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सम्पादक : जूजा जी
मेरी बीवी की बड़े लंड की चुदास-1
विभा विहस्की की एक बोतल लेकर आई रजनीश ने खुद पैग बनाया और फटाफट ख़त्म करके थोड़ी देर विभा से बात करते-करते वो बोला- विभा भाभी आप बहुत सुन्दर दिखती हैं।
विभा बोली- दारू पीने के बाद ही भाभी खूबसूरत लगने लगी, पहले तो कभी नहीं कहा।
रजनीश बोला- ऐसी बात नहीं है भाभी, लेकिन आप साड़ी पहनने पर और भी हसीन लगती हो।
विभा सिर्फ़ मुस्कुराई। रजनीश ने सोचा दारू के नशे में वो ज़्यादा कुछ बोल जाएगा इसलिए उसने वहाँ से निकलना ही बेहतर समझा और वो मेरे घर से निकल गया।
दूसरे दिन सुबह ही मैं ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रहा था। मैंने देखा विभा ने आज आसमानी रंग की साड़ी पहनी थी, बिना आस्तीन का ब्लाउज पहना था।
मैंने पूछा- आज साड़ी क्यों पहनी है?
विभा बोली- बस ऐसे ही…
मेरे जाने के बाद रजनीश मेरे घर आया लेकिन उसने विभा को साड़ी पहने हुए नोटिस नहीं किया। वो आते ही काम पर लग गया।
इस लिए विभा थोड़ी सी नाखुश लग रही थी।
एक घंटे में ही रजनीश ने काम पूरा किया और वो कमरे में आया।
विभा जानबूझ कर उसकी तरफ अनदेखी कर रही थी। वो टीवी देख रही थी।
रजनीश ने विभा को देखा और मन ही मन में कहा कि साली आज साड़ी में क्या मस्त माल लग रही है, पर सामने से उसने विभा से कहा- भाभी काम हो चुका है, मुझे पीने के लिए पानी मिलेगा?
विभा बोली- लाती हूँ।
वो पानी लाने रसोई में चली गई, लेकिन रसोई में जाते-जाते वो भी मन ही मन में कोस कर रही थी।
‘खडूस कहीं का.. सिर्फ़ दारू पीता है.. तभी मेरी सुन्दरता दिखती है.. आज इसके लिए साड़ी पहन ली और ये बुद्धू एक शब्द भी नहीं कह रहा है।’
विभा पानी लेकर बाहर आई, पानी लेने के बाद रजनीश ने कहा- अरे भाभी आज तो आप इस साड़ी में बहुत ही सुन्दर लग रही हैं..
विभा थोड़े गुस्से में ही बोली- तुम्हारी आँखों की रोशनी चली गई थी क्या? अब कह रहे हो..
वो पीछे मुड़ गई। उसी वक्त रजनीश ने विभा का हाथ पकड़ा।
विभा मुड़ कर पीछे देखने लगी। रजनीश ने तुरन्त हाथ छोड़ दिया और कहा- सॉरी भाभी।
विभा हल्के से मुस्कुराई और उसने कहा- इट्स ओके रजनीश…
फिर रजनीश ने थोड़ी हिम्मत करते हुए कहा- भाभी आज कुछ नहीं पिलाएँगी? विभा ने कहा- बोलो… क्या पीओगे? रजनीश बोला- भाभी कल वाला ही लाइए न..
विभा जाने के लिए जैसी ही मुड़ी, रजनीश बोला- भाभी.. विभा बोली- हाँ.. बोलो? रजनीश बोला- भाभी आप बहुत खूबसूरत लग रही हो। विभा ने कहा- हाँ.. बाबा जानती हूँ। रजनीश बोला- लेकिन भाभी…
बीच में ही उसको टोकते हुए विभा बोली- अरे भई कितनी बार मुझे भाभी बोलेगा.. सीधे विभा बोलो ना… रजनीश बोला- ठीक है विभा… विभा बोली- हाँ.. बोलो क्या बोल रहे थे?
