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जबरदस्त चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपने से आधी उम्र के एक लड़के को सेक्स के लिए पटाया. एक दिन मैंने उसे अपने घर बुलाकर उसके बड़े लंड का मजा लिया.
हैलो, मैं कानपुर वाली निशु एक बार पुनः आपके सामने अपनी जबरदस्त चुदाई कहानी लेकर हाजिर हूँ. पिछले भाग मेरी बढ़ती कामवासना ने मुझे पागल कर दिया में अब तक आपने पढ़ा था कि सत्यम नाम का एक जवान लौंडा मेरी जवानी पर मर मिटा था. मेरी सहेलियां मुझसे उसे फोन करने की कह रही थीं.
अब आगे जबरदस्त चुदाई कहानी:
यह कहानी सुनें.
मैंने फोन लगाया तो सुमेघा ने मेरा फोन स्पीकर पर डाल दिया. जैसे ही सत्यम ने फोन उठाया, तो उसने कहा- और मेरी जान कैसी हो.
उसकी बात पर मेरी चारों सहेलियां मुझे बहुत गौर से देखने लगीं.
मैंने भी उससे कहा- मैं ठीक हूं, तुम अपना बताओ? उसने हालचाल बताया और बोला- जान … तुम्हारी बहुत याद आ रही है. तुम्हें देखने का बहुत मन कर रहा है.
तब तक ममता मेरे कान में बोली कि उससे पूछ कि क्या तुम मेरे घर आ सकते हो? मैंने भी सत्यम से वैसा ही बोल दिया कि क्या तुम दोपहर में मेरे घर आ सकते हो?
वह तुरंत तैयार हो गया तो मैंने उसको बोला- ठीक है, मुझे मौका मिलने दो. मैं बताती हूं कि किधर आना है.
कुछ देर ऐसे ही बात करके मैंने उसका फोन रख दिया.
अब मेरी सहेलियां कहने लगीं कि कल ही तू उसको घर पर बुला ले और जब तू यहां से निकलो ना, तो उसको साथ में ले लेना. तेरी और उसकी उम्र में अंतर है इसकी वजह से कोई भी तुम दोनों पर शक भी नहीं करेगा. तू आसानी से उसको अपने साथ अपने घर तक ले जा सकती है. फिर तेरा घर भी तो एकदम किनारे सन्नाटे में है, वहां पर कोई आस पड़ोस में देखने वाला भी नहीं है. उसको ले जा और देख वह कितना जवान है … तुझे बिस्तर में कितना संतुष्ट कर पाता है.
मेरी हिम्मत बढ़ गई और शाम को मैंने सत्यम को फोन करके यह सारा प्लान समझा दिया.
अगले दिन स्कूल की छुट्टी होने से पहले मैंने उसको कॉल करके बाहर बुला लिया. वो आया तो मैं उसके साथ बैठकर अपने घर तक चली आई. रास्ते भर वह मेरे साथ ऐसा बैठा था कि जैसे मेरा पति ही हो.
अपने घर पर सत्यम को लाने के बाद मैंने उसको अन्दर बिठाया और उसके लिए पानी लेकर आई. तब तक मैं फ्रेश होकर बाहर आ गई.
उसको मैंने बाहर वाले हॉल में बैठाया था, जहां सोफा पड़ा था. मैं भी उसके बगल जाकर बैठ गई.
उसने मुझे अपनी जेब से चॉकलेट निकाल कर खिलाई. चॉकलेट खाकर मैंने पानी पीने के लिए अपना गिलास उठाने की कोशिश की, तो उसने मुझे अपने ही गिलास से अपना जूठा पानी पिलाया.
मैंने उसका जूठा पानी पिया तो मेरे मन बड़ी सनसनी सी होने लगी. मैं उससे बात करने लगी.
उसने मेरा हाथ पकड़ा और उसको अपने होंठों से चूम लिया. उसकी इस हरकत से में मानो हिल सी गई और मैं तुरंत ही उसको पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और उसके होंठों पर होंठ रखकर चूसने लगी. वह भी मेरे होंठों को चूमने लगा.
मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी. तो वह मेरी जीभ को किसी लॉलीपॉप की तरह चूसने लगा. मैंने भी उसकी जीभ को लॉलीपॉप की तरह चूसा और आंखें बंद कर लीं.
हम दोनों ने करीबन 5 मिनट तक खूब जोरदार तरीके से किस किया.
तभी उसका एक हाथ मुझे एक स्तन पर आ गया. वो मेरे एक दूध को मसलने लगा. इससे मेरे मुँह से भी कामुकता भरी ‘आहह हहहहह ..’ निकल गई और न जाने किस जादू से मैंने भी अपना हाथ उसकी पैंट पर रख दिया.
