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दोस्तो, कुँवारी चूत चोदने की मेरी यह सच्ची कहानी कैसे बनती चली गई.. वो सुनाता हूँ।
मैं राहुल हूँ.. मेरी उम्र 21 साल है.. मेरा कद 5’9″ है, मैं देखने में आकर्षक हूँ.. सूरत गुजरात से हूँ। मेरे घर में पापा-मम्मी और भैया हैं। मैंने अभी अपनी पढ़ाई पूरी की है और घर पर ही फ्री बैठा हूँ.. जॉब ढूँढ रहा हूँ।
मेरी मम्मी की एक पक्की सहेली हैं हेमा आंटी.. उनकी बेटी संजना.. पहले मेरे साथ ही क्लास में पढ़ती थी। हम काफ़ी अच्छे दोस्त भी हैं और मैं उसे बहुत चाहता भी हूँ.. लेकिन उससे अपने दिल की बात कभी कह नहीं पाया। संजना बहुत ही हॉट लुकिंग और सेक्सी लड़की है, उसकी फिगर 34-28-36 की है.. वो बहुत ही गोरी लड़की है।
मैं उसे अपना बनाने की पूरी कोशिश में जुटा हूँ और उसको पटाने का कोई मौका नहीं छोड़ता हूँ। जब भी वो मेरे घर आती है.. हम दोनों हाय हैलो.. और ढेर सारी बातें करते हैं। पुराने दिन याद करके थोड़ी मस्ती भी कर लेते हैं। वो खुश हो जाती है.. क्योंकि मैं उसका बेस्ट-फ्रेंड हूँ ना.. सो वो मुझे देखकर खुश होती है।
एक दिन की बात है.. जब मैं घर पर अकेला था और संजना को मेरी मम्मी से कोई काम था तो मेरे घर आई। मैं उस वक्त सो रहा था.. लेकिन घंटी बजी तो मैं उठ कर गया.. गेट खोला और संजना ने मुझसे गुड-मॉर्निंग बोला।
मैंने भी उसे विश किया.. फिर उसने पूछा- आंटी कहाँ है? मैंने कहा- वो बाहर गई हैं.. शाम को आएँगी।
वो जाने लगी.. मैंने उसे रोकते हुए पूछा- कोई जरूरी काम है क्या?
तो बोली- नहीं बस.. यूँ ही.. जरा पर्सनल काम था।
मैंने कहा- ओके.. अन्दर तो आओ.. तो बोली- तुम तो सो रहे हो.. मैंने डिस्टर्ब किया.. ‘सॉरी’.. मैंने बोला- अरे यार अपना ही घर है.. इसमें डिस्टर्ब की क्या बात है..
फिर वो अन्दर आई.. उसने मेरे लिए चाय बनाई, नाश्ता लगाया और हमने साथ में बैठ कर चाय-नाश्ता किया। मैंने उसे ‘थैंक्स’ कहा.. तो वो बोली- अपनों को ‘नो थैंक्स..’ ‘नो सॉरी..’ ओके..! मैंने हल्की सी मुस्कान दी और उसने भी हंस कर दिखाया।
फिर उसने मुझसे कहा- राहुल आई एम इन लव.. मैंने टूटते हुए पूछा- कौन है वो खुश किस्मत? तो बोली- नहीं.. तुम गुस्सा हो जाओगे।
मैंने कहा- नहीं यार.. तेरी ख़ुशी.. मेरी ख़ुशी है यार.. बोल ना.. तो उसने बड़े प्यार से बोला.. बड़े ही प्यार से बोला- मेरा बेस्ट-फ्रेंड राहुल.. तुम यार.. सच्ची आई लव यू.. तुम बहुत सिंपल हो न.. गुड-ब्वॉय हो..
