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वाइफ स्वैप सेक्स कहानी दो सहेलियों और उनके पतियों की अदला बदली करके चुदाई करने की है. एब बार एक सहेली अपने पति के साथ दूसरी के घर आयी तो …
हैलो फ्रेंड्स, मैं रोहित 45 साल का विवाहित पुरुष हूँ. मेरी हाइट करीबन साढ़े पांच फिट की है. शारीरिक सौष्ठव सामान्य है और लड़कियों व महिलाओं की जिज्ञासा को शांत करने के लिए अपने लंड का आकार भी लिख रहा हूँ. ये औसत लम्बाई का ही है.
मेरी पिछली कहानी थी: होली में पड़ोसी लड़के से चुत चुदवा ली
ये नयी सेक्स कहानी वाइफ स्वैप सेक्स पर आधारित एक सच्ची कहानी है.
मेरी बीवी का नाम अंजलि है. अंजलि 40 साल की है और उसकी हाइट मुझसे दो इंच कम है. उसका फिगर 36-30-38 का है और वो काफ़ी सेक्सी है. हमारा का एक बेटा है जो बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा है.
हम लोगों की सेक्स लाइफ नॉर्मल विवाहित जोड़ों के जैसी ही चल रही है. हम दोनों महीने में करीब चार बार चुदाई कर लेते हैं.
चूंकि मैं एक सेल्स एग्ज़िक्युटिव हूँ और मुझे अक्सर घर से बाहर जाना पड़ता है. यह सच्ची घटना पिछले साल के अक्तूबर महीने की है.
मेरी वाइफ अंजलि की एक सहेली मंजू है. उसकी उम्र करीब 40 साल की ही है.
एक दिन वो अपने हज़्बेंड रमेश के साथ हमारे घर करीब 4 बजे शाम में आई.
मंजू ने एक चुस्त लैगी कुर्ती पहनी थी, जिसमें से उसका कामुक फिगर साफ़ झलक रहा था. उसके फिगर की साइज़ 34-30-36 के करीब की रही होगी. दोनों सहेलियों की हाइट भी करीब करीब बराबर ही है.
मंजू की कुर्ती का गला कुछ ज़्यादा ही खुला हुआ था, जिसमें से उसके बूब काफ़ी बाहर को निकलते हुए दिख रहे थे. फिर लैगीज तो होती ही टाइट है, जिससे उसके चूतड़ों का आकार भी काफी ज्यादा बाहर को निकला हुआ था.
मेरी बीवी ने भी लो-कट ब्लाउज और साड़ी पहनी थी. उसके इस ब्लाउज में से उसके मम्मे भी काफी ज्यादा निकले हुए दिख रहे थे. अंजलि ने साड़ी भी अपनी नाभि से काफ़ी नीचे बांधी हुई थी जिससे अंजलि भी एक मादक माल लग रही थी.
उधर मंजू के पति रमेश की हाइट करीब 6 फीट थी और एथलेटिक्स बॉडी थी.
घर में आने के साथ दोनों सहेली गले मिलने लगीं, जिससे उन दोनों के बूब्स एक दूसरे से रगड़ रहे थे. उन दोनों के मम्मों के मिलन को देखते हुए मैं भी रमेश से हाथ मिला रहा था.
थोड़ी बातचीत के बाद हम लोग ड्रॉइंगरूम में आ गए. मेरी बीवी अंजलि सब लोगों के लिए समोसा और चाय ले आई.
अंजलि जब चाय डाल रही थी, तो उसकी साड़ी का पल्लू नीचे आ गया, जिससे उसके गहरे गले के ब्लाउज से नुमाया होते चूचे एक अलग ही सीन दिखाने लगे थे. रमेश और मरी नजरें अंजलि के मम्मों पर ही टिक गई थीं.
अंजलि की सहेली मंजू ने इस बात को देख लिया. उसने अपने पति से कहा- रमेश, ऐसे क्या देख रहे हो यार, वो रोहित का माल है. रमेश अपनी बीवी का कमेंट्स सुनकर एकदम से झेंप गया और कहने लगा- नहीं नहीं, मैं ऐसा कुछ नहीं देख रहा था.
इस पर मैं बोला- जब दोनों सहेली एक हैं तो हम दोनों भाई भी एक ही हैं. अंजलि पर उनका भी अधिकार है. इस पर हम सब हंसने लगे. काफी हल्का माहौल हो गया था और हंसी मजाक का दौर चलने लगा था.
बातचीत से पता चला कि वो दोनों कुछ दिन रहकर कानपुर घूमेंगे. वो लोग गोरखपुर से आए थे. हम चारों लोग घरेलू बातचीत करने लगे.
शाम को छह बजे का समय हो गया था. मैंने रमेश से कहा कि हम लोग बाज़ार चलते हैं और उधर से मटन ले आते हैं.
हमारे बीच सहमति बन गई तो मैं और रमेश बाज़ार गए. जब मैंने मटन ले लिया, तब रमेश से पूछा- क्या हॉट ड्रिंक लेना है? वो बोला- हां व्हिस्की ले ली जाए और लेडीज के लिए कोकाकोला ले लेते हैं.
हम लोग घर आ गए.
अंजलि मटन बनाने लगी. उसके साथ में मंजू भी लग गई.
रमेश और मैं ड्रिंक्स लेने लगे. टीवी पर एक हॉट ब्लू फिल्म चल रही थी.
एक एक पैग खत्म होने पर अंजलि और मंजू भी हम दोनों के साथ में आ गए. भुने हुए मटन के साथ अंजलि और मंजू कोल ड्रिंक्स पी रही थीं.
इतने मैं अंजलि को किचन में कुछ काम याद आ गया, तो वो उठकर गयी. साथ में मंजू भी चली गई.
