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मैं अन्तर्वासना का पिछले कई साल से फैन हूँ, अन्तर्वासना पर तक़रीबन हर कहानी पढ़ चुका हूँ।
सबसे पहले अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा हार्दिक अभिनन्दन। मैं देव, पंजाब का एक सवा 6 फीट लम्बा 24 साल का हूँ। मेरे लण्ड का साइज़ 6*2 का है। मैं आप सबके साथ अपनी लाइफ के कुछ हसीं लम्हों को शेयर करना चाहता हूँ।
यह कहानी मेरी और मेरी कजिन की सहेली श्रुति की है, कहानी आज से 4 साल पहले की है जब मैं होली के मौके पर अपनी बुआ जी के घर गया था, तब वो और मेरी कजिन दोनों होली की तैयारी कर रही थी। वैसे तो मैं और श्रुति एक दूसरे को पहले से ही जानते थे लेकिन उस दिन उसकी आँखों में एक अलग सी चमक थी, न चाहते हुए भी मैं उसकी तरफ खिंचता चला गया।
श्रुति के बारे में बता दूँ कि वो उस वक़्त 21 की रही होगी। और फिगर तो कमाल था 34-28-34 और उसकी आँखें तो बस कहर बरसा रही थी उस दिन। तैयारी में पूरा दिन बीत जाने के बाद शाम को मैं, मेरी कजिन और श्रुति तीनों मार्किट से सामान लेने चले गए तो मेरी कजिन रास्ते में उतर गई और बोली- तुम दूसरी जगह से सामान खरीद लो और मुझे यहीं से वापसी में ले लेना।
जाने से पहले मेरी कजिन ने मुझे बुला कर बताया कि श्रुति मेरे साथ कुछ वक़्त अकेले गुजारना चाहती है इसलिए वो हम दोनों को अकेले भेज रही है। यह सुन कर मेरे मन में हलचल मच गई। मैं श्रुति के साथ मार्किट सामान लेने चल दिया। रास्ते में श्रुति ने मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा तो मैंने बताया कि मेरी गर्लफ्रेंड नहीं है।
श्रुति- झूठ… इतने अच्छे तो हो, ऐसे कैसे नहीं है?
मैं- तुम्हें जो मैं अपनी बनाना चाहता हूँ इसलिए नहीं है। उस वक़्त मुझे मेरी कजिन की बात याद आ रही थी और मुझे लग रहा था कि मेरे जीवन का सूखापन आज खत्म हो ही जायेगा।
श्रुति- सच्ची? मैं- हाँ। श्रुति- झूठे कहीं के। मैं- तुम्हारी कसम। श्रुति- सच, तुम सच कह रहे हो ना। मैं- हाँ, और अगर तुम्हे ऐतराज़ ना हो तो।
श्रुति ने इस सवाल का जवाब मुझे किस करके दिया। उसके बाद हम दोनों पास ही के एक गार्डन में गए और कुछ वक़्त तक हमने वहाँ मस्ती की। मैं वह उसके होठों को बहुत ही प्यार से चूम रहा था और वो भी मेरे साथ दे रही थी।
उसके बाद हमने एक दूसरे के सेक्स ओर्गंस के साथ खेलना शुरू कर दिया। एक बात तो है कि दिल्ली की लड़कियाँ अगर किसी पे फ़िदा हो जाये तो उसे ज्यादा तड़पाती नहीं हैं। यही मेरे साथ हुआ, वो मेरा पूरा साथ दे रही थी।
इतने में मेरी कजिन का कॉल आ गया कि उसका काम खत्म हो गया है। तो उसने मेरे पूछने पर बताया कि हम दोनों के अकेले मिलने का प्लान मेरी कजिन ने ही बनाया था क्योंकि वो जानती थी कि श्रुति मुझे पसंद करती है। इसके साथ ही हम वापिस घर आ गए।
