जिरकपुर में चूत चोद कर उसकी गोद भरी

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मेरा नाम विकास है, मैं पंजाब से हूँ, उम्र 31 साल है और मेरा अपना भरा पूरा परिवार है। मुझे चैटिंग करने का शौक है और मैं अक्सर याहू पर चण्डीगढ़ रूम में चैटिंग करता रहता हूँ।

मैं फेसबुक से भी जुड़ा हुआ हूँ। मैं उन लोगों के लिए एक और बात बताना चाहता हूँ जो अपनी माँ-बहन को लेकर कहानियाँ बनाते हैं उनसे मैं सख्त नफ़रत करता हूँ और कभी-कभी ऐसे लोग चैट करते हुए भी मिल जाते हैं तो मैं उन को भी समझाता हूँ कि ऐसा न किया करें।

और जो नौजवान हैं मैं उनसे भी विनती करता हूँ कि वो नशों से दूर रहें.. चाहे वो स्त्री हों या पुरुष दोनों के लिए ही हानिकारक है। खास कर ये सेक्स पर बहुत अधिक दुष्प्रभाव करता है और नपुंसकता की ओर ले जाता है।

अब मैं आपको अपनी एक घटना बता रहा हूँ जो कि अभी-अभी 13 तारीख को ही मेरे साथ घटी।

मैं याहू पर चैट कर रहा था कि एक महिला जिसका नाम अर्पिता था (नाम बदला हुआ) उसकी उम्र लगभग 28 सा्ल और उसकी शादी हुए 6 साल हो चुके थे, पर अभी तक वो माँ नहीं बन पाई थी। मैंने उसके पति के बारे में पूछा तो उसने बताया कि डॉक्टर ने बताया है कि उन में शुक्राणुओं की कमी है।

मैंने कहा- कोई दवाई ली?

तो वो बोली- मैं और वो.. दोनों दुनिया भर की दवाईयाँ खा चुके हैं, पर कोई असर नहीं हुआ और न ही परखनली शिशु वाला फार्मूला कामयाब रहा।

मैंने सहानुभूति जाहिर की।

‘आप मेरी मदद कीजिए ना..’ मैंने कहा- कैसी मदद? तो वो बोली- मुझे बच्चा चाहिए। मैंने कहा- यह क्या कोई पेड़ पर उगने वाला फ़ल है जो मैं तुमको तोड़ कर दे दूँ।

वो चुप रही। तो मैंने उससे कहा- क्या तुम्हारे पास बेवकैम है? तो वो बोली- हाँ। मैंने कहा- ऑन करो।

वो बोली- ऑन तो करूँगी.. पर यह बताओ बाद में तुम मुझे अपनी फोटो दिखाओगे और यदि तुम मुझे पसंद आए तो क्या तुम मेरी बात मानोगे?

मैंने ‘हाँ’ कह दिया, उसने जब अपना कैम ऑन किया तो क्या दिखने में माल थी वो.. बस उसकी एक झलक देख कर मैं तो दंग रह गया।

तभी उसने कैम बंद कर दिया।

मैंने अपनी फोटो उसको भेजी और उसको पसंद आ गई, वो बोली- क्या तुम मेरे साथ सेक्स कर सकते हो?

मैंने कहा- अपने पति से तो पूछ लो… वो बोली- यदि उनके भरोसे रही तो हो चुका बच्चा.. मैंने कहा- ठीक है।

वो बोली- कल ही। मैंने कहा- इतनी जल्दी? वो बोली- मेरे पास अधिक वक्त नहीं है तुम ‘हाँ’ बोलो या ‘न’ बोलो। मैंने कहा- हाँ.. पर कहाँ?

वो बोली- मेरे ही घर में जिरकपुर में.. जो अभी हमने फ़्लैट लिया है.. उसमें। मैंने कहा- कितने बजे? तो वो बोली- गयारह बजे जिरकपुर बस-स्टैंड पर मिलेंगे। मैंने सहमति जता दी।

उसने पूछा- तुम बस से आओगे या मैं अपनी गाड़ी भेजूँ? मैंने कहा- नहीं रहने दो.. मेरे पास कार है.. मैं आ जाऊँगा।

उसने अपना सेल नंबर दिया, मैंने उसको कॉल किया और अपना नंबर दे दिया।

अगले दिन यानि 14 तारीख को सुबह मैंने अपने ड्राईवर को साथ लिया और जिरकपुर के लिए चल दिया और जिरकपुर बाईपास के पास जिस जगह पर चंडीगढ़ की बसें खड़ी होती हैं, वहाँ अपनी गाड़ी से बाहर निकल कर उसको फ़ोन करने लगा।

उसने बताया कि वो पास में ही है और 3-4 मिनट में वो पहुँच गई।

वो खुद गाड़ी चला रही थी और उसने मुझसे कहा- अपनी गाड़ी से मेरे पीछे आ जाओ।

मैंने कहा- रुको, मैं ड्राईवर को अपनी गाड़ी देकर तुम्हारे साथ चलता हूँ, उसको साथ ले जाने की कोई जरूरत नहीं है। वो बोली- ठीक है।

मैंने ड्राईवर को पास में ही एक बड़ा मॉल था, उसमें भेज दिया और मैं उसके साथ बैठ गया और मैंने रास्ते में उससे पूछा- तुमने मुझ को ही क्यों चुना?

