This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
प्रेषक : आकाशदीप
मेरा नाम आकाशदीप है और अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है। मैं हरियाणा में रहता हूँ।
हमारे घर के पास एक बहुत ही सुन्दर लड़की रहती थी। जिसका नाम था शालू, उम्र 19 साल लम्बाई 5’5″, रंग गोरा, दिखने में बहुत ही मस्त। उसके पापा और मेरे पापा अजीज़ दोस्त हैं। मेरे सारे दोस्त भी उसे बहुत पसन्द करते थे। वो सब रोज़ उसके नाम पर अपना लौड़ा हिलाया करते थे और उनमें मेरा नाम भी था।
बात उस दिन की है, जब मैं 12वीं में था। उस दिन मेरे स्कूल का अवकाश था और मैं घर पर ही था तभी मेरे घर की घन्टी बजी। जब मैंने बाहर जाकर देखा तो मेरी आँखें खुली ही रह गईं, मैंने देखा कि शालू आई हुई है। सबसे पहले तो मैंने अपने शेरु पर काबू किया जो उसकी चूत में घुसने को बेचैन था। मैं लगातार उसके चूचियों की तरफ़ ही देख रहा था।
वो बोली- क्या आप घर पर आकर मेरी मेज़ रखवा सकते हो?
हाय ! क्या प्यारी आवाज़ थी उसकी ! मन तो कर रहा था कि यहीं इसके मुँह में अपने शेरु को विसर्जित कर दूँ।
मैंने कहा- मैं थोड़ी देर में आता हूँ।
“जल्दी आना !” ऐसा कहकर वो वहाँ से चली गई।
मैं जल्दी से अन्दर गया और बाल-वाल ठीक कर के उसके घर पर चला गया। जब मैं अन्दर गया तो मैं बहुत खुश हुआ। क्योंकि उसके घर पर कोई भी नहीं था, शायद शालू भी वही चाहती थी, जो मैं चाहता था।
उसने मुझ से पानी के लिये पूछा तो मैंने मना कर दिया, क्योंकि मैं तो सिर्फ़ उसकी चूत के पानी का प्यासा था।
फ़िर उसने कहा- मेज़ उसके कमरे में है। जब हम मेज़ को खिसका रहे थे तब हमारा हाथ भिड़ गया।
हय… क्या मज़ेदार एहसास था वो !
फ़िर हम वहीं पर बैठ कर बातें करने लगे, वो एक चौड़ी सी कुर्सी पर बैठी थी, तभी अचानक उसने पूछ लिया- आपकी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- नहीं।
ऐसा सुनते ही उसने मेरे हाथ पर अपना हाथ रखा और मुझे चूमने लगी। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था।
फ़िर वो बोली- अब मेरा रास्ता साफ़ है।
और इसका मतलब मैं समझ चुका था और मैंने भी उसका साथ देना शुरु कर दिया था। धीरे-धीरे उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिये और मेरे शेरु को ज़ोर-ज़ोर से मसकने लगी।
मैंने कहा- मन हो तो मुँह में लेकर देखो।
मेरे इतना कहने पर वो मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी। कभी मुँह में रख कर टाफी की तरफ चूसती तो कभी आगे-पीछे करके चूसती, तो कभी गोलियों को चूसती। मुझे खूब मजा आ रहा था।
मेरा हथियार एकदम लोहे जैसा हो गया था। फ़िर अचानक शालू ने मेरे शेरु पर एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरे मुँह से, “आ आआ आह्ह ईईई ईस्स्स्स्ष्सस” सी आवाज़ निकल गई।
बाद में मैं उसके होंठों को चूमने लगा और उसके सारे कपड़े उतार दिये।
क्या कमाल का फिगर था उसका !
उसके मम्मे तो कयामत बरसा रहे थे। फ़िर मैंने बिना देर किये उसकी चूत पर अपनी जीभ फ़ेरनी शुरु कर दी।
वो सिसकारियाँ लेने लगी, “आआह आह्ह्ह ऊऊफ़्फ़ मरर गई।”
मैं उसकी चूत के दाने को चूसना चाहता था क्योंकि मुझे उसका रसपान करना पसन्द था।
मैंने उसकी चूत के दाने को अपने मुँह में लिया तो वो मस्ती में सिस्कारने लगी और कहा- बस अब मुझे चोद दे और बर्दाश्त नहीं होता।
पर मैं तो उसे पूरी तरह गर्म करना चाहता था तो मैंने उसके चूचियों को ज़ोर-ज़ोर से दबाना शुरु कर दिया। उसे और मज़ा आने लगा और कहने लगी, “हाय मेरे राजा ऐसे ही लगा रह।”
मैंने मौके की नज़ाकत को समझते हुए अपने शेरु को उसकी चूत की गुफ़ा पर रखा और एक बार में ही आधा अन्दर कर दिया। वो दर्द के मारे चीखने लगी, दर्द के मारे उसका बुरा हाल हो रहा था और दूसरी बार में मेरा लौड़ा पूरा अन्दर ठूँस दिया।
वो कुर्सी पर ही सुबकने लगी तो मैं उसे पलंग पर ले गया। मेरा शेरु उसकी चूत में ही था और वो ‘आह्ह्ह्ह इस्स्स्ष्हस्स’ जैसे आवाजें निकाल रही थी।
फ़िर मैंने धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करना शुरु किया और साथ ही मैं उसके होंठों को भी चूम रहा था। हम दोनों चुदाई के दरिया में खो चुके थे। 50-60 जोरदार धक्कों के बाद उसने पानी छोड़ दिया, पर मेरा शेरु अभी तक लगा हुआ था।
वो और जोर-जोर से सिसकारियाँ भरने लगी, “आआ आआआह्ह्ह्ह।”
30-40 धक्कों के बाद मैंने लौड़ा बाहर खींचा और अपना पानी उसके मुँह में दाग दिया और वो पूरा पानी पी गई।
फ़िर हमने पाँच मिनट तक किस किया। बाद में हम दोनों नहाने चले गये और वहाँ उसके सोने जैसे बदन से पानी गिर रहा था। मैं उसे फ़िर से किस करने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी। मैंने उसे वहीं पर घोड़ी बना लिया और इस बार मेरा शेरु एक ही बार में अन्दर घुस गया और हम
दोनों के मुँह से हल्की सी सिस्कारी निकल गई। पानी में हमारे बदन शोले की तरह जल रहे थे। इस बार के धक्कों में अलग ही मज़ा आ रहा था। फ़िर मैंने धक्कों की रफ़तार तेज़ कर दी।
मैंने अपने शेरु को निकाल कर फिर एक बार अपना सारा पानी उसके मुँह पर गिरा दिया। फ़िर मैं कपड़े पहन कर अपने घर आ गया, पर वो मुझे छोड़ कर कर चली गई क्योंकि अब उसकी शादी हो चुकी है। जब भी हमें मौका मिलता है, हम चुदाई की मस्ती जरूर करते हैं।
तो दोस्तों ये थी मेरी और मेरी शालू की कहानी। आशा करता हूँ कि आपको को मेरी कहानी पसन्द आई होगी।
अगर आप मुझसे कोई बात शेयर करना चाहते हैं तो मेरी ईमेल आईडी है।
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000