This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
प्रेषक : रवि
मैं अपनी एक नई कहानी के साथ फिर हाजिर हूँ, बात नए साल की है, जब हम नया वर्ष मनाने के लिए चंडीगढ़ से मनाली जा रहे थे, साथ में मेरी बीवी सोनिया, उसकी बहन श्वेता और श्वेता के पति रमेश भी साथ थे। रास्ते में मैंने अपनी कार में हॉट पंजाबी गाने लगा दिए।
मैं और रमेश आगे बैठे थे, मेरी बीवी और श्वेता पीछे वाली सीट पर बैठी बातें कर रही थीं। रमेश गाने सुनता हुआ मुझसे बातें करने लगा और बातें यहाँ तक कि हमें पता ही ना चला कि कब हमारी बातें सेक्सी बातें बन गईं।
रमेश- यार रवि तुमने कभी सामूहिक चुदाई की है क्या?
मैं- यार की तो नहीं, परन्तु करने का मन बहुत है, अगर कभी मौका मिला तो करेंगे जरूर।
रमेश- यार साला लण्ड भी अब तो हर रोज़ कुछ नया करने की सोचता है, परन्तु क्या करें, बस जिन्दगी में वक्त ही नहीं मिलता।
मैं- जिन्दगी तो चलती ही रहेगी यार, जब तक ज़िन्दगी है, इसका मज़ा तो ले ही लेना चाहिए।
रमेश- हाँ यार, ये तो है, अरे तू तो किस्मत वाला है यार, जिसे इतनी खूबसूरत और खुले स्वाभाव वाली बीवी मिली है, मेरी तो इतनी शर्मीली है कि मेरे सामने भी कभी-कभी नंगी नहीं हो पाती, किसी और के सामने तो क्या होगी? मेरा तो बस यह सपना ही रहेगा, आप कर सकते हो क्योंकि मेरी साली (मेरी बीवी) पूरी तरह खुली हुई है, यह में जानता हूँ।
मैं- अरे तू कैसे जानता है कि वो पूरी तरह खुली हुई है?
रमेश- अरे उसके बात करने के अंदाज़ से ऐसा लगता है।
इसी बीच हमारी बीवियों को कुछ पता नहीं था कि हमारे बीच क्या बातचीत हो रही है, वो दोनों अपनी बातों में मस्त थीं और गाड़ी मनाली की तरफ बढ़ रही थी।
मैं- अरे यार, तेरी कौन सी कम है, हाथी के दांत दिखाने के और, खाने के और होते हैं, हो सकता है तेरी मेरे वाली से भी बढ़कर हो।
रमेश- नहीं यिह नहीं हो सकता, यह मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
मैं- अरे क्यों फिल्मी डायलॉग बोल रहा है? हम तो नामुमकिन को भी मुमकिन बना सकते हैं।
रमेश- क्या ऐसा हो सकता है?
वो आश्चर्य से मेरी तरफ देखने लगा।
मैं- अरे हाँ, आज हम तुम्हारा यही सपना सच करते हैं।
मैंने यह ऊँची आवाज़ में कहा, जोकि पीछे बैठी हमारी बीवियों को अच्छी तरह सुना भी और सुन कर चौंक भी गईं।
श्वेता- अरे जीजू, किसका सपना सच करने वाले हो आज और क्या सपना है ! हमें भी बता दो।
उसकी आवाज़ सुन कर रमेश चौंक पड़ा और घबराहट में हड़बड़ाने लगा।
रमेश- अरे कुछ नहीं वो तो रवि… रवि…
श्वेता- अरे आगे भी कुछ बोलो, अरे जीजू आप ही बताइये ये तो हर बात में टांग फंसा लेते हैं और फिर बोलते भी नहीं हैं।
मैं रमेश की तरफ देखते हुए- बता दूँ फिर?
मेरी बीवी- अरे क्या यार, आप बताओ किसका सपना सच करने वाले हो?
मैं- कुछ नहीं, बस तुम्हारे जीजू का एक सपना है, अगर कहो तो आज इनका सपना सच कर सकते हैं हम।
मेरी बीवी- हाँ भई, सपना तो सच होना चाहिए, इसमें क्या बात है ! परन्तु हमें बताओ तो सही कि वो सपना क्या है?
मैं- वो तो वक्त आने पर ही बताऊँगा।
श्वेता- नहीं जीजू, यह तो आपको बताना पड़ेगा कि वो सपना क्या है? आखिर मुझे भी पता चले कि मेरे पति का ऐसा कौन सा सपना है, जो मुझे नहीं मालूम!
