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इमरान शहर के भीड़ वाले एरिया से बाहर आ मैंने सलोनी को बोला- जान, अब कपड़े बदल लो ! सलोनी आसपास आती जाती गाड़ियों को देख रही थी… सलोनी- ठीक है.. पर हम जा कहाँ रहे हैं? मैं- अरे यार, देख लेना खुद जब पहुँच जायेंगे !
सलोनी बिना कुछ बोले अपने टॉप के बटन खोलने लगी। मैंने जानबूझकर गाड़ी की स्पीड कुछ कम कर दी जिसका सलोनी को कुछ पता नहीं चला।
मैं सलोनी पर हल्की सी नजर मार रहा था पर आस पास के लोगो को ज्यादा देख रहा था कि कौन-कौन मेरी बीवी को देख रहा है… मगर आती जाती गाड़ियों की लाइट से कुछ पता नहीं चल रहा था… हाँ फ़ुटपाथ पर जाते हुए 1-2 लड़कों ने जरूर हल्की सी झलक देखी होगी…
मैंने सलोनी की ओर देखा… उसने टॉप निकाल दिया था… अंदर उसने सेक्सी लेस वाली क्रीम कलर की ब्रा पहनी थी जो उसके 36 इंच के मम्मों का आधा भाग ही ढक रही थी… केवल ब्रा में सलोनी का ऊपरी शरीर गजब ढा रहा था… सलोनी लाल वाले ट्यूब टॉप को सीधा करके पहनने लगी मगर मैंने उसके हाथ से टॉप ले लिया।
सलोनी- क्या कर रहे हो? जल्दी दो ना… अब मुझे पहनने तो दो… मैं- अरे पहले स्कर्ट पहनो यार… तुम भी ना… तुम भी रूल तोड़ती हो… असल में हम दोनों ने एक नियम बनाया था… पहनते समय पहले बॉटम, फिर टॉप… उतारते समय… पहले टॉप, फिर बॉटम…
सलोनी को हंसी आ गई- आज तो लगता है आप पहले से ही पीकर आये हैं… बिल्कुल नशे वाली हरकतें कर रहें हैं… मैं- अरे नहीं जानू… अभी पिएंगे तो बार में जाकर.. तुमको तो पता है कि पीते भी हम तुम्हारे साथ ही हैं… सलोनी- लगता है आज आप पूरे मूड में हैं…
सलोनी बात करते हुए ही अपनी जीन्स का बटन और चेन खोल… जीन को बैठे बैठे ही निकालने की कोशिश की… मगर जीन्स बहुत टाइट थी, सलोनी के चूतड़ों से उतरी ही नहीं… उसको सीट के ऊपर होना पड़ा…
एक पैर सीट के ऊपर रख जब उसने जीन्स चूतड़ों से उतार दी और उसको पैरों से निकालने लगी, तभी मेरी नजर उसके नंगे साफ़ सफ्फाक चूतड़ों पर पड़ी… ओह यह क्या…?? उसने अभी भी कच्छी नहीं पहनी थी…
और अचानक मेरा पैर ब्रेक पर दब गया… एक तेज आवाज के साथ गाड़ी चिन्नंइइइइइइइइ इइइइइइइइइ जरा देर के लिए रुकी…
और तभी एक बुजुर्ग जोड़ा जो पैदल ही जा रहा था, उनके पास ही गाड़ी रुकी और मुझे बुजुर्ग का चेहरा सलोनी की ओर के शीशे से झांकता दिखा…
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। निश्चित ही उसने सलोनी का निचला शरीर नंगा देख लिया होगा… मगर और क्या देखा, यह तो वही जनाव बता सकते थे…
मैंने तुरंत गाड़ी आगे बढ़ा दी… अब तक सलोनी ने जीन्स पूरी निकाल पीछे सीट पर डाल दी… सलोनी के पूरे बदन पर अब केवल एक वो क्रीम रंग की छोटी सी ब्रा ही बची थी… और पूरा शरीर नंगा… किसी अजंता एलोरा की देवी जैसी ही नजर आ रही थी मेरी सलोनी इस समय… मैं- क्या जान… कच्छी कहाँ है तुम्हारी?
सलोनी- ओह य्य्य्य्ये क्या हुआ…?? मैंने तो आज पहनी ही नहीं थी… अब क्या करेंगे…?? मैं- क्या यार तुम भी ना…??? पर आज तो तुमको वहाँ मैं स्कर्ट में ही लेकर जाऊंगा…
सलोनी सोच विचार में कपड़े पहनना ही भूल गई थी… मैं अभी सोच ही रहा था कि… ओह रेड लाइट… और मुझे वहाँ रुकना पड़ा…
अब सलोनी को भी अहसास हो गया कि गलती हो गई… अगर एक भी गाड़ी हमारे आस पास रूकती तो उसको एकदम पता चल जाता कि कोई नंगी लड़की गाड़ी में है…
मेरी भी हालत ख़राब थी… मैं अभी सोच ही रहा था कि तभी मेरी विंडो पर एक भिखारी और उसके साथ एक लड़की दोनों आकर खड़े हो गए… मैं अभी उस भिखारी को देख ही रहा था कि मेरी नजर जैसे ही उसकी नजरों पर पड़ी… मैंने देखा वो सीधा सलोनी की ओर ही देख रहा था… और सलोनी…..
एक शाम मस्ती करने के लिए अपनी सुन्दर बीवी सलोनी के साथ बाहर क्या निकला… शाम मस्ती से भी कहीं ज्यादा मस्ती भरी होती जा रही थी…
मेरी बीवी सलोनी लगभग पूरी नंगी मेरे बराबर वाली सीट पर बैठी थी… उसके सफ़ेद, गोरे संगमरमरी बदन पर केवल एक छोटी से ब्रा भर थी… जिसमें से उसके भारी और गदराये मम्मे का बहुत बड़ा भाग बाहर ही था… नीचे से वो पूरी नंगी थी… एक रेशा तक उसके बदन पर नहीं था…
उसकी चिकनी चूत और गद्देदार चूतड़ देख कोई भी कुछ भी कर सकता था… और ऊपर से लाल बत्ती जहाँ मुझे गाड़ी रोकनी ही थी… मुझे डर था कि कहीं कोई पुलिस वाला ना आ जाए…
मगर यहाँ तो एक भिखारी आ गया था और साला बड़ी कमीनी नजर से सलोनी को घूर रहा था… उसको देखकर ऐसा तो नहीं लग रहा था जैसे उसने ये सब पहली बार देखा हो… इसका मतलब हमारे शहर में ये सब होता रहता होगा… या हो सकता है उसको देखने में मजा आ रहा था…
मैंने सलोनी की ओर देखान उसने शरमाकर दूसरी तरफ अपना चेहरा कर लिया था और अपने हाथ में पकड़ा टॉप को अपने सीने पर रख लिया था…
मगर उसका क़यामत ढाने वाला बदन तो अभी नंगा ही था… जो उसने अपनी बेबखूफी में उसके सामने और भी ज्यादा उजागर कर दिया था…
उसने उससे छुपने के लिए अपना दायां पैर बाएं के ऊपर चढ़ाकर पूरा अपनी विंडो की ओर झुक कर बैठ गई… इस पोजीशन में उसके नंगे चूतड़ पूरे ऊपर को उठकर मेरी ओर हो गए थे और उस भिखारी एवं लड़की को साफ़ साफ दिख रहे थे… भिखारी- वाह साब… क्या माल फंसाया है… जमकर गांड मारना इसकी…
कहानी जारी रहेगी।
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