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पहले अमन ने मेरी माँ का ज़ोर का चुम्मा लिया और उसके मम्मे दबाए। मेरी माँ की दर्द के माँरे आँखें फट गईं लेकिन मुँह बंद होने की वजह से कुछ बोल नहीं पाईं।
फिर उसने मेरी माँ को साहिल के पास भेजा साहिल ने मेरी माँ की स्कर्ट में हाथ डाल कर पता नहीं क्या दबाया मेरी माँ की ज़ोर से चीख निकल पड़ी और आँख से आँसू आ गए।
थोड़ी देर बाद मेरी माँ ने खुद हाथ जोड़कर कहा- प्लीज़ साहिल, हाथ निकाल लो बहुत दर्द हो रहा है..
तो साहिल ने कहा- प्रिया डार्लिंग, अभी से हाथ जोड़ लिए, अभी तो ये सोच कि वो बेवड़े तेरा क्या हाल करेंगे।
तभी अमन ने कहा- प्रिया डार्लिंग, ज़रा अपने बेटे को भी तो बता कि साहिल ने ऐसा क्या किया कि तेरी हालत खराब हो गई और ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी।
तो मेरी मम्मी ने सर नीचे झुकाते हुए कहा- मैं नहीं बता सकती, कम से कम कुछ तो इज़्जत छोड़ दो मेरी.. मेरे लड़के के सामने मैं कैसे बताऊँ कि उसने मेरी पैन्टी में क्या किया, मुझे शर्म आ रही है।
तो अमन ने मेरी माँ की चोटी पकड़ी और अपनी तरफ खींचता हुआ बोला- साली प्रिया रंडी.. आज रात के लिए तू इसकी माँ नहीं है, हमारी रखैल है, हम जो बोलेंगे.. वो करना होगा। चल जल्दी बता इसे और नज़र मिला के बता…।
तब मैं बोला- मम्मी मैंने पहले ही कहा था कि यह तेरे साथ ऐसा-ऐसा काम करेंगे, जो तूने कभी सोचा भी नहीं होगा।
तो मेरी मम्मी ने बोला- साहिल ने मेरी चड्डी के अन्दर हाथ डाला और पहले मेरी चूत को सहलाया और मेरी चूत के दाने को दबाया, फिर मेरी गाण्ड में पहले एक ऊँगली डाली फिर दूसरी डाली फिर चारों ऊँगलियां डाली और मेरी गाण्ड में ऊपर-नीचे करने लगा, इसलिए मुझे दर्द हुआ जो मैं झेल नहीं पाई और चिल्ला उठी।
यह सब सुनकर मुझे भी अजीब लग रहा था कि मेरी मम्मी अपने मुँह से मेरे सामने अपनी ही चूत और गाण्ड की बातें कर रही थीं।
इस पर अमन मुझसे बोला- क्यों मज़ा आया ना… अब तू देखता जा.. थोड़ी देर में हम तुझे वो जगह दिखाएँगे, जहाँ से तू निकला था। यानि की तेरी माँ प्रिया की चूत..!
यह सुन कर एक बार तो मेरा भी मन मचल गया कि मेरी माँ की चूत कैसी होगी और कब देखने को मिलेगी और यह लोग मेरी माँ को कब नंगी करेंगे लेकिन फिर मैंने अपने मन को काबू में कर लिया।
तब साहिल बोला- चलो, अब प्रिया डार्लिंग को ले कर चलो ठेके पर… और सुन जानेमन, तुझे वहाँ अपनी गाण्ड मटकाते हुए जाना है और दुकान पर सामने ज़ोर की आवाज लगानी है कि व्हिस्की की चार बोतल दे दो और अगर बोतल नहीं हैं तो दस अद्धे भी चलेंगे, कोई तुझे देख कर कुछ अश्लील कमेन्ट करे तो तुझे भी उसी अश्लील अन्दाज में उसका जबाव भी देना है।
मम्मी बोली- ठीक है।
अब हम सब घर से निकल कर चल दिए। मेरी मम्मी उनकी बाँहों में हाथ डाले हुए उनके साथ चलती हुई जा रही थीं और वो बीच-बीच में मेरी मम्मी की चूचियों और चूत को को छेड़े जा रहे थे।
अमन ने कहा- तू आगे बैठ और गाड़ी चला, हम चारों तेरी माँ के साथ पीछे बैठेंगे।
मैंने कहा- ठीक है लेकिन तुम चार पीछे कैसे बैठोगे?