रमेश- यार छोड़ो, ये क्या बातें शुरू कर दी आपने, देखो कितना बढ़िया मौसम है, कोई और बात करो।
मैं- इसका मतलब आप अपना सपना सच नहीं करना चाहते, चलो भई छोड़ देते हैं।
मैंने यह बात जानबूझ कर कही।
रमेश मेरे कान में धीमी आवाज़ में बोला- छोड़ भी दे यार अब, जब होगा देखा जाएगा।
आखिर हम ऐसे ही बातें करते-करते मनाली पहुँच गए, सबसे पहले हमने होटल में दो रूम बुक किये और फ्रेश होने के बाद कुछ खाने के लिए आर्डर कर दिया, फिर हम हमारे रूम में बैठ कर सभी बातें करने लगे, क्योंकि शाम को नए साल का प्रोग्राम था, जिसमें हमें भाग लेना था और मुझे इसमें स्पेशल बुलाया गया था।
इसके बाद खाना खाते हुए मैंने अपनी बीवी को रमेश के पास बिठाया और मेरी तरफ श्वेता बैठी थी, मैंने श्वेता के कन्धों पर हाथ रखते हुए, ऊपर से उसके वक्ष को सहला दिया।
जिस से पहले तो वो चौंकी, पर साथ ही रमेश बोल उठा- अरे वाह, आज तो जीजू-साली की बहुत बन रही है भई !
उसके इतना कहते ही श्वेता ने कहा- हाँ भई, आखिर साली किसकी हूँ, तुम बना लो अपनी साली से, मैंने कौन सा मना किया है!
उसके ऐसा कहते ही रमेश ने भी मेरी वाली के बूब्स को दबा कर हाथ उसके ऊपर ही रख लिया, परन्तु मेरी बीवी ने पहले पीछे हटने का यत्न किया, परन्तु मेरा इशारा पाकर वह वहीं बैठी रही।
इतने में रूम की घंटी बजी, वेटर रूम में आया और खाना देकर चला गया। उसके जाने के बाद शुरू हुई हमारी खाने खाते-खाते सेक्सी बातें।
मेरी बीवी सोनिया- यार आज तो मेरी बहन बहुत सेक्सी दिख रही है, आखिर क्या बात है?
मैं- अरे बात कुछ ख़ास लगती है ! आखिर अपने पति का सपना भी तो सच करना है न !
मैं कहानी को ज्यादा लम्बा करना नहीं चाहता हूँ, इसलिए आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि अब तक हमारे बीच बातों-बातों में राम के सपने का राज़ खुल चुका था और मेरी पत्नी ने कह दिया था कि आज आपका सपना पूरा हो जाएगा। श्वेता इसके लिए बेहद आतुर थी। हम चारों की एक-दूसरे से झिझक खत्म हो चुकी थी और सभी आने वाले हर पल का मज़ा लेने के लिए आतुर हो रहे थे।
श्वेता- साले लण्ड वालों, आज देखते हैं हम भी, तुम्हारे लंडों में जान है या हमारी चूतें पागल करती हैं तुम्हें !
सोनिया- अरे लण्ड तो खोलो इनके, ऊपर से तो ऐसे लगता है, जैसे हमें पागल कर देंगे, बाकी पैन्ट उतार कर ही पता चलेगा।
मैं- अरे सालियों, तुम्हें तो आज इतना चोदेंगे कि तुम खुद ब खुद कहोगी कि ऐसी चुदाई आज तक तुम्हारी नहीं हुई है।
इतने में रमेश उठा, उसने मेरी वाली की कमीज़ उतारना शुरू कर दिया, इधर मैं श्वेता को करीब आधी नंगी कर चुका था और वो मेरी बाँहों में थी। श्वेता आज बहुत मस्त लग रही थी, मैं जैसे ही श्वेता की ब्रा उतारी तो उसके चूचुक मेरे हाथ में थे, मैं उसके चूचुकों को चूसने लगा और श्वेता की पैन्टी में एक हाथ डाल कर उसकी चूत के अंदर उंगली करने लगा।
उधर रमेश मेरी सोनिया को बिल्कुल नंगी कर चुका था और वो सोनिया को कुछ ‘डर्टी’ टाइप के शब्द बोलने के लिए कह रहा था, जिससे उसकी उत्तेजना और बढ़ जाए। मेरी बिवी भी रमेश के लण्ड को पकड़ कर अपने मुँह में लेकर चूस रही थी।
इन सबमें अधिक ख़ास बात तो यह थी कि हमारी बीवियाँ हमारा साथ हमसे भी बढ़कर दे रही थीं। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
तभी श्वेता ने मेरा लौड़ा पकड़ा और रमेश के लौड़े के साथ लगा कर एक साथ दोनों बहनें हमारे लण्ड चूसने और चाटने लगीं। इनकी चाटने की कला इतनी मस्त थी कि हम दोनों मर्दों की सिसकारियाँ निकल रही थीं।
तभी सोनिया बोली- साली श्वेता, इन दोनों लंडों का पानी हम आज मिल कर पियेंगे, इसलिए तुम अपने वाला लण्ड ज़ल्दी से निचोड़ डालो और हम दोनों इनका रस एक साथ निकालेंगी।
श्वेता- हाँ स्वीटी मेरी प्यारी बहन, हम तो बहुत किस्मत वाली हैं, जो हमने इतने मस्त लौड़े पाए हैं। साली अब तो हम ऐसे ही निकाला करेंगी, हर रोज़ इनका रस…!!
