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प्यासी भाभी चोदन स्टोरी में पढ़ें कि मैंने अपने दोस्त को एक सेक्सी गर्म औरत की चूत दिलवाई. मेरे दोस्त ने तब तक चुदाई तो क्या … चूत के दर्शन भी नहीं किये थे.
नमस्कार दोस्तो! मैं किंग एक बार फिर से हाज़िर हूँ एक नयी प्रस्तुति के साथ। अपनी आज की प्यासी भाभी चोदन स्टोरी शुरू करने से पहले मैं आप सबको दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ कि आप लोगों ने मेरी कहानियों को इतना प्यार दिया।
जो पाठक पहली बार मेरी सेक्स कहानी पढ़ रहे हैं वो मेरी पिछली कहानी टीचर का नया साल मनवाया भी अन्तर्वासना पर पढ़ सकते हैं और मेरे बारे में ज्यादा जान सकते हैं.
मेरे प्यारे दोस्तो, कहानी तो बहुत हैं सुनाने के लिए मगर आज मैं अपनी नहीं अपने एक दोस्त की कहानी सुनाना चाहता हूँ. उसके लिए सेक्स किसी सपने के जैसा था. हर जवान लड़का या लड़की किसी न किसी तरह से अपनी जवानी में सेक्स का पहला अनुभव कर ही लेते हैं.
मगर मेरा ये दोस्त अपनी किस्मत को लेकर बहुत परेशान था क्योंकि उसने चूत का केवल नाम भर ही सुना था. न तो उसने चूत देखी थी और चोदने की बात तो जैसे ख्वाब ही थी. उसी की प्यासी भाभी चोदन स्टोरी मैं आप लोगों को सुनाने जा रहा हूं कि कैसे उसका ये सपना हक़ीकत में बदला.
ये कहानी उसी के शब्दों में होगी लेकिन उससे पहले मैं उसका परिचय आपको दे देता हूं. उसका नाम दीपक है और वो मेरा सबसे अच्छा दोस्त है. बिल्कुल मेरे भाई जैसा ही है. वो न तो पढ़ाई में ही अच्छा था और न ही स्पोर्ट्स में ही कुछ ख़ास था. देखने में भी अच्छा नहीं था.
जिगोलो बनने के बाद मेरी पैसों की दिक्कत तो खत्म हो गयी थी. मैं अब खुश रहने लगा था और मेरी पर्सनॅलिटी भी अच्छी हो गयी थी. मुझे बदलते हुए देखकर एक बार उसने पूछा- मनोज, यार तू तो बदल गया है बिल्कुल! ऐसा क्या मिल गया है यार तुझे, मुझको भी बता दे भाई?
दोस्तो, वैसे तो जिगोलो कभी अपनी पर्सनल लाईफ के बारे में नहीं बताते. लेकिन दीपक मेरा अच्छा दोस्त था और मैं जानता था कि वो जिन्दगी के किस दौर से गुज़र रहा है. इस वक्त उसके हालात वैसे ही थे जैसे कभी मेरे हुआ करते थे.
जिगोलो बनने से पहले न मेरे पास पैसा था और न सेक्स ही करने के लिए मिलता था. इन दोनों चीजों के बिना मैं बहुत परेशान था अपनी जिन्दगी से। मैं समझ सकता था कि दीपक के मन में क्या गुजर रही होगी. इसलिए मैंने उसे सच बता दिया.
मैंने उससे कहा- दीपक, मैं जिगोलो हूं. अगर तू भी सेक्स का मजा लेना चाहता है तो तू भी ये काम शुरू कर सकता है. तुझे चुदाई करने के लिए चूत तो मिलेंगी।
वो इसके लिये तैयार हो गया. मैंने उसका रजिस्ट्रेशन अपने यहां करवा दिया. जब वो पहली बार मीटिंग के लिए गया तो उसका क्या अनुभव रहा अब आप उसी की जुबानी सुनिये, जैसा कि उसने मुझे बताया था.
