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Pahle Pyar ki Nashili Chudai-3
पहले प्यार की नशीली चुदाई-1
पहले प्यार की नशीली चुदाई-2
हाय दोस्तो, मैं सेमोन कोलकाता से.. आशा करता हूँ आप सभी स्वस्थ होंगे।
धन्यवाद.. आपके मेल्स मिले और आपने मुझे उत्साहित किया।
तो मित्रो, हमारी प्यार की रेलगाड़ी चल पड़ी थी.. और हम मौज के सफ़र के लिए हर पल तैयार रहने लगे।
पर जल्दी मौका ही नहीं मिला.. बस फ़ोन पर ही बातें होंती थीं.. पर बातों से सुकून नहीं मिलता था।
एक दिन मैंने उससे कहा- कुछ करो यार..
तो वो सोच कर बोली- तुम्हारे छत वाला कमरा कैसा रहेगा?
मैंने कहा- ठीक रहेगा.. बस समय और परिस्थिति देखनी होगी।
आखिर एक शाम हम पढ़ने के बहाने से ऊपर छत वाले कमरे में चले गए। पहले छत पड़ती है.. फिर कमरा..
मैंने छत और कमरे.. दोनों के दरवाजों को अच्छे से बन्द किया और हम लोग कमरे में आ गए।
उस दिन पायल ने कुर्ती और लेग्गिंस पहनी हुई थी.. उसके खुले बाल.. हल्के मेकअप में बहुत अच्छी लग रही थी। यू गले की कुर्ती थी.. उसकी गहरी क्लीवेज दिख रही थी।
मैंने तो कमरा बंद करते ही उसे बाँहों में ले लिया था.. और उसे चूमने लगा।
वो हँसते हुए बोली- अ..अरे शोना.. आमि पालाबो ना (शोना मैं नहीं भागूँगी.. आराम से..)
पर मैं तो खो गया था.. मैंने कहा- ये सपना है क्या?
पायल बोली- शोना.. ये सपना नहीं है.. हकीक़त है.. आ जाओ जान..
फिर मैंने उसे चूमते हुए अपनी गोद में उठा लिया और अपने बिस्तर की तरफ बढ़ा।
उसके बैग को नीचे गिरा दिया और हम गहरा चुम्बन करने लगे।
काफी देर तक चुम्बन करते रहे.. फिर धीरे से उसकी आँखों में देखते हुए उसको बिस्तर पर बैठा दिया।
इसी बीच पायल को शरारत सूझी, उसने मुझे खींच कर अपने ऊपर गिरा लिया और बहुत फुर्ती से पलट कर मेरे ऊपर चढ़ गई और एक मदहोश अंगड़ाई लेते हुए मुझे देखने लगी।
उसकी इस अदा से उसके उठे हुए स्तन मुझे लालायित कर रहे थे.. मैंने उसके स्तनों के तरफ अपना हाथ बढ़ाया.. तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और अपने बालों को झटके देकर मुझे बेतहाशा चूमने लगी।
एक तो उसका चूमना और उस पर से उसके बालों का मेरी नाक पर स्पर्श होना.. मेरी सांस अटक रही थी।
पायल जिस तरीके से मुझ पर सवार थी और हाथों को पकड़े हुए थी.. मैं बेबस सा था।
किसी तरह मैंने खुद को छुड़ाया.. मैंने कहा- क्या हो गया तुम्हें.. जान..?
वो बोली- आजके टोके खेये फेल्बो (आज तुम्हें खा जाऊँगा)
उसकी आँखें लाल हो गई थीं और वो अपनी कमर को हिला-हिला कर मेरे लंड पर अपनी चूत का दबाव बना रही थी।
दोस्तों.. आपको एक सलाह है.. जब लौंडिया बहुत गरम हो.. तो उसे लौड़े पर ना बिठाएं.. वरना वो आपके लौड़े लगा देगी।
मैंने पायल को अपनी ओर खींच कर चूमते हुए उसके रसगुल्ले दबाने लगा। फिर उसे बिस्तर नीचे पर गिरा दिया और उसे चूमते हुए उसकी कुर्ती के अन्दर हाथ डाल दिया।
उसकी ड्रेस चुस्त होने के वजह से मेरा हाथ अटक रहा था.. फिर मैंने उसकी कुर्ती के पीछे की चैन खोली और अन्दर से ही उसकी ब्रा निकालने की कोशिश करने लगा।
किसी तरह मैंने उसकी ब्रा निकाल दी। वो मेरे पैन्ट के ऊपर से मेरा लौड़ा सहला रही थी।
मैंने धीरे से उसकी कुर्ती भी निकाल दी। उसके दोनों चाँद आज़ाद हो गए.. एकदम गोल-मटोल.. और बीचों बीच किशमिश के दाने जैसे निप्प्ल.. उफ्फ्फ..
