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मामी भानजा Xxx कहानी में पढ़ें कि कैसे मैं अपनी सबसे छोटी मामी को जंगल में ले गया. वहां बहाने से उनको लंड दिखाकर चुदाई के लिए मना लिया.
मामी भानजा Xxx कहानी पिछले भाग मामी को बीहड़ में नंगी करके चूत चाटी में आपने पढ़ा कि
मामी के दूध को पीने के बाद मैं नीचे आया और मामी जी के पेटिकोट के नाड़े को खोलने लगा।
मैंने तुरंत ही मामी जी के पेटिकोट को खोलकर एक तरफ पटक दिया। अब मामी जी मेरे सामने बिल्कुल नंगी पड़ी हुई थी. और मामी जी के सामने मेरा लंड चूत में घुसने के लिए तैयार खड़ा था।
अब आगे मामी भानजा Xxx कहानी:
लेकिन मामी जी की चूत चोदने से पहले आज मैं मामी जी के जिस्म को बुरी तरीके से मसलना चाहता था क्योंकि मुझे इस माल को चोदने का बार बार मौका नहीं मिलेगा।
मैंने एक बार फिर से मामी जी को टांगों से लेकर के चूत को चूमते हुए रसीले होंठों तक अच्छी तरीके से किस कर डाला। मेरे इस तरह से किस करने से मामी जी पिघल कर पानी हो चुकी थी। उनकी चूत अब मेरा लंड लेने के लिए तड़पने लगी.
लेकिन मैं मामी जी को अभी और तड़पाना चाहता था।
अब मैंने मामी जी को पलट दिया। मामी जी को पलटते ही मामी जी की मस्त गांड और जवानी से भरी हुई पीठ मेरे सामने आ गई।
मामी मेरे सामने पसरी हुई थी। तभी मैं मामी के ऊपर चढ गया और ताबड़तोड़ तरीके से मामी जी की मस्त पीठ पर किस करने लगा। वो चुपचाप लेटी हुई किस करवा रही थी।
अब मैंने मामी जी की चोटी को खोल दिया। मामी जी की चोटी खुलते ही मामी जी के लंबे लंबे बाल बिखर गए। अब मामी जी और भी ज्यादा कहर बरफाने लगी।
मेरा लन्ड और भी ज्यादा टाइट हो गया। अब मैं उत्तेजना में जोर जोर से मामी जी की पीठ पर किस करने लगा। मामी लगातार मदहोश होती जा रही थी; मामी की सिसकारियां बढ़ती जा रही थी।
इधर मेरा लंड ठीक मामी जी के गांड के ऊपर था और मामी जी की गांड में घुसने की कोशिश कर रहा था।
तभी मैं मामी जी की पीठ पर किस करता हुआ मामी जी गांड पर आ गया। मामी की गांड एकदम गदरायी हुई थी।
मैं मामी जी की फूली हुई गांड को हाथों से मसलने लगा। मुझे मामी जी की गांड को मसलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। दोस्तो, मामी जी की गांड मेरे लंड में आग लगाने लगी।
मैं मामी जी की गांड में मुंह घुसाने लगा। मुझे गांड की दरार में किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
मामी पागल सी होने लगी। मामी जी चुपचाप लेटी हुई थी और मैं मामी जी की गांड को जोर जोर से किस कर रहा था।
मेरा तो लंड बेकाबू हो रहा था। मैंने बहुत देर तक मामी जी की गांड को किस कर कर के गीला कर दिया था।
अब मैं मामी जी की चूत में लंड डालना चाहता था। मेरा लंड मामी जी की चूत में घुसने के लिए तड़प रहा था।
तभी मैंने मामी जी को वापस पलट दिया और पलटते ही मामी जी की चूत मेरे लन्ड के सामने आ गई.
लेकिन मैं मामी जी की चूत चोदने से पहले एक बार मामी जी के मुंह को भी चोदना चाहता था. इसलिए मैंने मामी जी से मेरे लंड को चूसने के लिए कहा.