अब दीपक के शब्दों में … दोस्तो, मैंने रजिस्ट्रेशन तो करवा लिया था मनोज के कहने पर लेकिन पूरा दिन हो गया था इंतजार करते हुए. मेरे पास ऐजेंसी की ओर से उनका कोई कॉल या मैसेज नहीं आया था। टेंशन में मनोज को बार बार फोन कर रहा था. वो भी दिलासा दे देता था कि टेंशन मत ले, वो खुद ही कॉल कर लेंगे.
ऐसे ही इंतजार करते करते रात हो गयी. फिर मैं निराश होकर सो गया. सुबह उठकर फोन चेक किया तो कुछ नहीं था. सोचा कि मनोज को फोन करूं. मगर मैं कल से उसको 50 बार कॉल कर चुका था.
इसीलिए फिर रुक गया कि बार-बार कॉल करके उसे भी क्यों परेशान करना. फिर मैं नहा धोकर नाश्ता करने लगा. नाश्ता करते हुए ही व्हाट्सएप पर दो मैसेज रिसीव हुए.
मैंने मैसेज पढ़ा तो उसमें एक बहुत ही खूबसूरत भाभी की फोटो थी. मैसेज में लिखा हुआ था कि 2 बजे इनके साथ मीटिंग में पहुंच जाना है. मैं खुश हो गया और साथ ही थोड़ा नर्वस भी. फिर शांत होकर तय समय के अनुसार मैं 2 बजकर 15 मिनट पर उनके घर पहुंच गया.
उसका नाम काजल था. हुस्न उसके नाम के बिल्कुल विपरीत था. देखने में किसी परी के जैसी थी. हाइट 5 फीट से थोड़ी 2-3 इंच ऊपर होगी, पतली सी कमर और गोल गोल चूचे जो उसके टॉप से आधे तो बाहर ही झांक रहे थे. लग रहा था जैसे उसके टॉप में वो घुट से गये हों और बाहर आकर सांस लेने की कोशिश कर रहे हों.
सेक्सी भाभी को देखते ही मेरा तो लंड खड़ा हो गया था. चूंकि मैं तो चुदाई करने ही गया था और था भी मेरा पहली बार, इसलिए उत्तेजना का तो कोई ठिकाना ही नहीं था.
“आप कुछ लेंगे?” उसकी मीठी सी आवाज़ ने मेरी तंद्रा को भंग कर दिया. भाभी की आवाज़ तो उसके जिस्म से भी ज़्यादा खूबसूरत थी। समझ नहीं आ रहा था कि ये आवाज़ मेरा उनकी खूबसूरती के सम्मोहन को तोड़ने की थी या अपनी आवाज़ के सम्मोहन में फंसाने की?
“जी बिल्कुल! लेने ही तो आया हूँ।” मैंने शरारती मुस्कान के साथ जवाब दिया। सोचा कि बस अब फ़िल्मी तरीके से वो मेरे होंठों से चिपक जाएगी और खेल शुरू हो जायेगा। मगर उसका चेहरा देखकर लगा नहीं कि ऐसा कुछ होने वाला है।
वो बस मेरे बक़वास मज़ाक की वजह से मुझे थोड़ा गुस्से में देख रही थी तो मैंने चुप रहने में ही भलाई समझी। “मैं लेट रही हूँ, मेरी गर्दन और पीठ की मसाज कर दो”। उसके शब्दों में थोड़ी बेरुखी थी।
“ओके मैम, लेकिन क्या मैं आपका टॉयलेट इस्तेमाल कर सकता हूँ?” इस बार मेरी आवाज में थोड़ी शर्म और डर भी था। “बिल्कुल … तब तक मैं भी चेंज कर लेती हूँ।”
मैं बाथरूम गया और सबसे पहले मुट्ठी मारी क्योंकि वो इतनी सेक्सी और खूबसूरत थी कि उसके नाम की जितनी मुठ मारूं कम ही लगे. धरती पर ऐसी सुंदर महिला कोई कोई ही होती है. उसकी खूबसूरती का गुणगान करने के लिए मेरे पास शब्द और स्थान दोनों की ही कमी है.
