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यह कहानी मेरे एक पड़ोसन ज़रीना की है। ज़रीना के शौहर का नाम शौकत है। शौकत से एक बार कहासुनी होने के बाद मेरी उसके साथ बोल चाल बन्द हो गई थी लेकिन मैंने ज़रीना को उसके निकाह के कोई एक डेढ़ साल बाद ही पटा लिया था। मैं अब ज़रीना को खूब चोदता हूँ। ज़रीना मेरे साथ खुल कर अपनी सारी बातें करती है। तो इस घटना के बारे में उसी ने एक दिन मुझे बताया था। लीजिये आप भी मज़ा लीजिये ज़रीना की ही जुबान में !
मेरा नाम ज़रीना है। अब मुझे threesome में दो मर्दों एक साथ चुदवाना बहुत अच्छा लगता है। मेरे पति शौकत अली को भी मुझे किसी और से चुदवाते हुए देखना बहुत पसंद है। आज मैं आपको अपने पहले threesome की बात बता रही हूँ।
हमारे निकाह को दो साल हुए होंगे, मैं रोज शौकत से कहती कि चुदाई में मज़े के लिए कुछ नया करो। तो शौकत ने मुझे बताया कि उनके साथ इंजीनियरिंग कॉलेज में समीर उनका एक पक्का दोस्त था। शौकत ने मुझे समीर के बारे में सब कुछ बताया।
वहाँ शौकत और समीर एक साथ हॉस्टल में एक ही कमरे में चार साल तक साथ साथ रहे थे। दोनों की रैंगिंग भी साथ साथ ही हुई थी, जब सीनियर्स ने दोनों को बिल्कुल नंगा करके रात को कैम्पस में घुमाया था.. उसके बाद तो दोनों की शरम मानो पूरी तरह से खुल गई थी, दोनों अक्सर कमरे में नंगे ही रहते थे।
शौकत ने बताया कि दोनों साथ-साथ सेक्सी किताबें देख-देख कर एक-दूसरे के सामने मुठ भी मारते थे।
शौकत ने मुझे समीर के लंड के बारे में भी बताया।
शौकत के अनुसार समीर का लंड घोड़े जैसा था.. खड़ा हो कर करीब 10 इंच लंबा और करीब 3″ मोटा और लटकी हुई स्थिति में करीब 7″ लंबा और 2″ मोटा है।
शौकत ने बताया कि एक बार हॉस्टल में लंड प्रदर्शन की प्रतियोगिता हुई थी.. जिसमे समीर (सैम) फर्स्ट आया था लेकिन कॉलेज से निकलने के बाद शौकत (शौकत) का संपर्क एक-दो साल बाद ही सैम से टूट गया और अब शौकत को यह मालूम नहीं था कि सैम अब कहाँ है।
शौकत ने एक दिन मुझे चोदते हुए कहा- अगर सैम मिल जाए तो उसके लंड से तुम्हें चुदवाऊंगा.. तुम्हारी शिकायत भी दूर हो जाएगी और मज़ा भी बहुत आएगा।
मैं मन ही मन अब सैम के लंड को लेकर अपनी चूत की चुदाई की कामुक कल्पना करती रहती थी।
तभी शौकत को मुंबई में एक इंजीनियरिंग के एक व्यापार मेला में दो-तीन दिन के लिए ऑफीशियल तौर पर जाना पड़ा.. उधर से लौट कर आने के बाद शौकत बहुत उत्तेजित थे। उस दिन उनका लंड भी चुदाई की उत्तेजना से फनफना रहा था।
मेरे पूछने पर शौकत ने बताया- मुंबई में अचानक मेरी मुलाकात सैम से हो गई है। करीब 20 साल बाद हम दोनों दोस्त मिले थे.. खूब बातें हुई। सैम मुंबई में एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में सर्विस करता है।
शौकत से मुझे मालूम हुआ कि उनकी पत्नी की दो साल पहले एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। उनका एक बेटा था जो अमेरिका में रह कर एमबीए कर रहा था और वो अकेले मुंबई में रहते हैं। इन्हीं बातों-बातों में सैम ने शौकत को बताया था कि वो कंपनी के काम से अक्सर दिल्ली आते रहते हैं।