मैं ख़ुशी से पागल हो गया और उसे ‘आई लव यू..’ बोल दिया।
उसने मुझे ‘आई लव यू टू’ बोला और हम दोनों ने एक-दूसरे को अपनी बांहों में जकड़ लिया। हम दोनों ने बहुत चूमा-चाटी की और मैंने भी फुल मस्ती और एंजाय किया लेकिन चूमने से आगे कुछ नहीं किया। क्योंकि सेक्स तो जब शांति और सहमति व आपसी ख़ुशी से होता है.. तभी ज्यादा मज़ा आता है और इस सब के लिए समय भी चाहिए.. सो हम दोनों ने चाहते हुए भी सही वक्त का इंतजार किया।
एक दिन जब उसके मम्मी-पापा मुंबई गए हुए थे.. तब हमने अपनी हर ख़ुशी उस दिन एक-दूसरे के साथ फुल एंजाय करने का तय किया।
मैं तैयार होकर उसके घर के लिए रवाना हुआ और रास्ते से प्रेम की निशानी गुलाब के खिले हुए फूल और चॉकलेट.. गिफ्ट आदि लिए। मैं उसके घर पहुँचा.. उसने मुस्कुराते हुए गेट खोला.. मैं अन्दर आया और पहले उसे अपने घुटनों पर बैठ कर प्रपोज किया.. वो बहुत खुश हो गई और मुझे उठा कर अपने सीने से लगा लिया।
वो मुझे अपने कमरे में ले गई.. उसने भी कमरे में पहले से प्लानिंग कर रखी थी। केक.. लंच.. स्लो-साउंड म्यूज़िक और लव-बैलून से सज़ा हुआ कमरा और बिस्तर पर गुलाब ही गुलाब के फूल सज़ा रखे थे।
मैंने उसे अपने सीने में खींच लिया और हम दोनों ने मिल कर केक काटा और साथ में लंच किया.. फिर धीमी आवाज वाले मादक संगीत की धुन में डांस किया। कमरे में पूरा रोमाँटिक माहौल बन गया था।
हमने मस्ती की और देर तक एक-दूसरे के होंठों को चूमा। फिर मैंने उसके तने हुए मम्मों को पकड़ कर सहलाया.. तो वो गरम हो गई। उसने मुझे ‘फ्रेंच-किस’ किया।
फिर मैंने उसका कान चाटा और धीरे-धीरे उसके कपड़े खोले.. और उसने मेरे.. अब वो ब्रा-पैन्टी में थी और मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था।
मेरा लौड़ा खड़ा होकर सख्त हो गया था..जो कि 8 इंच का हो गया था। उसने ऊपर से सहलाया और मैंने उसके मम्मों को मसला और खूब चूसा।
मैंने पैन्टी में हाथ लगाया तो देखा कि उसकी पैन्टी गीली हो गई थी.. तो मैंने उसकी पैन्टी उतार दी। मैंने देखा कि उसकी कुँवारी चूत कामरस से चिपचिपी हो गई थी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैंने उसकी गुलाबी रंगत लिए हुई सफाचट कुँवारी चूत देखी तो मैं देखता ही रह गया। क्या मस्त फूली हुई चूत थी.. यार सच्ची में मुझसे रहा नहीं गया और मैंने बैठ कर उसकी कुँवारी चूत को बहुत चाटा.. मैंने सच्ची में जी भर कर बहुत चाटा.. और बहुत मज़ा भी आया.. जन्नत का मज़ा था..
वो अपनी कुँवारी चूत चटवा कर मस्त हो गई थी.. उसने कहा- राहुल प्लीज़ फक मी यार..
उसने बिस्तर पर बैठते हुए मेरे खड़े लण्ड को पकड़ लिया और उसे प्यार से चुम्मा किया और हिलाया। मैं बहुत एंजाय कर रहा था और फिर उसने चित्त लेट कर अपने पैर फैला लिए और मेरे हथियार को अपनी लपलपाती बुर पर टिकवा लिया और कहा- जानू डालो ना.. यार मुझे चोदो.. आज जी भर के चोदो.. मुझे अपनी पत्नी बना लो..
मैंने अपना लौड़ा उसकी कुँवारी चूत में डालने की कोशिश की.. लेकिन बहुत ही कसी हुई चूत थी.. क्योंकि वो अभी कुंवारी थी। मेरा भी पहली बार था.. और उसका भी.. सो शुरू में बहुत दर्द हुआ.. पर मैंने उसे बहुत चूमा और सहलाया। लेकिन वो बहुत तड़फ रही थी। ‘आआआह.. राहुल.. आआअहह.. धीरे जानू.. आआ मैं मर गई.. उहह..’
मैंने धीरे-धीरे अपना पूरा मूसल लण्ड उसकी चूत में अन्दर तक ठोक दिया। उसकी बुर फट गई.. उसमें से गरम खून निकला.. और गुलाब के फूलों के सुर्ख लाल रंग में मिल कर छुप गया।
वो तो एक बार के लिए बेहोश जैसी हो गई.. तो मैंने उसे थपकी देकर उठाया.. और उसे हिम्मत दी। फिर दर्द कम हुआ.. मैंने उसे सहलाया कर प्यार किया.. और क़िस्सी की।
कुछ देर बाद वो मूड में आ गई.. फिर हमने 20 मिनट तक चुदाई का मजा लिया.. और झड़ कर एक दूसरे में समां गए। ख़ुशी से पूरा दिन धमाल-मस्ती की.. अब वो मेरी पक्की जुगाड़ है.. मुझे चुदाई करना बहुत पसंद है.. सो अब हम दोनों कभी भी मौका पाते ही अपनी चुदाई की प्यास बुझा लेते हैं।
ये मेरी रियल ओर पहली कहानी है.. जो मैंने आपसे साझा की है.. मुझे ईमेल कीजिएगा.. पर मुझसे चूत की उम्मीद न करें अपने लिए खुद आइटम तलाशें। आपका अपना राहुल।
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