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दोस्तो, मेरी यह पहली कहानी है.. मैं एक सामान्य कद का सामान्य आदमी हूँ और सरकारी नौकर हूँ.. मेरी उम्र 28 साल है, मेरी शादी हो चुकी है.. मेरी बीवी का नाम रोमा है। उसकी उम्र 24 साल है.. वो दिखने में बहुत सेक्सी है.. उसका रंग दूध जैसा सफेद है.. वो थोड़ी मोटी जरूर है.. और कद भी सामान्य है.. पर उसके मम्मे बड़े-बड़े है और चूतड़ भी बाहर को निकले हुए हैं। वो एकदम मस्त पटाखा है.. जो भी उसे एक बार देख ले.. तो उसका लंड खड़ा हो जाए।
रोमा के पिता मर चुके हैं.. उसका एक छोटा भाई रोहन है.. जो 21 साल का है और उसकी माँ भी है।
शादी से पहले से ही मेरा चुदाई में बहुत इंटरेस्ट रहा है.. इंटरनेट पर पोर्न साईट देख देख कर खूब मुठ्ठ मारी है.. एक-दो बार कॉलगर्ल को भी चोदा है।
शादी होते ही मैं अपनी बीवी पर टूट पड़ा.. जो कुछ इन्टरनेट पर देखा और पढ़ा था.. सब बीबी के साथ आजमा कर देखा। किस्मत से बीबी भी चुदवाने की शौकीन निकली.. बिस्तर पर अपने आप नंगी होकर ही आती थी। उसे उजाले में चुदवाने या घोड़ी बनने में कोई शर्म नहीं आती थी। वो सिर्फ दो काम नहीं करती थी.. एक उसने लंड को मुँह में कभी भी नहीं लिया.. दूसरा मैं कभी भी उसकी गाण्ड नहीं मार सका।
उसे मैं जब भी चोदता.. दो स्टाइल में जरूर चोदता। पहला स्टाइल यह था कि मैं उसे पूरी नंगी करता.. फिर उसे खड़ी करके उसकी एक टांग सोफे पर रखता.. और खड़े-खड़े ही उसे चोद डालता.. वो भी पूरे मजे ले कर चुदवाती थी। दूसरा स्टाइल यह था कि हम दोनों पूरे नंगे हो जाते.. फिर रोमा नंगी ही इधर-उधर भागती.. मैं लंड लेकर उसे चोदने दौड़ता.. वो हँसती जाती और मुझे ललचा-ललचा कर बोलती- पकड़ो.. पकड़ो.. वो पूरे घर में भागती.. रसोई.. बेडरूम.. हॉल.. बाथरूम.. सब जगह भागती और जहाँ पकड़ में आ जाती.. मैं उसे वहीं चोद डालता। वो कई बार तो चुदते-चुदते ही भाग जाती थी.. तो फिर उसे दुबारा पकड़ना पड़ता। चोदते समय उसे कस कर दबोचना पड़ता ताकि फिर न भाग जाए।
अभी हमें साथ रहते हुए 3 महीने ही हुए थे कि उसका छोटा भाई रोहन उसे लेने आ गया। मैंने रोहन से कहा- तुम पहली बार यहाँ आए हो.. तीन-चार दिन तक रुको.. फिर अपनी बहन को लेकर चले जाना। वो मान गया। इसके दो दिन बाद जब मैं ऑफिस पहुँचा तो पता चला कि अभी थोड़ी देर पहले ही बिजली के तार में आग लग गई थी.. इसलिए पॉवर ऑफ करके इलेक्ट्रीशियन सुधार कार्य कर रहे हैं।
