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जैसा कि पिछले भाग में आपने पढ़ा था, हम तीनों लोग बुरी तरह से थक गए और वहीं एक साथ लेट गए। रणवीर और सोनू मेरे अगल-बगल लेटे थे, मैं बीच में थी।
मैंने घड़ी की ओर देखा तो अभी सुबह से साढ़े तीन ही बजे थे। करीब आधे घंटे तक हम यूँ ही लेटे रहे। मैं बेचारी अबला नारी दो मर्दों के बीच में सैंडविच बन कर रह गई थी और सिवाय मजे करने और देने के मैं और कर भी क्या सकती थी?
और वैसे भी चुदाई का मजा किसे पसन्द नहीं भला।
थोड़ी देर के बाद सोनू उठा और बोला- मैं बाथरूम से थोड़ा फ्रेश होकर आता हूँ। सोनू बाथरूम में चला गया और अब सिर्फ मैं और रणवीर बिस्तर पर लेटे हुए थे। मैं रणवीर की तरफ मुँह घुमा कर लेट गई। रणवीर ने अपना हाथ मेरी कमर पर रखा और कमर पर हाथ फिराते हुए अपने हाथ मेरी प्यारी चूत के पास लेकर आ गया।
मैंने भी उसकी हरकतों का विरोध नहीं किया। अब उसके हाथ मेरी चूत से खेल रहे थे और मैं भी उसको अपनी चूत का पूरा मजा देने लगी। थोड़ी देर बाद मैं भी अपना हाथ नीचे रणवीर के लंड के पास ले गई, उसे ऊपर से ही सहलाने लगी। फिर मैंने उसके लंड को कस कर पकड़ लिया, उसे आगे-पीछे करने लगी।
रणवीर का लंड धीरे-धीरे अपनी औकात पर वापस आ रहा था और कुछ ही पलों में वो अब एकदम कड़ा हो गया था। थोड़ी देर बाद रणवीर उठा और मुझे उठाया। मुझे डॉगी स्टाइल में चोदने के लिए मुझे उसने कुतिया की तरह गांड पीछे करके घुटनों और हाथों के बल उठा और मेरी कमर को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर मुझे चोदने की तैयारी करने लगा।
रणवीर ने अपना लंड मेरी गांड में डाल कर मेरी मेरी गांड फाड़ने लगा। उसने मेरी कमर के ऊपर हाथ रखा और ज़ोर-ज़ोर से अपना लंड मेरी गांड के अन्दर-बाहर करने लगा। धीरे-धीरे उसने मेरी गांड की चुदाई की स्पीड तेज कर दी और करीब दस मिनट तक मेरी गांड मारने के बाद उसमे मुझे लेटा दिया और मेरी दोनों टाँगें फैला दीं। रणवीर मेरे टाँगों के बीच में अपना लंड लेकर बैठ गया और मेरी दोनों टाँगें ऊपर कर के पकड़ लीं और अपना लंड एक ही बार में मेरी चूत में घुसा कर मुझे चोदने लगा।
मैं आज इतनी बार चुद चुकी थी कि मुझे दर्द का सिर्फ हल्का सा एहसास हो रहा था पर ये दर्द दुखदायी कम और मीठा ज्यादा लग रहा था। रणवीर मुझे ऐसे ही चोदे जा रहा था, साथ ही साथ कभी मेरे होंठों से अपने होंठ मिला लेता, कभी फिर ऊपर उठ जाता।
फिर थोड़ी देर बाद उसने मुझे उसी तरह अपनी गोद में उठा लिया और लंड बिना मेरी चूत ने निकाले, फिर से चोदने लगा। रणवीर ने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और हम दोनों एक दूसरे में बांहों में बांहें डाल कर चुदाई का आनन्द ले रहे थे।
थोड़ी देर तक इसी तरह चुदाई करते-करते मैंने रणवीर को नीचे की तरफ धकेला और वो नीचे लेट गया। अब रणवीर नीचे था और मैं ऊपर थी। मैं रणवीर के ऊपर गांड चौड़ी करके लेट गई और अपनी कमर और गांड ज़ोर-ज़ोर से हिला कर उछल-उछल कर उसके लंड का मजा ले रही थी और साथ ही साथ रणवीर अपनी दोनों हाथों से मेरे चूतड़ थपथपा रहा था। इससे मुझे और जोश आ रहा था और मैं भी और ज़ोर-ज़ोर से चुदाई करने लगी।
थोड़ी देर बाद रणवीर ने मुझे फिर से अपने नीचे लिटाया और इस बार मेरी टाँगें चौड़ी करने की बजाए उन्हें सीधा ऊपर खड़ा कर दिया और अपने लंड से एक बार फिर मेरी चूत की चुदाई करने लगा। रणवीर ज़ोर-ज़ोर से अपना लंड मेरी चूत में धकेलने लगा और मुझे चोदते-चोदते मेरे होंठों को चूमने लगा।
कुछ ही देर में सोनू भी बाहर आ गया और वो भी मुझे चोदने के पूरे मूड में दिख रहा था। सोनू जैसे ही मेरे पास आया, रणवीर ने मेरी चूत से अपना लंड निकाला और सोनू के साथ जाकर कुछ बात करने लगा। दोनों में कुछ गुफ्तगूं हुई और फिर दोनों बिस्तर पर आ गए। सोनू ने मेरे हाथ पकड़ कर मुझे उठाया और फिर रणवीर नीचे लेट गया।
सोनू ने मुझे अपनी तरफ मुँह घुमा के बिठा कर कहा- तुम रणवीर के लंड को अपनी गांड में डाल कर उसके ऊपर बैठ जाओ फिर मैं तुम्हारी चूत की मालिश करूँगा।