वहाँ मुंबई में दोनों दोस्तों ने अपने हॉस्टल के दिन खूब याद किए और शौकत ने मुझे अपना लंड हिला-हिला कर मुझे बताया कि होटल के कमरे में दोनों ने एकदम नंगे हो कर एक-दूसरे के लंड की मुठ भी मारी।
शौकत ने मुझे बताया कि उसने सैम से कहा है कि जब भी वो दिल्ली आए तो होटल में नहीं रुके.. हमारे घर पर ही रुके।
शौकत ने सैम को यह नहीं बताया कि यहाँ सैम की भाभी ज़रीना यानि मैं.. कितनी गर्म औरत और चुदक्कड़ माल हूँ।
सैम ने कहा- मैं तो अगले हफ्ते ही तीन दिन के लिए दिल्ली आ रहा हूँ।
शौकत ने सैम को हमारे घर पर ही रुकने का निमंत्रण दे दिया.. जो सैम ने स्वीकार कर लिया।
अब शौकत और मैं बहुत ही खुश थे। शौकत ने सैम के लंड का पूरा विवरण दे कर मेरे बदन में आग सी लगा दी.. लेकिन मैं शर्मा भी रही थी।
मैं सैम से पहले कभी नहीं मिली थी.. एकदम से मिलते ही मैं कैसे उनके सामने नंगी होकर चुदवाऊँगी.. यह सोच-सोच कर मुझे बहुत शरम आ रही थी।
अगले हफ्ते एक रात को सैम का फोन आया कि वो अगली सुबह की फ्लाइट से दिल्ली आ रहे हैं और एयरपोर्ट से लगेज के साथ सीधे अपने दिल्ली ऑफिस निकल जाएँगे।
शौकत ने फोन पर कहा कि शाम को ऑफिस के बाद वो उनको पिक कर लेगा और घर ले आएगा।
मैंने उस दिन रात के खाने में कई किस्म के स्वादिस्ट व्यंजन तैयार कर लिए। मैं सारे दिन दस इंच के लंड की याद में कामवासना से उत्तेजित रही और यह सोच-सोच कर मेरी चूत गीली होती रही कि रात को कैसे दोनों मिल कर मुझे चोदेंगे।
मुझे शरम भी बहुत आ रही थी.. पर बड़ा लंड खाने की चाह से ये ख़याल मेरे मन से नहीं निकल रहे थे।
दिन में एक बार मैंने शौकत के मोबाइल पर फोन करके पूछा- सैम आ गए हैं क्या?
शौकत ने फोन पर ही हँस कर कहा- लगता है.. तुम तो सैम से मज़े लेने के लिए बहुत बेकरार हो..
मैंने शर्मा कर फोन रख दिया और शाम का इंतज़ार करने लगी।
शाम को करीब 7 बजे जैसे ही शौकत की कार का हॉर्न सुनाई दिया.. मैंने लपक कर दरवाजा खोला।
शौकत एक 5′ 9″ लंबे 40 साल के एक गोरे और आकर्षक आदमी के साथ अन्दर आए। उन्होंने मुझे उनसे परिचित कराया.. वो सैम ही थे।
कार से लगेज उतार कर हमारे शयनकक्ष के बगल वाले कमरे में उनका सामान रख दिया.. जहाँ उनके सोने के लिए इंतज़ाम किया था।
सैम से शौकत ने कहा- सैम यह तुम्हारी भाभी है ज़रीना.. तुम जरा भी संकोच नहीं करना.. जिस चीज़ की भी ज़रूरत हो बेहिचक माँग लेना।
फिर दोनों फ्रेश हो कर बनियान लुँगी में ड्रॉइंग रूम में बैठ गए और टीवी देखते हुए व्हिस्की के पैग लगाने लगे और इधर-उधर की बातें करने लगे। मैं भी एक प्लेट मैं पापड़ और पकोड़े रसोई से लाकर वहीं बैठ गई।
बातों-बातों में मैंने उनके परिवार के बारे में पूछा तो सैम उदास हो कर बोले- क्या बताऊँ भाभी.. अब तो जिन्दगी खींच रहे हैं.. जब से मेरी पत्नी सुधा गई है जिन्दगी का तो रस ही ख़त्म हो गया है।
इस पर शौकत ने कहा- यार सैम.. चियर-अप.. भूल जाओ सब.. जिंदगी एंजाय करना सीखो…
थोड़ी देर बाद शौकत ने वीसीडी प्लेयर पर एक ब्लू-फिल्म लगा दी.. उस फिल्म के शुरू होने पर मैं शरम की वजह से उठ कर अपने कमरे में आकर बैठ गई।
तभी शौकत की आवाज़ आई- ज़रीना, खाना डाइनिंग टेबल पर लगा दो..
