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वह मुझसे बोली- सिड.. मेरे पति मेरी ज़रूरतें पूरी करने लायक नहीं हैं.. मैं पिछले 2 साल से तड़प रही हूँ.. वो इस काबिल नहीं हैं कि मुझे एक मर्द का एहसास दे पायें.. प्लीज़ मेरी मदद करो.. मैं बहुत दिनों से किसी ऐसे को ढूँढ रही हूँ.. जिस पर विश्वास कर सकूँ.. जो मुझे संतुष्ट कर सके.. तुमने अभी तक मुझे सिर्फ अपने हाथों से ही मुझे तीन बार स्खलित कर दिया है.. प्लीज़ मेरी मदद करो..
यह सब सुन मुझे थोड़ा बुरा भी लगा कि इतनी सुन्दर लड़की जिसे काम की देवी कि तरह बनाया गया हो.. उसे ही यह सुख नहीं मिल रहा है। मैंने उससे बोला- मैं यह कैसे कर सकता हूँ.. यह गलत होगा। तो उसने जवाब दिया- गलत हो या सही.. मैंने सोच लिया है.. बस तुम मेरी मदद करो..
इतना कह कर वह उठ कर बैठ गई.. मेरे पास आ गई और मुझ से लिपट गई। उसकी आँखों में आंसू थे.. जिसे मैं नहीं देख सकता था और उसे जो चाहिए था.. वो देने को तैयार हो गया।
मैंने उसका चेहरा ऊपर किया.. उसके आंसू पोंछे और अपने होंठों को उसके होंठों से सटा दिया और जोर-जोर से चूसने लगा। वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.. फिर मैंने उसे गोदी में उठा कर बाथरूम ले गया। वहाँ पहुँचते ही उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू किए और मेरा लण्ड हाथ में ले कर उसे बहुत देर तक निहारती रही। फिर बोली- मैं तुम्हें अपनी सबसे कीमती चीज़ देने जा रही हूँ.. मेरी अभी तक सील भी नहीं टूटी है..
यह सुन मुझको अचम्भा हुआ कि अभी तक यह कुंवारी ही है।
वो इतना कह कर वह मेरा लण्ड आगे-पीछे करने लगी.. जिस कारण मैं काफी उत्तेजित हो गया और मैंने अपने लौड़े को उसे मुँह में डालने को कहा तो उसने बिना विरोध किए लण्ड को अपने मुँह में ले किया और जोर-जोर से चूसने लगी। दस मिनट तक चूसने के बाद मेरा वीर्य निकलने को आया.. लेकिन मैं इतना ज्यादा उत्तेजित था कि उसे बताने से पहले ही उसके मुँह में ही सारा वीर्य निकाल दिया और उसने बिना कुछ कह उसे पी लिया।
यह देख मुझे भी अच्छा लगा.. क्योंकि ज़्यादातर लड़कियाँ पहली बार में ऐसा नहीं करती हैं। फिर मैंने उसे नहलाया और उसने मुझे नहलाया.. फिर हम कमरे में आ गए।
अब तक मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो चुका था.. तो मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसके ऊपर आ गया। मैं उसका एक स्तन मुँह में ले कर जोर-जोर से पीने लगा। उत्तेजना में उसकी आँखें बंद हो गईं और मैंने एक हाथ उसकी पीठ के नीचे लगाया और उसको थोड़ा ऊपर को उठाया ताकि स्तन और ज्यादा ऊपर हो जाएं।
ऐसा करने से उसे भी अच्छा लगा। फिर उसने मेरा दूसरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर रख दिया और मैंने उसकी चूत को हल्के-हल्के रगड़ना शुरू किया। करीब दस मिनट के बाद उसने मुझसे कहा- अब रहा नहीं जाता सिड.. प्लीज़ अपना लौड़ा अन्दर डाल दो.. मेरी चूत की प्यास बुझा दो.. मैं उसके ऊपर से उठा और उसकी चूत के पास आया और उसे चाटने लगा ताकि वह पूरी गीली हो जाए और फिर मैंने उसके मुँह के पास जाकर अपने लण्ड को गीला करने को कहा.. तो उसने बड़े प्यार से उसे ऊपर से नीचे तक चूस कर गीला किया।
