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मेरा नाम विशाल अग्रवाल है,दिल्ली का रहने वाला हूँ। मैं एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में जॉब करता हूँ और फिलहाल मैं आगरा में रह रहा हूँ।
सबसे पहले मैं आप लोगों को अपने बारे में कुछ बताना चाहता हूँ। मेरी हाइट 5’6″ है, मेरे लण्ड का साइज़ 5″ है, दिखने में भी स्मार्ट हूँ।
अब ज़्यादा समय खराब ना करते हुए मैं सीधा कहानी पर आता हूँ, अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है।
मैं पिछले एक साल से आगरा में रह रहा हूँ। मुझे नई मूवी देखने का बड़ा शौक है। मैं कोई भी नई मूवी नहीं छोड़ता हूँ। आगरा में मेरा एक दोस्त रहता है, तो कभी-कभी मैं अपने दोस्त के घर भी चला जाता हूँ।
जब पहली बार मैं उसके घर गया तो मैंने देखा उसके घर के नीचे एक घर है उस घर में एक बहुत खूबसूरत लड़की रहती है।
वो लड़की इतनी सुंदर और सेक्सी थी कि क्या बोलूँ दोस्तो!
मेरे तो मुँह में पानी आ गया और मेरा लण्ड खड़ा हो गया। मेरा मन कर रहा था कि वहीं पर पटक कर चोद डालूँ।
क्या चूची थीं उसकी! 36 से कम नहीं होंगी, एकदम उठी हुई पिछाड़ी भी बहुत ही प्यारी लग रही थी।
मैंने अपने आप को बड़ी मुश्किल से संभाला।
फिर मैं हर रविवार अपने दोस्त के घर जाने लगा। मैं जब भी उसके घर जाता, उस लड़की को देखने से अपने आप को नहीं रोक पाता। एक दिन उसको देखते हुए मेरे दोस्त की बीवी ने मुझे देख लिया।
जब मैं ऊपर अपने दोस्त के घर गया तो मेरा दोस्त घर पर नहीं था। वो किसी काम से दिल्ली गया हुआ था। उसकी बीवी ने मुझे बताया कि वो दो दिन बाद आएगा।
फिर थोड़ी देर बाद मेरे दोस्त की बीवी मेरे लिए चाय बना कर ले आई।
हम दोनों बैठ कर चाय पीने लगे और ऐसे ही बातें करने लग गए, तो उसने मुझसे पूछा- क्या बात है आज कल आपका ध्यान कहाँ है? मैंने कहा- मैं कुछ समझा नहीं! तो उसने कहा- आजकल आपका ध्यान दिव्या की तरफ बहुत है.. क्या बात है? मैंने कहा- कौन दिव्या?
तो भाभी ने बताया कि उस लड़की का नाम दिव्या है, जिसे मैं देख रहा था। भाभी और मैं बिल्कुल खुल कर बातें कर लेते हैं। मैंने बात को घुमाने की कोशिश की- ऐसी कोई बात नहीं है भाभी!
तो भाभी ने कहा- अगर मुझसे छुपाओगे तो नुकसान में रहोगे! मैंने भाभी को कह दिया- मैं उस लड़की को पसंद करता हूँ। कैसे भी करके उसके साथ बात बनवा दो। तो भाभी ने कहा- दिव्या भी तुमको पसंद करती है। मैंने कहा- तो भाभी बुलाओ ना उसको!
