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सलीम मेरे पास आकर बोला- सच में तू बहुत खूबसूरत लग रही हैं.. आनन्द तुझे देख कर खुश हो जाएगा।
मैं शर्मा गई और चुप रही… फिर वो मुझसे बोला- सुनो डियर.. आज तू तेरा मोबाइल घर पर ही रख और वहाँ आनन्द को बोलना मत कि तेरे पास मोबाइल है.. ग़लती से भी तू उसको अपना मोबाइल नम्बर नहीं देना और ना ही हमारे घर का पता बताना।
सलीम की बातों से मुझे पता चला कि वो ज़रा भी नहीं चाह रहा था कि आनन्द मुझसे चुपके से कोई रिश्ता बनाए। उसके मन में यह डर था कि हम बाद में चुपके से रिश्ते न रख लें.. मैं बस चुप रही।
निकलते वक़्त एक बार फिर सलीम मुझसे बोला- उसको कहना कि तुम्हारे पास मोबाइल ही नहीं है।
मैंने ‘हाँ कहा और हम घर से निकल पड़े। ऑटो वाले को सलीम ने पता दिया और हम निकल पड़े।
करीब 7.50 को आनन्द के बताए हुए पते पर पहुँच गए।
जैसे ही उस बिल्डिंग में एंट्री की.. मेरी धड़कनें तेज हो गईं.. एक डर सा लगने लगा।
आनन्द का फ्लैट सेकंड फ्लोर पर था। सलीम ने दरवाजे की घन्टी बजाई।
आनन्द ने दरवाजा खोला और हमको अन्दर बुला लिया।
मैंने देखा आनन्द का कद करीबन 6 फीट और पहलवानी जिस्म था। कपड़ों में उसके मसल्स दिखाई दे रहे थे।
उस कमरे में 2 सोफे रखे थे, एक पर आनन्द बैठा और दूसरे सोफे पर मैं और मेरा शौहर बैठ गए।
आनन्द मुझे देख कर बोला- सलीम.. यह नगीना कहाँ से ढूँढ लाया रे तू.. साले मुझे तो यह तेरी बीवी लगती ही नहीं है.. कोई अप्सरा लग रही है।
मैं शर्मा कर नीचे देखने लगी…
फिर आनन्द ने हमको कोल्ड ड्रिंक दिया। कुछ देर तक नॉर्मल बातें हुईं।
फिर आनन्द सलीम से बोला- बोल गान्डू, क्या-क्या करवाना चाहता है तू.. इस छिनाल से..
मैं उसकी बातों से चौंक गई।
सलीम बोला- आनन्द.. आज तू मेरी इस रंडी बीवी को ऐसे चोद कि इसको इसकी नानी याद आ जाए.. चिल्लाने तक चोद इसको.. मुझे बहुत मज़ा आएगा।
सलीम की बात सुनकर मैं और डर गई, मेरी समझ नहीं आ रहा था कि आज रात में क्या होने वाला है।
तब आनन्द बोला- तू देखते जा.. आज मैं इसकी गान्ड भी और चूत भी कैसे फाड़ने वाला हूँ.. ऐसा चिकना माल बार-बार थोड़ी ना मिलता है.. तेरे सामने आज तेरी पत्नी से मैं सुहागरात मनाने वाला हूँ।
इतना कह कर वो मेरे पास आया और मुझे सोफे से उठा कर खड़ा किया।
मैं नीचे देख रही थी.. तब आनन्द ने मेरा सिर ऊपर किया.. दो मिनट तक मुझे निहारता रहा। फिर अचानक से उसने मुझे पास खींच कर मेरे मुँह पर अपना मुँह रख दिया और चूमा-चाटी करने लगा।
वो चुम्बन करते-करते मेरे होंठ भी काट रहा था।
पाँच मिनट हो चुके थे लेकिन आनन्द अपना मुँह मेरे मुँह से निकाल ही नहीं रहा था।
कुछ देर बाद मेरे बदन में भी कुछ-कुछ होने लगा, मैं भी आनन्द को चुम्बन करने लगी..
चुम्बन करते-करते मैंने सलीम की तरफ देखा.. वो बड़े ध्यान से हमारी ओर ही देख रहा था।
उस वक़्त मुझे कुछ शरम आई..
तभी अचानक आनन्द ने अपना मुँह अलग किया और एक झटके में मेरा शरारा खींच दिया.. दूसरे झटके में फाड़ कर मेरे जिस्म से निकाल फेंका।
अब मैं एकदम डर गई।
आनन्द के लिए 2 घंटे से मैं तैयार हो रही थी और उसने 2 मिनट में मेरे कपड़े फाड़ कर निकाल दिए।
अब मैं आनन्द के सामने सिर्फ़ पैन्टी और ब्रा में थी।
आनन्द सलीम को बोला- ओए गान्डू.. इधर आ और तेरी रंडी पत्नी की ब्रा निकाल…
सलीम मेरे पास आया और पीछे से ब्रा का हुक खोला और ब्रा निकाल दिया और वहीं खड़ा रहा।
तब आनन्द चिल्लाया- अब यहाँ क्यों अपनी माँ चुदा रहा है तू.. चल सोफे पर जा..
सलीम सोफे पर जाकर बैठ गया।
आनन्द मेरे पास आया और मेरे दोनों मम्मों पर हाथ रख के बोला- क्या मस्त बॉल हैं.. वो दोनों हाथों से मेरे मम्मों को दबाने लगा।
दो मिनट बाद आनन्द ने मेरे दोनों मम्मों इतने ज़ोर से दबाए कि मेरी चीख निकल आई।
मैं ज़ोर से चिल्लाई तब आनन्द भी ज़ोर से मुझसे बोला- चुप रंडी.. बाहर आवाज़ जाएगी ना.. अब चिल्लाई तो तेरा मुँह तोड़ दूँगा..
