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सबसे पहले सभी पाठकों को मेरी जवानी से भरा स्नेहपूर्वक नमस्कार !
मैं उम्मीद करती हूँ कि आप मेरी लिखी वास्तविक कहानी को बहुत पसंद करेंगे। यह कहानी 2013 के नये साल की है और उम्मीद करती हूँ यह आपका काफ़ी मनरंजन करेगी।
मेरा नाम शीतल शर्मा है, उम्र 24 साल है, मैं एक खुले विचारों वाली लड़की हूँ जिसे मिडनाइट पार्टीज़ का काफ़ी शौक है।
जिस तरह का मेरा व्यक्तित्व है, उसी तरह की मेरी सहेलियाँ हैं, हम पाँच लड़कियों का ग्रुप है, मैं अपनी फ्रेंड्स का बदला हुआ नाम इस कहानी में लिख रही हूँ, आरती, रचना, रेणुका और राखी जो हमेशा पार्टी के लिए रेडी रहती हैं और हमें नये-नये अनुभव करना पसंद है।
दिसम्बर महीने की 28 तारीख हम सभी लड़कियाँ आरती के घर पर आई हुई थी, उस समय आरती के मम्मी-पापा किसी काम से अपने रिश्तेदारों से मिलने गये हुए थे और जनवरी के पहले हफ़्ते के बाद ही आने बाद की ही योजना थी।
एक बात और मैं बता देना चाहती हूँ कि आरती अपने माँ-पापा की इकलोती संतान हैं।
हम एक-दूसरे के साथ हॉलीवुड मूवीस और कभी-कभी पॉर्न-मूवीस भी देख लिया करती हैं, जैसा कि हम जानती थी कि आरती के घर पर कोई भी नहीं है तो हमने आपस में मिलकर एक पॉर्न-मूवी देखने का विचार बनाया।
हमने आरती को लेपटॉप लाने को कहा, उसके पर्सनल ड्राइव को ओपन किया, उसमें काफ़ी पॉर्न-मूवीस थी, तो हमने आरती से कह कर सबसे अच्छी वाली पॉर्न-मूवी लगाने को कहा तो हमारे कहने पर आरती ने एक प्राइवेट-पार्टी वाली मूवी लगा दी।
हमने कमरे की लाइट बंद की और मूवी को स्टार्ट करके देखने लग गये।
उस मूवी में चार लड़कियाँ तीन लड़कों के साथ संभोग कर रही थी और उनसे वो चारों लड़कियाँ भिन्न-भिन्न अवस्थाओं में संभोग का सुख भोग रही थी।
उस मूवी के अंतिम चरण में उन तीनों लड़कों ने चारों लड़कियों को घुटनों पर बिठा कर उनके मुँह के सामने अपने लौड़ों को हिलाते हुए उनका मुख खुलवा कर अपने लंडों का पानी उनके मुँह में टपकाने लगे और वे लड़कियाँ भी उनके लंडों से निकल रहे पानी को मज़े ले कर पी रही थी।
जब मूवी ख़त्म हुई तो आरती ने कमरे की लाइट ऑन की, उसने हमारी तरफ देखा, उसे हमारी ओर देख कर पता चल गया कि हम उस मूवी को देख कर काफ़ी मस्त हो चुकी हैं।
उसने हमारी राय पूछी कि हमको वह मूवी कैसी लगी, हम सभी लड़कियों के मुँह से एक ही बात निकली की काश हमें भी यही सब करने का मौका मिलता!
तो आरती ने हमसे कहा- उस मूवी में तीन लड़के थे, वो कॉल-बॉय थे।
और हमने पूछा- कॉल-बॉय क्या होते हैं?
तो आरती ने बताया- जो लड़के लड़कियों को अपनी सेक्स सर्विस देने के पैसे लेते हैं, वो कॉल-बॉय कहे जाते हैं, ये कॉल-बॉय सभी शहरों में होते हैं और इनके सम्पर्क नंबर इंटरनेट पर दिए रहते हैं।
आरती ने यह भी बताया कि उन्हें किसी भी बताई जगह पर बुलाया जा सकता है।
तो हमने पूछा- क्या किसी के घर पर भी?