इलेक्ट्रीशियन का कहना था कि पूरी वायरिंग काफी पुरानी हो गई है.. इसलिए सारी ही बदलना पड़ेगी। मैंने समझ लिया कि आज दिन भर कोई काम नहीं हो सकता.. क्योंकि दिन भर बिजली के तार बदली होंगे.. और पॉवर ऑफ रहेगा.. तो मैं बॉस के पास गया और बोला- सर.. मुझे आज छुट्टी दे दो.. मेरे घर पर मेहमान आए हैं। बॉस बोले- कोई बात नहीं.. आज वैसे भी कुछ काम नहीं होने वाला.. तुम जा सकते हो।
मैं खुश होकर जा रहा था कि आज रोमा और रोहन को कहीं घुमाने ले जाऊँगा.. मुझे अचानक आया देख कर वो भी बहुत खुश होगी.. इसलिए मैंने उसे फ़ोन भी नहीं किया और घर पहुँचा और दबे पांव दरवाजे पर आया।
दरवाजा अन्दर से बंद था.. तभी मुझे अन्दर से रोमा की धीमी आवाज सुनाई दी- पकड़ो.. पकड़ो.. इस तरह की आवाज तो रोमा चुदाई वाले खेल में लगाती है.. मैं उसे सरप्राइज देने आया था.. और खुद ही सरप्राइज हो गया। मुझे शंका हुई कहीं अन्दर चुदाई.. का खेल तो नहीं चल रहा। मैं अपनी शंका दूर करने के लिए दबे पांव पीछे गया और पीछे की बाउंड्री वाल को चोर की तरह पार करके पीछे के कमरे की खिड़की के पास पहुँच गया।
मैंने धीरे से खिड़की इतनी खोली कि अन्दर झांक सकूँ। बेडरूम से हॉल के बीच का दरवाजा भी खुला था.. इसलिए मैं बेडरूम और हॉल का नजारा भी देख सकता था। अन्दर रोमा पूरी नंगी होकर भाग रही थी और उसको चोदने के लिए उसका सगा भाई रोहन पूरा नंगा होकर उसका पीछा कर रहा था। रोहन का लंड मेरे लंड से बड़ा और सख्त था.. मेरी बीबी मम्मों को और चूतड़ों को हिलाती हुई भाग रही थी। रोहन अपना गोरा और लाल-गुलाबी सुपारे वाला लंड हिलाते हुए उसे पकड़ने की कोशिश कर रहा था।
रोमा हंस रही थी.. बोली- रोहन मजा आ रहा है?
रोहन दौड़ा.. मेरी बीबी भाग कर सोफे पर चढ़ गई। रोहन ने उसकी दोनों टांगें पकड़ कर उसे खींच कर फर्श पर चित्त गिरा दिया और ऊपर से चढ़ कर अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया।
मेरी बीवी उसे हटाने का प्रयास करने लगी.. पर रोहन ने उसे दबोच लिया और उसकी अच्छी तरह से चुदाई करने लगा। अब मेरी बीवी भी जिस्म ढीला करके चुदने लगी। फिर अचानक उसने रोहन को धक्का दे कर अलग कर दिया और भागने लगी.. बोली- पकड़ो.. पकड़ो..