रजनीश बोला- विभा तुम साड़ी में बहुत सुन्दर लग रही हो, लेकिन साड़ी थोड़ी नाभि के नीचे पहनतीं तो और भी सुन्दर लगतीं।
विभा थोड़ी सी हतप्रभ हो गई लेकिन उसने कुछ कहा नहीं। फिर उसने मुस्कुराते हुए अपनी साड़ी कमर से थोड़ी नीचे करके नाभि बाहर निकाली और बोली- अब ठीक है?
रजनीश बोला- विभा एकदम मस्त है। विभा अन्दर गई.. जाते हुए उसके दोनों चूतड़ हिल रहे थे।
रजनीश के पैन्ट में लंड सख्त हो गया था। विभा विहस्की की बोतल लेकर बाहर आ गई।
रजनीश बोला- विभा मैं ड्रिंक्स बाद में लेता हूँ, पहले ये बताओ क्या तुम डान्स भी कर लेती हो?
विभा बोली- हाँ.. मैंने क्लासिकल भी सीखा है। रजनीश बोला- तो मुझे एक नमूना दिखाओ ना। विभा बोली- फिर कौन सा डान्स करूँ? रजनीश बोला- जो तुम्हें अच्छा लगे वो..
फिर विभा ने ‘शीला की जवानी’ गाने पर डान्स किया। डान्स करने के लिए उसने पल्लू कमर पर बाँधा हुआ था।
डान्स करते-करते ही उसने रजनीश को एक पैग सर्व किया और गिलास ले कर रजनीश के पास गई।
तभी रजनीश ने गिलास बाजू में रखा और विभा का हाथ पकड़ कर थोड़ी देर उसके साथ डान्स किया।
विभा भी जोश में आने लगी और एक स्टेप पर तो रजनीश ने विभा को ज़ोर से अपनी बांहों में खींच कर अपने आगोश में ले लिया।
कुछ समझने से पहले ही उसने विभा के होंठो पर अपने होंठ लगा दिए।
रजनीश ने विभा को गहरे से चूम लिया। विभा भी अच्छी तरह से साथ देने लगी। रजनीश ने तभी चुम्बन लेना रोक दिया।
विभा बोली- क्यूँ रुक गए रजनीश?
रजनीश ने अब धीरे-धीरे चुम्बन लेना चालू किया, रजनीश की जीभ विभा के मुँह के अन्दर घूम रही थी, कभी विभा के दाँतों पर, तो कभी होंठों पर.. विभा की लार को भी रजनीश चूस रहा था।
वैसे विभा भी रजनीश की लार चूस रही थी। विभा की जीभ और रजनीश की जीभ एक-दूसरे से मानो कुश्ती ही खेल रही थीं।
विभा को रजनीश की जीभ और लार की गर्मी महसूस हो रही थी।
विभा ने अपना मुँह पूरी तरह से खोल रखा था और रजनीश ने भी।
इतनी देर तक का चुम्बन तो मैंने और विभा ने कभी नहीं किया था।
रजनीश विभा के मुँह में मौजूद लार की हर बूँद पी रहा था और विभा रजनीश की।
रजनीश ने अपने दोनों हाथ विभा की पीठ पर रखे थे और विभा के हाथ रजनीश के बालों पर घूम रहे थे।
दोनों की साँसें ज़ोर-ज़ोर से चल रही थीं। तभी विभा ने मुँह पीछे कर लिया। वो हाँफ रही थी, रजनीश भी हाँफ रहा था।
रजनीश बोला- क्या हुआ विभा डार्लिंग? विभा मुस्कुराते बोली- थोड़ा दम तो लेने दे.. साले इमरान हाशमी कहीं के..
