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तभी जॉन्सन अंकल बोले- ओह माय गॉड क्या माल है निकी.. ये टूट गई इसकी सील.. आज तक मैंने इतनी मस्त चूत नहीं चोदी.. आह्ह निकी.. जैसी इतनी टाइट.. इतनी कसी चूत कभी नहीं चोदी.. ये तो मेरी जीवन बना गई है.. इस उम्र में मुझे इतना मस्त माल मिलेगा.. थैंक गॉड…
फिर मुझे थोड़ा सी राहत सी मिली.. क्यूँ कि जॉन्सन अंकल कुछ देर के लिए वहीं पर रुक गए थे।
मुझे थोड़ा राहत सी मिली.. तो मैंने सिसकते हुए पूछा- आह्ह… क्या हुआ.. सच में मेरी चूत फाड़ दी क्या.. अब क्या होगा.. डॉक्टर के पास तो नहीं जाना पड़ेगा.. मेरे पापा-मम्मी तो मुझे मार ही डालेंगे.. अगर उन्हें मेरी चूत फटने का पता चला तो.. अब मेरा क्या होगा.. हाय मम्मी…
अब जैसे ही मुझे होश आया.. तभी मुझको सब लगा कि ये सब क्या करवा डाला मैंने…
मैंने रोते हुए कहा- मुझसे बहुत बड़ी ग़लती हो गई.. अब मेरा क्या होगा?
तभी जॉन्सन अंकल बोले- पागल मत बन निकी.. देख अभी तुझे जन्नत का मज़ा यहीं मिलने वाला है.. और ये तो हर लड़की के साथ कभी ना कभी होता ही है.. ये सील लण्ड से ही टूटती है.. पर अगर बड़े लण्ड से टूटे तो मज़ा हमेशा ज़्यादा आता है और निकी फिर कभी दर्द भी नहीं होता है…
अब वे दो मिनट रुके रहे और फिर वो जितना लौड़ा अन्दर घुसा हुआ था उसे ही धीरे-धीरे ऊपर-नीचे.. अन्दर-बाहर करने लगे…
जब उनका लण्ड हिला तो फिर दर्द हुआ तो मैंने कहा- प्लीज़ अंकल अब मत करिए…
अंकल नहीं माने और अपना मूसल मेरी चूत में अन्दर-बाहर करने लगे, बस मैं भी अन्दर-बाहर होते हुए लण्ड को झेलती रही.. उधर दूसरे अंकल मेरे मम्मों की घिसाई करने में लगे थे।
जाने इन 5 मिनटों में ऐसा क्या हुआ कि मैं अपने सारे होश भूल कर मजा लेने लगी.. मुझे अब तक कभी भी इतना नशा और मज़ा नहीं मिला था।
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अब मैं अपने हथेली से दूसरे अंकल की पीठ पर अपने नाखूनों को बिल्कुल जानवरों की तरह चलाने लगी। जॉन्सन अंकल के निरंतर लगते झटकों से मैं तो पगला गई थी.. मुझे लगा कि अब जॉन्सन अंकल मेरी चूत को पूरा फाड़ दें।
मेरे मुँह से निकल रहा था- सी.. सी.. आअहह उंह.. ओह और चोदो.. कम ऑन अंकल.. यू आर सो स्वीट.. और पेलो…
तभी अंकल बोले- निकी डार्लिंग अभी पूरा लौड़ा अन्दर नहीं घुसा है.. एक बार और दर्द होगा.. बोल निकी.. अब पूरा लण्ड घुसा दूँ तेरी छूट में. रोएगी तो नहीं निकी बोल..?