रोहन बोला- दीदी आप बड़ी मुश्किल से तो हाथ आई थीं.. दीदी जल्दी से आ जाओ.. मैं ज्यादा देर तक नहीं संभाल पाऊँगा.. तुम शादी के बाद कैसे-कैसे खेल सीख गई हो। रोमा बोली- हाँ.. पर इस खेल की शुरुआत तो तुम्हारे साथ ही हुई थी।
रोहन बोला- दीदी आज अपुन अब नया खेल खेलते हैं.. तुम कुतिया की तरह बनो.. मैं कुत्ता बनता हूँ.. मैं तुम्हें कुत्ते की तरह चोदने का प्रयास करूँगा.. तुम कुतिया की तरह बचने की कोशिश करना.. पर आखिरी समय तक हमें कुत्ता-कुतिया ही बने रहना है।
रोमा मान गई। मेरी बीबी कुतिया बन कर.. जैसे छोटे बच्चे को जब चलना नहीं आता तो ऐसे चार पैर पर चलते हैं.. चलने लगी। पीछे से उसके ऊपर रोहन कुत्ते जैसे चढ़ कर उसे चोदने की कोशिश करने लगा। वो जैसे ही लंड डालने की कोशिश करता मेरी बीबी चूतड़ों को नीचे करके कुतिया की तरह आगे बढ़ जाती और रोहन उसके पीछे कुत्ता बना दौड़ता।
दौड़ते समय मेरी बीबी के चूतड़ों व मम्मे खूब हिल रहे थे। मैंने कभी इतनी गोरी.. इतने बड़े चूतड़ों वाली और इतने बड़े मम्मों वाली कुतिया नहीं देखी थी। चुदाई का यह मस्त नजारा देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.. मुझे बीबी को चुदते देख कर बहुत मजा आ रहा था। इतना मजा तो ब्लू-फिल्म और खुद की चुदाई में भी कभी नहीं आया।
कुतिया बने मेरी बीवी को सरकते और बचते अंत में दीवार आ गई.. अब मेरी बीवी और आगे नहीं जा सकती थी। रोहन को मौका मिल गया वो उसके ऊपर चढ़ा और पीछे से लंड घुसाने लगा। मेरी बीवी कमर हिला कर बचने का सिर्फ नाटक कर रही थी.. इसलिए रोहन लंड घुसाने में कामयाब रहा और उसने कुतिया की तरह मेरी बी्वी को खूब चोदा।
कुछ देर बाद मेरी बीबी ने उसे रोका और फर्श पर चित्त लेट गई और किसी रण्डी की तरह अपनी दोनों टाँगें फैला दीं और इशारे से रोहन को वापस से चोदने को कहा। रोहन फिर से अपना लवड़ा चूत में पेल कर चालू हो गया।
मेरी बीवी को चुदाई का मजा आ रहा था.. वो ‘हाय.. हाय..’ करने लगी- और जोर से रोहन.. जोर से पेल बहनचोद.. अह.. आहा… ऊह.. रोहन.. अब तुम्हें पहले की तरह कंडोम लगाने की जरूरत नहीं है.. क्या मस्त चोदते हो.. अहह हाय… साले पानी अन्दर ही छोड़ना.. मैं तुम्हारे लौड़े से ही अपना बच्चा चाहती हूँ.. ताकि वो तुम्हारे जैसा गोरा और लम्बा हो.. आअह.. मजा आ रहा है.. जोर से.. प्लीज जोर से.. आह.. मैं गई.. मेरा हो गया.. आह..
रोमा के झड़ जाने के कुछ देर बाद रोहन भी झड़ कर शांत हो गया। मैं वापस लौट कर एक चाय की दुकान पर पहुँचा.. चाय पीते हुए मैं सोच रहा था कि बीवी की चुदाई देखने में बहुत मजा आता है।
मैं घर आकर सीधा बाथरूम में गया और आँख बंद करके बीवी और उसके भाई के चुदाई के दृश्यों को याद करके मैं मुठ्ठ मारने लगा.. मुझे इतना मजा कभी नहीं आया था। तभी मेरे लंड ने जोर से पिचकारी छोड़ दी। अब मुझे जब भी बीवी की चुदाई देखने का मन करता है.. मैं रोहन को बुला लेता हूँ.. और बेडरूम में हम तीनों सो जाते हैं। मैं सोने का नाटक करता हूँ और चुपचाप से उनकी चुदाई देख कर मुठ मार लेता हूँ। अब तक वो तो दोनों भी समझ गए होंगे कि मैं बारबार रोहन को बेडरूम में क्यों सुलाता हूँ.. पर कभी खुल कर बात नहीं हुई।
आप को मेरी ये सच्ची दास्तान कैसी लगी अपने विचार मेरे ईमेल पर भेजिएगा।
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