आरती ने कहा- हाँ किसी के घर पर भी!
तो हमने इस बात पर एक दूसरे को देखा और आपस में एक-दूसरे से पूछ कर आरती को कहा- क्या हम नये साल की रात को तुम्हारे घर पर भी बुला सकते हैं?
उसे इससे कोई प्रोबलम नहीं थी लेकिन उनकी सर्विस के बदले उनको पैसे देने होंगे तो हम पाँचों ने मिल के कहा- हम सभी मिल कर उन्हें उनकी सर्विस का चार्ज दे देंगे।
आरती इस बात से सहमत हो गई और हमने इंटरनेट पर 2 अच्छी सी प्रोफाइल वाले लड़कों उमेश और प्रकाश को उनकी सर्विस के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वो एक रात का 3500 चार्ज करेंगे।
हम उनकी इस बात पर सहमत हो गये, हमने उन दोनों को आरती के घर का पता देकर उन्हें 31 तारीख को 10 बजे आरती के घर प आने को कहा। अब 31 तारीख का दिन आ चुका था और हम 6 बजे से ही आरती के घर जाकर उमेश और प्रकाश का इंतजार करने लगी।
मेरे नम्बर पर प्रकाश का कॉल आया, उसने फोन पर कहा कि वे आरती के घर के एरिया के पास आ चुके हैं।
मैंने उसे बताया कि घर पर हम ही हैं, आ जाओ।
और थोड़ी देर में आरती के घर के दरवाजे पर 2 बांके जवान लड़के खड़े थे।
हम जान गये कि हमने जिन्हें बुलाया है, ये वही हैं।
हमने दरवाजा खोल कर उनको अंदर बुला लिया और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया।
हम उमेश और प्रकाश को आरती के बेडरूम में ले गये, हमने उनके बारे में पूछा और उनको अपने बारे में बताया। थोड़ी ही देर में हम लोग आपस में काफ़ी घुल-मिल गये।
हमने उन्हें आरती के लेपटॉप में उमेश और प्रकाश को वही मूवी दिखाई जो हमने उन्हें बुलाने से पहले देखी थी, हमने उन्हें यह भी समझा दिया कि हमें भी इसी तरह से सर्विस चाहिए।
मूवी देखने के बाद उमेश और प्रकाश ने कहा कि वो दोनों समझ गये हैं कि आप लोगों को कैसी सर्विस चाहिए।
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उमेश और प्रकाश ने अपने कपड़े उतारे और हमें बारी-बारी से अपने अपने लण्ड चूसाए और फिर कभी घोड़ी बना कर कभी अपने ऊपर लेकर और कभी हमारी टांग उठा कर चुदाई की और आख़िर में वो समय आ गया जिसके बारे में हम जानते थे, जो हम चाहती थी।
और हम सभी लड़कियाँ अपने घुटनो के बल बैठ गई और उमेश और प्रकाश अपने अपने लंडों को हमारे मुँह में देते और कभी अपने हाथ में लेकर हमारे मुँह की तरफ करके हिलाते।
थोड़ी ही देर में उमेश और प्रकाश का शरीर अकड़ने लगा और उनके लंडों ने अपना रस हमारे मुँह में उड़ेलना शुरू कर दिया, हम उसे बड़ी मस्ती में चाट-चाट कर पूरा पी गई।
हम पूरी रात ऐसा करते करते नंगे एक-दूसरे से लिपट कर सो गये।
जब हमारी आँख खुली तो सुबह हो चुकी थी, सुबह के 11 बज रहे थे, प्रकाश ने कहा कि उन दोनों का जाने का समय हो चुका है।
हमने उनको उनकी सर्विस का चार्ज दिया।
आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, बताने के लिए मेल करें, मुझे आपके मेल का इंतजार रहेगा।
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