझे इंतज़ार था कि कब मुझे उसके साथ चुदाई करने का मौका मिले और मेरे लण्ड के नसीब से जल्द ही वो दिन भी आ गया। वो दीवाली के दिन थे.. तो मेरे घर वाले मेरे मामा के घर कोलकाता जाने का सोच रहे थे। जब उन्होंने मुझसे जाने के लिए पूछा तो मैंने मना करते हुए उन्हें जाने को कह दिया और बोला- मैं नहीं आ सकता क्योंकि मेरे इम्तिहान हैं.. और मुझे उसके लिए पढ़ना है। तो वो मुझसे चलने के लिए जिद करने लगे.. पर मैं नहीं माना तो वो मान गए और उन्होंने अपना रिज़र्वेशन करवा लिया।
मैं तो काफ़ी खुश था.. मैंने ये बात कृतिका को बताई तो वो भी बहुत खुश हुई.. साथ ही उसे कुछ डर भी लग रहा था। अब डरेगी क्यों नहीं.. उसे पता जो था कि अब वो चुदने वाली है.. पर फिर भी वो खुश थी।
आख़िर वो दिन आ ही गया.. मेरे घरवाले जाने की तैयारी कर रहे थे.. वे सभी 6 दिनों के लिए जा रहे थे.. तो मुझे अपना ख़याल रखने को बोले और चले गए। वो मुंबई हावड़ा मेल से जा रहे थे.. जो शाम 6 बजे थी.. ट्रेन राइट टाइम पर थी.. वो सब चले गए।
उन सभी को छोड़ने के बाद घर वापस आते वक़्त मैंने कृतिका को ये बताया.. उसने भी अपने घर में सबको कह दिया था कि वो एक हफ्ते अपने फ्रेंड के घर रात को पढ़ाई के लिए रहेगी.. उसने अपनी मम्मी की बात एक सहेली से करवाई थी। उस सहेली को पता था कि वो रात को मेरे साथ रहेगी इसीलिए उसके घरवालों ने भी ‘हाँ’ कर दी।
रात के 8 बजे वो अपने घर से फ्रेंड के घर जाने के बहाने निकल गई और मेरे घर आ गई। हम दोनों बहुत खुश थे.. वो अन्दर आई और मैंने दरवाज़ा बंद कर दिया।
उसने आते साथ मुझे एक पप्पी दी और बोली- लो आ गई.. मैं अपने पति के घर.. हमारी सुहागरात मनाने.. मैं समझ गया कि आज ये चुदने के लिए तैयार हो कर आई है।
मैंने तुरंत उसको अपनी गोद में उठाया और सोफे पर बैठ गया। अब मैं उसे चुम्बन करने लगा.. वो भी मुझे चुम्बन करने लगी फिर हमने एक-दूसरे के मुँह में जीभ डाल दीं और लंबी चुसाई की.. आज वो सफेद टॉप और ब्लू जीन्स पहने हुई थी.. क्या माल लग रही थी.. ऐसा लग रहा था कि बस इसके कपड़े फाड़ डालूँ और चोद डालूँ उसे.. पर मैंने जल्दबाज़ी नहीं की।
मैंने धीरे से अपना हाथ उसके टॉप में डाल दिया और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मे दबाने लगा.. हय कितने सॉफ्ट मम्मे थे उसके.. बिल्कुल रूई की तरह.. उसे भी चूचियाँ दबवाना अच्छा लग रहा था।
मैं उसके मम्मे ज़ोर से दबाने लगा.. उसके मुँह से आवाजें आने लगीं.. फिर मैंने अपना हाथ निकाल कर उसकी जीन्स की ज़िप खोल दी और थोड़ी सी नीची कर दी। तभी वो एकदम से भड़क उठी। आगे क्या हुआ? क्या कृतिका मुझसे चुदी या.. उत्तर जानने के लिए आपको अगले भाग को भी पढ़ना होगा। मुझे आपके ईमेल का इन्तजार रहेगा। कहानी जारी है। [email protected]
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