घर पहुँचने पर मुझे पता चला कि आज श्रुति के घर पे कोई नहीं है, मुझे और मेरी कजिन को श्रुति के घर पर सोना है। लेकिन पता नहीं क्या हुआ कि मेरी कजिन ने जाने से मना कर दिया और कहा कि देव अकेला ही चला जाये। इस पर श्रुति ने भी हाँ कर दी तो मेरी बुआ जी ने मुझे जाने को कहा। बाद में मुझे पता चला कि यह भी श्रुति का ही प्लान था।
उसके बाद मैं श्रुति के घर आ गया। श्रुति ने कहा कि वो कपड़े बदल कर आती है, तब तक मैं टीवी देखने लगा। टीवी में तब मैं गाने सुन रहा था, इतने में ‘आशिक़ बनाया आपने’ गाना चल रहा था।
तभी श्रुति नाईट सूट पहन कर आई उसे नाईटसूट में देख कर मैं पागल हो गया था, उसके चुच्चे बहुत ही सख्त लग रहे थे। ना जाने क्यों ऐसे लग रहा था कि वो मेरे लिए ही बनी है, मैं एकदम से उठ खड़ा हुआ और उसे अपनी बाँहों में भर लिया।
उसके बाद मैं उसके रसीले होठों को चूमने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी। इतने में मेरा लण्ड खड़ा हो गया, मैं उसके होठों को चूसने के साथ साथ उसके कपड़ों के ऊपर से ही उसके बूब्स को सहला रहा था, उसके मुँह से आह आह की आवाजें आ रही थी और साथ ही साथ वो मेरा साथ दे रही थी।
मुझपे जैसे कोई नशा सा हो रहा था तो मैंने उसे पकड़ कर सोफे पे पटक दिया, फिर उसके कान के पीछे चूमना शुरू कर दिया। वो इससे पागल होने लगी। इसके साथ साथ मैं उसके मम्मे दबा रहा था और वो भी मेरे हाथों पे हाथ रख कर मेरा साथ दे रही थी।
फिर मैंने उसके मम्मों पर उसके कपड़ों के ऊपर से ही काट लिया तो वो तड़प उठी और उसके मुँह से आह की एक मादक सी आवाज़ आई। उसकी तड़प देख कर मुझे शरारत सूझी, मैं उसके जिस्म पर अलग अलग जगह काटने लगा कभी होठों पे, कभी गाल पे, कभी गर्दन पे, कभी उसके हाथ पे… वो इस सब से पागल हो रही थी।
फिर मैंने धीरे से उसको होठों को चूसते हुए उसके नाईट सूट के शर्ट के बटन खोल दिए अब वो मेरे सामने काली ब्रा में खड़ी थी। मैं उसके होठों से उसकी गर्दन पे फिर उसके दोनों खूबसूरत मम्मों के बीच बनी घाटी को चाटते हुए उसके मम्मे दबाने लगा। ऐसा करने से वो और भी पागल होने लगी और मेरा मुँह अपने मम्मों पे दबाने लगी और साथ ही साथ वो सिसकारियाँ लेने लगी।
फिर मैं उसके मम्मों को वैसे ही दबाते हुए नीचे उसकी नाभि पे पहुँच गया और उसकी नाभि को चूसने लगा। फिर ऊपर की तरफ आते हुए मैंने उसकी ब्रा के हुक खोल दिए। अब मेरे सामने उसके संतरे की साइज़ के मम्मे थे जिन पर हल्के भूरे रंग के उसके चुचूक थे। मैं पागलों की तरह उसका दायां मम्मा चूसने लगा और दूसरे साइड के मम्मे की चूची को अपने हाथ से रगड़ने लगा।
इस पर वो पागल हो गई, उसकी तड़प देख कर मुझे उसे और तड़पाने का मन हुआ तो मैंने अपना घुटना उसकी चूत पर रख कर रगड़ना शुरू कर दिया। यह उस के लिए बहुत ही अलग अनुभव था।, वो अपने पर काबू नहीं कर पा रही थी। फिर मैंने उसकी लोअर और अंडरवियर एक साथ उतार दी।
उसके बाद का नजारा देख कर मेरे सबर का बाँध टूट पड़ा… बिल्कुल साफ़ और फ्रेश चूत! मुझे क्लीन शेव चूत बहुत पसन्द है। बिना देरी किये मैने अपना मुँह उसकी चूत पे लगा दिया और जोर जोर से चूसने लगा।
