सऊदी मैडम की मोटी चिकनी जांघें

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Saudi Madam ki Moti Chikni janghen सलाम दोस्तो.. मेरा नाम सईद है और मैं सऊदी दम्माम में सेल्स-मैन की नौकरी करता हूँ।

मेरी उम्र 28 साल है और मेरा लण्ड न ज्यादा बड़ा है न ज्यादा छोटा है.. मेरा लण्ड 6 इंच लंबा और ढाई इंच मोटा है।

अब मैं कहानी पर आता हूँ। बात 3 महीने पुरानी है हमको जिस बिल्डिंग में कंपनी ने रहने वास्ते कमरा दिया था.. उस बिल्डिंग में हमारे अलावा सारे सऊदी परिवार ही रहते थे।

हमारे कमरे के सामने के कमरे में जो परिवार रहता था। उनका नाम उमर अल खमीस था उनकी बीवी का नाम आयशा था.. जिनकी उम्र लगभग 40 साल होगी। आयशा का फिगर तो क़यामत है.. वो 38-30-38 का कटाव लिए हुए थी।

जो लोग सऊदी अरब में रह चुके हैं या रहते हैं.. उनको अच्छी तरह से मालूम होगा कि यहाँ की औरतें कितनी मस्त होती हैं।

उमर रियाद में नौकरी करते थे और उनकी बीबी आयशा दम्माम में टीचर थी।

उमर हफ्ते में 2 दिन ही दम्माम में रहते थे.. मुझसे उनकी अच्छी दोस्ती थी।

जब उनका ड्राईवर छुट्टी पर गया तो उन्होंने मुझसे कहा- आप मैडम को स्कूल छोड़ दिया करो.. मैं इसके पैसे भी दे देंगे।

मैंने कहा- ठीक है।

उनसे 400 रियाल में बात तय हो गई। अब रोज़ मैं आयशा मैडम को स्कूल छोड़ने जाने लगा।

इस तरह मेरी आयशा मैडम से दोस्ती हो गई और धीरे-धीरे मैं उनके घर में जाने लगा।

सऊदी औरतों का पहनावा बिल्कुल अंग्रेजों जैसा होता है.. वो भी छोटे-छोटे कपड़े पहनती थीं।

एक बार जब मैं उनके घर गया तो वो नहा कर निकली थीं.. जाँघों तक की ड्रेस पहने थीं और गला भी बहुत बड़ा था।

मैडम की बड़ी-बड़ी चूचियाँ आधी से ज़्यादा बाहर आ रही थीं।

उनकी गोरी-गोरी चिकनी जांघें और चूचियाँ देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.. जो उन्होंने देख लिया।

उन्होंने कहा- बैठो सईद..

मैं सोफे पर बैठ कर उनसे बात करने लगा।

मैं उनकी मोटी-मोटी जांघें देख रहा था।

तभी एकदम से मैडम ने पूछा- क्या देख रहे हो?

मैं डर गया.. कहा- कुछ नहीं देख रहा।

तो वो मुस्कराईं और कहा- हमें मालूम है.. तुम क्या देख रहे हो।

वो अपनी जगह से उठ कर मेरे पास आकर बैठ गई और कहने लगी- हमें भी तो कुछ दिखाओ..

मेरी गांड फट रही थी कि किसी को मालूम हो गया तो मैं तो गया काम से.. इसलिए चुपचाप जाने लगा।

तो हमें मैडम ने खींच कर बैठा दिया और शायद वो समझ गई थी कि मैं क्यों जा रहा हूँ।

वो कहने लगी- किसी को कुछ मालूम नहीं होगा।

वो मुझे चुम्बन करने लगी.. उसके होंठ से होंठ मिलते ही मेरे जिस्म में एक सनसनी सी फैल गई..

मैंने भी सोच लिया कि जो होगा देखेंगे, अब मैंने भी एक हाथ उनकी चूची पर रख कर दबा दिया।

मैडम ने ज़ोर से आवाज़ निकाली- आआह्ह्ह्ह्ह…

जैसे ही मैडम का मुँह खुला मैंने अपनी जुबान उनके मुँह में घुसेड़ दी।

मैडम मेरी जुबान को चूसने लगी।

हाय… क्या चुसाई हुई मैडम और मेरी जुबानों की.. मैंने एक हाथ उनकी गर्दन में डाला और एक हाथ से उनकी तनी हुई चूची ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा।

हाय.. क्या मस्त नज़ारा था..