मैंने सिसयाते हुए कहा- नहीं रोऊँगी.. चोदो मुझे डार्लिंग अंकल.. अब तुम आज से मेरे ब्वॉय-फ्रेण्ड हो.. तुम्हारा बहुत मस्त लण्ड है जान.. कम ऑन.. घुसेड़ो पूरा.. पूरा डालो.. अपनी गर्ल-फ्रेंड की चूत में…
अंकल बोले- ओके निकी डार्लिंग.. तू मुझसे शादी करेगी.. रोज ऐसे ही चोदूँगा…
मैंने कहा- हाँ तू मेरा पति है आज से.. चल चोद अब.. मैं तेरी बीवी हूँ.. ओह्ह.. अहह.. आई लव यू माय डार्लिंग… मैंने पहली बार जॉन्सन अंकल को ‘आई लव यू’ कह ही दिया… मैं एक इतनी सी चुदाई से ही उसके लौड़े के जादू में आ गई थी।
मैंने कहा- ओह्ह.. फक मी हार्ड.. जानू आई लव यू.. लव यू सो मच.. अब घुसाओ…
और.. तभी उन्होंने ज़ोर से मेरी चूत में अपना मूसल लण्ड फिर से झटके से घुसा दिया।
मैं चीख उठी.. एक बार फिर ‘आअहह.. मर गई..’
तो बोले- बस थोड़ा सा और निकी.. थोड़ा सा और सह ले बस.. पूरा घुस जाएगा।
मैंने दर्द में ही बोला- ओके अंकल.. मगर एक बार में ही घुसा दो.. फिर जो होगा हो जाए…
तभी उन्होंने अपना लौड़ा थोड़ा सा बाहर खींच कर बोले- तो ले अब निकी डार्लिंग.. एक बार में ही.. अपनी चूत सम्हालना।
मैंने कहा- घुसाओ तो अंकल.. घुसा दो..
और अंकल ने पूरी ताक़त से अन्दर जो झटका मारा.. मेरी आँखें बाहर को निकल आईं.. मैं फिर से बुक्का फाड़ कर चिल्ला उठी- ओह मम्मी.. मर गई रे.. अब तो आह.. अहह.. बहुत दर्द हो रहा है अंकल.. जल्दी कुछ करो.. ओह उईईइ…
तभी जॉन्सन अंकल ने कहा- आह्ह.. अब पूरा लण्ड मेरा घुस गया निकी… ओह्ह.. माय गॉड.. तेरी क्या मस्त चूत है.. आह्ह.. निक्की आज बहुत मज़ा आया.. तू मस्त माल है माय डार्लिंग.. अब मुझे अंकल मत बोलना.. रानी.. मैं तेरे से शादी करूँगा… तू मुझे बहुत पसंद आई है.. ओह्ह.. आह…
अब वो पूरे जोश में अपने लौड़े को मेरी बुर में अन्दर-बाहर करते हुए डालने लगे। कुछ ही धक्कों में मेरा सारा दर्द गायब हो गया… और मैं फिर तो जैसे जन्नत में नाच रही थी….
तब जॉन्सन अंकल बोले- निकी आज तू मस्त माल बन गई है आज तू अब लड़की से पूरी औरत हो गई है.. तुझे रोज चुदवाने का मन करेगा…
मैं बोली- डार्लिंग अभी तो जम कर चोदो.. अब तो मैं तुम्हारी हो गई हूँ। अब अपनी निकी को रोज ऐसे ही चोदना.. बल्कि दिन-रात अपना लण्ड डाले ही लेटे रहना.. अहह।
अंकल बोले- चल छिनाल अब ज़ोर-ज़ोर से चुदवा.. रंडी साली निकी…
मैंने कहा- हाँ मेरे शेरू कुत्ते.. चोद जितना चोद सकता है…
इतने में मेरा जोश देख कर दादाजी बोले- अब मैं गाण्ड की सील तोड़ने वाला हूँ.. अभी तू एक बार और रोएगी निकी…
मैंने कहा- दादा जी.. अब नहीं रोऊँगी.. अपना लण्ड घुसा दो मेरी गाण्ड में भी.. फाड़ दो.. उसमें भी जितना दम हो लगा लो….
दादा जी ने कहा- ठीक है तो फिर ले…
फिर उन्होंने ज़ोर से ताक़त लगाई तो अपना लौड़ा मेरी छोटी सी गाण्ड में घुसा दिया…
‘अहह उईईई ईईईईईई.. ओह.. उंह..मर गई..साले..बुड्डे..छोड़ दे..कमीन..आह्ह..’
मेरी गाण्ड फट गई थी.. बेइंतेहा दर्द तो हो ही रहा था.. पर दोनों छेदों में लौड़े होने से मैं खुद को पिंजड़े में फंसा सा महसूस कर रही थी।
दादाजी बोले- क्या हुआ निकी डार्लिंग?