मुझे इस तरह घूरता देख कर पायल ने शर्म से अपने स्तनों को छुपा लिया।
शर्माते हुए पायल ने अपने स्तन छुपाते हुए कहा- देखचिस तुई (क्या देख रहे हो तुम)?
मैंने कहा- रसमलाई के ऊपर किशमिश देख रहा हूँ।
उसने कहा- धत्त.. तुई न ओनेक बदमाश आचिस (तुम बड़े बदमाश हो)
मैंने कहा- अच्छा..
और अचानक से मैंने उसे अपनी ओर खींच लिया.. अब हम एक-दूसरे की आँखों में खो गए.. कब हमारे होंठ एक-दूसरे से जुड़ गए.. पता नहीं चला।
अब मेरे हाथ उसके स्तनों पर अपना दबाब बना रहे थे।
फिर मैंने उसके गालों को चुम्बन करते हुए उसके कन्धों तक आया और फिर उसकी मदमस्त चूचियों को चूसने लगा। पायल की सिसकारियां बढ़ती जा रही थीं।
वो अपने हाथों से मेरा सर दबा रही थी.. उसके दूध पीते हुए मैं नाभि तक आया और अपने दांतों से उसकी लैगीज और पैंटी को एक साथ खींचने लगा।
वो बिलकुल शांत पड़ी थी.. जैसे ही मैं उसके ऊपर आया.. उसने अचानक मुझे बिस्तर पर गिरा दिया और बहुत ही कामातुर होकर चूमने लगी। फिर उसने मेरे पैन्ट और अंडरवियर को बहुत ही फुर्ती से निकाल फेंका।
मैं तो अचंभित सा सब देख रहा था.. उसकी आँखें बता रही थीं कि वो दिखने में हिरनी जैसी है.. पर है शेरनी.. जो अपने शिकार को नहीं छोड़ती है।
अब उसने मेरे लंड को मसलना शुरू कर दिया और झुक कर मेरी छाती की घुंडियों को चूसने लगी.. उसके इस प्रहार से मैं तो बौखला गया और उससे छूटने की कोशिश करने लगा.. पर पायल ने अपना पूरा वजन मुझ पर लाद दिया था।
मैंने उसके निप्पल को जोर से मसल दिया.. तो दर्द से वो बिलबिला उठी। जैसे ही उसने मुझे छोड़ा.. मैंने झटके से उसे बिस्तर पर गिरा दिया.. वो पेट के बल गिरी।
मैंने तुरंत उसके हाथों को पीछे ले लिया और उसकी कमर को ऊँचा कर दिया.. जिससे उसकी बुर की फाँकें अलग हो गईं और उसका वो चूत के अन्दर का गुलाबी भाग दिखने लगा।
वो बोली- जानू छोड़ दो..
पर मैं तो उसकी चूत और गांड का छेद देख कर पागल हो गया था।
फिर मैंने बड़ी बेरहमी से उसकी चूत चाटनी शुरू कर दी।
‘बस.. आह.. छोड़ दो.. आह्ह्ह.. उह्ह्ह्ह प्लीज..’
फिर खुद ही उसके हाथ ढीले पड़ते गए। अब मैंने उसके हाथों को छोड़ उसके दोनों मस्त कूल्हे पकड़े और अपनी जीभ को और अन्दर डाल कर उसकी चूत को चूसने लगा था। इसके साथ ही मैं उसकी गांड में अपना अंगूठा रगड़ रहा था।
उसकी बुर काफी गीली और गर्म हो गई थी और इधर लंड का भी हाल बुरा था।
बस फिर क्या.. मैं उठा और उसी हालत में उसकी चूत पर लंड रगड़ने लगा।
फिर धीरे-धीरे करके मैंने पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया।
लंड के अन्दर जाते ही उसकी और मेरी दोनों की सिसकारी निकली.. क्यूंकि उसकी गर्म चूत.. मेरे लंड को जला रही थी।
पायल ने मुड़ कर बडे प्यार से मुझे देखा। कहानी जारी है…
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