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रविवार का दिन था, मैं सवेरे सवेरे अपने ड्राइंग रूम में बैठा हुआ नाश्ता कर रहा था, अचानक मेरा दोस्त मयंक आ गया।
मयंक मेरा पुराना दोस्त है और जब कब ही मिलता है।
उसका घर हमारे घर से काफी दूर है।
मैंने उसे भी नाश्ते में शामिल कर लिया। नाश्ता करते करते हम बातें करने लगे। खूब इधर उधर की बातें की, मूड बिल्कुल फ्रेश हो गया।
उधर नाश्ता भी खत्म हो गया। हमने अपने अपने हाथ धोये और फिर सोफे पर आराम से बैठ कर बातें करने लगे।
दिन के करीब 11 बज चुके थे।
बातें कुछ पर्सनल और गहरी होती गई।
अचानक मयंक पूछ बैठा- यार मनोज, मीनाक्षी भाभी नहीं दिखाई पड़ रही हैं, कहाँ गई है तेरी बीवी?
मैंने कहा- चुदवाने गई है मेरी बीवी !
‘क्या कह रहे हो यार? कुछ तो शर्म करो?’
‘इसमें शर्म की क्या जरूरत है मेरे दोस्त? यह तो हकीकत है। मेरी बीवी चुदवाने ही गई है।’
‘तो कब वापस आएँगी भाभी?’
‘शाम तक जरूर आ जायेगी।’
‘तो क्या बहुत दूर गईं है वो?’
‘दूर नहीं, बस नजदीक ही है, लेकिन उसे आज कई लोगों से चुदवाना है।’
‘यार तुम मुझसे पहेली क्यों बुझा रहे हो? मैं कुछ समझ नहीं पा रहा हूँ?’
इतने में डोर बेल बज उठी।
मैंने दरवाजा खोला तो सामने एक खूबसूरत महिला खड़ी थी।
वह बोली- क्या मैं मिस्टर मनोज से मिल सकती हूँ?
मैंने कहा- मैडम, मैं ही हूँ मनोज, आप आईये और अन्दर बैठिये।
वह इत्मीनान से बैठ गई।
मैं उसकी खूबसूरती देखने में मशगूल हो गया। गोरी चिट्टी बड़ी बड़ी चूचियों वाली बड़ी बड़ी आँखों वाली और बेहद सेक्सी जिस्म वाली औरत को मैं देखे ही जा रहा था।
मैं अंदर ही अंदर समझ तो गया था लेकिन मैं उसके मुख से ही कुछ सुनना चाहता था।
वह बोली- तो यह सच है कि आप ही मनोज हैं?
मैंने कहा- हाँ मैम, बिल्कुल सच है, आप काम बताईये?
वह बोली- मैं मिसेज़ सुषमा जैन हूँ। मुझे मधु जैन ने आपके पास भेजा है। फिर उसने धीरे से कहा- यार मैं तुमसे चुदवाने आई हूँ।
मैंने कहा- हाँ हाँ, मैं तो आपका ही इंतज़ार कर रहा था। आप शौक से बैठिये, मैं अभी आया। मैंने पूछा- क्या पियोगी भाभी जी?
वह बोली- यार व्हिस्की पिलाओ पहले।
मैंने उसे अपने दोस्त मयंक से मिलवाया।
वह भी खुश हुई।
हम तीनों लोग शराब पाने लगे।
सुषमा ने गिलास उठाया, चियर्स बोला और एक ही सांस में गिलास पूरा खाली कर दिया।
फिर उसने सिगरट मांगी और पीने लगी।
मयंक तो बिल्कुल हैरत में था वह सोंच नहीं पा रहा था कि यह सब क्या हो रहा है?
मैंने कहा- सुषमा यार, यह मेरा दोस्त आज मेरे साथ रह सकता है न? अगर नहीं तो मैं जाने को कहे देता हूँ?