आप मेरी उत्तेजना का अंदाज़ा इसी बात से लगा सकते हैं कि मुठ मारने के एक मिनट के अंदर ही मेरे लंड ने माल बाहर फेंक दिया था. मुठ मारकर फिर मैं ठीक-ठाक होकर बाहर निकला.
“आ गए! चलो अपना सामान निकाल लो और मसाज शुरू करो क्योंकि मुझे एक मीटिंग अटेंड करनी है, उसके लिए मुझे फ्रेश माइंड चाहिए और 5 बजे तक मुझे फ्री कर दो.” उसने अपनी प्राथमिकता रखते हुए कहा.
वो आगे चूचियों पर चिपकने वाली ब्रा पहनकर मेरे सामने खड़ी थी जो सिर्फ उसके निप्पलों को ही ढक पा रही थी. फिर वो पेट के बल बिस्तर पर लेट गयी. उसने कमर तक चादर ढक रखी थी।
मैं पागलों की तरह उसके जिस्म को देखे जा रहा था. तेल से ज्यादा चिकना तो उसका जिस्म था. मनोज तो बोल रहा था कि मसाज का तो केवल नाम है, सेक्स ही करना होता है. मुझे ना मसाज का अनुभव था और न सेक्स का. सब पहली बार था इसलिए गांड फट रही थी.
खैर, मैंने अपने पूरे कपड़े उतार दिए और अंडरवियर में उनके साइड में खड़ा हो गया और पीठ पर तेल डालकर हल्के हाथों से पीठ, कमर और गर्दन सहलाने लगा।
“आप कुछ परेशान लग रही हो मैम?” हल्के हाथों से कमर दबाते हुए मैंने पूछा। “काजल! काजल नाम है मेरा।” इस बार उसकी आवाज़ में संतुष्टि थी.
परेशान ही हूँ शायद! हमारी कंपनी का इनपुट बहुत डाउन आया है तो मैनेजर से मीटिंग है आज ईवनिंग में।”
मुझे कौन सा उनकी कंपनी के शेयर लेने थे? मैंने अपना पसंदीदा डायलॉग बोला जो हर नार्मल स्टोरी में होता है- अगर आप बोलें तो चादर थोड़ी नीचे कर देता हूँ जिससे नीचे भी मसाज कर दूंगा।
“कम इन फ्रंट ऑफ मी! (मेरे सामने की तरफ आओ).” उसने धीरे से कहा। “जी मैम!”
बोलकर जैसे ही मैं उसके सामने खड़ा हुआ तो उसने एक हाथ से मेरा अंडरवियर नीचे कर दिया जिससे मेरा लंड, जो चूत के इंतज़ार में अंडरवियर के अंदर से मुझे गाली दे रहा था, खुले आसमान की सैर करने लगा।
मुझे उम्मीद नहीं थी कि वो इतनी जल्दी शुरू कर देगी। उसने मेरे लंड को मुट्ठी में पकड़ा ही था कि मदहोशी में मेरे मुंह से आह्ह … निकल गयी। वो धीरे धीरे मेरे लंड को सहलाने लगी और मैं उसकी पीठ से होते हुए उसके चूतड़ों को मसलने लगा जो एक छोटी सी जालीदार पैंटी में छुपने की नाकाम कोशिश कर रहे थे।
“आआआ हहहह … स्स्स।” गांड तक हाथ पहुंचने से पहले ही उसने अपनी जीभ मेरे लंड पर घुमा दी और आधे लंड को अपने कोमल मखमली होंठों में छुपा लिया। अब मैं रुकने की हालत में नहीं रह गया था।
मैंने उसे बैठाया और फिर बराबर में बैठकर उसके होंठों को चूसने लगा। वो पागलों की तरह मेरे होंठों चूसते हुए मेरा साथ दे रही थी। हम दोनों की आंखें बंद थीं और हमारी जीभ, होंठ और थूक आपस में जैसे एक ही हो गये थे.