“उह… उउम्म्म्ह ह्ह्हाआ ह्ह्हाआआ… आअ” ऐसे वो बहुत मज़े से हम दोनों के लौड़ों को चूस रही थीं।
मैंने श्वेता का सर पकड़ा और अपना लौड़ा पूरी तरह उसके मुँह में डाल दिया। अब वो बहुत तेजी से मेरा लण्ड चूसने लगी। मेरी सोनिया रमेश का लण्ड अपने मुँह में लेकर चूस रही थी, साथ ही उसने अपने एक से हाथ श्वेता के नंगी चूची को पकड़ लिया।
हम दोनों मर्दों के मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं, ‘उन्ह… अह्ह्ह स्सईई’ कर रहे थे…
तभी श्वेता ने मेरे लौड़े को अपनी जीभ से ऐसे रगड़ा कि मेरा लण्ड झड़ने की कगार पर आ गया और मैंने चिल्लाने लगा- “अह्ह… ह्हूऊउईई… मैं आ रहा हूँ… साली कुतिया… आह… आआह्ह… आह… स्सईई”
और तभी रमेश भी चिल्लाने लगा- आआह्हह माँ की लौड़ी साली, मादरचोद, अपने जीजू को चोद डाला आआह..!!
तभी श्वेता मेरी बीवी से बोली- प्यारी दीदी, यह देखो मेरे जीजू का लौड़ा कितना मस्त लग रहा है। तू भी साली अपने वाले लण्ड इसके साथ सटा दे, हम दोनों एक साथ इन मर्दों को चोदती हैं। ज़ल्दी कर साली ! हमारी बीवियाँ चुदाई के समय आपस में भी गालियाँ निकाल लेती हैं, ऐसा करने में उन्हें भी मज़ा आता है।
तभी मेरी पत्नी और श्वेता ने मिल कर हमारे दोनों के लौड़े एक साथ कर दिए और अब वो दोनों मिल कर हमारे लंडों को चाटने लगीं। अब मेरा और रमेश का लौड़ा एक साथ सटा हुआ था और ये दोनों औरतें हमारे लौड़ों को जीभ से चाट रहीं थीं और चूस रहीं थीं।
तभी मेरी बीवी श्वेता से बोली- साली छिनाल, इन दोनों मर्दों के लौड़ों का रस आज अपने मुँह में गिरायेंगीं हम, तू तैयार रह रंडी।
तभी मैं बोला- हाँ सालियो, मादरचोदियो, छिनालों, तुम्हें तो आज अपना पेशाब तक पिला देंगे सालियों, लो पियो हमारे लौड़ों का रस, कुतिया बनो हमारी, लो रंडियों लो उउह्ह ह्हाआअ सश्सस…!!
मेरे मुँह से ऐसे सिसकारियाँ निकल रहीं थीं और वो और जोश से हमारे लौड़े चूसने लगी।
तभी रमेश का लौड़ा झड़ने लगा- आआह्ह साली रांडों, लो लो, हमारी कुतियाओ, लो पियो मेरे लौड़े का रस !
सोनिया ने अपने मुँह को खोल दिया और उसके लौड़े का झड़ रही पिचकारी का पूरा रस अपने मुँह में लेना शुरू कर दिया।
यह देख श्वेता से भी रहा न गया और उसने भी मेरा लौड़ा मुँह से निकाल कर अपने पति के लौड़े से गिर रहा रस अपने मुँह में लेना शुरू कर दिया। मुझे यह देख कर मज़ा आ रहा था।
मैं बोला- मादरचोदियों, इधर मेरा लण्ड भी है रांडों, उधर रमेश झड़ता ही जा रहा था और उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं- ऊई… ईह्ह… ईई आह…
कहानी जारी रहेगी।
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000