तो वो बोली- बस मेरा मन किया।

मैं चुप रहा पर तभी वो बोली- अपना हथियार निकाल कर दिखाओ।

मैंने अपना लौड़ा निकाला जो कि गन्ने की तरह खड़ा था। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! पूरे 7 इंच का लण्ड देख कर बोली- सो स्वीट..

उसने एक हाथ से मेरा लौड़ा ले लिया और ऊपर-नीचे करने लगी और एक हाथ से गाड़ी चला रही थी।

मैंने भी उसकी पैन्ट की जिप खोली और वो नीचे से नंगी थी। मैं उसकी चूत को मसलने लगा और वो ‘आहें’ भरने लगी।

कुछ ही देर में हम उसके जिरकपुर वाले फ्लैट में पहुँच चुके थे।

मैंने और उसने अपनी-अपनी जिप बंद कीं और हम लिफ्ट की ओर गए। उस लिफ्ट में सिर्फ हम दोनों ही थे और हमें पांचवें माले पर जाना था।

मैं उसको लिफ्ट में ही चूमने लगा और वो मेरा साथ देने लगी।

दो मिनट में लिफ्ट रुकी और हम उसके फ्लैट में चले गए उसने दरवाजा खोला और हम दोनों उसके शयन-कक्ष में आ गए।

उसने मुझ को ठंडा या गरम के लिए पूछा, मैंने कहा- आज तो तुमको ही पीऊँगा.. तुम्हारी गर्मी को ठंडा करूँगा।

वो मुस्कुरा दी और मेरे पास बिस्तर पर ही बैठ गई। मैंने उसके टॉप को उतार दिया और उसने मेरी शर्ट को उतारा।

उसके गोल-गोल मम्मे मेरे सामने थे और मैं झपट कर उनको चूसने लगा.. जैसे कोई बच्चा आम को चूसता है।

मैंने उसकी पैंट खोल दी। उसने मेरी पैंट खोल दी और मेरा अंडरवियर उतार दिया। अब हम दोनों ही नंगे थे।

मैंने उसको अपनी गोद में बिठा लिया और वो मेरी गोद में बैठी मेरा साथ दे रही थी। मेरा एक हाथ उसकी चूत पर था और दूसरे हाथ से मैं उसके मम्मे मसल रहा था, वो मेरे लौड़े को ऊपर-नीचे कर रही थी…

फिर मैंने उसको 69 की अवस्था में कर लिया और वो मेरा लौड़ा चूसने लगी… मैं उसकी चूत को चाटने लगा। उसकी चूत से गुलाब जैसी गन्ध आ रही थी, शायद उसने अपनी चूत पर गुलाब का इत्र लगा रखा था।

मैं उसकी चूत को चूसने लगा और वो मेरा लौड़ा चूसने लगी। वो पल किसी जन्नत के सुख से कम नहीं था।

कुछ वक्त बाद मैंने उसको कुतिया की अवस्था में कर लिया और उसकी चूत में पीछे से लौड़ा पेल दिया।

वो मेरा साथ दे रही थी और कह रही थी- थोड़ा और अन्दर..

वो अपनी चूत को आगे-पीछे करके मेरे लौड़े को चूत में अन्दर-बाहर कर रही थी।

लगभग 5 मिनट चुदाई करने के बाद उसने मुझको लिटा लिया और मेरे लौड़े के ऊपर अपनी चूत रख कर बैठ गई और मेरा लण्ड दस मिनट तक उसने अपनी चूत से अन्दर-बाहर किया। उसके बाद वो नीचे उतरी और बोली- अब तुम मेरी चूत में लण्ड डाल कर अपना पानी उसमें डालो।

मैंने उसको लिटाया और उसकी चूत में लौड़ा पेल दिया और वो मेरा साथ देने लगी और बोली- पिछले 7 साल में ऐसा मज़ा कभी नहीं आया।

मैं उसको धकापेल चोद रहा था और साथ-साथ उसके गुलाबी होंठ भी चूस रहा था। तरकीबन दस मिनट तक मैंने उसकी चुदाई की और अपना पूरा माल उसकी चूत में डाल दिया।

अब हम आलिंगन करके 15 मिनट तक चूत में डाले फंसाए पड़े रहे। उसके बाद वो उठी और कपड़े पहनने लगी, तो मैंने रोक दिया और वो मान गई। हम दोनों नंगे ही रहे और हम कुछ इधर-उधर की बातें करने लगे।

कुछ समय बाद हम दोनों का मन फिर से चुदाई का बना और अबकी बार उसने कहा- चलो कुछ नया करते हैं।

हम खड़े हो कर चुदाई करने लगे.. उसके बाद मैंने अपने लौड़े से उसके मम्मों को मसला और वो ‘आहें’ भरने लगी।

फिर मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत में डाला और फिर उसकी चुदाई कर डाली.. वो भी खिल उठी।

उस दिन उसको अलग-अलग तरह से मैंने 4 बार चुदाई की, फिर हम शाम को 6 बजे जिरकपुर से बापिस आ गए और उसने मुझे उसी माल में छोड़ दिया।

आज ही उसका फ़ोन आया था कि डॉक्टर से उसकी बात हुई है और वो कह रहा है कि उसके माँ बनने की उम्मीद बनने लगी है।

उसने मुझे फिर बुलाया है, अब देखते है दोस्तो, क्या होता है।

यह घटना लिखी है वो मैंने उसकी इज़ाज़त से लिखी है। आपके विचार आमंत्रित हैं अपने विचार आप मुझे मेरी ईमेल पर दे सकते हैं। [email protected]

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