तो मामी ने कहा- मैं लंड नहीं चूसूंगी। मैं- मामी जी, लंड तो आपको चूसना ही पड़ेगा। मेरा लंड आपके मुंह को चोदना चाहता है। प्लीज मामी जी, आप लंड को चूस लो।
मामी जी- अरे लेकिन मैंने कभी भी लंड नहीं चूसा है। पता नहीं ये चूसने में कैसा लगता है। मैं- मामी जी, आप एक बार चूस कर तो देखो आपको मजा आ जाएगा। मामी जी- अरे यार, तू नहीं मानेगा। पता नहीं कैसा लगता होगा।
बस अब मैं समझ गया कि मामी जी मेरा लंड चूसने के लिए तैयार है। मैं नीचे लेट गया और मामी जी जी से मेरा लंड चूसने के लिए कहा।
अब मामी जी ना नुकुर करते हुए मेरे लंड के यहां आ गई और मेरी टांगों को चौड़ा कर लंड को पकड़ लिया। मामी जी मेरे लंड को मसलने लगी। मेरा लन्ड और भी ज्यादा टाइट होने लगा।
तभी मामी जी ने अचानक मेरे लन्ड को ज़ोर से मसल दिया। मेरे मुंह से एकदम चीख निकल गई, मैंने कहा- मामी जी धीरे धीरे मसलो ना! मामी जी- नहीं, मैं तो ऐसे ही मसलूंगी; तभी तो मज़ा आयेगा। मैं- ठीक है तो मसलो। मेरा लन्ड आपका ही तो है।
थोड़ी देर तक मामी जी मेरे लन्ड को मसलती रही। फिर मामी जी ने मेरे लंड को एक हाथ से पकड़ा और लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी।
अजब गजब मज़ा आ रहा था यारो! मामी जी पूरी तरह से नंगी होकर मेरे लन्ड को चूस रही थी और मैं नंगा होकर पड़ा हुआ था। उनके लंबे लंबे बालों की घटाएं मेरे लन्ड को पूरी तरह से ढक रही थी और मैं मामी जी के बालों में हाथ डाल रहा था।
मामी आज तो चूत की देवी लग रही थी। वे बड़े प्यार से धीरे धीरे मेरे लंड को चूस रही थी।
मेरा लंड बहुत ज्यादा कड़क हो रहा था। मुझे लंड को चुसवाने में बहुत ज्यादा मजा आ रहा था।
मामी जी ने मेरे लंड को चूस चूस कर पूरा गीला कर दिया। मामी ने बहुत देर तक मेरे लंड को चूसा।
अब मैंने मामी जी से मेरे मुंह पर बैठकर लंड चूसने के लिए कहा तो मामी जी मना करने लगी। कहने लगी- मैंने ऐसा कभी नहीं किया है। तो मैंने कहा- मामी जी आपने कभी लंड भी नहीं चूसा था लेकिन आज आपने लंड का स्वाद चख लिया ना! अब आप जैसे मैंने कहा है वो करो, आपको भी मज़ा आयेगा।
थोड़ी देर समझाने के बाद मामी जी तैयार हो गई। मामी जी मेरे सिर की तरफ आ गई और मेरे सिर से होकर लंड तक पहुंच गई।
अब मामी की चूत मेरे मुंह पर थी। मैं मामी जी की चूत को चाटने में लगा। मुझे मामी की चूत को चाटने बहुत मजा आ रहा था।
मामी जी मेरे लंड को चूस रही थी। इस तरह से मामी जी के पूरे मादक जिस्म का दबाव मेरे ऊपर था। मुझे इस तरह से मामी जी को लंड चुसवाने में बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। यह मेरे लिए एक नया अनुभव था।
अब मामी जी ने मेरे लंड को अच्छी तरह से चूस लिया था। तो मैंने मामी जी को नीचे आने के लिए कहा।
मामी जी अब नीचे आ गई। अब मैं मामी जी के सिर से होते हुए मामी जी के ऊपर चढ़ गया। अब मेरा लंड मामी जी के मुंह में समा गया और मैं मामी जी की रसीली चूत को चाटने लगा।
मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था अब मैं गांड उचका उचका कर मामी जी के मुंह में लंड पेल रहा था और चूत को चाट चाट कर पिघला रहा था।
मेरी इस हरकत से मामी जी पानी पानी हो चुकी थी।
इस मीठे दर्द को मामी जी ज्यादा देर तक सहन नहीं कर पाई और थोड़ी ही देर में मामी जी की रसीली चूत ने कामरस छोड़ दिया। मैंने तुरंत ही मामी जी के चूत के रस को चाट चाट कर पूरा पी लिया।
मामी जी मेरे लन्ड को प्यार से चूस रही थी।
थोड़ी देर बाद मैं खड़ा हो गया। अब मैंने मामी जी के सिर को पकड़ा और मामी जी के मुंह में लंड ठूंस दिया। मामी जी एकदम से बिलबिला उठी। उनको समझ में नहीं आया कि यह क्या हो गया।
अब मैं मामी जी के सिर को पकड़कर बार- बार मेरे लंड को मामी जी के मुंह में अंदर बाहर अंदर बाहर करने लगा। मुझे मामी के मुंह को चोदने में बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। मैं मामी जी के मुंह में लगातार मेरे लंड को पेल रहा था।