वो भी मेरे पैन्ट के ऊपर से मेरे लण्ड को दबाने लगी और अरबी में बोली- सईद सूरा सूरा सववि.. मतलब जल्दी-जल्दी करो।

लगभग 10 मिनट तक चूचियां दबाने और होंठ चूसने के बाद उनको खड़ा किया और मैडम के सारे कपड़े उतार दिए।

मैंने सोफे पर उन्हें लिटा कर टाँगें फैला दीं।

कसम से क्या मस्त लग रही थी.. गोरा-गोरा बदन.. बड़ी-बड़ी चूचियां.. गहरी नाभि.. मोटी-मोटी गोल-गोल जांघें और सबसे प्यारी गुलाबी रंग की फूली सी चूत.. उनकी फूली चूत के होंठ आपस में चिपके हुऐ थे। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! मैं 5 मिनट उनको यूं ही खड़ा.. देखता रहा तो वो अरबी में बोली- वशफीक सईद ताल…

मैडम ने कहा- क्या हुआ आओ.. सईद!

तो मैं जैसे नींद से जगा.. मैंने उनकी टाँगें फैलाईं और मुँह चूत पर लगा दिया।

उनकी चूत से गरम-गरम भांप निकल रही थी।

मैं जुबान से चूत की मसाज करने लगा उनके मुँह से बहुत ही मादक आवाजें निकलने लगीं।

वो मेरा सर अपने दोनों हाथों से अपनी चूत पर दबाने लगी।

मैं भी पूरी जुबान अन्दर डाल कर उनकी चूत चाटने लगा। मैडम की चूत इतनी रसीली थी कि क्या बताऊँ।

करीब 5-7 मिनट चूत चूसने के बाद मैडम का पानी निकल गया.. जिसे मैं चाट गया।

मुझे वासना के चलते वो बहुत टेस्टी लगा था। करीब 2-3 मिनट तक वो लंबी-लंबी सांसें लेते हुए पड़ी रही।

फिर उठी और मेरे कपड़े उतारने लगी।

वो मेरे कपड़े उतारती जा रही थी और मुझे चुम्बन करती जा रही थी।

जब मेरा आखिरी कपड़ा उतरा तो मेरा 6 इंच लंबा और ढाई इंच मोटा लण्ड देख कर बोली- सईद वाजिद अहसन.. मतलब बहुत अच्छा है।

पहले उन्होंने मेरे लौड़े के टोपे पर जुबान फेरी फिर ‘घप’ से मुँह में ले लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। मैडम के लण्ड चूसने की कला कमाल की थी।

लगभग 5 मिनट चूसने के बाद मैं उनके मुँह में ही झड़ गया.. वो सारा रस पी गई और खड़ी होकर बोली- मज़ा आया।

कुछ देर हम दोनों यूं ही बैठ कर एक-दूसरे के बाँहों में बाहें डाल कर बैठे रहे..

फिर जब हम दोनों की आँखों में फिर से वासना की आग उमड़ी तो मैंने उसे सीधा लिटाया और उसकी चूत में अपना लण्ड एक ही झटके में पेल दिया।

‘आह्ह..’

लौड़े से चूत में अपनी जगह बना ली थी।

मैं एक क्षण को रुका और चूत की गर्मी अहसास लेता रहा, जब मैडम ने अपने चूतड़ों को ऊपर की ओर उठाया तो मैंने चूत में धकमपेल चुदाई चालू कर दी।

लगभग बीस मिनट की चुदाई में मैडम झड़ गईं और उनकी चूत से निकले हुए रज से मेरे लौड़े ने भी पिघलना शुरू कर दिया।

हम दोनों एक-दूसरे में खो गए।

इसके बाद कुछ देर बाद मैं उठा और उनसे विदा लेकर अपने कमरे में आ गया।

इसके बाद हम दोनों अक्सर इस खेल को खेलते रहते हैं।

मुझे मेल करने के लिए आपका स्वागत है।

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