जैसे ही मेरा हाथ उसके लंड पर गया, तो मुझे कोई बहुत बड़ा सामान मालूम पड़ा. मैं भी गर्म होने लगी और उसके लंड को मसलने लगी.
वह मेरी दोनों चुचियों को बारी-बारी से खूब मसल रहा था और हम दोनों अभी तक एक दूसरे के होंठों को चूमे चाटे जा रहे थे.
फिर जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उसकी पैंट की चैन खोलकर उसका लौड़ा बाहर निकाल लिया. उसका लंड देखते ही मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं.
सत्यम का लंड काफी लंबा और मोटा कोई लोहे की रॉड की तरह तना खड़ा था. इतना बड़ा लंड तो असलियत में मैं पहली बार देख रही थी इतना बड़ा लौड़ा तो मैंने सिर्फ अश्लील पिक्चरों में अफ्रीकन लोगों का देखा था. मेरे पति का लंड केवल साढ़े 5 इंच का था.
अब सत्यम ने मेरा पल्लू नीचे कर दिया और मेरी दोनों चुचियों के बीच में ब्लाउज के ऊपर से ही मुँह डालकर चूमने लगा. मैं सत्यम का खम्बे जैसा खड़ा लंड अपने हाथ से मसले जा रही थी.
कुछ देर बाद सत्यम ने मेरा ब्लाउज खोल कर फेंक दिया और मेरी 38 की बड़ी बड़ी चुचियां उसके सामने नंगी हो गईं. उसने पहले तो मेरी चूचियों को दबाया और फिर मुँह लगा कर बारी बारी से मेरे दोनों दूध खूब चूसे. उसने मेरे निप्पलों पर अपनी जीभ से चाटा और दांत से काटा.
कुछ देर मेरे स्तनों से खेलने के बाद मैंने सत्यम की शर्ट को उतार कर उसके पूरे बदन पर खूब चूमा और काटा.
अब सत्यम ने मुझे नीचे अपने लंड के पास झुका दिया और अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया.
पहले तो मुझे उबकाई आने लगी … क्योंकि उसका लंड इतना मोटा था कि मेरे गाल मानो फटने लगे थे. सत्यम ने अपना हब्शी सा लंड एकाएक मेरे मुँह में घुसेड़ दिया था जिससे मेरे मुँह में कुछ अजीब सा लगने लगा था.
मैंने उसका हाथ हटा कर उसका लौड़ा खुद से पहले धीरे धीरे चूसना शुरू किया और अन्दर गले तक लंड लेने लगी. आखिरकार मैं उसका पूरा लौड़ा अपने मुँह में लेने में सफल हो गई. मैंने अपनी पूरी जीभ बाहर निकाल निकाल कर सत्यम का मोटा लौड़ा काफी देर तक चूसा.
लंड चुसवाने के बाद सत्यम खड़ा हुआ और उसने अपनी पैंट को उतार दिया. इस बीच मैंने भी अपने सारे कपड़े खोल दिए.
सत्यम ने मुझे सोफे पर बिठाया और मेरी दोनों टांगें उठाने को बोला.
मैं टांगें उठा कर बैठ गई. वो खुद ज़मीन में बैठ गया. उसने पहले मेरी चूत पर उंगली फेरी और अगले ही पल वो मेरी चूत ने मुँह डाल कर ऐसे चाटने लगा, जैसे कोई बच्चा आइसक्रीम चाटता है.
ये अनुभव मुझे अपनी ज़िंदगी में पहली बार मिल रहा था कि कोई मेरी बुर चाट रहा था. क्योंकि मेरी चुत तो मेरे पति भी नहीं चाटते थे. मुझे ये सब सेक्स वीडियो में देख कर बहुत मन करता था कि कोई मेरी चुत चाटे.
उसकी बुर चटाई इतनी अच्छी थी कि मैं बस आंख बंद करके अपने दोनों पैरों को हाथों में उठाए थी.
अब मेरे मुँह से कामुक आवाजें निकल रही थीं- उफ्फ आहह सत्यम … ओह्ह आह उफ़. मेरी कामुक आवाजें निकली जा रही थीं और सत्यम मेरी चुत को चाटे जा रहा था.
पूरे दस मिनट तक सत्यम ने मेरी बुर को अपनी जीभ से चाटा. इसके बाद मैं उसी के मुँह पर झड़ गयी और मेरी चूत का सारा पानी सत्यम पी गया.
अब मुझे उसी पोज़ में लिटाए हुए सत्यम खड़ा हुआ और मेरी चूत के मुँह पर अपना लंड का टोपा घुसाने लगा. उसका लंड मेरी चुत की फांकों में जैसे ही फंसा, उसने एक ज़ोर का धक्का दे दिया.