मैंने उठ कर खाना डाइनिंग टेबल पर लगा दिया और वहीं से कनखियों से देखा कि फिल्म अभी भी चल रही थी। सैम की लुँगी टेंट की तरह ऊपर उठी हुई थी और शौकत कह रहे थे।
‘यार सैम.. लगता है तेरा तो तन गया है.. पहले खाना खा ले… फिर इसको तान कर खड़ा करना..’
दोनों उठे और डाइनिंग टेबल पर आ गए.. सैम तो शर्मा रहे थे क्योंकि उनका तना हुआ लंड उनकी लुँगी में छुपाए भी नहीं छुप रहा था और लुँगी करीब 8-9 इंच आगे तंबू की तरह उठी हुई थी।
यह देख कर मेरी चूत तो बिल्कुल गीली हो गई.. पर मैंने ऐसे शो किया जैसे मैं इस सबसे बेख़बर हूँ और मैंने कुछ नहीं देखा है। शायद शौकत ने सैम से मेरी चुदाई के प्लान के बारे में अभी तक कुछ भी नहीं बताया था।
रात के करीब 11 बजे.. खाना खा कर दोनों सैम के कमरे में चले गए और मैं ड्रॉइंग रूम की लाइट बन्द करके अपने कमरे में शौकत का इंतज़ार करने लगी।
करीब आधा घंटे बाद शौकत कमरे में आए.. वो बिल्कुल नंगे थे और उनका 6″ का लंड पूरा तना हुआ था.. शायद उन्होंने और सैम ने एक-दूसरे के लंड सहलाए होंगे और कुछ मस्ती की होगी।
कमरे में आते ही शौकत ने कमरे की लाइट बंद की और मुझ से चिपट गए। शौकत ने मेरे सारे कपड़े उतार कर मुझे बिल्कुल नंगा कर दिया और मेरी चूत में अपनी ऊँगली पेल दी।
मेरी चूत का तो पहले से ही बुरा हाल था और शौकत की ऊँगली अन्दर जाते ही मेरी चूत चिपचिपा कर बहने लगी।
शौकत बोले- ज़रीना, तेरी चूत का हाल तो बहुत खराब है.. बोल लंबे लंड से चुदवाएगी?
मेरा शरम से बुरा हाल था.. पर मन ही मन मैं सैम के लंड का मज़ा भी लेना चाहती थी।
मैंने कहा- नहीं.. नहीं.. तुम ही मुझे चोद दो.. मुझे शरम लगती है.. सैम क्या कहेंगे..
शौकत ने कहा- मैंने उसे कुछ भी नहीं बताया है.. चल मेरे साथ.. दोनों मिल कर उसके लंड पर हमला बोल देते हैं।
मैंने थोड़ा हिचकिचाते हुए कहा- ठीक है.. लेकिन सारी बत्तियाँ बन्द ही रखना.. रोशनी बिल्कुल ना हो.. मुझे बहुत शरम आ रही है।
शौकत ने हँस कर कहा- अरे.. शरम की क्या बात है.. मैं हूँ ना तेरे साथ.. पूरे मज़े ले.. मस्त हो कर.. शर्मा नहीं.. अंधेरे में तू सैम का नंगा लंड कैसे देखेगी?
मैंने कहा- नहीं.. रोशनी बिल्कुल नहीं..
शौकत ने कहा- ओके मेरी जान.. अंधेरे में ही मज़ा ले लो.. बत्तियां बन्द ही रखूँगा।
यह कहते हुए शौकत मेरा हाथ पकड़ कर मुझे सैम के कमरे में ले आए और बिस्तर पर जगह बनाने के लिए सैम को हिलाया और मुझे अपने और सैम के बीच में लिटा कर खुद भी लेट गए। मेरा नंगा बदन सैम से छू गया और सैम एकदम से चौंक गए।
कहानी जारी रहेगी।
मेरी अकेली चूत और दो लौड़े-2
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