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प्रेषक : वर्जिन जनरल
हेलो दोस्तो, आप लोगों का प्यार मुझे मिला इसके लिए धन्यवाद !
मैं अपने किसी ऑफिस के काम से किसी क्लाइंट से मिलने गया। वहाँ मैं उनकी खूबसूरत पत्नी से मिला, बात आगे बढ़ी, उसने मुझसे चुदवाया और वर्जिन आर्मी बनाने की योजना बनाई।
अब आगे…
उसके जाने के बाद सेक्स की कमी होने लगी पर कैसे भी करके एक महीना निकल गया, उसने अपने पति से कह कर अपनी फर्म में जॉब पर रख लिया, उसकी कंपनी में उसकी ज्यादा हिस्सेदारी थी जिससे वो हर काम के लिए मुझे ही कहती थी।
एक दिन उसने मुझे कहा- तुम्हें मेरे साथ मनाली चलना है, वहाँ एक मीटिंग है, होटल खरीदना हैं हमें वहाँ ! सात दिन रुकना पड़ सकता है।
मुझे पता था कि इसका चुदवाने का मन है तो मैं भी अपना सामान बाँध कर चल दिया।
जहाज में एक औरत मुझे घूरे जा रही थी, मन कर रहा था अभी पटक दूँ साली को। रंग एकदम गोरा, 36-30-38 , क्या कहूँ बस काबू रखा खुद पर !
जैसे हम होटल पहुँचे हमने आराम किया और नींद में मुझे लगा कि कुछ मेरी पैंट में चल रहा है, मैंने आँखें खोली तो देखा कि मेरी मैडम मेरे लण्ड को हाथों में लेकर ऊपर नीचे कर रही है। फिर हम एक दूसरे को किस करने लगे वो तो बस मुझ्से चिपके जा रही थी, मैंने कहा- आज हुआ क्या हैं तुम्हें?
तो बोली- रात में तुम किसी और के तोहफे हो ! मुझे अभी मजा लेने दो !
मैंने उसकी गर्दन पर चूमना शुरू किया धीरे धीरे उसकी आँखों पर आ गया, फिर होंठ मेरा निशाने पर आये !
उसके मुँह से आवाज़ आ रही थी- करते रहो, बस करते रहो।
उसकी गर्दन पर जीभ को गोल गोल घुमाना, एक हाथ से उसके बोबे दबाना, फिर धीरे धीरे कान के पास आ गया, किस करते करते उसकी बालियों पर किस करना, उसके कानों को हल्के से काटना और उसके मुँह से ‘आआह ईईए हाँ बस आआह्ह्ह ऐसे ही !
यही होता रहा।
जब उसके होंठों पर काटना शुरू किया तो वो इतनी हिल रही थी, कमर उठा रही थी, बस कह रही थी- चोदो मेरे राजा, अब रहा नहीं जाता !
मैंने कहा- पूरा मज़ा ले लो ! तुम्हारी सुहागरात ही समझ लो।
फिर उसके कपड़े उतरने लगे, उसे पता भी नहीं चला कि कब उसकी सलवार कमीज उतर गई। क्या नज़ारा था दोस्तो, काली ब्रा और काली ही पैंटी ! बस उसको कोई उसे समय देख ले तो उसकी चूत में लण्ड डाल दे। उसके ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियों पर काटा, कभी इस पे, कभी उसपे !
वो बार बार कह रही थी- चोदो मुझे प्लीज ! अब चोद डालो !
मैंने उसकी बात नहीं सुनी और उसकी वासना की आग बढ़ाता गया, मैंने उसको चूमना चाटना जारी रखा और उसने अमृत छोड़ दिया !
मैंने उससे कहा- डार्लिंग, आज इतनी जल्दी?
तो उसने कहा- तेरे खिलवाड़ ने तो चूत से पानी निकालने पर मजबूर कर दिया।
इतने में कॉल बजी, उसने फ़टाफ़ट कपड़े पहने, वेटर खाना लेकर आ गया, हमने खाना खाया और बेड पर आ गये, फिर उसने कहा- मेरे शेर, आ जा !
मैंने उसकी सलवार और कुरता उतार दिया, उसने कहा- मेरे कामदेव दिखा दे अपनी शक्ति !
मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया, उसके होंठ चूसता जा रहा था, वो भी साथ दे रही थी, मेरा लण्ड उसकी जांघों पर लग रहा था उसने हाथ में ले लिया और कहा- यह तो पहले से बड़ा है, कैसे?
मैंने कहा- स्टैमिना और लण्ड बढ़ाने की भी तरकीब होती है, वो बाद में बताऊँगा !