मामी जी मदहोश हो चुकी थी और मैं लगातार लंड का प्रहार करता जा रहा था। मैं बहुत देर तक मामी जी के मुंह में लंड पेलता रहा। थोड़ी देर में मेरा लंड गलगला गया। अब मेरा झाग निकलने वाला था। इसलिए मैंने मामी जी के मुंह में मेरे लंड को दबा दिया। कुछ ही पलों में मेरा नमकीन रस मामी जी के मुंह में भर गया।
मैंने थोड़ी देर तक मामी जी के मुंह में लंड को दबाए रखा। फिर मैंने मेरे लंड को मामी जी के मुंह से बाहर निकाला। मामी जी मेरे लंड के रस को बाहर थूकने लगी। तो मैंने मामी जी से लंड के रस को पीने के लिए कहा लेकिन मामी जी ने मेरे लंड के रस को नहीं पिया और पूरा रस थूक दिया।
मामी कहने लगी- तुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था। अगर ऐसा करना ही था तो कम से कम पहले एक बार बता तो देता। मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा। तो मैंने कहा- मामी जी, मैं क्या करता मेरा लंड तो मान ही नहीं रहा था। ये तो पहले आपके मुंह में रस भरना चाहता था इसलिए मैंने आपके मुंह में लंड को दबा दिया था। आप नाराज मत हो। मामी जी चुप हो गई।
थोड़ी देर बाद मेरा लन्ड फिर से टाइट हो गया।
अब मैंने मामी जी को नीचे लेटा दिया और मामी जी की टांगों को पकड़कर चौड़ा कर दिया; मेरा लंड मैंने मामी जी की चूत पर सेट कर दिया।
मेरा लंड मामी जी की चूत में जाने के लिए तैयार था। मैंने मामी जी की टांग को पकड़ा और लंड को एक जोरदार झटका मारा और एक ही झटके में मेरा लंड मामी जी की चूत की अस्थि पंजर को चीरता हुआ चूत की जड़ तक जा पहुंचा।
मामी जी एकदम से बिलबिला उठी और मामी जी मीठे दर्द से कसमसाने लगी। शायद आज पहली बार मामी जी की चूत में इतना बड़ा लंड गया होगा इसलिए मामी जी को बहुत ज्यादा दर्द होने लगा।
तब मैंने मेरे लंड को चूत में से बाहर निकाल लिया। अब मामी जी राहत महसूस करने लगी.
लेकिन मामी जी की ये राहत ज्यादा देर तक नहीं रह सकी और मैंने कुछ ही पलों में फिर से लंड को जोरदार झटके के साथ चूत में पेल दिया।
मामी जी फिर से दर्द से बिलखने लगी और लंड को बाहर निकालने के लिए कहने लगी. लेकिन अब मैं नहीं मानने वाला था। अब मैं मामी जी की चूत में लंड ठोक चुका था।
अब मैं पूरे जोश के साथ मामी जी की मखमली चूत में लंड पेलने लगा। मुझे लंड ठोकने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
मामी जी की सिसकाारियां लगातार बढ़ती जा रही थी। अब मामी जी को भी चुदने में मज़ा आने लगा। अब मामी जी चुपचाप चिकनी चूत में लंड ले रही थी।
मैं मामी जी की चूत में लंड पेले जा रहा था। मुझे मामी जी को चोदने में बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। मैं गांड हिला हिला कर मामी जी की चूत में लंड पेलने लगा।
मामी जी उनकी रसीली चूत को चोदने के लिए मेरे लंड को पूरा मौका दे रही थी। मामी जी की सिसकारियां लगातार बढ़ती जा रही थी।
मेरे लन्ड के घमासान के आगे मामी जी की चूत थोड़ी देर में पिघल गई और मामी जी की चूत ने नमकीन रस छोड़ दिया. अब जैसे ही मेरा लंड मामी जी की चूत में जाता तो फ्फद्द फ्फ़च फ्फ़क फ्फ़्च फ्फ़्छ की आवाज आने लगती।
जब गजब नजारा था यारो … जिस मामी जी को में इतने दिनों से पेलने की कोशिश कर रहा था आज वो मेरे लंड से चुद रही थी। चारों ओर शांति थी … बस चूत में लंड अंदर बाहर होने की आवाज़ आ रही थी।
आज मामी जी की पूरी शर्म उतर चुकी थी। मैं लंड को हिला हिला कर मामी जी की चूत को पेल रहा था।
मैं तबीयत से मामी जी की चूत को भोसड़ा बना रहा था। आज मेरा लंड मामी जी की चूत को चोद कर बहुत ज्यादा खुश हो रहा था। मेरा लंड अभी भी बहुत ज्यादा कड़क था। वह लगातार मामी जी की चूत की बखिया उधेड़ रहा था।
अब तक मामी जी की चूत चुदकर भोसड़ा बन चुकी थी. लेकिन मेरा लंड अभी भी कहां मानने वाला था; वो तो इस मस्त माल को पूरी तरह से निचोड़ना चाहता था।