अब मैंने उसे बिस्तर के किनारे को लिटाया और उसके दोनों पैर खोल कर और अपना लण्ड चूत के मुँह पर सैट किया और एक हल्का सा धक्का दिया जिससे वह एकदम से बहुत जोर से चिल्लाई.. तो मैं रुक गया। फिर मैंने उसके हाथों को अपने हाथों में अच्छी तरह से पकड़ा.. उसकी उँगलियों को अपनी उँगलियों में जकड़ा और उसके एक स्तन को चूसने लगा।
थोड़ी देर बाद जब वो फिर ज्यादा उत्तेजित हो गई.. तो मैंने एक जोरदार धक्का दिया.. जिससे लण्ड के आगे का भाग पूरा उसकी चूत में सैट हो गया। वो मानो जैसे इसके लिए तैयार थी.. क्योंकि उसने अपने होंठों को कस कर बंद कर दर्द को सहन करने की कोशिश की.. पर उसकी आँखों से आंसू बन कर वो दर्द बाहर आ गया और खून का एक छोटा सी लकीर उसकी चूत से निकल पड़ी।
मैं थोड़ी देर रुका और उसके चेहरे में.. गले में.. चुम्बन करने लगा.. जिससे उसे कुछ अच्छा लगा और उसने मुझे आगे बढ़ने को बोला। मैंने धीरे-धीरे चूत पर लण्ड का दबाव बढ़ाना शुरू किया और एक और धक्का दिया.. जिससे पूरा लण्ड चूत के अन्दर चला गया। इस बार उसकी हल्की सी चीख निक़ल गई। अब मैंने धीरे-धीरे लण्ड को आगे-पीछे करना शुरू किया।
वह भी अपनी पहली सुहागरात का आनन्द लेने लगी- आह्ह..ह्ह्ह.. ओह्ह..यस.. यस.. फक्क मी सिड.. आह्ह.. आह्ह.. फक्क मी हार्डर.. वो कामातुर हो कर बोलने लगी.. फिर मैंने धीरे-धीरे अपनी रफ़्तार तेज की.. करीब 25 मिनट तक उसे चोदता रहा। तब वह आँखें बंद किए हुए ही बोलने लगी- सिड आई एम कमिंग.. कम ऑन डू फास्ट.. यह सुन मैंने भी और रफ़्तार से उसे चोदना शुरू किया और उसने मुझे जोर से पकड़ लिया और “आह्ह.. आआह्ह्ह..” करते हुए स्खलित हो गई।
मेरा भी होने वाला था.. तो मैंने उससे पूछा- जान.. कहाँ पर निकालूँ.. मेरा होने वाला है? तो उसने कहा- अन्दर ही डाल दो। फिर 2-4 झटके मारने के बाद मैंने वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया। झड़ने के बाद मैं लण्ड बाहर निकाला और उसके बाजू में लेट गया।
वो मेरे पास आई और मेरे सीने पर अपना सिर रख कर लेट गई और उसने मुझे बताया- तुम जब मेरी मसाज कर रहे थे.. तब मैं 3 बार झड़ चुकी थी।
फिर उसने मुझे आज रात उसके साथ रुकने को बोला.. जिसे मैंने मान लिया और मैंने पूरी रात में 4 बार और चोदा। जिसमें उसे सबसे ज्यादा मज़ा तब आया जब मैंने उसे गोदी में उठा कर सम्भोग किया। सुबह 4 बजे हमारी सुहागरात खत्म हुई और हम दोनों एक-दूसरे से लिपट कर ही सो गए। सुबह दस बजे मैंने उससे विदा ली.. उसने जाते वक्त मुझे पैसे देने चाहे.. पर मैंने मना कर दिया और बोला- पैसा ही सब कुछ नहीं है.. उससे ऊपर भी बहुत कुछ है। मैं वापस आ गया.. जाते-जाते उसने मुझे प्रॉमिस लिया कि वह जब भी बुलाएगी.. मुझे आना पड़ेगा.. जिसे मैंने मान लिया।
यह मेरी जिन्दगी की सबसे पहली किसी कुँवारी औरत की चुदाई करने का वाकिया था.. आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी प्लीज़ मुझे ईमेल करें.. ताकि मैं अगली कहानी कुछ ज्यादा अच्छे से बयान कर सकूँ।
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