उसके इस धक्के में आधा लंड मेरी चूत के अन्दर आसानी से घुस गया क्योंकि अभी मेरी चूत एकदम गीली थी, जिसमें से मेरा पानी टपक रहा था.
आधा लंड घुसेड़ कर सत्यम ने कुछ और झटकों में मेरी चूत के अन्दर अपना पूरा लंड घुसा दिया, जिससे मैं दर्द से एकदम से तड़प उठी और चिल्लाने लगी. लेकिन संभोग की आग ने मुझे उस दर्द को भी बर्दाश्त करने की शक्ति दे दी थी, जिससे मैं सत्यम का साढ़े दस इंच मोटे लौड़े को अपनी चूत में ले गई.
लंड चुत में घुसवाने के बाद मुझे बेहद दर्द हो रहा था लेकिन चुदाई की आग इतनी प्रबल थी कि मैं उससे लंड बाहर निकालने को नहीं बोल पाई. बस यूं ही इस चुदाई के मीठे दर्द से कराहती रही.
फिर कुछ ही मिनटों में ये दर्द मजे में बदल गया और मेरी गांड ने संकेत दे दिया. अब सत्यम मेरी चूत में धकापेल अपना लंड पेले जा रहा था और मैं उसको साथ देते हुए सिसकारियां लिए जा रही थी.
मैं इस समय अपने पूरे मूड में आ गई थी और सत्यम भी मुझे पूरी ताकत से चोदे जा रहा था. वह बीच-बीच में कभी मेरी चूचियों को दबाता या उनको चूस लेता और मेरे होंठों को भी चूम लेता.
कुछ भी देर की चुदाई में मैं एक बार फिर से झड़ गई. लेकिन सत्यम अभी भी किसी बहादुर योद्धा की तरह अपने लंड से मेरे साथ जंग लड़ रहा था.
थोड़ी देर बाद सत्यम ने मेरे दोनों पैर नीचे करके एक तरफ कर दिए और बाजू से मेरी चूत में फिर से उसने अपना लंड घुसा कर मुझे पेलना शुरू कर दिया. मैं संभोग के इस मद में चूर थी और बिना किसी चिंता के सत्यम के लंड से धुआंधार तरीके से अपनी चूत में युद्ध का मज़ा लिए जा रही थी.
सत्यम भी किसी फौलादी मर्द की तरह अपनी उम्र से दुगनी उम्र की औरत का मान मर्दन करता रहा. उसका लंड मेरी चुत को चोद कर कबाड़ा किए जा रहा था.
तकरीबन बीस मिनट बाद मेरी चूत किसी फटे कपड़े की तरह कांप रही थी, जब सत्यम ने अपना गर्म लोहे जैसा लौड़ा मेरी भट्टी जैसे चूत से बाहर निकाला.
सत्यम का लौड़ा मेरी चूत के पानी से लिपट कर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जैसे किसी लोहे को पिघलाने के बाद उसे पानी में डाल देते हैं. उसका लंड एकदम इसी तरह गरम लोहा था और मेरी चूत की गर्म भट्टी और उससे निकले पानी मेरे बुर का कामरस उसे ठंडा करने को व्याकुल था.
लंड निकाल कर सत्यम सोफे पर बैठ गया और उसने मुझे अपना लंड चूसने का इशारा किया. मैं किसी राजा की गुलाम की तरह सत्यम के दोनों पैरों के बीच में बैठ कर उसका लौड़ा अपने मुँह में घुसाने लगी.
वो राजा ऊपर से मेरे सिर पर बहुत तेज़ दबाव बना रहा था. इससे मेरा पूरा मुँह सत्यम के लंड पर चढ़ गया और वो तेज गति से मेरे हलक में अपने लंड को अन्दर बाहर करने लगा. लंड मेरे हलक तक जाने की वजह से मेरे मुँह से बहता हुआ थूक सत्यम के लंड से होकर उसकी गोलियों से टपक रहा था.
उसकी गोलियों से मेरा थूक नीचे टपकता, उससे पहले मैंने उसकी दोनों गोलियों को एक साथ अपने मुँह में भर लिया. उसकी गोलियों में पहले से ही बहुत सारा रस भरा पड़ा था, तो उसको मैं अपने मुँह में रख कर चूसने लगी और हाथ से मसलने लगी.
सत्यम मेरे सर को पकड़े और अपनी आंख बंद करके मेरे मुँह से अपने लंड की गोटियों को चूसे जाने का मजा ले रहा था. मैं भी अपने मुँह में उसकी दोनों गोलियां भर भर कर चूस रही थी और अपने दोनों हाथों से सत्यम के लंड को पकड़ कर हिला रही थी.