अब मैंने मामी जी के होंठों को मेरे होंठों में दबा लिया और मामी जी ने मुझे बांहों में भर लिया। ऐसा लग रहा था जैसे मामी जी कह रही हो- रोहित आज तो मेरी चूत की पूरी गर्मी को शांत कर दो।
मैं मेरी गांड उचका उचकाकर मामी जी की चूत में लंड पेल रहा था। मैंने बहुत देर तक मामी जी की चूत में लंड पेला।
अब मेरे लंड का पानी निकलने वाला था। मैंने मामी जी से पूछा मामी जी बताओ मेरे लन्ड का पानी कहां डालूं? मामी जी कहने लगी- बाहर ही डाल दे।
मैं- मामी जी मैं तो आपकी चूत के अंदर ही डालूंगा। मामी जी- नहीं अंदर मत डालना। अगर मैं प्रेग्नेंट हो गई तो पूरा भंडाफोड़ हो जाएगा। मैं- मामी जी आप चिंता मत करो। अगर आप प्रेग्नेंट हो भी गई तो उसका पूरा समाधान मैं कर दूंगा। मामी जी- नहीं रोहित अंदर मत डालना।
लेकिन मैं कहां मानने वाला था जैसे ही मेरे लंड का रस बाहर निकला तो मैं मैंने पूरा रस मामी जी की चूत में भर दिया। मैंने मामी जी को बुरी तरह से भींच लिया।
मामी जी चुप हो गई थी। मामी जी मेरे लंड की जिद के आगे हार चुकी थी।
थोड़ी ही देर में मेरे लन्ड के रस ने मामी जी की चूत को रस से भर दिया। मेरा लंड अभी भी मामी की चूत में अटका हुआ था।
कुछ देर तक मैं मामी जी के जिस्म के ऊपर ही पड़ा रहा। फिर थोड़ी देर बाद मैं उठा।
मामी जी कहने लगी- तुझे अंदर नहीं डालना चाहिए था ना! मैंने कहा- मामी जी, मैं क्या करूं मेरे लंड के आगे मेरी बस की बात नहीं थी। आप चिंता मत करो आपको कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।
मामी जी चुप हो गई।
आज मैं मामी जी की चूत को चोद कर बहुत ज्यादा खुश था और मामी जी को भी मेरे लंड से चूत चुदवाकर बहुत ज्यादा खुश थी।
थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से मामी जी की चूत चोदने के लिए तैयार हो गया।
मैंने मामी जी जी से एक बार फिर चूत में मेरा लंड लेने के लिए कहा। मामी जी ने कहा- नहीं रोहित, हमें बहुत देर हो चुकी है। अगर और करेंगे तो बहुत ज्यादा लेट हो जाएंगे। अब घर चलते हैं.
लेकिन मैं नहीं माना, मैंने कहा- मामी, प्लीज एक बार और चोदने दो ना! फिर पता नहीं आप को चोदने का मौका कब मिलेगा।
मामी जी चुप हो गई। मैं समझ गया की मामी जी फिर से मेरा लंड लेने के लिए तैयार है।
अब मैंने फिर से मामी जी की टांगों को पकड़कर चौड़ा कर दिया और जोरदार झटका देते हुए लंड मामी जी की चूत की फांकों को चीरता हुआ चूत की जड़ तक पेल दिया।
मेरा लंड चूत के अंदर जाते ही मामी जी एक बार फिर से बिलबिला उठी।
अब मेरे लन्ड ने एक बार फिर से मामी जी की चूत में घमासान मचा दिया और मामी जी की चूत ने मेरे लंड के घमासान के आगे हार मानते हुए थोड़ी ही देर में नमकीन रस छोड़ दिया। फिर से चूत चुदाई में फच फाच्च फाछ फाच की आवाजें निकलने लगी।
मामी जी सिसकारियां भरते हुए चूत में लंड लिए जा रही थी।
थोड़ी देर में मेरे लंड ने भी मामी जी की चूत को रस से भर दिया। मैं थोड़ी देर तक निढाल हो कर मामी जी के ऊपर ही लेटा रहा।
फिर हम दोनों उठे।
अब मामी जी पेंटी को उठाकर पहनने लगी। तभी मैंने मामी जी की पैंटी को पकड़ लिया और मेरी हाथों से मैंने मामी जी को पेंटी पहनाई।
फिर मैंने ब्रा पहना कर मामी जी को ब्लाउज पहनाया और फिर मामी जी को पेटीकोट पहना कर नाड़ा बांध दिया।
अब मामी जी ने चोटी बांधकर साड़ी पहन ली।
मैं अभी भी मामी जी के सामने नंगा ही खड़ा था। मेरा लंड फिर से टाइट हो चुका था।
अब मेरा लंड फिर से मामी जी की चूत को नापने की ज़िद करने लगा लेकिन तब तक मामी जी कपड़े पहन चुकी थी। मामी जी कहने लगी- अब तू भी कपड़े पहन ले. नहीं तो ये खड़ा ही रहेगा।
मैं- मामी जी अगर आप बुरा नहीं मानो तो प्लीज इसे एक बार और चूत में ले लो। मामी जी- नहीं, अब तो बिल्कुल भी नहीं। मैं- मामी जी, प्लीज मान जाओ ना! बस आख़िरी बार!
