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आपका प्यारा सा सनी गांडू प्रणाम दोस्तो, कैसे हो सब…!
पिछले भाग से आगे- शाम को भी उसका मूड बहुत मचला सा था। ऐसी-वैसी बात तो नहीं की, वैसे ही खुश था। उसने दो पैग लगाए और दो मैंने भी खींचे.. मुझे नशा होने लगा। उसके लिए दो पैग नॉर्मल थे। खाना खाकर आए, कुछ देर बातें की.. मैं वाशरूम गया। मैंने वहाँ बाल साफ़ करने के लिए वीट की क्रीम को जहाँ थोड़े बहुत बाल निकले थे, लगा कर खुद को चिकना किया, जैसे शादी की सुबह लड़की पार्लर जाती हैं। जिनकी लव-मैरज होती है, वो सुना है चूत के बाल उड़वाती हैं। विवेल की क्रीम वाले खुशबूदार साबुन से खुद को नहलाया। यह साबुन लड़कियाँ यूज़ करती हैं।
फ्री माइंड रिलैक्स सा होकर निकला, पर शो नहीं किया कि आज मैं भी समर्पण के मूड में हूँ। मैंने काली सेक्सी पैंटी पहनी, लेकिन आज बरमूडा पहना। पहले सोचा कि ऊपर ब्रा भी डालता हूँ फिर सोचा ऐसा-वैसा कुछ नहीं करना है। मैंने पैंटी भी उतार ली और सिर्फ बरमूडा पहन लिया।
जब निकला वो एक किताब पढ़ने में लगा था। वो गंदी किताब थी जो पढ़ या कुछ देख रहा था। उसको सेक्सी खुशबू आई, तो उसने किताब नीचे करके देखा। “वाह.. आज बहुत महक रहे हो सनी..! ऐसी खुशबू तो सेक्सी-सेक्सी लड़कियों से आती है..!” “लगता है भाभी जी लगाती होंगी..!” “वो छोड़.. याद मत दिलवा.. बहुत मजे देती है। वो भी तेरी तरह चिकनी-चमेली जैसी है।” वो सुबह से डबल मीनिंग वाली बातें करना चाह रहा था। “तुम हॉट फ़िल्में देखते होगे?” “नहीं बहुत कम.. मुझे इतना शौक नहीं है..।”
“मेरे पास एक सेक्सी सी.डी. है, इस किताब के साथ मिली है। चल देखते हैं..!” “आप देख लो… मुझे तो नींद आ रही है।” “क्या बात करते हो.. एक साथ रहते हैं, सब काम तो एक साथ करो।” उसके कहने पर हमने सी.डी. लगाई, पहला सीन लड़की का था। लड़की के साथ, उसने थोड़ी आगे फॉरवर्ड की..
लड़के से लड़के वाला सीन लगा दिया। मैं उससे कहीं ज्यादा इंटरनेट पर देख चुका हूँ। लेकिन मैंने भी अभी तक इंडियन ‘गे’ मूवी नहीं देखी थी। वहाँ मेरे जैसा चुदक्कड़ चिकना गांडू था और मद्रासी बंदे उसकी फाड़ रहे थे। मेरी गीली होने लगी, मैं काफी ध्यान से उसमें खो गया था। हम थे भी बैड पर, लाईट भी बंद थी। लैपटॉप उसकी गोदी में था। मुझे उसका लौड़ा हिलता महसूस हुआ।
सीन देख-देख अपने लंड को मसलता हुआ बोल रहा था, “वाह क्या सीन है यार..! कितना चिकना लौंडा बड़े-बड़े लंड के सामने डटा खड़ा है। उसने अपना हाथ मेरी जाँघ पर टिका दिया। मेरा दिल कर रहा था, वो अपने हाथों को मेरे होते कष्ट क्यूँ दे रहा है।
खैर मैंने खुद को ऐसा दिखाया किया कि देखता-देखता मैं सो गया हूँ। उसने मुझे आवाज़ दी, जब मैंने कुछ नहीं बोला तो उसने देखा कि मैं सो गया हूँ। उसने मुझे ढंग से लिटा दिया। मूवी रोक दी, मेरा बरमूडा खिसका दिया।