तो अमन ने कहा- हम तीन बैठेंगे और तेरी माँ हमारी गोदी में बैठेगी।
इस बीच मैंने एक बार अपनी माँ को ऊपर से लेकर नीचे तक देखा। मेरी मम्मी नीचे से पूरी नंगी थीं। बस एक स्कर्ट ही था जो सिर्फ चार इंच लंबा था इसमें भी मेरी मम्मी थोड़ा सा भी झुक कर चलती तो उनकी लाल चड्डी आराम से दिख सकती थी। ऊपर भी सिर्फ़ एक लाल पट्टी थी, जो मेरे मम्मी के चूचकों को ढक रही थी।
अब मेरी मम्मी एक माल दिख रही थीं। उनके मम्मे और पेट की नाभि उनकी सेक्स अपील को बहुत अधिक बढ़ा रहे थे। मैंने एक चीज़ ध्यान दे कर देखी कि अमन ने सिर्फ़ कपड़े दिए थे, लेकिन मेकअप का सामान तो दिया नहीं था, तो मम्मी ने लिपस्टिक व फेसपैक भी लगाया था और उनके शरीर से इत्र की खुशबू भी आ रही थी।
यह देख कर मैं समझ गया कि मेरी मम्मी रंडी बन कर चुदने के लिए पूरा मन बना कर आई हैं। अब उनकी इस सोच ने मेरा मन भी रंगीन बना दिया था।
खैर हम सभी लोग दारु के अड्डे की ओर चल दिए रास्ते में अमन और साहिल मेरी माँ की चूचियों को मसकते रहे मैं शीशे से सब देख रहा था कि मेरी माँ मस्त होकर मुस्कुरा कर उनसे अपनी काम वासना बुझवा रही थीं।
कुछ ही देर में हम लोग वहाँ पहुँचे और ठेके से कुछ दूर ही गाड़ी रोक कर सब उतर गए।
अमन ने एक सिगरेट सुलगाई और कहा- चल प्रिया डार्लिंग तेरा काम शुरू.. जा अब ठेके से दारु ले कर आ…।
उसने मेरी माँ की उस चोली नुमा पट्टी में हजार-हजार के नोट खोंस दिए और पीछे से माँ के चूतड़ों पर थपकी लगे और जाने का इशारा किया। माँ की काम-वासना अब उजागर होने लगी थी। वो जिस तरह से चल रही थी मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि ये मेरी माँ हो सकती है।
वो ठेके की तरफ एक छिनाल औरत के जैसे मटकती हुई गई तभी एक हरामी से आदमी ने सीटी मारी और जोर से बोला- आज तोगज्जक लाल हो रही है।
मेरी माँ ने पलट कर जबाव दिया- ओए गज्जक को देखता ही रहेगा या गज्जक कूटने की हिम्मत भी है?
वो आदमी सहम कर चुप हो गया, पर उसके बाजू वाला बोला- मेरे मूसल से कुटवा ले..!
‘मूसल तो दिखा..’
उसने अपना लौड़ा खोल दिया।
मेरी माँ खिलखिला कर हंसती हुई काउंटर पर पहुँची- ओए… चार रॉयल स्टैग की बोतल दे..!
काउंटर वाला भी हैरान था कि यह कौन सी रण्डी आ गई। उसने कुछ नहीं कहा और जल्दी से बोतलें दीं और मेरी माँ से पैसे लिए। उसे वहाँ का माहौल ख़राब होने का अंदेशा था सो उसने माँ को जल्दी ही सामन देकर विदा किया।
माँ ने उस आदमी को अपने पास आने का इशारा किया जो मूसल से कूटने की बात कर रहा था।
वो लपक कर आया तो माँ बोली- चलता क्या?
