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माँ सेक्स स्टोरी हिंदी में पढ़ें कि एक रात मैंने अपनी अम्मी को अब्बू से चुदती देखा. अम्मी को पूरा मजा नहीं मिला था. तो मैंने अम्मी की ख़ुशी के लिए क्या किया?
आज की माँ सेक्स स्टोरी हिंदी मेरे दोस्त की है. उसी के शब्दों में सुनें!
दोस्तो, आज मैं एक सेक्स कहानी लेकर आया हूँ. मैंने अपनी अम्मी के साथ चुदाई की थी ये वही माँ सेक्स स्टोरी है.
मेरा नाम यासीन है. मेरे घर पर मेरी अम्मी अब्बू, मैं, मेरी बहन ही रहते हैं. बाकी परिवार के चाचा ताऊ वगैरह सब गांव में रहते हैं. हमारे पास बहुत जमीन है, हम बहुत पैसे वाले हैं.
मैं आपको सीधे उस तरफ ले चलता हूँ जहां चुदाई का रस बिखरा पड़ा है.
एक बार जब मेरी अम्मी जुबैदा योगा कर रही थीं, तो मैंने उन्हें ध्यान से देखा. मैं बस अम्मी को देखता ही रह गया. सच में क्या फिगर है मेरी अम्मी का … बहुत बड़े बड़े चूचे. वैसे ही बड़े बड़े चूतड़. सच में मेरी अम्मी की गांड भी बड़ी मस्त है. मेरे सारे पड़ोसी बस उन्हें इसीलिए घूरते रहते हैं.
मेरा दिल अपनी अम्मी पर आ गया. इसके बाद तुरंत मैं बाथरूम में गया और उनको याद करते हुए मैंने दो बार मुठ मार ली. इसके बाद भी मैंने अपना लौड़ा हिलाते हुए अपनी अम्मी की जवानी को याद करता रहा.
इस घटना के बाद मैंने कई बार अपनी अम्मी को बाथरूम में नहाते वक़्त एकदम नंगी देखा है … पर उधर मैं कभी उनको ज्यादा ठीक से देख नहीं पाया.
फिर मुझे एक आइडिया आया. मैंने मेरे फोन का कैमरा चालू करके गीज़र के ऊपर रख दिया और उनकी फिल्म बनने का इन्तजार करने लगा. उस समय अम्मी के नहाने का वक्त हो गया था. मैं बाहर आ गया और उनके बाथरूम में जाते ही मैं सोचने लगा कि कहीं मेरी अम्मी की नजर मोबाइल पर न पड़ जाए.
अम्मी अपने कपड़े लेकर बाथरूम में नहाने चली गई. मैं इंतजार कर रहा था कि अम्मी का नहाना कब पूरा हो.
थोड़ी देर बाद अम्मी नहा कर बाहर आ गईं. मैं पेशाब का बहाना बना कर झट से बाथरूम चला गया. मैंने दरवाजा बंद करके फोन उठा कर देखा तो उसमें सब कुछ रिकॉर्ड हो चुका था.
मैं उस समय वो वीडियो नहीं चला सकता था क्योंकि मुझे कॉलेज जाना था और घर में अब्बू भी थे. मैंने वीडियो नहीं देखा, बस मोबाइल अपनी जेब में रखा और बाथरूम से बाहर आ गया.
मैं कॉलेज गया और मेरा मन था कि उधर कहीं एकांत में मोबाइल चला कर वीडियो देख लूं … मगर उधर दोस्तों के कारण मैं वीडियो नहीं देख सका.
कॉलेज में पूरे समय मेरा मन ही नहीं लग रहा था. मेरा मन तो कर रहा था कि कब कॉलेज खत्म हो और कब मैं वो वीडियो देख लूं.
उस दिन टाइम तो जैसे आगे बढ़ ही नहीं रहा था. जैसे तैसे कॉलेज खत्म हो गया और मैं घर आ गया.