आज उसको पूरी आग लगी थी, तभी जल्दी मचा रहा था मेरे चूतड़ों को सहलाया, दबाया.. और खुद नीचे की तरफ सरका और चूमने लगा। मैं बहुत मस्त होकर उसके प्यार का आनन्द उठाने लगा। उसने हिम्मत की, आगे बढ़ कर मेरे छेद पर लंड घिसा। मेरे तन-बदन में मानो आग सी लगा दी हो। उसने मुझे पलटा और सीधा किया और मुझ पर सवार हो गया। उसने टी-शर्ट उठाई और मेरी निप्पल को चूसा।
“यह आप क्या करने लगे सर…!” “देख सनी.. मुझे तुझसे प्यार हो गया है, आज मुझसे रुका नहीं जाएगा। देख मेरा साथ दे.. मैं तुझे मस्त कर दूँगा।” “लेकिन यह सब…!” “चुप.. मेरी रांड.. तुम किसी सोलह-सत्तरह साल की लड़की से कम नहीं दिखती..।” उसने मेरे होंठों में होंठ डाले। होंठ चूसते साथ साथ जुबानों का एक-दूसरे से मिलन हो रहा था।
मुझे उसकी चुम्मी ने आग लगा डाली। मेरे मम्मे मसलने लगा, उसने मेरी टी-शर्ट उतारी। “तुम ऐसे सुंदर दिखते हो..!” उसने मेरा हाथ अपने खड़े लंड पर रखवा डाला। मैंने भी धीरे-धीरे मसलना चालू किया। क्या लंड था.. काला नाग जैसा..! किसी भी औरत की चूत को और किसी की भी गांड को खुश कर सकता था। मैंने भी उसको कस लिया। उसने लंड चिकनी जाँघों में घुसा कर मेरे मम्मे दबाते हुए हिलाने लगा।
“मुझे तो तुझसे प्यार उसी दिन हो गया था, जब तुझे तेरे घर फ्रेंची में देखा था। बोल.. तुम भी मुझे चाहती हो न..!” मैंने उसकी पीठ पर अपने नाख़ून गड़ाते हुए कहा- मैं आपको उससे भी ज्यादा चाहता हूँ। कह कर मैंने उसके लंड के सुपाड़े को अपने मुँह में घुसा लिया।
“उफ़.. वाह मेरी रानी.. वाह मैंने सोचा था मुझे लंड चुसवाने के लिए तुझे बहुत मुश्किल से मनाना पड़ेगा, तुमने मेरी तबियत खुश कर डाली।” मैंने पागलों की तरह गप-गप करके उसका लुल्ला चूसा। जिसको लेने के लिए कई दिन से बेताब था। “मैं तेरी धर्म-पत्नी बनने को राज़ी हूँ मेरे मालिक !”
उसने भगवान जी की पिक्चर के सामने से सिन्दूर उठाया, मेरी मांग भर दी। “अह.. अह.. आज से रोज़ रात को हमारी जीने की लाइफ बदल जाएगी।” “लेकिन जानू मुझे अभी बच्चा नहीं चाहिए इसलिए कंडोम खरीद लिया करना.. पति देव..!” “ज़रूर..!”
“अब कुछ कर भी डालो..,” मैंने टाँगें फैला डालीं। “ओए.. होए..,” उसने गीला करके लुल्ला घुसा दिया, थोड़ी तकलीफ हुई लेकिन मजा आ गया। कई दिन बाद ऐसा बड़ा लुल्ला मिला था।
उसने पूरी रात मुझे सोने नहीं दिया। अगले दिन ड्यूटी-टाइम, लंच-टाइम हमने उसके केबिन में खाना खाया। उसने वहाँ ही मेरे मुँह में लंड घुसा दिया। मुझे मजा आया।
उसने सोचा था कि मैं यहाँ सिर्फ चुसूँगी लेकिन मुझे कम स्पेस में अचानक वाला करके अच्छा लगता था। मैंने पैन्ट खोल कर टेबल से सामान हटाया कुहनियाँ टिका कर घोड़ी बन गया। उसने गीला करके लुल्ला घुसा दिया और दस मिनट मुझे फुल चोदा।
दोस्तो, अब मुझे हर रात लंड मिलता है लेकिन मैं सनी गांडू हूँ, सनी को चेंज पसंद है। ज़ल्दी अपनी ‘गे’ शादीशुदा में तीसरे को आने दिया। बेवफाई करी वो सब जल्दी लिखूंगी.. लिखूंगा। तब तक के लिए खुदा हाफिज ! मुझे आप अपने विचार यहाँ मेल करें। [email protected]
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