मैंने वैसे ही किया जैसे सोनू ने कहा। मैं अपनी गांड उठा कर रणवीर के लंड को पकड़ कर अपनी गांड में डालने लगी। मैंने रणवीर का लंड अपनी गांड में डाला और बैठ गई। फिर सोनू ने मुझे वैसे ही रणवीर के ऊपर लेटा दिया और वो भी मेरे ऊपर चढ़ गया। सोनू ने अपना लंड पकड़ा और मेरी चूत के पास लेकर आ गया और एक ही झटके में फिर से मेरी चूत को नेस्तानाबूद कर दिया।
अब मेरी गांड और चूत दोनों में लंड भरे हुए थे। धीरे-धीरे रणवीर और सोनू दोनों से अपना कमर उठा कर मुझे ऊपर और नीचे से चोदने लगे। यह पहली बार था जब मैंने एक साथ दो लंड लिए थे मुझे दर्द भी हो रहा था और थोड़ा-थोड़ा मजा भी आ रहा था। मैं इन दोनों कमीनों के बीच में सैंडविच बन गई थी, जो ना तो कुछ कर सकती थी और ना कुछ बोल सकती थी। अगर मेरे हाथ में कुछ था, तो बस मज़े करने की छूट थी। चाहे उसमें मेरी मर्ज़ी हो या न हो।
धीरे-धीरे दोनों अपनी चोदने की स्पीड कभी कम तो कभी ज्यादा करने लगते। करीब आधे घंटे तक दोनों मुझे इसी तरह चोदते रहे और फिर दोनों के अपनी-अपनी जगह की अदला-बदली कर दी। अब मेरी गांड में जहाँ सोनू का लंड ठुंसा हुआ था वहीं मेरी चूत में अब रणवीर के लंड का बोल बाला था।
थोड़ी देर तक उसी पोजीशन में एक-दूसरे पर लेट कर आराम करने के बाद हमने फिर से चुदाई का अपना काम पूरे तेजी के साथ शुरू किया और दोनों मेरी चूत और गांड को फाड़ने में जुट गए थे।
करीब एक घंटे तक हमने इसी तरह एक-दूसरे के साथ चुदाई का मजा लिया और फिर वहीं बिस्तर पर लेट गए। थोड़ी देर तक हम वहीं एक-दूसरे के पास लेटे रहे। मेरी नज़र घड़ी के पास गई, तो देखा सुबह के 6 बज चुके थे।
मैंने रणवीर से कहा- मैं थक गई हूँ, नहा लेती हूँ। फिर आराम से थोड़ी देर सो जायेंगे।
रणवीर ने कहा- तुम सिर्फ अकेली थोड़े न थकी हो, हम तीनों थके हैं। चलो साथ में नहाते हैं। फिर साथ में आकर सो जायेंगे।
मैंने कहा- ठीक है चलो।
मैं उठ कर बाथरूम की तरफ चल दी और मेरी पीछे रणवीर और सोनू भी अपना लंड लटका कर मेरे पीछे-पीछे चल दिया। मैंने बाथरूम में शावर ऑन कर दिया और उसने नीचे ठन्डे पानी का मजा लेने लगी। वहीं ये दोनों मेरे अगल-बगल आकर खड़े हो गए।
मैं अपने बदन पर साबुन लगाने लगी, तो रणवीर ने मेरे हाथों से साबुन छीन लिया और खुद मेरे बदन पर साबुन मलने लगा और कुछ देर बाद साबुन नीचे रख दिया और मेरे मम्मों को मसलने लगा और सोनू मेरी पीठ सहलाने लगा। मैंने भी दोनों के लंड अपने दोनों हाथों से पकड़ लिए और सहलाने लगी। थोड़ी देर में उन्होंने मुझे नीचे बिठा दिया। फिर मैंने रणवीर का लंड पकड़ा और उससे मुँह में लेकर अन्दर-बाहर करने लगी, तो सोनू ने मेरे सर पर अपना हाथ रखा और अपने लंड की तरफ खींचने लगा।
मैं कभी रणवीर तो कभी सोनू के लंड को चूसने लगी। थोड़ी देर के बाद हम फिर से एक-दूसरे के बदन को अपने हाथों से मलने लगी और हम नहाने का मजा लेने लगे। मैंने जहाँ रणवीर और सोनू को नहलाया वहीं दोनों ने भी मुझे बाथरूम में चोदने की पूरी कोशिश की, पर मैंने इस बार उनकी एक नहीं चलने दी और फिर सोनू ने मुझे अपनी गोद में उठाया और रणवीर ने बिस्तर पर टॉवल रखा।
फिर सोनू ने मुझे वहीं लेटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गया। सोनू ने फिर से अपना लंड मेरी चूत में घुसाया और मुझे चोदने लगा। करीब दस मिनट तक उसमे मुझे चोदा, पर हम लोग इतना थक चुके थे कि अब चुदाई की हिम्मत नहीं बची थी। कुछ ही देर में सोनू मेरे ऊपर से उठा और बगल में आके लेट गया और रणवीर भी मेरे पास आके सो गया। हम तीनों एक दूसरे की बांहों में बांहें डाल कर थोड़ी देर के लिए वहीं सो गए।
इस भाग में इतना ही, अगले भाग़ में मैं आपको बताऊँगी कि कैसे हमने पूरी रात इसी तरह नए-नए आसनों में थ्री-सम सेक्स का आनन्द लिया। आप लोगों को मेरे जीवन का यह हिस्सा कैसा लगा? मुझे जरूर बताइएगा। [email protected]
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