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नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम सुरेश है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ, मेरा कद 5 फुट 6 इंच है, 40 साल का हूँ, मेरा लण्ड 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है।
यह कहानी मेरी जिंदगी में हुई सच्ची घटना है। 8 महीने पहले जब मैं रक्षाबंधन के अवसर पर अपनी दीदी के घर गया था। मेरी दीदी मुझसे उम्र में बड़ी है, वो अपने परिवार के साथ राजस्थान में रहती है। मेरे जीजाजी ख़ुश मिजाज़ हैं और उनके 2 बच्चे हैं, बेटे की शादी हो चुकी है और बेटी जयपुर में इंजीनियरिंग पढ़ रही है। उसकी उम्र 22 साल है, उसका नाम सौम्या है।
मैं रक्षा बंधन से एक दिन पहले ही दीदी के घर पहुँच गया था, तब शाम होने को थी, और दीदी परिवार समेत मेरी राह देख रही थी।
मेरी नज़र सबसे पहले मेरी भांजी के ऊपर पड़ी, इसकी वजह यह थी कि मेरी भांजी अब मॉडर्न बन गई थी, उसने उस दिन नीले रंग का जीन्स शॉर्ट्स पहना हुआ था और ऊपर से एक सफ़ेद रंग की शर्ट… बाल भी खुले थे, ऐसा लग रहा था कि सामने कोई मॉडल खड़ी है। उसका फिगर 34-28-36 है, स्माइल बड़ी अच्छी है उसकी।
फिर मैं घर के अंदर गया तो पता चला कि मेरे जीजाजी ने पार्टी का प्रबंध किया है। मेरी दीदी मुझसे बोली- तुम नहा धोकर फ्रेश हो जाओ, जल्दी आ जाना, तुम्हारे जीजाजी कब से तुम्हारी राह देख रहे हैं।
मुझे हॉल के पास वाला कमरा ही दिया, मैंने अपना सामान कमरे के अंदर रखा, तभी वहाँ मेरी भांजी सौम्या तौलिया लेकर आई, मुझसे कहने लगी- मामू आप जल्दी से नहा कर आ जाओ।
मैं जब नहाने लगा तब सौम्या के फिगर उसकी चिकनी चूत के बारे में सोचने लगा और मेरा लंड खड़ा हो गया। लेकिन बाहर सब मेरी राह देख रहे थे, इस वजह से में जल्दी नहाकर बाहर आ गया।
मैं शॉर्ट्स और टी शर्ट पहन के बाहर आगया तो वहाँ महफ़िल सजी थी।
सब लोग वहाँ पहले से थे और मेरी खुशनसीबी से मुझे सौम्या के बगल वाली जगह खाली मिली, मैं उसके पास जाकर बैठ गया।
थोड़ी देर में पार्टी में मदहोशी छा गई, अब सौम्या और भी सुन्दर लगने लगी, मैंने मौके का फायदा उठाते हुए सौम्या की कमर को हाथों से पकड़ा और उसके बदन का आनन्द लेने लगा। क्योंकि में उसका मामा था इस वजह से किसी को यह बात गलत नहीं लगी लेकिन शायद सौम्या को कुछ अजीब लगा होगा, क्योंकि थोड़ी देर में वो वहाँ से उठी और अपना मोबाइल लेकर बाहर गई।
मुझे लगा कि मेरी चेष्टा से सौम्या को बुरा लगा होगा लेकिन थोड़ी ही देर में वो फिर से हॉल में आई और फिर से मेरे पास आकर बैठ गई और इस बार मेरे और भी करीब बैठ गई, अब उसने अपना एक हाथ मेरी जांघ के ऊपर रखा था, मैंने फिर से उसकी कमर सहलाना शुरू किया, उसके शॉर्ट्स और टॉप के बीच में उसकी नंगी कमर पर हाथ से सहलाने लगा, मेरे ख्यालों में मेरी भांजी सौम्या की चिकनी चूत ही थी…
बड़ी मुलायम चिकनी थी सौम्या की कमर।