वो खींसे निपोरने लगा। उसने हामी भरी तो माँ ने उसको बोतलें उठाने का इशारा किया। उसने बोतलों का थैला उठाया और माँ के पीछे-पीछे चल दिया।
मैं माँ की समझदारी देख कर हैरान था कि उसने बोतल उठाने के लिए अपनी जवानी का लालच कैसे दिया।
माँ गाण्ड मटकाती हुई गाड़ी तक आईं।
उस आदमी ने जब हम चारों को देखा तो उसका मुँह सूख गया। पर तब भी माँ ने उसके हाथ से थैला लिया और उसको एक फ्लाइंग किस दी और बोली- चल फूट तेरा काम खत्म।
अमन हँसने लगा- वाह प्रिया रानी.. तेरे ये जलवे..!
वो माँ की इस अदा से बहुत खुश था।
सब लोग गाड़ी में बैठ कर वापिस आ गए।
अब घर पर शराब का दौर शुरू हुआ, अमन ने मेरी माँ से सबके लिए दारु के पैग बनवाये और झुक का पैग देने का कहा माँ ने सबको जाम पेश किए।
अमन ने कहा- आशीष को भी दे..
मेरी माँ ने मुझे भी जाम पेश किया मैंने आँख झुका कर जाम ले लिया और उस नागवार से माहौल को मस्ती में बदलने के लिए मैं एक ही सांस में पूरा जाम गटक गया।
अमन ने मुझे फिर से जाम दिया और इस तरह मैं चार पैग ठोक लिए।
उधर अमन ने माँ को अपनी गोद में बिठा कर दो पैग माँ को भी पिला दिए। कुछ ही देर में सुरुर आने लगा। साहिल ने उठ कर गाने लगा दिए और मेरी माँ भी उठ कर झूमने लगी।
अमन उसके साथ नाचने लगा और नाचते-नाचते मम्मी को ऊपर से पूरा नंगी कर दिया।
माँ के हिलते मम्मे देख कर मेरा लवड़ा खड़ा हो गया। अब मुझे भी नशे में वो माँ नहीं प्रिया रण्डी दिख रही थी।
सब झूमने लगे थे शराब और सिगरेट के साथ माहौल कामुक हो चला था, अब मम्मी भी एक सिगरेट के छल्ले उड़ा रही थीं।
तभी अमन ने अपने सब कपड़े उतार दिए और अपना लौड़ा माँ की तरफ लहराया। माँ समझ गईं और उन्होंने लपक कर अमन का लौड़ा चूसना शुरू कर दिया।
आह.. कितनी सेक्सी लग रही थीं वे..!
साहिल और सूरज ने अपने लंड खोल लिए थे। सब प्रिया रण्डी से लौड़े चुसवाने में लगे थे, मैं भी अपने लौड़े पर हाथ फेर रहा था।
तभी अमन बोला- आशीष तू भी नंगा हो जा.. आज प्रिया रानी तेरा ठुल्लू भी चूसेगी.. हा हा हा..
मैंने माँ की ओर देखा तो भी हँस रही थी- खोल दे.. दिखा मुझे कितना बड़ा हो गया है तेरा लौड़ा..!
अपनी माँ से ये सब सुनकर एक बार तो मुझे हैरानी हुई पर शराब के नशे में धुत्त माँ की तरफ वेबस हो कर देखता रहा।
अमन बोला- प्रिय रानी जा.. तू ही नंगा कर दे इसको।
माँ मेरे पास आईं और मुझे उठा कर मेरे कपड़े उतारने लगीं। लेकिन मैं पीछे हट गया।
तभी अमन ने मेरे हाथ में एक सिगरेट पकड़ा दी और मेरे होंठों से जाम लगा दिया।
मुझे जाम की सख्त जरूरत थी। मैंने गट-गट एक ही सांस में शराब को अपने हलक में उतार ली, ये नीट थी।
मेरी जुबान जलने लगी मैंने तुरंत सिगरेट का बड़ा कश खींचा।
सूरज ने तालियाँ बजा कर मेरी माँ का हौसला बढ़ाया और अमन ने अपना लंड माँ के मुँह में ठूंस दिया।
एक-एक करके सबने अपने-अपने हथियारों का पानी मेरी माँ के हलक में छोड़ा। फिर अमन ने माँ की लाल चड्डी को खींच कर फाड़ दिया और माँ की चूत सामने थी।