भाभी ने उसको फोन करके बुला दिया, फिर भाभी हम दोनों को अकेला छोड़ कर वहाँ से ये कह कर चली गईं कि मैं एक घंटे बाद आऊँगी।
मैंने भाभी के जाते ही रूम अन्दर से बंद कर लिया और उसके हाथ को पकड़ कर उसको ‘आई लव यू’ बोल दिया। जवाब में उसने भी मुझे ‘आई लव यू टू’ बोल दिया।
फिर मैंने अपने होंठ उसके जलते हुए होंठों पर रख दिए और चूसना चालू कर दिया। वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैं अपनी जीभ उसके मुँह में डालता, कभी वो अपनी जीभ मेरे मुँह में डालती।
इतना मजा आ रहा था कि मैं बता नहीं सकता।
हम पाँच मिनट तक एक-दूसरे के होंठ चूसते रहे। फिर मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी। उसने काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी। उसकी चूचियाँ बहुत ही कड़क हो रही थीं। ऐसा लग रहा था मानो ब्रा को फाड़ कर बाहर आ जाएँगी। मैं ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियाँ दबाने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी। मैं उसकी चूचियाँ देखता ही रह गया, जिंदगी में पहली बार एकदम नंगी चूचियाँ देख रहा था। मुझे तो लग रहा था कि मेरा पानी निकल जाएगा। मेरा लण्ड पैन्ट को फाड़ कर बाहर निकालने के लिए एकदम खड़ा था।
मैं पागलों की तरह उसकी चूचियों पर टूट पड़ा। कभी उनको चूसता, कभी उनको दबाता। वो मेरे बालों में हाथ फेर रही थी, सिसकारियाँ ले रही थी। उसको भी बहुत मजा आ रहा था। मैं काफ़ी देर तक उसकी चूची चूसता रहा। फिर मैंने उसकी जींस भी निकाल दी। उसी चड्डी आगे से गीली हो गई थी।
मैंने उसकी चड्डी भी निकाल दी। फिर मैं उसकी चूत को अपने हाथ से सहलाने लगा। उसमें ऊँगली डाल कर आगे-पीछे करने लगा। वो मुँह से अजीब-अजीब आवाजें निकाल रही थी- आ उः आ उः..’ उसकी आवाजें सुन कर मेरा हाल और भी बुरा होता जा रहा था। फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसको बिस्तर पर सीधा लेटने के लिए कहा, वो बिस्तर पर लेट गई।
फिर मैंने अपने लण्ड को उसकी चूत पर सैट किया और धक्का दिया, पर मेरा लण्ड फिसल गया। मैंने एक बार और कोशिश की, फिर से मेरा लण्ड फिसल गया। तब उसने अपने हाथ से मेरा लण्ड पकड़ा और अपनी चूत पर सैट किया और मुझे धक्का मारने के लिए बोला। मैंने ज़ोर से धक्का दिया मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में चला गया। लण्ड अन्दर जाते ही उसने मुझे ज़ोर से पकड़ लिया और अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। थोड़ी देर बाद मैंने अपने लण्ड को आगे-पीछे करना चालू कर दिया।
थोड़ी देर बाद मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत के अन्दर चला गया। मैंने उसको ज़ोर-ज़ोर से चोदना चालू कर दिया। वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। बीच-बीच में मैं उसकी चूचियाँ भी चूस लेता था, कभी-कभी उसके होंठों को भी पी लेता था। उसके चूचुक एकदम टाइट हो गए थे। थोड़ी देर बाद उसने मुझे ज़ोर से पकड़ लिया और मेरे होंठों को ज़ोर से चूसने लगी। तभी मेरा भी पानी निकल गया और मैंने उसको अपनी बाँहों में भींच लिया।
मुझे इतना मजा जिंदगी में कभी नहीं आया था, फिर थोड़ी देर तक मैं उसके ऊपर लेटा रहा। थोड़ी देर बाद उसने मुझे फिर से चूमना चालू कर दिया, मेरा पप्पू फिर से खड़ा हो गया। हमने फिर से चुदाई चालू कर दी। इस बार मैंने उसको 15 मिनट तक उसकी चूत चुदाई की।
मैंने मेरे ऑफिस में फोन करके दो दिन की छुट्टी ले ली और मैं दो दिन तक अपने दोस्त के घर पर रहा और उन दो दिनों में मैंने उसकी चूत की खूब चुदाई की, उसको भी बहुत मजा आया। मैंने दो दिनों में बीसियों बार उसकी चूत की चुदाई की होगी। उसके बाद जब भी मौका मिलता, हम खूब चुदाई करते। थोड़े दिन बाद वो जयपुर पढ़ने के लिए चली गई और मुझे अकेला छोड़ गई। मुझे उसकी बहुत याद आती है।
दोस्तो, मुझे मेल ज़रूर करना, आपको मेरी आपबीती कैसी लगी। [email protected]
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