मेरे घर आते ही अम्मी ने दरवाजा खोला. उन्होंने टाइट टी-शर्ट पहन रखी थी. उनके बड़े बड़े चूचे मेरे सामने मस्त दिख रहे थे. मैं बस उनके मम्मों को ही देखता रहा.
अम्मी ने कहा- खाना वहां टेबल पर रखा है … खा लेना. मैं अपनी फ्रेंड्स के साथ कहीं बाहर जा रही हूँ … और रात को 9 बजे तक आ पाऊंगी. ये कह कर अम्मी चली गईं.
उस समय अब्बू भी ऑफिस गए हुए थे. वो 8 बजे से पहले घर नहीं आते थे.
घर में बाकी कोई भी नहीं था. मेरी बहन भी बाहर गई हुई थी. बस फिर क्या था. मेरे दिल में लड्डू फूटने लगे. अम्मी के जाते ही मैंने दरवाजा लगा दिया … जल्दी जल्दी खाना खाया और प्लेट वगैरह धुलने में रख कर कमरे की तरफ आ गया.
पहले मैं अम्मी के कमरे में गया. उनके कमरे में उनकी अलमारी का ड्रॉवर खुला ही था. शायद वो जल्दी जल्दी में बंद करना भूल गई थीं. ड्रॉवर से उनके अंडरगारमेंट्स ब्रा पैंटी कैमीजोल वगैरह बाहर निकल रहे थे.
मैंने अम्मी की पैंटी को बाहर निकाला और सूंघने लगा. उनके पैंटी से मदहोश करने वाली महक आ रही थी.
बस फिर क्या था. मैंने अपने कपड़े उतारे और अम्मी के बेड पर लेट कर मोबाइल का वीडियो चालू कर दिया. मेरे एक हाथ में मेरी अम्मी की पैंटी थी. जिससे मैं लंड पर सहला रहा था.
मोबाइल में वीडियो चालू होते ही मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं.
क्या मदमस्त जिस्म था मेरी अम्मी का … बहुत बड़े बूब्स, बड़ी सी गांड और आज तो अम्मी की चुत के दर्शन भी हो गए थे. उनकी चुत देख कर ऐसा लगा, जैसे अब्बू अम्मी को चोदते ही नहीं होंगे. एकदम टाईट चुत थी.
फिर मैं मस्ती से अम्मी का वीडियो देख कर लंड की मुठ मार रहा था, तभी अचानक से डोरबेल बजी. मैं डर गया. मैंने जल्दी से अपने कपड़े पहने और दरवाजा खोला. तो अम्मी वापस आ गई थीं.
मैंने उनकी तरफ देखा.
तो वो बोल रही थीं कि बाहर जाना कैंसल हो गया.
उनकी बात सुनकर मेरा मूड ऑफ हो गया … क्योंकि मैंने अभी तक पूरा वीडियो देखा ही नहीं था.
फिर मैं बाहर चला गया और शाम को देर से आया उस समय रात के दस बजे थे. मेरे आने के बाद अम्मी ने खाना लगाया. अब्बू भी आ गए थे. हम सबने खाना खाया.
थोड़ी देर बाद हम सोने के लिए चले गए. रात के 12 बज चुके थे.
मैंने फिर से वीडियो चालू कर दिया और देखने लगा. मुझे उसी समय अम्मी के कमरे से कुछ आवाजें सी आने लगीं.
मैंने उठ कर देखा तो उनके कमरे की खिड़की थोड़ी खुली हुई थी और अब्बू अम्मी को ज़ोर ज़ोर से चोद रहे थे. अम्मी उनके नीचे दबी हुई चुद रही थीं और ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थीं.
अब्बू अम्मी से बोले- साली ज्यादा चिल्ला मत … बच्चे उठ जाएंगे.
अम्मी चुप हो गईं. अब्बू अम्मी को किस करने लगे, तो अम्मी की कामुक आवाज़ हल्के स्वर में गूँजने लगीं- उम्म. … उम. … उम … आज आपको क्या हो गया … इतने दिन बाद मेरे ऊपर चढ़ गए हो … उम्म्म्म. … जल्दी मत झड़ जाना … आज पूरा मजा देना.