मैंने रोते हुए कहा- घुस गया क्या.. दादा जी?
वो बोले- अभी तो आधा ही घुसा है।
मैं बोली- रहने दो.. अब बहुत दर्द हो रहा है…
बोले- अभी पूरा अन्दर तो जाने दे निकी.. चूत से ज्यादा मज़ा आएगा…
मैं बोली- अच्छा.. तो घुसाओ दादा जी.. पर एक ही बार में घुसेड़ देना.. जितना भी दर्द हो.. बस एक में ही पूरा.. एक बार चाहे फाड़ भी दो.. पर एक बार में ही दादाजी.. मुझे किस्तों में दर्द मत देना।
वे बोले- ओके निकी.. तो ले..
उन्होंने लण्ड को थोड़ा मेरी गाण्ड से बाहर को खींचा.. और मेरे दोनों कूल्हों को पकड़ा…
फिर मुझसे बोले- थोड़ा सा निकी गाण्ड को उठाना…
मैंने उठा दिया.. बोले- ले अब घुसा रहा हूँ…
उन्होंने अपनी पूरी ताक़त से अपना लौड़ा मेरी गाण्ड में जो डाला.. बापरे मुझे ऐसा लगा कि मेरी जान ही चली गई।
उधर दादा जी की लण्ड अन्दर ठूंसने समय ‘ले साली..’ की जोरदार आवाज़ आई.. इधर मुझे तेज बहुत दर्द हुआ मेरी आँखें भर आईं.. मेरी बहुत तेज चीख भी निकल गई- ऊऊऊऊऊउ… ओ..ह.. उंह.. आऊच.. ओह.. मार दिया रे.. मार डाला रे.. हरामी साले.. बहुत दर्द हो रहा है.. उई मम्मी रे.. ओह घुसेड़ दिया.. मेरी गाण्ड फट गई क्या.. सच बोल साले.. बहुत दर्द हो रहा है.. खून तो नहीं आया बताओ.. मुझे…
दादा जी बोले- गाण्ड की सील तो टूटी नहीं.. सच बता अब किससे गाण्ड मरवाई थी निकी.. बोल चूत तो तेरी कुँवारी थी पर गाण्ड नहीं.. हमसे झूठ बोला था ना….
मुझे समझ में आ गया कि बहुत हरामी लोग हैं.. इन्हें कैसे पता चला होगा… मैंने सोचा- अब इनसे क्या झूठ बोलना.. मैंने कहा- हाँ सच है.. मुझे घर में एक सर अकाउंट की टियूशन पढ़ाने आते थे.. वो मुझे पीछे से चोदते थे…
दादा जी बोले- आगे तो तू कुँवारी रह गई.. टियूशन पढ़ाने वाला सर से आगे क्यूँ नहीं डलवाया?
मैंने कहा- मुझे नहीं पता.. वो आगे मेरी चूत चूसा करते थे.. बस.. मेरा भी बहुत मन हो जाता था.. आगे घुसवाने का.. पर वो हमेशा कॉन्डोम न होने का बहाना करके पीछे से अपना लौड़ा घुसड़ते थे.. मेरी गाण्ड के छेद में.. वहीं मुझे हमेशा चोदते थे…
‘और किसी से लण्ड नहीं घुसवाया है?’
निकी- मैंने कहा नहीं.. बस सर ही थे…
‘उसने कितनी बार तेरी गाण्ड को चोदा होगा.. तेरी गाण्ड को मारा होगा..?’
मैंने कहा- कई बार.. जब भी घर में मम्मी-पापा ना हों या कहीं अकेले मिल जाऊँ.. तो वो मेरी गाण्ड में पीछे डाल के चोदने लगते थे…
‘फिर भी कितनी बार..?’
मैंने कहा- करीब 25 बार से ज्यादा पेला होगा…
मेरा आपसे निवेदन है कि मेरी कहानी के विषय में जो भी आपके सुविचार हों सिर्फ उन्हीं को लिखिएगा।
मेरी सील टूटने की कहानी जारी है।
तीन बुड्डों ने मेरी चूत की सील तोड़ी-11
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