मैं चुप हो गई।
अब आनन्द ज़ोर-ज़ोर से मेरे मम्मों को मसलने लगा.. चूचुकों को मींजने लगा.. मुझे बहुत दर्द हो रहा था।
दस मिनट बाद आनन्द ने अपने कपड़े निकाल दिए.. वो अब सिर्फ़ अंडरवियर में था। फिर उसने मुझे नीचे बैठने को बोला। ‘चल अपने हाथ से मेरा कच्छा निकाल..’
मैं आनन्द के सामने बैठी थी और दोनों हाथ उसके अंडरवियर पर रख कर धीरे से नीचे खींचा.. वैसे ही उसका 9 इंच का लंड मेरे सामने आ गया।
अब मेरी धड़कनें बहुत तेज हो गई थीं। मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि इतना बड़ा लंड भी होता है।
आनन्द का लंड मेरे शौहर से डबल साइज़ का और मोटा भी था।
कुछ सोचे बिना ही मैंने दोनों हाथों से उसको पकड़ लिया, ऐसा लगा कि मैंने कोई गरम लोहा पकड़ा है। फिर ऊपर नज़र आनन्द की तरफ घुमाई..
तब वो मुस्कुराते हुए बोला- कैसा लगा.. जानू..?
मैं शर्मा कर नीचे देखने लगी और ध्यान से आनन्द का लंड देखने लगी।
लंड एकदम काला था और बहुत ही क्यूट था।
तब आनन्द बोला- सिर्फ़ देख मत कुतिया.. इसको मुँह में लेकर चूस भी.. जैसे ही मैं लंड के और करीब गई तो मुझे वहाँ से कुछ गंदी बदबू आने लगी और मैं वापिस पीछे हटी।
तब आनन्द बोला- क्या हुआ?
मैं डरते हुए बोली- बहुत बदबू आ रही है..
वो ज़ोर से हँसने लगा और बोला- रंडी.. सुबह से मैंने इस लंड को धोया नहीं है.. क्योंकि मैं चाहता हूँ कि तू अपने मुँह से इस लंड को साफ़ करे.. चल अब नखरे मत कर.. मुँह में लौड़ा लेकर साफ़ कर..
अब मैं समझ गई कि ऐसा करने के सिवाय कोई चारा नहीं है।
मैंने 3-4 सेकेंड के लिए अपने साँसें बंद करके उसका लंड मुँह में भर लिया और चूसना शुरू किया। मेरे मुँह में उसका लंड केवल 4-5 इंच ही जा रहा था।
करीब 5 मिनट चूसने के बाद अब मेरी चूत में से भी पानी बहना शुरू हो गया था। मुझे महसूस होने लगा कि मेरी पैन्टी भी गीली हो गई है। अब मैं और मूड में आकर लंड चूसने लगी।
तब आनन्द ने मेरा सिर और दबा कर पूरा लंड मुँह में लेने को कहा… लेकिन मुँह मे पूरा जा ही नहीं रहा था.. उसका लंड मेरे गले तक ही आ रहा था।
दस मिनट बाद मुझे खड़ा किया और बोला- चल अब कमरे में चल।
उसने सलीम से भी कहा- एक कुर्सी लेकर तू भी आ जा कमरे में..
कमरा बड़ा था और एक बड़ा सा बिस्तर था वहाँ मैं बिस्तर पर बैठ गई और सलीम बाजू में कुर्सी लगा कर बैठ गया।
अब आनन्द ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरी पैन्टी निकाल कर चूत देखने लगा और बोला- ओए सलीम यहाँ आ.. देख मेरा लंड चूस कर तेरे रंडी बीवी की चूत कैसी गीली हो गई है.. ज़रा पास आकर तो देख।
आनन्द की बात सुन कर मुझे बहुत शरम आ गई।
सलीम भी अब पास आकर मेरी चूत का पानी देखने लगा… तो मैं और शरमा गई।
फिर आनन्द ने मेरी दोनों टाँगें फैला कर अपना मुँह मेरी चूत पर रखा और चाटना शुरू कर दिया.. वो कुत्ते जैसे चाटने लगा… मेरी चिकनी बुर में ज़ोर-ज़ोर से जुबान अन्दर-बाहर करने लगा।
मैं तो उसकी नुकीली जीभ की रगड़ से पागल होने लगी और 3-4 मिनट में ही झड़ गई और मेरा पानी चूत में से बहने लगा।
आनन्द ने सब पानी चाट कर साफ़ कर दिया। अब आनन्द मेरे ऊपर आ गया और मुझे चूमने लगा.. मेरे मम्मों को मसलने लगा।
पाँच मिनट तक वही करता रहा।
अब मुझसे सहा नहीं जा रहा था.. मैं दुबारा अपनी चूत में चुनचुनी महसूस करने लगी थी.. मुझे ऐसा लग रहा था कि कब आनन्द मेरी चूत में लंड डालेगा और मुझे ठंडी करेगा।
फिर आनन्द ने एक हाथ से लंड सैट करके चूत पर रखा.. तभी सलीम की आवाज़ आई- आनन्द भाई.. प्लीज़ कन्डोम लगा कर करो ना.. मेरी इस सच्ची घटना पर आप सभी के सभ्य भाषा में विचारों का स्वागत है। [email protected] yahoo.com या [email protected] gmail.com कहानी जारी है।
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