अब विभा को रजनीश ने थोड़ी सी ढील दे दी, थोड़ी देर बाद वे दोनों होंठों के चुम्बन करने लगे।
विभा रजनीश से लिपट गई थी, रजनीश भी विभा को लगातार चुम्बन कर रहा था।
अब रजनीश विभा के गालों पर चुम्बन करने लगा, विभा के गाल चुम्बन से लाल हो गए थे।
रजनीश अब विभा के ठोड़ी को चूमते हुए उसकी गर्दन के आगे वाले हिस्से में आ गया।
रजनीश की जीभ विभा की गर्दन पर घूम रही थी। अब रजनीश विभा के छाती पर पहुँच गया।
थोड़ी देर रुक कर रजनीश ने मेरी बीवी विभा की साड़ी उतार दी। अब विभा सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में थी।
रजनीश ने विभा को बांहों में ले लिया था, उसके दोनों हाथ विभा के चूतड़ों पर टिके हुए थे, वो दोनों हाथों से विभा के चूतड़ों को मसल रहा था।
उसने विभा के चूतड़ों से हाथ हटाते हुए उसके ब्लाउज के एक-एक बटन को खोलना चालू किया। वो विभा के बटन खोल रहा था.. साथ में साला मेरी बीवी की चूचियों को भी चूम रहा था।
उसने विभा के दोनों मम्मों को हाथ में पकड़ लिया और उनको दबाना, मसलना चालू कर दिया।
विभा ने आँखें बंद कर लीं और वासना की मस्ती में नीचे वाले होंठ को दाँतों से काटने लगी।
उसके चेहरे पर एक नटखट मुस्कान फ़ैल रही थी। मानो विभा बहुत चुदास महसूस कर रही थी।
रजनीश ने फिर विभा के होंठों को चूमना चालू किया और अब उसने विभा की ब्रा भी उतार दी।
रजनीश ने विभा के दोनों मम्मों को हाथ में लेकर जोरों से दबाना चालू कर दिया।
रजनीश ने विभा की चूची के चूचुक पर अपनी जीभ से स्पर्श किया। विभा के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी- आहह ओह आई..रजनीश… माय बेबी…सक इट..
विभा के दोनों हाथ रजनीश के बालों में घूम रहे थे, रजनीश मुँह से विभा के चूचुकों को चूस रहा था और हाथों से मींज रहा था।
अब रजनीश के दोनों हाथ विभा की कमर पर थे और रजनीश अब नीचे सरक रहा था, विभा के गोरे-गोरे पेट को रजनीश चाट रहा था और चूम रहा था। वो बीच-बीच में दाँतों से मीठी कट्टू भी ले रहा था। उसके हर कट्टू पर विभा के मुँह से ‘आहह’ की आवाज़ आ रही थी।
रजनीश विभा की गहरी नाभि में खो गया, वो विभा की नाभि चूसने लगा था। विभा की नाभि उसकी लार से गीली हो गई, फिर भी रजनीश चूस रहा था और विभा मानो उत्तेजना के सातवें आसमान पर थी। रजनीश ने दाँतों से ही विभा के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया, पेटीकोट एकदम से सरक कर नीचे फर्श पर आ गया।
विभा के तन पर अब सिर्फ़ चड्डी बची थी। मानो चड्डी पहन कर फूल खिला हो।
विभा के दोनों चूतड़ों पर रजनीश ने हाथ रखे हुए थे और हाथों की हल्की सी हरकत ने विभा की चड्डी उतार दी।
विभा… मेरी कामुक बीवी विभा.. रजनीश ने पूरी नंगी कर दी थी।
विभा को उसने पीट के बल बिस्तर पर लिटाया और उसके पैर मोड़ कर फैला दिए।
विभा की चूत रजनीश देख रहा था, कितने दिनों से रजनीश इसको देखना चाहता था, रगड़ना चाहता था।
रजनीश बोला- विभा मेरी जान कब से मैं तुम्हें चोदना चाहता था…
विभा बोली- मैं भी तुम्हारे जवान लौड़े को अपनी चूत में लेना चाहती थी। राजन से चुदाई करके मैं बोर हो गई हूँ… राजन का लंड कुछ काम का ही नहीं है, चल आज मुझे ऐसा चोद कि मेरी प्यास बुझ जाए।
विभा ने रजनीश को अपने ऊपर खींच लिया।
रजनीश बोला- रूको डार्लिंग मैं अपने कपड़े तो उतार लूँ।
विभा बोली- जल्दी उतारो जानू..