वह बोली वह अपने मुंह से धुआं निकालती हुई बोली- अबे भोसड़ी के, क्यों जाने दोगे इसे? इसे यहीं रखो… आज तुम दोनों बहनचोद मिलकर चोदो मुझे! मुझे भी अच्छा लगेगा।
ऐसा कह कर उसने दूसरा गिलास भी खाली कर दिया और मुझसे लिपट गई।
हम दोनों ने भी उसी तरह दूसरा गिलास खाली कर दिया।
दो दो पैग शराब सबने एक झटके में पी ली तो नशा एकदम से चढ़ गया।
मैं जैन मैडम के बदन से खेलने लगा, उसे हर तरफ से कपड़ों के ऊपर से मसलने लगा।
मयंक मुझे देख रहा था।
मैंने उसे आँख मारी और उससे भी लिपट जाने को कहा।
उसने सीधे हमला उसकी चूचियों पर कर दिया।
सुषमा मेरा लण्ड टटोलने लगी और जब मयंक आया तो उसका भी लौड़ा झंझोड़ने लगी।
मैं समझ गया कि अब यह बुरचोदी मैडम सुषमा जैन जोश में आ गई है।
तो मैं उसे बेडरूम ले गया, उसके एक एक करके कपड़े उतारने शुरू किया।
मैंने साड़ी खोली तो मयंक ने ब्लाउज़…
मैंने ब्रा खोली तो मयंक ने पेटीकोट…
बिल्कुल नंगी कर दिया हमने बुर चोदी सुषमा जैन को…
वह बोली- अब भोसड़ी चोदो, तुम भी नंगे हो जाओ। खोलो अपने अपने लण्ड
उसने हमारे कपड़े उतावले पन से उतार दिए।
एक हाथ में मेरा लण्ड लिया और दूसरे में मयंक का…
जितनी वह मस्त होती जा रही थी उतने ही हम लोग भी…
लण्ड दोनों के दोनों टन टना कर खड़े हो गये।
सुषमा बोली- वाह कितने मस्ताने लौड़े है यार? मधु ने जैसा कहा था बिल्कुल वैसा ही है तेरा लौड़ा मनोज? यार तुम मधु को पहले चोद चुके हो? उसकी बुर में पेल चुके हो अपना लौड़ा?
मैं बोला- हाँ भाभी, अपने ठीक कहा, मैंने पहले तो कविता को चोदा और फिर यह उसी दिन यह प्रोग्राम मैंने और कविता भाभी ने ही बैठ कर बनाया। आज मुझे ख़ुशी इस बात की है यह प्रोग्राम पिछले एक साल से बहुत बढ़िया चल रहा है। लोग इसका मज़ा ले रहे है।
ऐसा कह कर मैंने लण्ड सुषमा की बुर में पेल दिया और चोदने लगा।
वह मयंक का लौड़ा पीते हुए चुदाने लगी।
सुषमा चुदवाते हुए बोली- आज तो तेरी बीवी किस किस से चुदवा कर आएगी?
मैंने कहा- वैसे तो बताया नहीं उसने मुझे, लेकिन मैं समझता हूँ कि वह दो लोगों से जरूर चुदवा कर जरुर आएगी। उसे चुदवाने का बड़ा जबरदस्त शौक है। अच्छा तेरा हसबैंड क्या कर होगा अभी?
वह बोली- वह भोसड़ी का अपनी बड़ी बहन को चोद रहा होगा? उसके बाद उसके चाचा की बहू चुदवाने आएगी उससे। मैं भी तुमसे चुदवाने के बाद मनीष अग्रवाल जी से चुदवा कर घर वापस जाऊँगी।
मयंक बड़ी हैरत भरी निगाहों से हम दोनों को देखने लगा। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है?
मैंने कहा- यार, तुम चिंता न करो, मैं तुम्हें सब समझा दूँगा पहले तुम इस सुषमा की जैन बुर चोदो, तुमने पहले कभी जैन बुर चोदी है? जैन बुरें ज्यादा हूँ गोरी, चिकनी और चुदक्कड़ होती हैं।
मयंक सुषमा भाभी को चोदने में जुट गया।
भाभी बोली- यार मयंक, अब तुम पीछे से मेरी गांड में पेलो लण्ड, मैं आगे से मनोज का लण्ड चूसते हुए गांड मरवाऊँगी।
मैं पहली बार भाभी को गांड मराते हुए देख रहा था।
थोड़ी देर में भाभी ने मयंक को नीचे लिटा दिया और उसके ऊपर उसकी तरफ मुँह करके लेट गई, लण्ड उसकी चूत में घुस गया।
फिर वह अपनी गांड उठा कर बोली- मनोज, अब तुम मारो मेरी गांड!
थोड़ी देर गांड मरवाने के बाद वह बोली- यार मनोज, तुमने इस तरह का प्रोग्राम बना कर कई बीवियों के मन की इच्छा पूरी कर दी। वरना बिचारी एक ही लण्ड पे पूरी ज़िन्दगी निकाल देती हैं और तरह तरह के लण्ड के लिए हमेशा तरसा करती हैं।
तब तक मैंने कहा- भाभी, अब मैं खलास होने वाला हूँ !
वह बोली- यार, मेरे मुंह में झड़ना, मैं तेरा लण्ड पियूंगी।
वह वास्तव में मेरा झड़ता हुआ लण्ड पीने लगी और उसके बाद उसने मयंक का भी झड़ता हुआ लण्ड पिया।
सुषमा भाभी चुदवा कर चली गई और उसके बाद मयंक भी चला गया।
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