मेरे जीजाजी को अगले दिन उनकी बहन के घर राखी बंधवाने जाना था, इस वजह से वो बोले कि वो जल्दी खाना खाकर सोएँगे। दीदी ने उन्हें खाना परोसा।
तब सौम्या अपनी माँ से बोली- आप भी खाना खाकर सो जाओ, मैं मामाजी के साथ थोड़ी देर और रहूँगी और उनको खाना में ही दे दूँगी, आप जाकर सो जाओ।
थोड़ी देर बाद दीदी और जीजाजी अपने कमरे में सोने गए और हॉल में सिर्फ मैं और सौम्या थे।
थोड़ी देर में हमने भी खाना खाया और सौम्या ने सब काम निपटा लिया। तब तक मैं सोफे पर बैठ कर टीवी देख रहा था।
थोड़ी देर में सौम्या भी किचन से हॉल आई और दूसरे सोफे पर लेट के अपनी मोबाइल में कुछ करने लगी।
उसे देख कर मेरे मन में कुछ हलचल हो रही थी, मुझे सौम्या की चिकनी चूत के और उसके साथ सेक्स करने के ख्याल आ रहे थे। मैं बाथरूम गया और वापिस आने पर वहीं सोफे पर जिस पर सौम्या लेटी हुई थी, आकर बैठ गया, सौम्या के दोनों पैरों को अपनी जांघों पर रखा और टीवी देखने लगा।
असल में टीवी से ज्यादा मेरा ध्यान सौम्या पर था जो अब मेरी बहुत करीब थी, उसके नंगे पैर मेरे ऊपर थे, देखने में बहुत मुलायम लग रही थी। मैंने अपना एक हाथ उसके दोनों पैरों पर और दूसरा हाथ उसके पेट पर रखा था। वो मोबाइल में व्यस्त थी और मैं उसे देखने में व्यस्त था, ऐसे में मेरा लंड खड़ा हो गया और सौम्या के पैरों को चुभ रहा था। मेरा आवेश बढ़ रहा था, अब मैं एक हाथ से सौम्या के नंगे पैर और दूसरे हाथ से उसका पेट सहलाने लगा और उसके मुलायम बदन का आनन्द लेने लगा।
थोड़ी देर ऐसे ही चलता रहा, फिर सौम्या ने अपना हाथ मेरे हाथ पर रख दिया जो हाथ उसके पेट सहला रहा था। और अब उसने मेर्रा हाथ अपने हाथ में लिया उसे दिशा दिखा रही थी तो अब मेरा हाथ उसके टॉप के अंदर था उसकी ब्रा से थोड़ा ही नीचे। पार्टी के वजह से हम दोनों मदहोश थे। सौम्या के चेहरे पर भी एक मुस्कान दिख रही थी लेकिन उसकी वजह मेरी हरकत थी या मोबाइल पर आया हुआ कोई सन्देश, इसका पता नहीं लग रहा था।
मैंने अपना हाथ उसके ब्रा से थोड़े ही नीचे रख के उसे फ़िराना बंद किया लेकिन दूसरे हाथ से उसके पैरों को सहलाना चालू रखा। थोड़ी देर में फिर से सौम्या ने अपना हाथ मेरे हाथ के ऊपर रखा और उसे ऊपर की दिशा दिखाने लगी। अब मुझे पक्का यकीन हो गया कि सौम्या भी मेरी तरह उत्तेजित स्थिति में है।
अब मैंने मेरा हाथ ऊपर की तरफ लेते हुए उसके ब्रा के ऊपर रखा और दबाने लगा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
अब सौम्या भी अपना मोबाइल बंद रख के मेरी हरकतों का आनन्द ले रही थी। उसके चेहरे का हाव-भाव मुझे और बढ़ावा दे रहे थे। अब मेरे हाथ ब्रा के अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे।
मैंने उसकी एक चूची ब्रा से बाहर निकाला और उसे दबाने लगा और साथ साथ उसके निप्पल भी उँगलियों से छेड़ रहा था। उसका निप्पल पूरा तना हुआ था, मैं हल्के से उसके निप्प्ल को नोचने लगा।
अब सौम्या की सांस तेजी से चलने लगी, मैंने उसे पूछा- कैसा लग रहा है? कहानी जारी रहेगी।
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