मामी जी- अरे लेकिन तू बहुत टाइम लगाएगा। मैं- नहीं मामी जी मैं थोड़ी सी देर में मेरे लन्ड को आपकी चूत में उतार दूंगा।
मामी जी- नहीं, हम लेट हो रहे हैं, अब चल! ये कहकर मामी जी चलने लगी तभी मैंने मामी जी का हाथ पकड़ लिया और मामी जी को बांहों में भरकर ज़मीन पर लेटा दिया।
मामी जी कहने लगी- अरे यार, अब क्या है। तू मुझे मरवा कर ही मानेगा।
तभी मैंने मामी जी की टांगों को फैला कर चौड़ा कर दिया जिससे मामी जी की साड़ी और पेटीकोट नीचे खिसक गए। मैंने मामी जी की पैंटी एक ही झटके में खोल दी; अब मेरे लंड का रास्ता साफ था।
अब मैंने लंड को चूत के मुंह पर रखा और ज़ोरदार धक्का लगाया। एक ही धक्के में मेरा लन्ड मामी जी की रसीली चूत में समा गया।
मामी जी एकदम से फिर से चीख पड़ी।
अब मैं फिर से घपाघप चूत में लंड पेलने लग गया। अब मैंने मेरी स्पीड को बड़ा दिया और ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए मामी जी की चूत में लंड पेले जा रहा था। मुझे मामी जी की रसीली चूत को फोड़ने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
थोड़ी ही देर में मेरे लन्ड ने मामी जी की चूत को फिर से गरमागरम लावे से भर दिया।
अब मेरा लन्ड मामी जी की चूत में ठंडा हो चुका था। थोड़ी देर तक मेरा लंड मामी जी की मखमली चूत में फंसा रहा। फिर मैंने लंड को बाहर निकाला।
अब मामी जी खड़ी हो गई और मैंने मामी जी को पैंटी पहना दी। मैंने मेरी टीशर्ट और पजामा पहन लिया।
आज मामी जी मुझसे चुद कर बहुत खुश लग रही थी।
फिर हम दोनों ने एक दूसरे को एक बार फिर से किस किया और मैंने मामी जी के स्तनों को दबा दिया। उसके बाद हमने रास्ते में और बेर तोड़े। फिर शाम को हम घर पहुंच गए।
घर पहुंचने के बाद मैंने देखा कि सीमा मामी जी कहीं दिख नहीं रही है तो मैं उनके घर के अंदर गया तो देखा कि सीमा मामी दाल को डिब्बे में भर रही थी।
मैंने मामी जी को पीछे से पकड़ लिया और मामी जी के स्तनों मसल दिया। मामी जी पलट कर कहने लगी- लगता है तूने उर्मिला को पेल दिया? तो मैंने कहा- हां मामी जी, आज मैंने मामी जी को अच्छी तरीके से मसल डाला। सच में मामी जी उर्मिला मामी जी को पेलने में बहुत ज्यादा मजा आया।
मामी जी मुंह बनाकर बोली- अच्छा तो तुझे मुझे पेलने में मजा नहीं आता है। तो मैंने कहा- अरे मामी जी, जितना मज़ा आपको पेलने में आता है इतना मजा तो मुझे किसी को भी पेलने में नहीं आता है तभी तो मेरा लंड बार बार आपकी चूत को ही मांगता है।
सीमा मामी खुद ही चूत पर नाज़ करती हुई मुस्कुराने लगी।
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