रजनीश खड़ा हो गया और झट से नंगा हो गया।
रजनीश का बड़ा काला लंड देख कर विभा उछल पड़ी, वो रजनीश का लंड हाथ में पकड़ कर बोली- रजनीश ऐसे बड़े लंड के लिए मैं तरस गई हूँ.. मैं इसको चखना चाहती हूँ।
रजनीश विभा से बोला- मेरी जान विभा.. ये लौड़ा तुम्हारे लिए ही है।
विभा बोली- ओह्ह.. रजनीश…
उसने रजनीश के लंड मुँह में ले लिया, वो लंड को पागलों की तरह चूस रही थी।
रजनीश अब सातवें आसमान पर था, उसने पूछा- विभा, तुम राजन का लंड चूसती हो क्या?
विभा बोली- कभी नहीं।
यह सच भी था, विभा ने कभी मेरा लंड नहीं चूसा था।
रजनीश बोला- क्या मस्त चूसती है तू.. ओह यससस्स तेरी माँ की चूत सालीईई सचमुच रण्डीईई है तू… विभा मेरी रण्डी साली चूस…
थोड़ी देर चूसने के बाद विभा ने रजनीश के अंडकोष चूसना चालू किए, वो अपनी जीभ से अंडकोष को चाट रही थी।
विभा की लार से रजनीश के अंडकोष गीले हो गए।
रजनीश बहन के लौड़े की तो आज लॉटरी लग गई थी।
रजनीश बोला- विभा अब मुझे भी तेरी चूत चाटना है।
विभा बोली- ठीक है.. आजा..
विभा पीठ के बल अपनी टाँगें फैला कर लेट गई।
रजनीश विभा की चूत चाटने लगा।
उसकी जीभ विभा की चूत के अन्दर थी और विभा को गुदगुदी हो रही थी और वो चहक रही थी।
उसकी आँखें बंद थीं और दोनों हाथों से वो चादर को भींच कर अकड़ रही थी।
उसने उत्तेजना में अपनी कमर को थोड़ा ऊपर उठा लिया था।
रजनीश विभा की चूत में जुबान अन्दर-बाहर कर रहा था, विभा के जिस्म में सुरसुरी हो रही थी।
अब विभा ने रजनीश के बाल पकड़े और उसको अपने ऊपर खींच लिया, रजनीश के होंठों को विभा ने होंठों में ले लिया।
रजनीश भी चूतरस से भीगे अपने होंठों को विभा के होंठों पर रगड़ रहा था।
विभा ने झट से रजनीश को बिस्तर पर नीचे किया और खुद उसके ऊपर चढ़ गई। विभा उसकी चौड़ी छाती को चूमने-चाटने लगी। वो बीच-बीच हल्के से मादक कट्टू लेने लगी.. वो उसके पेट को चूमते हुए फिर से उसके लंड तक पहुँच गई और उसके लंड को चाटते हुए उसकी गोटियों को फिर से चचोरने लगी।
रजनीश के खड़े लंड पर विभा ने अपनी जीभ से कुछ चटाई की और अब वो लोहे जैसा कड़क बन गया था।
रजनीश ने विभा को पीठ के बल लिटा दिया और विभा ने खुद भी खुद अपने पैर फैला लिए।
रजनीश ने लंड को विभा की चूत पर रख कर उसके दोनों पैरों को पकड़ लिया और इस तरह मिशनरी की अवस्था में चुदाई करने की तैयारी हो गई।
रजनीश ने एक धक्का मारा और उसके लंड की सुपारा विभा की चूत में घुस गया। विभा उछल पड़ी, ‘आह्ह…’
रजनीश ने और एक धक्का मारा।
इस बार विभा चिल्लाई- अओह रजनीश.. ज़रा धीरे..