अब्बू बस अम्मी की चुत चुदाई में लगे रहे. वे हांफने लगे थे और थोड़ी देर बाद अब्बू झड़ कर अम्मी के ऊपर ही सो गए.
अम्मी ने उन्हें अपने ऊपर से हटा कर बाजू में धकेल दिया और उनका रोना पीटना चालू हो गया. अम्मी बोल रही थीं- हम्म … बस तुम्हारा हो गया … झड़ गए … मेरी आग अब कौन शांत करेगा?
अब्बू कुछ बोले नहीं और वैसे ही पड़े रहे.
अम्मी उनसे बोल रही थीं- अब तुम मुझे चोद ही नहीं सकते … पहले वाली बात ही नहीं रही तुममें. पूरे 6 महीने हो गए, अब तक मेरी आग नहीं बुझी है.
ये कह कर अम्मी अपनी चुत में उंगली करनी लगीं. वो बड़बड़ा रही थीं.
थोड़ी देर बाद अम्मी भी झड़ गईं और अब्बू से दूर होकर सो गईं.
अब मैं भी रूम में आ गया. मैंने मुठ मारी और सो गया.
जब अगले दिन सुबह हम सब नाश्ता कर रहे थे, तो अब्बू मुझसे बोले कि मैं और तेरी बहन शादी में बाहर जा रहे हैं.हम दोनों को तीन दिन लगेंगे. तुम अपनी अम्मी का ख्याल रखना.
अब्बू की बता सुनकर तो मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे. मैं बस आज ठान ही लिया था कि अम्मी को इन तीन दिनों में पूरी तरह से संतुष्ट कर देना है उन्हें खूब चोदना है बस … और कुछ नहीं.
इसके बाद मैं कॉलेज गया और कॉलेज खत्म होने से पहले ही घर पर आ गया.
मैंने डोरबेल बजाई, तो अम्मी ने दरवाजा खोला. अम्मी ने टाइट ब्लाउस पहना हुआ था, जिसमें से ब्रा की स्ट्रीप मुझे दिख रही थी. उन्होंने साड़ी पहनी थी.
मैं अम्मी को देखने लगा वो बड़ी खूबसूरत दिख रही थीं.
अम्मी ने पूछा- आज जल्दी कैसे आ गया? मैंने कहा- बस आज कॉलेज में पढ़ाई ही नहीं हो रही थी … तीन फैकल्टी आई ही नहीं थीं. अम्मी ने कुछ नहीं कहा.
फिर हम दोनों ने खाना खाया. मैंने कहा- अम्मी मुझे पढ़ना है … मैं कमरे में जा रहा हूँ.
ये बोल कर में अपने रूम में आ गया और एक बार मुठ मार कर बिस्तर पर सो गया. उस दिन मुझे इतनी गहरी नींद आई कि मुझे पता ही नहीं चला कि कब रात के 9 बज गए.
फिर अम्मी ने मुझे उठाया, मैंने खाना खाया. मैं सोच रहा था कि आज तो घर पर कोई भी नहीं था. फिर थोड़ी देर बाद मैं सोने जाने का नाटक करने लगा. मैं रूम में गया और ऐसे ही बेड पर आंख बंद करके लेट गया.
थोड़ी देर बाद अम्मी मुझे देखने आईं कि मैं सोया या नहीं.
अम्मी के आते ही मैंने आंखें बंद करके सोने का नाटक करने लगा. अम्मी को लगा कि मैं सो गया हूँ. इसके बाद अम्मी अपने कमरे में चली गईं.
अम्मी के जाने के कुछ देर बाद मैं भी उनकी कमरे की ओर चला गया.
मैंने अम्मी के कमरे में देखा, तो अम्मी साड़ी उतार रही थीं. धीरे धीरे उन्होंने अपने सारे कपड़े उतार दिए. अब अम्मी खुद अपने हाथों से ही अपनी चूचियां दबा रही थीं … और चुत में उंगली कर रही थीं.