फिर मैंने एक हाथ से उसके चूचों को आज़ाद किया और चूचों को सहलाने लगा। उसके निप्पलों को बारी बारी मसलने लगा और दूसरे हाथ से बालों को सहलाते हुए लगातार उसके होंठों को अपने होंठों में जकड़ने की कोशिश करने लगा.
वो भी मेरे लौड़े को मसलते हुए मेरे होंठों को अपने होंठों में समेटने की कोशिश कर रही थी। मैं उसके चूचे पीना चाहता था मगर शुरूआत उसने ही कर दी. उसने मेरी गर्दन को चूमना शुरू किया और फिर चूमते हुए मेरी छाती पर किस करते हुए मेरे निप्पलों पर जीभ फिराने लगी.
सेक्सी नंगी भाभी की गर्म गर्म जीभ मेरे निप्पलों के चारों ओर घूमकर मुझे ऐसा मज़ा देने लगी कि मेरी आंखें आनंद में बंद हो गयीं. मेरे मुंह से आहें निकलने लगीं और उसने अपनी एक उंगली मेरे मुंह में डाल दी.
आंखें बंद किये हुए मैं उसकी उंगली को मस्ती में चूस रहा था और एक हाथ से उसके निप्पलों को मसले जा रहा था. फिर उसने एक हल्का धक्का दिया और उसके उस हल्के से धक्के से ही मैं निढाल होकर बिस्तर पर गिर गया।
उसने मेरी जांघों में फंसे मेरे कच्छे को मेरी टांगों से निकाल कर मेरे शरीर से ही अलग कर दिया और अपना जिस्म भी नंगा कर लिया. भाभी का रंग बिल्कुल गोरा था. उसका बदन जैसे चमक रहा था.
मेरे पैरों के पास बैठते ही उसने मेरा लौड़ा अपने कोमल होंठों में ले लिया। “काजल रुको … बस एक मिनट … आह्ह!” मेरे मुंह से इतना ही निकला था कि मेरा माल उसके होंठों पर छूट गया.
मुझे यकीन करना मुश्किल हो रहा था कि 10 मिनट पहले ही मुठ मारने के बाद भी मैं इस तरह से इतनी जल्दी झड़ जाऊंगा. “गेट लॉस्ट फ्रॉम हेयर! (यहां से निकलो तुम)” उसने गुस्से से मुझे देखते हुए और अपने मुंह को टिश्यू पेपर से साफ करते हुए कहा.
उसकी आवाज़ बता रही थी कि वो गर्म थी और मेरे माल छोड़ने से उसकी सारी गर्मी धरी की धरी रह गयी. इसलिए वो मुझ पर झल्ला रही थी.
मेरी तरफ पीठ थी उसकी और वो झुककर अपनी पैंटी पहन रही थी। मैं खड़ा हुआ और उसे गोद में उठाकर बेड पर लिटा दिया।
उसकी आँखों में नमी थी मगर गुस्से से उसने अपने आँसू छिपा रखे थे।
मैंने उसकी आधी पहनी हुई पैंटी को एक झटके में उतार दिया और उसकी फूली हुई गुलाबी चूत में अपनी जीभ घुमाने लगा। आआआ … ईईईई … सीसीसी … की सिसकार के साथ उसने अपने पैरों को चौड़े खोल दिया और चूत को ऊपर करते हुए मेरे सिर को अपनी जांघों के बीच में अपनी चूत पर दबाने लगी.
