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जय हिमानी ने निक्कर में नीचे से हाथ डाल कर मेरा लण्ड पकड़ लिया और बोली- मैं जानती हूँ कि तुम्हारा लण्ड काफ़ी लम्बा और मोटा है, इसलिये शुरू में जरा आहिस्ता-आहिस्ता करना। मैंने पूछा- तुम्हें कैसे पता कि मेरा लण्ड लम्बा और मोटा है? तो बोली- मैंने तुम्हें कई बार छिप कर तुम्हें लण्ड को पकड़ कर पेशाब करते हुए देखा है। तो मैं हँस पड़ा। फिर मैंने उसकी शमीज उतार दी। जोश के कारण उसकी शमीज फ़टते-फ़टते बची। हिमानी बोली- कपड़े जरा आराम से उतारो ना… इस तरह बेसबर हो कर कपड़े ना फ़ाड़ो…! मैंने हँसते हुए कहा- कपड़े तो नहीं, पर चूत जरूर फ़ाड़ने का इरादा है। वो भी चैलेन्ज देती हुई बोली- देखते हैं कौन किसकी फ़ाड़ता है। यह कह कर उसने मेरी निक्कर उतार दी और मेरे तन्नाते हुए लण्ड को हल्के से दबा-दबा कर सहलाने लगी। इधर मैंने भी उसका पजामा उतार दिया था और अब वो भी काली पैन्टी और ब्रा में खड़ी थी। उसका दूधिया बदन ट्यूब लाईट में चांदी की तरह चमक रहा था और अब मुझे अपने ऊपर संयम रखना मुश्किल होने लगा। मैंने उसका सारा बदन चाटना आरम्भ कर दिया और अपने हाथों से उसकी चूचियाँ और चूतड़ दबाता रहा। और हिमानी, ‘आअह्ह्ह्ह सस्सस्सीईईइ’ करते हुए सिसकारी भरती रही। मैंने उसको कहा- मेरा लण्ड अपने मुँह में डाल कर चूसो..! परन्तु उसने बिल्कुल मना कर दिया और कहा- लण्ड चूसने में बहुत घिन आती है। मैंने उसे अपना लण्ड दिखाया और कहा- ऐसी कोई बात नहीं है। मेरा लण्ड, यह देखो बिल्कुल साफ़-सुथरा है। मैं रोज नहाते समय और तुम्हारे आने के पहले इसे अच्छी तरह से सफ़ाई करता हूँ, फिर मैं भी तो तुम्हारी चूत मस्ती से चूसूँगा। इसमें बड़ा मजा आता है। ‘जय तुम तो बड़े एक्सपर्ट लगते हो.. लगता है कि पहले भी तुम कई लड़कियाँ चोद चुके हो..!’ मैंने सर हिलाते हुए मना किया और बताया- ये मैंने अन्तर्वासना वेबसाईट पर में पढ़ा है और ब्लू-फ़िल्मों में भी ऐसा दिखाया जाता है। फिर वो तैयार हो गई और बोली- एक शर्त है, तुम अपना लण्ड मेरे मुँह में मत झाड़ना, वर्ना मुझे उल्टी हो जाएगी और जैसे ही लण्ड झड़ने को आए तुम अपना लण्ड मेरे मुँह में से फ़ौरन निकाल लेना। मैंने हामी भर दी। वो मेरा लण्ड चूसने लगी। अभी तक मैंने उसकी चूचियाँ और चूतड़ ही दबा रहा था। वो बोली- तुम भी मेरी चूत को चूसो। अब मैंने उसकी ब्रा और पैन्टी भी उतार दी। वाकई में उसकी चूचियाँ बहुत बड़ी थीं, मगर थीं एकदम सुडौल, बिल्कुल दो छोटे से पहाड़ की तरह से तनी हुई, जिसके निप्पल एकदम सीधे, कड़े और तने हुए थे। उसकी मम्मे एकदम दूधिया रंग के थे और उसके निप्पल गुलाबी थे। बिल्कुल वो अनार के दाने के बराबर मोटे थे। हम दोनों वहीं पर लेट गए और 69 की पोजीशन में आ गए। मैंने हिमानी की चूत देखी तो मैंने कहा- हिमानी, यह क्या है तुमने चूत के बाल क्यों बढ़ा रखे हैं। इन्हें शेव क्यों नहीं करती हो? तो वह बोली- मैं झाँटें शेव तो करती हूँ, लेकिन काफ़ी दिनों में, बात यह है कि मुझे रेजर से शेव करते हुए डर लगता है और फिर काफ़ी समय जो लगता है ना…! इसलिए कई दिनों के बाद मैं शेव करती हूँ। ‘चलो आगे से मैं तुम्हारी झाँटें शेव कर दिया करूँगा..!’ तो हिमानी इस बात के लिए सहमत हो गई। मैंने जैसे ही उसकी चूत पर हाथ फ़िराया तो वो गीली-गीली सी लगी और हल्का सा पानी उसकी झांटों पर भी लगा हुआ था। पहले तो मैंने अपनी ऊँगली उसकी चूत में अन्दर डाल कर अन्दर-बाहर करनी चालू की, तो वो तेजी के साथ ‘आह आह ऊओह्ह ऊऊई स्सस्ससीईईई..’ करने लगी और बोली- बस अब चूसना शूरु करो ना..! मैंने भी उसकी चूत के होंठ खोल कर अपना मुँह उसकी गुलाबी चूत से लगा दिया और तेजी के साथ चाटने लगा। जैसे ही मैं उसकी चूत चाटने लगा। वो अपनी गाण्ड उठा-उठा कर अपनी चूत को मेरे मुँह से सटाने लगी और कहने लगी, ‘ह्हह्हा ययययई ह्हह्ह्हहीईईई.’ और अपनी कमर तेजी के साथ हिलाने लगी और गाण्ड को ऊपर उछालने लगी। अभी उसकी चूत को चाटते हुए पाँच मिनट ही हुए होंगे कि वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी, ‘ह्हह्हआआन्नइ ह्हह्हहूऊऊन्नन्न’ और यह कहते हुए उसकी चूत ने गरम-गरम पानी छोड़ दिया और मैंने अपना मुँह एकदम हटा लिया। इधर हिमानी भी काफ़ी जोर-शोर से मेरा लण्ड चूस रही थी। मुझे लगा कि मैं भी झड़ने वाला हूँ तो मैंने उसको बता दिया तो उसने भी फ़ौरन अपने मुँह से मेरा लण्ड बाहर निकाल दिया। फिर अपने हाथ से ही चार-पाँच झटके मारे कि मेरा भी वीर्य भी निकल गया और इतने जोरों से निकला कि काफ़ी वीर्य उसकी टाँगों और चूत के आस-पास गिरने से उसे गीला कर दिया। फिर हम दोनों साथ-साथ उठ कर बाथरूम में गए और मैं वहाँ पेशाब करने लगा, तो हिमानी ने मेरा लण्ड अपने हाथ में पकड़ लिया और सुपारे पर से चमड़ी हटा कर बोली- अब पेशाब करो। वो हाथ में पकड़े रही, तो मेरा कुछ पेशाब उसके शरीर पर भी पड़ा। इसके बाद वो मेरे सामने उकडूँ बैठ गई और पेशाब करने लगी। तो मैंने भी अपनी ऊँगलियों से उसकी चूत के होंठ फ़ैला दिये और कहा- अब पेशाब कर ! उसने भी बहुत मोटी धार के साथ पेशाब करना शुरू कर दिया, उसकी धार भी काफ़ी दूर तक जा रही थी। फिर हम दोनों ने एक-दूसरे के शरीर को तौलिये से साफ़ किया और बाहर आ गए। इस छेड़खानी की वजह से मेरा लण्ड फिर से खड़ा होने लगा और हिमानी भी गरमाने लगी थी। हम फिर से एक-दूसरे को चूमने-चाटने लग गए और हिमानी मेरा लण्ड सहलाने लग गई। बीच-बीच में वो मेरा सुपारा निकाल कर मुठ भी मार देती थी। फिर जल्दी ही एक बार और 69 की पोजीशन में आ गए और अब हिमानी मेरा लण्ड चूस रही थी और मैं हिमानी की चूत को चाट रहा था। थोड़ी देर बाद हिमानी बोली- जय अब आ जाओ, मुझ पर चढ़ जाओ और मुझे चोद दो। अब बर्दाश्त नहीं होता है। यह सुन कर मैं उसकी दोनों टाँगों के बीच में आ गया और उसकी गाण्ड के नीचे एक तकिया रख दिया जिससे कि उसकी चूत थोड़ी सी और ऊपर को उठ गई। अब मैंने अपने लण्ड पर थोड़ा सा थूक लगा कर छेद पर रख कर थोड़ी सी ताकत के साथ दबाया तो उसके मुँह से एक चीख निकल गई, ‘आआअययययईई म्म्माआआआर्रर्रर ग्ग्गयययईई..!’ मैंने अपने होंठों को हिमानी के होंठों पर कस कर रख दिया ताकि वो फिर से ना चीख सके और बोला- हिमानी इस तरह से मत चीखो… नहीं तो कोई उठ ज़ाएगा और हम पकड़े जायेंगे। वो बोली- बहुत जोर से दर्द हो रहा है। मैंने कहा- पहली बार ऐसा ही होता है और बाद में बड़ा मज़ा आता है। मैं यह कह कर उसकी चूचियाँ दबाने लगा और होंठ चूसने लगा। इस तरह से उसको कुछ आराम सा मिला और बोली- हाँ… अब दर्द कुछ कम हो रहा है। मैं 4-5 मिनट यूँ ही पड़ा रहा और उसकी चूचियाँ चूसता रहा और दबाता रहा, जिससे उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरु कर दिया था और चूत काफ़ी चिकनी हो गई थी। अब मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में दबा कर एक बहुत ही जबरदस्त धक्का मारा और मेरा लण्ड लगभग 6-7 इन्च उसकी चूत में घुस गया और उसकी चीख घुट कर रह गई। मैं फिर रुक गया और उसकी चूची चूसने और दबाने लगा। हिमानी को अभी काफ़ी दर्द हो रहा था और वो कह रही थी, ‘जय अपना लण्ड अब निकाल ले… मेरी तो चूत फटी जा रही है…!’ मैंने कहा- बस थोड़ी देर बर्दाश्त करो, फिर तुम्हें मज़ा ही मज़ा मिलेगा। और यह कह कर उसकी चूचियाँ चूसने लगा और एक हाथ से मैं उसकी चूत का दाना भी मसलने लगा। जिससे उसको कुछ मज़ा आया और वो बोली- अब फिर से दर्द कुछ कम होने लगा है। यह सुन कर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरु कर दिए। अब उसको मज़ा सा आने लगा था और अब हिमानी ने अपनी गाण्ड को उछालना शुरु कर दिया था। तभी अचानक वो तेजी के साथ हिलने लगी और झड़ गई। अब हिमानी की चूत काफ़ी चिकनी हो गई थी और लण्ड भी आसानी से अन्दर-बाहर हो रहा था। बस मैंने कस कर एक धक्का और मारा और सारा का सारा लण्ड हिमानी की चूत में घुस गया और फिर से उसके मुँह से एक चीख निकल गई। इस बार मैं उसके होंठों को अपने होंठों से दबाना भूल गया था…! सो मैंने फ़ौरन हाथ उसके होंठ पर रख दिया और चीख घुट कर रह गई। मैं 5-7 मिनट यूँ ही उसके उपर पड़ा रहा और कभी उसकी चूचियाँ चूसता तो कभी होंठ चूसता या फिर हाथों को उसकी जांघों पर फेरता जिससे कि हिमानी को कुछ आराम मिल सके। थोड़ी देर में उसका दर्द गायब हो गया और वो नीचे से उपर को गाण्ड उछालने लगी तो मैं समझ गया कि अब उसको मज़ा आ रहा है इसलिए मैंने भी उसको आहिस्ता-आहिस्ता धक्के मारने शुरु कर दिए। जब मैं कुछ देर यूँ ही आहिस्ता-आहिस्ता धक्के मारता रहा, तो हिमानी एकदम से उत्तेजित होकर बोली- अब मज़ा आ रहा है और अब जोर-जोर से धक्के लगाओ। यह सुन कर मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ानी शुरु कर दी और कुछ ही समय में मैं हिमानी को तेजी के साथ चोदने लगा। अब हिमानी पूरा मज़ा ले रही थी और मुँह से बड़बड़ा रही थी, ‘हाय बड़ा मजा आ रहा है… जय जोर से चोदो… फ़ाड़ दो मेरी चूत को… पेल दो अपना पूरा लण्ड मेरी चूत में… हहाय …स्ससीईइ स्सस्सीईई ऊऊफ़्फ़ आर्रर्रर्ररीईईइ..!’ और यह कहते हुए हिमानी ने अपनी कमर और गाण्ड को तेजी से हिलानी शुरू कर दी और ‘स्सस्सीईई स्सस्ससीईईइ’ करते हुए झड़ गई। मैं अभी तक जोर-शोर के साथ धक्के मार रहा था। कमरे में फचा-फच की आवाज आ रही थी और मैं धमाधम धक्के मारे जा रहा था। थोड़ी देर बाद हिमानी फिर से ‘स्सस्सीईइ स्सस्सीईइ स्ससीईईईइ’ करते हुए झड़ गई और मैं अभी तक डटा हुआ था और फ़ुल स्पीड से धक्के मार रहा था। मैं पूरा पसीने-पसीने हो गया, लेकिन धक्के लगाता ही रहा। लगभग 20-25 मिनट तक फ़ुल स्पीड से धक्के लगाने के बाद मुझे लगा कि अब मैं भी झड़ने वाला हूँ और मेरे मुँह से भी अनाप-शनाप निकलने लगा, ‘हाय म्ममेर्ररि र्राअन्ननि ल्लाआआ हैईईईई..!’ तो हिमानी एकदम से बोली- अपना लण्ड बाहर निकाल लो, इसे चूत के अन्दर नहीं झाड़ना है… वरना गड़बड़ हो सकती है। सो मैंने फ़ौरन ही लण्ड को चूत से बाहर निकाल लिया और हिमानी से कहा- हाथ से तेजी के साथ लण्ड को आगे-पीछे करो। तो उसने ऐसा ही करना शुरु कर दिया और मैं उसके होंठ बहुत ही ज़ोर-जोर से चूसने लगा और एक हाथ से उसकी चूचियाँ दबाता रहा, तो दूसरा हाथ उसके चूतड़ों और गाण्ड पर फेरने लगा। कभी-कभी जोश के कारण मैं अपनी ऊँगली उसकी गाण्ड में भी अन्दर करने लगा, हिमानी तेजी के साथ झटके देने लगी और मैं ‘ऊऊफ़्फ़फ़्फ़ ऊऊफ़्फ़फ़्फ़ ह्हाआआआऐईईइ ह्हह्हहाआआआऐईईई’ करता हुअ झड़ गया। मैंने झड़ते-झड़ते जोश में अपना मुँह उसकी चूचियों में जोर से दबा दिया और उसकी गाण्ड में अपनी पूरी ऊँगली अन्दर कर दी, तो वो चिल्ला पड़ी और बोली- क्या मेरी चूचियों को ही काट खाओगे और यह कह कर मेरा सिर अपनी चूचियों में जोर से दबा लिया। हम कुछ देर यूँ ही पड़े रहे और फिर उठे तो देखा कि हिमानी की चूत से खून निकल आया था, जो उसकी चूत और झाण्टों पर लगा था। खून को देख कर हिमानी डर गई और बोली- जय लगता है कि मेरी चूत फट गई है और अब क्या होगा….! तो मैंने समझाया, ‘डरने की कोई बात नहीं है सभी को पहली बार ऐसा ही होता है..!’ और यह कह कर मैंने एक रूमाल से उसकी चूत और झांटों से खून साफ़ कर दिया और उसके बाद हम दोनों उठ कर बाथरूम में गए, जहाँ पर पहले तो हिमानी ने मेरा लण्ड पकड़ कर मुझ को पेशाब कराया और फिर मैंने हिमानी को अपने सामने उकडूँ बैठा कर अपनी ऊँगलियों से उसकी चूत को चौड़ाया और पेशाब करने को कहा। जब वो पेशाब करने लगी तो पता नहीं मुझे क्या सूझा कि मैंने उसकी चूत के अन्दर अपनी ऊँगली करनी शुरु कर दी और वो पेशाब करती रही। फिर हम लोगो ने अपने-अपने कपड़े पहने और हिमानी को उसके घर छोड़ आया। हिमानी को छोड़ने से पहले यह वायदा लिया कि अगली बार हम दोनों इकट्ठे ही बगल के बाल और झांटे साथ-साथ बनायेंगे, जिसे उसने कबूल कर लिया। दोस्तो, यह एक सत्य घटना है और वो रूमाल जिससे मैंने हिमानी कि चूत का खून साफ़ किया था, आज भी मैंने सम्भाल कर रखा हुआ है। तो यह था मेरा चुदाई का दूसरा तज़ुरबा। अब आप अपने कमेण्ट्स मुझे ई-मेल अवश्य करें। [email protected]
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