थोड़ी देर बाद अम्मी ने अलमारी से वाइब्रेटर निकाला और अपनी चुत पर रख कर उससे मजा लेने लगीं. जब वाईब्रेटर चुत की फांकों में करतब दिखा रहा था तब उनकी कामुक आवाजें निकल रही थीं.
वो अपनी आंखें बंद करके मजे ले रही थीं. मैंने सोचा कि इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा. मैंने धीरे से खिड़की के दरवाजे खोले और उनके कमरे में अन्दर चला गया.
अम्मी ने कभी खिड़की बंद नहीं करती थीं.
मैं दबे पांव अन्दर चला गया और पास से अम्मी को मजा लेते हुए देखने लगा. अम्मी की आंखें बंद थीं और वो मदहोश थीं इसलिए उनको मेरे आने की खबर ही न हुई.
फिर अचानक से अम्मी की आंखें खुल गईं और वो मुझे देख कर एकदम से सहम गईं.
अम्मी खुद को ढकते हुए बोलीं- त..तू यहां क्या कर रहा है? मैंने भी झट से जवाब दिया- मैंने कल रात को आपके कमरे से कुछ आवाज़ सुनी थीं … और मैंने सब देख लिया था. अम्मी ने कहा- हां तो … ये तो हर पति पत्नी के बीच होता है. तुम्हें अपनी अम्मी को ऐसे देखने में शरम नहीं आई?
मैंने शान्ति से कहा- आप अब्बू से संतुष्ट नहीं हैं … मुझे पता है. तो अम्मी बोलीं- वो कुछ भी हो … तुम मेरे बेटे हो … तुम्हारे और मेरे बीच कुछ भी नहीं हो सकता … तुम यहां से जाओ. मैंने कहा- अम्मी किसी बाहर वाले से चुदवाने से तो अच्छा है कि घर के घर में ही आपको शांति मिल जाए. अम्मी मेरे ऊपर ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगीं- तेरे अब्बू को आने दे … मैं उनको सब बताती हूँ.
मैं समझ गया कि कुछ अलग करना पडेगा.
मैंने अपना आखिरी हथियार पेश किया. मैंने अम्मी के सामने उनका बाथरूम वाला वीडियो चला दिया … जिसमें वो अपनी चुत में उंगली कर रही थीं. अम्मी बोलीं- तुमको शरम नहीं आती, अम्मी की वीडियो बना ली है. मैंने कहा- मुझे पता है आप हर शनिवार को कहां जाती हो.
फिलहाल मैंने तो ऐसे ही तुक्का मारा था. लेकिन मेरा ये तुक्का निशाने पर लग गया.
वो घबराकर बोलने लगीं- क..क्या पता है तुम्हें? मैंने कहा- मैं भी अब्बू को ही बताऊंगा. आप भी बता देना.
ये सुनकर उनकी हवाइयां उड़ने लगीं. चेहरे पर होश उड़े दिखने लगे. अम्मी ने कहा- ठीक है … तुम्हें जो करना है, वो करो … पर अब्बू को कुछ मत बताना. फिर अम्मी ने चादर हटा दी और मुझसे बोलीं- अपने कपड़े उतारो.
मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए और अम्मी के पास बेड पर आ गया.
अम्मी ने पूछा- आज तक किया है किसी लड़की के साथ? मैंने कहा- मैंने तो बस मुठ मारी है. अम्मी बोलीं- चल आज तुझे चूत चोदना सिखा देती हूँ.
इतना बोल कर अम्मी ने मेरा अंडरवियर निकाला और मेरा खड़ा लंड देख कर बोलीं- बेटा, तेरा लंड तो तेरे अब्बू से भी बड़ा है. वो मेरे लंड को सहलाने लगीं.
फिर मेरा एक हाथ उन्होंने अपनी चुत पर रख दिया … और चुत रगड़ने के लिए बोलीं. मैं भी मस्ती से अपनी अम्मी की चुत रगड़ रहा था. क्या मालदार चुत थी मेरी अम्मी की … आह क्या बताऊं.