रजनीश का आधा लंड विभा की चूत में घुस चुका था।
अब रजनीश ने तीसरा धक्का मारा… विभा की तो मानो चूत फट ही गई.. उसको इतना दर्द हुआ।
विभा बोली- आह्ह.. रजनीश क्या कर रहे हो?
रजनीश बोला- विभा आज तक तुम्हारी चूत का क़िसी बड़े लंड से पाला ही नहीं पड़ा है, इसलिए तुमको दर्द हो रहा है।
रजनीश का पूरा लंड मेरी बीवी की चूत के अन्दर था। दोनों के चेहरे पर अलग सी मुस्कुराहट आ गई थी।
रजनीश अपने दोनों हाथ विभा के चेहरे से नीचे गर्दन के पीछे से बालों में ले गया, विभा को हल्के से उठाते हुए वो चूमने लगा।
विभा बोली- चलो अब शुरू हो जाओ…
अब रजनीश शुरू हो गया, उसने धक्के मारना शुरू किए।
विभा हर धक्के पर उछल रही थी, उसने दोनों हाथों से रजनीश को बाँहों में ले लिया था, उसके हाथ रजनीश की पीठ के ऊपर घूम रहे थे। वो रजनीश के गालों को चूम रही थी।
रजनीश भी धक्के मार रहा था.. विभा बोल रही थी- रजनीश माय स्वीट हार्ट..माय हनी मस्त चोदना मुझे…वाहह.. रजनीश आह्ह्ह.. क्या मजा आ रहा है..
रजनीश सटासट धक्के मार रहा था, उसका लंड मेरी चिकनी बीवी की चिकनी चूत में अन्दर-बाहर हो रहा था।
अब वो विभा के मम्मों को भी चूस रहा था।
विभा आँखें बंद करके मदहोश हो रही थी।
रजनीश ने उसको सख्ती से अपनी बांहों में लिया हुआ था और वो उसके गोरे गाल चूम रहा था।
विभा के गाल चूम-चूम कर उसने गुलाबी कर दिए और नीचे से विभा की चूत को बेदर्दी से रौंद रहा था।
विभा बोल रही थी- रजनीश जरा धीरे-धीरे चोदो.. नहीं तो पानी निकल जाएगा… मुझे इतने जल्दी पानी नहीं चाहिए।
रजनीश बोला- मैं इतनी जल्दी पानी छोड़ने वाला नहीं हूँ मैं क्या राजन हूँ? साले वे दोनों हंसने लगे।
रजनीश पूरा लंड बाहर निकलता था और फिर ज़ोर से अन्दर घुसेड़ता था, इससे विभा को बड़ा मज़ा आ रहा था।
विभा को आज जो सुख मिल रहा था वो पहले कभी नहीं मिला था।
रजनीश तकरीबन 20 मिनट तक विभा को चोदता रहा था।
अब विभा ही बोली- रजनीश अब पानी निकालो।
रजनीश ने कहा- ठीक है डार्लिंग।
अब उसने और ज़ोर से धक्के मारना चालू कर दिए। उसके हर धक्के पर विभा का पूरा जिस्म हिल रहा था।
आख़िरकार रजनीश ने विभा की चूत में सिंचाई कर दी। रजनीश के गरम-गरम लंड से गरमा गरम माल का फुव्वारा आया और मेरी बीवी की चूत ओवरफ्लो हो गई। दोनों ने एक-दूसरे को बांहों में जकड़ लिया।
पूरा झड़ने के बाद भी रजनीश थोड़ी देर विभा पर वैसे ही लेटा रहा। दोनों बहुत ही खुश हो थे।
यह मेरी वो कहानी है जो मुझे मालूम है कि ये सब कैसे हुआ, आप सबको पढ़ कर कैसी लगी, ये आप मुझे ईमेल करके जरूर बताइएगा। राजन को ईमेल करने के लिए लिखिए।
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