कुछ पल बाद सत्यम ने मुझे उठाया और अपने ऊपर बिठा लिया. उसने नीचे से मेरी बुर में अपना लंड घुसा दिया. लंड चुत में पेलने के बाद उसने मुझे मेरी गांड से पकड़ कर उठाना और बिठाना शुरू कर दिया था. मैं खुद से सत्यम के लंड पर अपनी गांड उठा उठा कर कूद कूद कर उससे चुदने लगी थी.
मेरी चुचियों को कभी सत्यम अपने मुँह में डाल कर चूसता, तो कभी मेरी जीभ या मेरे होंठ चूसने लगता. उसके हाथ मेरी गांड पर थे और मेरी गांड को बार बार दबाते और उन पर चांटे बरसा रह थे.
मेरे पूरे घर में मेरी ‘उफ़ उहह … यस आई लाइक इट … ओह्ह जान फ़क मी आह आह आह ..’ की तेज़ और कामुक सिसकारियां निकल रही थीं. नीचे से मेरी गीली चूत में सत्यम का लंड छप छप की आवाज़ करते हुए मस्त संगीत बिखेर रहा था.
एकाएक सत्यम के सांसें उखड़ने लगीं और उसकी रफ्तार नियमित गति से दुगनी हो गयी. अब पछ पछ की आवाजें और तेज़ हो गयी थीं.
करीब पांच मिनट बाद मेरी गरम बुर में जैसे किसी ने पानी की पिचकारी छोड़ दी हो, मुझे ऐसा लगा.
सत्यम मेरी चूत में ही झड़ गया था और उसका वीर्य मेरी चूत में इतना सुकून दे रहा था कि क्या बताऊं.
सत्यम का वीर्य इतना ज्यादा निकला था कि वो मेरी चूत से बह कर सोफे तक आ गया. मैं भी सत्यम के साथ ही झड़ गयी थी और उसी वजह से पानी और भी ज्यादा बहने लगा था.
मैं निढाल होकर सत्यम के सीने पर सर रख कर लेट गयी. सत्यम का लौड़ा अभी भी मेरी चूत में अपनी वीर्य की आखिरी बूंदें छोड़ रहा था. सत्यम ने झड़ने के बाद मुझे पीछे से पकड़ कर अपनी छाती से चिपका लिया.
वाह क्या बताऊं मेरी ऐसी जानदार चुदाई आज तक नहीं हुई थी. सत्यम से चुद कर मैं एकदम पसीने पसीने हो गयी थी.
सत्यम ने मुझसे पूछा- कैसा लगा मेरी जान? मैं उसके होंठों को चूमते हुए बोली- क्या बताऊं यार … आज मुझे जीते जी स्वर्ग मिल गया और तुम्हारे जैसा फौलादी मर्द मैंने अभी तक नहीं देखा. तुमने मेरी और मेरी चूत की हालत खराब कर दी है. अगर तुम किसी कुंवारी लड़की को चोद दो … तो शायद वो मर ही जाए.
वो हंस दिया.
मैंने उस दिन उसको अपने बारे में सब बताया- मेरा पति नहीं है और बेटी किधर है … उसे सब कुछ बता दिया.
आखिर में मैं उससे बोली- क्या मैं तुम्हारी हाफ वाइफ बन सकती हूँ. वो बोला- मतलब?
मैं- मतलब ये कि हम दोनों मन से एक दूसरे को पति पत्नी मान लें और समाज को भी नहीं पता चल पाए. सत्यम बोला- ठीक है. चलो पहले नहा लेते हैं.
मैंने हामी भर दी और उसके लंड से उठने लगी तो उसने मुझे यूं ही गोद में उठा लिया और हम दोनों बाथरूम में आया गए. उधर हम एक साथ नहा लिए.
नहा कर मैं बाथरूम से नंगी ही बाहर आ गई. सत्यम भी लंड हिलाता हुआ बाहर आ गया.
उसने मुझसे सिंदूर मंगाया और मेरी मांग भरते हुए बोला- लो आज से तुम मेरी पत्नी हो गई.
मैंने उसके पैर छुए, तो उसने मना किया और बोला- तुम्हारी जगह मेरे पैरों में नहीं … मेरे दिल में है.
ये बोलते हुए सत्यम ने मुझे गले से लगा लिया. फिर मैंने उससे लिए खाना बनाया और हमने साथ खाना खाया. कुछ देर बाद वो चला गया.
मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी जबरदस्त चुदाई कहानी पसंद आ रही होगी. अभी इस सेक्स कहानी में चुदाई का मजा और भी आना बाकी है. मेरे अगले भाग में चुत चुदाई का इंतजार कीजिएगा और हां … मेल जरूर करें. [email protected]
जबरदस्त चुदाई कहानी का अगला भाग: मेरे यार के लंड की महिमा अपरम्पार- 3
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