मैं उनके मम्मों की तरफ देख रहा था. अम्मी बोलीं- दूध पीना है मेरे शोना को? मैंने भी गर्दन हिला दी और अम्मी ने मेरा सर अपने मम्मों के बीच घुसेड़ दिया.
अब मैं अम्मी के एक बूब को चूस रहा था और दूसरा दबा रहा था. अम्मी भी मज़े ले रही थीं.
फिर अम्मी ने मेरा सर मम्मों से निकाला और मुझे वो किस करने लगीं. मैं भी अम्मी के मजे ले रहा था.
थोड़ी देर बाद अम्मी ने अपनी टांगें फैलाईं और बोलीं- मेरी मुनिया का स्वाद चखेगा ज़रा! मैंने भी अम्मी के चुत में मुँह घुसेड़ दिया और उनकी चुत चाटने लगा.
आह क्या नमकीन मस्त चुत लग रही थी. मैं धीरे धीरे चाटते हुए चुत चूसने लगा. अम्मी मादक आवाजें निकालने लगीं आ … आआआ … एयेए. कुछ देर बाद मेरी अम्मी झड़ गईं और थोड़ी देर वो वैसे ही निढाल पड़ी रहीं.
कुछ देर बाद अम्मी ने उठकर मेरा लौड़ा मुँह में ले लिया और लंड चूसने लगीं.
कोई दो मिनट बाद मैंने भी पानी छोड़ दिया. अम्मी सब लंड रस गटक गईं मगर तब भी वो मेरे झड़े हुए लंड को चूसे जा रही थी.
इसका नतीजा ये निकला कि मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैंने अम्मी से इशार किया तो वो समझ गईं. अब हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गए. मैं भी अम्मी के चुत चाट रहा था. हम दोनों मजे ले रहे थे.
फिर अम्मी उठ कर घूम गईं. में नीचे लेटा था और वो मेरे ऊपर बैठ कर चुत में लौड़ा सैट करने लगीं. लौड़ा सैट करके अम्मी लंड पर झटके से बैठ गईं.
मेरा लंड लीलते ही अम्मी की एक तेज आवाज़ निकल गई- आआह … मर गई … कितनी अन्दर तक चला गया..
फिर वो एक पल के रुक गईं. मैंने उनकी चूचियों को सहलाना शुरू कर दिया था. फिर वो लंड को एडजस्ट करके अपनी कमर ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे करने लगी.
अम्मी- तेरा लंड तो बहुत बड़ा है रे … अपने अब्बू से काफी बड़ा लंड है रे तेरा … मेरी बहू के तो मजे रहेंगे.
वो ज़ोर ज़ोर से घोड़ी की तरह अपनी गांड हिलाते हुए मेरे लंड से चुत रगड़वा रही थी.
कोई पांच मिनट बाद वो थक गई थीं. फिर अचानक से अम्मी झड़ गईं … और मेरे सीने पर ही लेट गईं.
उनकी चूचियां मेरे सीने से दब रही थीं. मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था. लेकिन मेरा अभी भी नहीं हुआ था.
मैंने अम्मी से कहा, तो वो बोलीं- तू मेरे ऊपर आ जा. तो मैंने उन्हें नीचे उतरने को कहा, वो उतर गईं और बेड पर सीधी लेट गईं.
मैं उनकी चुत चाटने लगा और इसके बाद उनकी टांगें फैलाकर मैं उनकी चुत पर लंड सैट करके बैठ गया.
लंड ने चुत की फांकों में अपना टोपा फिराया और इसके ठीक बाद मैंने अचानक से पूरा लौड़ा अम्मी की चुत में पेल दिया.
अम्मी की चुत काफ़ी टाइट थी, पर लंड चिकनाई के कारण अन्दर सरकता चला गया.