वो बस जोर जोर से सिसकारियाँ ले रही थी तो मैं पलट कर उसके ऊपर आ गया और अपना लण्ड उसके मुँह में दे दिया और वो मेरे लण्ड को पागलों की तरह चूस रही थी जैसे खा जाएगी।
करीब 4 या 5 मिनट उसकी चूत चाटने के बाद ही उसका शरीर अकड़ने लगा और इसके साथ ही उसका पानी निकल गया और वो एकदम शांत हो गई। फिर मैंने अपना लण्ड उसके मुँह से निकाल कर उसको चूमा। उसके बाद मैंने उसे थोड़ी देर और चूमा और उसके मम्मे चूसे।
जब वो फिर से गर्म हो गई तो मैंने उसे पलंग पे लिटा दिया और उसकी गर्दन नीचे लटका दी और मैं उसके मुँह को चोदने लगा क्योंकि इतने लम्बे फोरप्ले की वजह से मेरा भी निकलने वाला था।
तो जैसे ही मेरा छूटने वाला हुआ, मैंने उसके मुँह से निकाल कर सारा का सारा माल नीचे ज़मीन पर गिर दिया। उसके बाद हम दोनों फिर से एक दूसरे को चूमने सहलाने लगे।
करीब 10 मिनट के बाद हम दोनों फिर मैदान में थे। अब इसकी चूत को चूसते हुए मैंने उसके क्लाइटोरिस पे भी काट लिया और उसे तब तक गरम किया जब तक कि उसकी चूत में लण्ड लेने के लिए बोल ना दे। जैसे ही वो बहुत ज्यादा गरम हो गई मैंने एक ही बार में अपना 6 इंच का लण्ड उसकी चूत में डाल दिया जिससे उसे थोड़ी सी तकलीफ हुई लेकिन वो सह गई।
उसके बाद मैं उसे उसके ऊपर आ कर चोद रहा था, साथ ही उसके मम्मों को अपने दोनों हाथों से दबा रहा था और बीच बीच में कभी कभी उसके मम्मों को काट भी रहा था। इस सबके दौरान श्रुति सारा वक़्त बस सिसकारियाँ ही भरती रही और उसे चोदते हुए जब भी मैं उसके होठों या मम्मों को मसलता या काट लेता तो वो जोर जोर से आह आह करती।
5 मिनट के बाद मैंने उसकी टांगें अपने कंधों पर रख ली और उसकी चूत में अपना लण्ड ताबड़तोड़ पेलने लगा। अब वो मेरे हर धक्के पर आह उह उम्म्म अआर्र जैसी आवाजें निकाल रही थी और साथ ही साथ कह रही थी- फाड़ दो मेरी चूत को।
करीब दस मिनट की चुदाई के बाद वो जोर से झर गई और उसकी चूत की गर्मी के आगे मेरे लण्ड ने भी अपने पानी का फव्वारा उसकी चूत में छोड़ दिया ताकि उसकी आग को शांत कर सके। इसके साथ ही मैं उसके ऊपर लेट गया और अपनी सांसों को कण्ट्रोल करने लगा और श्रुति मेरे होंठों को चूम रही थी, साथ ही मेरी पीठ पे हाथ से सहला रही थी।
थोड़ी देर बाद जब हम दोनो नार्मल हुए तो उसने मुझे एक जोर का किस करते हुए बताया कि उसे आज बहुत मज़ा आया और साथ ही उसने यह भी बताया कि वो मुझे काफी वक़्त से पसंद करती है और वो मेरी गर्लफ्रेंड बनाना चाहती थी।
उसके बाद हम दोनों उठ कर बाथरूम में साफ़ होने गए और नंगे ही सो गए। उस रात हमने 3 बार चुदाई की जिसमें हर बार अलग अलग स्टाइल हमने इस्तेमाल किये और अगली सुबह हमने होली खेली… कैसी खेली हमने वो होली… और क्या था खास वो अगली बार।
उम्मीद करता हूँ कि आपको मेरी कहानी पसंद आएगी। तो प्लीज अपने विचार मेरे साथ जरूर शेयर करें। [email protected]
लेखक की अगली कहानी: शन्नो की मस्त फ़ुद्दी चुदाई
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