मैं उसकी गर्दन से किस करते हुए नीचे की ओर आ रहा था, वो अपने होंठों को अपने होंठों से ही चबा रही थी। मैं उसके पहाड़ों के बीच में जीभ ऐसे घुमा रहा था, वो पागल होने जा रही थी, एक हाथ से उसके बोबे और दूसरे हाथ से कमर को सहला रहा था।
फिर पेट पर किस, वो पेट को ऊपर नीचे करती जा रही थी। उसकी नाभि पर जीभ से थोड़ा सा चाटा, वो उछल पड़ी एक हाथ जो कमर पर था, उसको पेंटी को उतरने में लगा दिया, उसको पता ही नहीं चला कि कब उसकी पेंटी अलग हो गई।
वो धीरे धीरे अपने होशोहवास खोने लगी, जन्नत की सैर करने लगी और अब मैंने उसके चूत पर हाथ लगाना शुरू किया, उसकी चूत पहले से ही गीली थी, और अब उसकी चूत पर किस करना शुरू किया तो उसने मुझे रोक दिया, उसने कहा- इतने मजे की मुझे आदत नहीं, तुम्हें भी तो जन्नत की सैर करवानी है।
उसने खड़े होकर मेरे कपड़े उतारे और मुझे किस करने लगी, मेरी गर्दन, पीठ, आँखें सब कुछ किस का हिस्सा बनते गए, उसके उरोज मेरे सीने से दब रहे थे, अपने हाथ से मेरे लण्ड को पकड़ कर ऊपर नीचे कर रही थी। बस मैं अपनी आँखों को बंद करके उस अहसास को महसूस कर रहा था- ईईई अहीईए बस उऊऊऊ बस्स्स्स करती रहूऊऊऊऊ।
मेरी तो हालत बस उस नाग के जैसी थी जो अपनी नागिन के साथ सम्भोग कर रहा हो।
उसने मेरी अंडरवियर हटा दी और मेरा सात इंच का लण्ड उसके हाथ में फिर से आ गया अपनी जीभ को इस तरह लण्ड पर लगाना और फिर तरसाना फिर मुँह में लेना, मेरे मुँह से आअह्ह्ह इइइ हाँ बस आई सीईईए हाआअ बस थोड़ा और !
5 मिनट के बाद मेरे लण्ड ने विष छोड़ दिया जिसे वो नागिन पी गई। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
अब उसकी चूत पर मैं आ गया। उसकी चिकनी चूत ! हाय ! बस खा जाओ, ऐसा मन कर रहा था ! उसकी चूत पर जीभ रखी, वो हिलने लगी, अपने हाथों से मेरे बाल पकड़ कर अपनी चूत पे जोर लगा रही थी- आह फ़क मीई ईए मत तरसाओ डाल दो अंदर ! करते रहो जानू ! मार डालो आज मुझे ! तेरी तो दीवानी हूँ मैं ! अह ह्ह यायाआ बस्स्स खा जाओओ चूत को।
बस दस मिनट ऐसा ही चलता रहा, उसकी चूत ने एक बार और पानी छोड़ दिया।
जब अपने लंड को उसकी चूत पर रख कर उसको उसके ऊपर रगड़ रहा था तो वो कह रही थी- डाल दे हरामी, मत तड़पा, आआह बस डाल दीईए ! तू कहेगा, जो करूँगी बस डाल दे ज़ोर से पेल दे !
मैंने भी उसे तडपाना ठीक नहीं समझा और अपना लंड उसकी चूत पर रख के ज़ोर का झटका मारा और उसके मुँह से निकला- मर गयीईई मादरचोद, धीरे करना था भोसड़ी के, फट जाती तो?
मैंने कहा- अगर ऐसे ही चूत फट जाती तो भी तू मेरे पास अपनी गांड मरवाने आ जाती रांड !
मैंने धक्के लगाने शरू किये, उसके मुँह से आअह बस आअ हाँ ऐसे हीईई करता जा मेरे राजा ! अहहहहह मर गयीईई रे हरामीईई ! मैं तो तेरी गुलाम हूँ, बस मारता जा, ईईए चोद ! चोद !
मेरी भी हालत ख़राब भी उसके जैसी थी, 15 मिनट के अंदर वो दो बार झर गई और अंत में हम दोनों झर गए।
मेरा लंड उसकी चूत से ढीला पड़ते हुए बाहर आ गया और हम दोनों नींद के आगोश में चले गए।
तभी उसकी मोबाइल की रिंग बजी।
वो फ़ोन पर कह रही थी- गिफ्ट आज रात को मिलेगा, अभी मुझे सोना है, बाद में बात करेंगे !
कहानी जारी रहेगी।
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