भाभी की चूत से जो मादक खुशबू आ रही थी वो मुझे उसकी चूत को और जोर से काटकर खाने के लिए पागल किये जा रही थी. अब मेरा लौड़ा फिर से विशाल रूप ले चुका था।
उसका शरीर धीरे धीरे कांप रहा था। उसके मुंह से उसकी थरथराहट सुनाई दे रही थी। मैं बैठ गया और उसे देखकर हँसने लगा। उसने अपनी आंख खोली और मुझे देखने लगी।
फिर खड़ी होकर मेरी बांहों में आकर बैठ गयी और धीरे से बोली- प्लीज जल्दी करो! फिर उसने मेरे लंड को हाथ में पकड़ा और अपनी चूत पर लगाकर उस पर बैठ गयी. उसकी चूत टाइट थी लेकिन गीली और चिकनी होने की वजह से लंड सरक सरक कर पूरा अंदर उतर गया.
लौड़ा चूत में पूरा फिट होकर जैसे ही बच्चेदानी से टकराया तो उसकी हल्की सी दर्द भरी आह्ह … निकल गयी. उसने हल्की सी वासना भरी मुस्कान के साथ मादक स्वर में कहा- आई लव यू … अब करो यार … प्लीज।
इतना बोलकर वो मेरे होंठों पर टूट पड़ी और मेरे लबों को जोर जोर से चूसते हुए काटने और खाने लगी. लंड चूत में लेकर उसकी वासना पूरे शिखर पर पहुंच गयी थी.
अपने पैर लपेटकर जैसे ही वो पहली दफा मेरे लंड पर उछली तो उसकी चूत में दर्द सा उठा और वो एकदम से उछल कर नीचे गर गयी और अपनी चूत को दोनों हाथों से दबाते हुए टांगों को भींच लिया. उसकी चूत में दर्द हो गया था शायद.
मैं उसके ऊपर लेट गया। उसकी आँखों मे देखते हुए मैं उसके होंठों को चूमने लगा। हम दोनों की आंखें बंद हो गयी थीं। कुछ पल के बाद उसने टाँगें खोल लीं और एक हाथ से मेरे लंड को चूत के छेद पर लगा कर दूसरा हाथ मेरे सिर पर फिराने लगी।
अब मैंने हल्का जोर लगाया और लंड एक बार फिर उसकी गर्म और गीली चूत में उतर गया. मैं भाभी की चूत मारने लगा और वो भी अपना शरीर हवा में उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी.
कुछ ही देर में उसकी सिसकारियां निकलने लगीं – आह्ह … यस … ओह्ह … कमॉन … आह्ह … वाओ … फक मी … आह्ह … फक मी डिअर … चोदो … आह्ह! उसकी कामुक आवाजें सुनकर मैं भी उसको जमकर पेलता रहा.
हमने 2-3 पोजीशन में 2 बार सेक्स किया. हम दोनों बार में ही साथ साथ झड़े. फिर वो नंगी ही लेटी रही और मैं भी उसकी चूत पर मुंह रखकर लेट गया।
उसने मुझे सीधा लिटा दिया और मेरी छाती पर सिर रख कर मुस्कराते हुए आंखें बंद करके लेट गयी और मेरे लंड को सहलाने लगी। फिर जाने का टाइम हो गया था। मैंने कुछ देर तक उसको किस किया और फिर मैं तैयार होकर वहां से आ गया. वो भी अपनी मीटिंग की तैयारी करने लगी.
“थैंक यू मनोज भाई मुझे भाभी की चुदाई का पहला मजा दिलवाने के लिए!”
दोस्तो, ये थी दीपक की कहानी उसकी खुद की जुबानी। आशा करता हूँ कि प्यासी भाभी चोदन स्टोरी आपको पसंद आई होगी. आप अपने सुझाव ईमेल व कमेंट्स में मुझसे साझा कर सकते हैं। आपका प्यार दोस्त- किंग! [email protected]
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