अमन- देख आशीष तू इधर से उगा था। साहिल और सूरज उसकी इस बात को सुन कर हँसने लगे मेरी माँ भी उनकी हंसी में शामिल हो गई थी।
अब चुदाई की बेला आ गई थी। अमन ने सबसे पहले मेरी माँ के मम्मे जोर से भींचे और अपना लवड़ा एक ही बार में माँ की चूत में पेवस्त कर दिया।
माँ के मुँह से एक चीख निकल गई। फिर एक दो धक्के में ही उसने अमन के लंड को अपनी चूत में सैट कर लिया। अमन धकाधक मेरी माँ चोदने लगा।
तभी पीछे से साहिल ने आकर माँ के मुँह में अपना लंड लगा दिया माँ ने उसके लौड़े को चूसना शुरू कर दिया।
उसे देख कर सूरज भी अपना हिलाते हुए आ गया और उसने भी माँ को लौड़ा पकड़ा दिया। माँ नीचे पड़ी थी और उसकी चूत में अमन का लंड शंटिंग कर रहा था और साहिल व सूरज के लौड़े माँ के मुँह को चोद रहे थे।
मैं नशे टुन्न वहीं खड़ा होकर देख रहा था।
तभी अमन झड़ने को हुआ और उसने अमन माल माँ की चूत में छोड़ दिया।
उसके हटते ही माँ उठने को हुई तो साहिल ने माँ को अपनी बाँहों में खींच लिया’जाती किधर हो रानी… मेरा लवड़ा नहीं लोगी क्या?’
साहिल ने नीचे लेटते हुए माँ को अपने ऊपर ले लिया और माँ ने साहिल का लंड अपनी चूत में डाल लिया।
साहिल ने माँ के मम्मे पकड़ कर नीचे से ही कमर उठा कर मेरी माँ चोदनी शुरू कर दी।
तभी अमन ने सूरज को इशारा किया और सूरज ने माँ के ऊपर आते हुए माँ की गाण्ड में अपना लौड़ा लगा दिया।
माँ एकदम से चिहुंक गई- प्लीज़.. आगे से ही ले लेना.. मेरी गाण्ड फट जाएगी.. मेरी गाण्ड मत मारो..
अमन हंसता हुआ बोला- रानी दो लाख में गाण्ड भी न मारें.. अरे फट जायेगी तो सिलवा लेना..हा हा हा।
सूरज ने अपना लौड़ा मेरी माँ की गाण्ड में पेल दिया। अब मम्मी सेंडविच बन कर चुद रही थीं और अमन ने उनका तीसरा छेद यानि मुँह में अपना झड़ा हुआ लंड लगा दिया जो माँ और अमन के माल से सना था।
मैं माँ को चुदते हुए देख रहा था।
कुछ ही देर में सूरज का लौड़ा झड़ गया और साहिल ने माँ को लौड़ा लगाए हुए ही पलट दिया और मेरी माँ चोदने लगा।
बीस मिनट चोदने के बाद साहिल भी झड़ गया। अब ये तीनों एक-एक बार झड़ चुके थे।
अमन ने माँ को सबको फिर से दारू पिलाने की कह कर सिगरेट सुलगा ली।
माँ ने झूमते हुए उठ कर सबको जाम पेश किए।
खुद अमन ने माँ को अपनी गोद में बिठा कर दारू पिलाई।
सारी रात मेरी माँ चुदती रही और उसने अपनी चुदाई की प्यास बुझा ली। सुबह को करीब 4 बजे तक मेरी माँ को चोदा गया और इस तरह दो लाख की डील पूरी हो गई।
अगले दिन ही मैंने माँ से कह दिया कि अब हम लोग इधर नहीं रह सकते।
तो माँ का जबाव सुन कर मैं हैरान हो गया।
उन्होंने कहा- आशीष दो लाख कम नहीं होते हैं और पैसा बड़ी चीज होती है। तूने भी मुझे चोद लिया है, अब धंधा करने में क्या दिक्कत है। तेरे बाप से तो कुछ बनता नहीं है। तू मेरा दल्ला बन जा और मेरे लिए ग्राहक ला, इस तरह मेरी प्यास भी शान्त होती रहेगी और पैसा भी मिलता रहेगा।
मैं अवाक उसको देखता रहा।
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