अम्मी ज़ोर से चिल्ला दीं- आहाहा मर गई … साले फाड़ दी मेरी. मैंने उनकी चीख पुखार नजरअंदाज कर दी और ज़ोर ज़ोर से झटके देने लगा.
कुछ देर बाद अम्मी फिर से झड़ गईं और थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ने वाला था.
मैंने अम्मी से कहा- कहां निकालूं? अम्मी बोलीं- अन्दर ही निकल जा.
मेरा लावा अम्मी की चुत में फूट पड़ा और मैं झड़ जाने के बाद अम्मी के ऊपर ही लेट गया.
मैं उनकी चूचियों को चाट रहा था और किस भी कर रहा था. अम्मी बोलीं- मुझे तो मेरी सुहागरात ही याद आ गई.
हम दोनों बातें करते करते वैसे ही सो गए. सुबह बेल बजी तो मेरी आंख खुली. मैं घबरा गया.
अम्मी बोलीं- घबरा मत, सो जा … दूध वाला आया है. मैं लेकर आती हूँ.
अम्मी नाइटी पहन कर चली गईं और दूध लेकर वापस दरवाजा बंद करके अन्दर आ गईं. अम्मी ने नाइटी उतारी और मेरे पास आने लगीं.
मैंने अम्मी से पानी माँगा. तो अम्मी नंगी ही किचन में पानी लेने जाने लगीं. उनकी गांड देख कर मेरा लौड़ा फिर से उठ गया.
अम्मी पानी लेकर आईं और पूछने लगीं- रात को मज़ा आया बेटा? मैंने कहा- नहीं अम्मी … अभी तो मुझे आपकी गांड भी मारनी है. अम्मी ने कहा- नहीं बेटा उधर बहुत दर्द होता है. मैंने कहा- मगर मुझे तो चाहिए … नहीं तो मैं अब्बू को बता दूँगा. अम्मी गुस्से से मेरी ओर देखती हुई बोलीं- ठीक है … गांड भी मार ले. मैंने पूछा- ऐसे क्यों कह रही हो … आपने पहले गांड में भी लंड लिया है न.
मैंने फिर से तुक्का मारा था. वो समझ गईं कि मैं सब जानता हूँ.
अम्मी को खुद भी गांड मरवाने का मन था, पर वो मेरे सामने स्वीकार नहीं करना चाहती थीं.
अब अम्मी अपनी नंगी गांड लेकर मेरे पास आई. मेरे पास बैठ कर मुझे किस करने लगीं. वो मेरा लौड़ा सहलाने लगीं. मैं उनकी चूचियां मसलने लगा.
मैंने कहा- अम्मी उठो और घोड़ी स्टाइल में आ जाओ.
वो कुतिया बन गयी. उनकी चूचियां नीचे लटक रही थीं और उनकी गोल गांड देख कर मुझे रहा नहीं जा रहा था.
मैंने शुरुआत की … और लंड गांड में पेल दिया. अम्मी ने भी मजे से गांड मरवाई.
अब वो मुझसे पूरी तरह से खुल गई थीं. सारे दिन हम दोनों ने पांच बार चुदाई की दो बार गांड मारी और तीन बार चुत लंड का खेल खेला.
उस रात मैंने अम्मी के साथ व्हिस्की का मजा भी लिया और अम्मी ने मुझे सिगरेट भी पिलाई.
अब हम दोनों ने ऐसे ही 3 दिन बहुत माजे किए. रात और दिन हमारे ऊपर सिर्फ सेक्स ही चढ़ा रहा.
अब्बू के आने के बाद भी हम दोनों छिप छिप सेक्स करते रहे.
जब अब्बू ऑफिस चले जाते थे और सिस्टर अपनी कोचिंग क्लास में होती थी. तब अम्मी मुझे फोन कर देती थीं. मैं कॉलेज से वापस आ जाता और हम दोनों चुदाई के मजे कर लेते.
दोस्तो, कैसे लगी माँ सेक्स स्टोरी हिंदी … जरूर बताना कमेंट्स करना न भूलना प्लीज़.
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