रमेश बोला- रोहित क्यों ना दोनों को व्हिस्की पिला दी जाए! मैंने पूछा- कैसे?
रमेश बोला कि कोल्डड्रिंक में मिला देते हैं. मैंने रजामंदी दे दी और उन दोनों के गिलासों में व्हिस्की मिला दी.
कुछ पल बाद अंजलि और मंजू भी आ गईं और ड्रिंक्स चलने लगी. टीवी पर एक रोमांटिक और गर्म सीन आ गया. इस सीन में दो कपल एक साथ कुछ मस्ती और किस कर रहे थे.
किस करते करते दोनों कपल ने, अपने पार्ट्नर को चेंज कर लिया. फिर दोनों कपल किस करने लगा और कपड़े भी उतर गए. अब दोनों कपल सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थे.
अंजलि कहने लगी- टीवी को बंद करो. इस पर मंजू बोली- क्या प्राब्लम है. अच्छा ख़ासा सेक्सी सीन आ रहा है.
मैंने और रमेश ने भी उसकी हां में हां मिला दी. अंजलि कुछ नहीं बोली, अब वो भी सेक्स सीन देखने लगी.
इसी बीच मंजू ने कहा- क्यों न हम लोग भी आज पार्ट्नर चेंज कर लें. इस पर अंजलि भड़क गयी और बोली कि यह बात ठीक नहीं है. मंजू कहने लगी कि अरे यार इसमें भी मज़ा आता है.
मैं भी यह सोच कर खुश हो रहा था कि अगर अंजलि वाइफ स्वैप सेक्स के लिए मान जाए, तो आज मंजू की चुत चुदाई का मज़ा आ जाएगा.
अंजलि बोली- क्या तुम दोनों ने पहले यह कभी किया है? मंजू कहने लगी- हां एक बार किया है. बहुत मजा आता है.
फिर रमेश भी मेरी बीवी की चापलूसी करने लगा कि भाभी जी आपकी फिगर तो वाकयी बड़ी मस्त है. एक बार हो जाए.
रमेश अपनी बीवी मंजू से बोला- अंजलि को मना लो … मैं तो राजी हूँ.
मंजू अंजलि को दूसरे रूम में लेकर गयी. करीब 15 मिनट के बाद वो दोनों बाहर आ गईं.
मंजू बोली- अंजलि मान गई है, लेकिन कुछ शर्तों के साथ.
रमेश ने मंजू की तरफ देखते हुए पूछा- कैसी शर्त? मंजू ने कहा कि अंजलि कह रही है कि सेक्स कंडोम के बिना नहीं होगा और दोनों पार्ट्नर अलग अलग रूम में सेक्स करेंगे.
मेरे ऊपर शराब का नशा हावी हो गया था … सामने टीवी पर सेक्स सीन चल रहा था. अब वो दोनों कपल एक दूसरे के साथ ओरल सेक्स का मजा ले रहे थे.
मंजू इस वक्त कुछ ज्यादा हॉट हो गई थी. वो मेरे बगल में बैठ गयी और उसने अपना हाथ मेरी पैंट की ज़िप पर रख दिया. वो मेरे लंड पर अपना हाथ फेरने लगी. मैंने भी उसके मम्मों पर हाथ रख दिया और उसके दूध मसलने लगा.
यह देखकर रमेश अंजलि के बगल में बैठ गया और उसकी पीठ को सहलाने लगा.
मैंने मंजू के कमीज की चेन को खोल दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को दबाने लगा. साथ में हम दोनों होंठों से होंठ मिला कर किस भी कर रहे थे.
अंजलि अब भी कुछ शर्मा रही थी. वो टीवी भी देख रही थी और हम दोनों को भी देख रही थी.
इतने में मंजू ने मेरी पैंट की ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाल लिया और उसको चूमने लगी.
अंजलि हम दोनों को देखे जा रही थी.
रमेश भी अब अंजलि की साड़ी का पल्लू हटा कर उसके ब्लाउज के ऊपर से ही मम्मों को दबाने लगा था.
मंजू अंजलि से बोली- यार तुम लोग भी शुरू हो जाओ.
मैंने मंजू की कमीज़ को निकाल दिया. वो अन्दर रेड कलर की ब्रा पहने हुई थी. उसके बूब्स भी मेरी अंजलि के जितने ही बड़े थे.
मंजू मेरा पैंट निकालने लगी और बोली- रमेश, अंजलि के साथ शुरू हो जाओ.
रमेश अंजलि के ब्लाउज के बटन खोलने लगा. इस पर अंजलि थोड़ा नानुकर करने लगी. लेकिन रमेश ने उसके ब्लाउज को खोल दिया. मेरी बीवी ब्लैक कलर की ब्रा पहने हुई थी.
रमेश ने मेरी बीवी अंजलि का हाथ पकड़ कर अपने पैंट के ऊपर रख दिया. इतने में रमेश ने अंजलि के साये को भी खोल दिया.
अंजलि रमेश से बोली- जो भी करना है, रूम में चलकर कर लेना.
रमेश अंजलि को गोद में लेकर रूम में चला गया. मंजू और मैं उसी सोफा पर लग गए.
मैंने मंजू की लैगी को भी उतार दिया. वो अन्दर रेड कलर की पैंटी पहने थी.
कुछ देर बाद मंजू मेरे लंड को किसी रंडी की तरह चूस रही थी.
करीब 5 मिनट के बाद मेरा लंड ठंडा पड़ने लगा और वीर्य उसके मुँह में छूट गया. मंजू ने वीर्य खा लिया और अपनी जीभ से मेरा लंड साफ़ करने लगी.
कुछ देर बाद मैंने मंजू को सोफा पर लिटा दिया और उसके पूरे नंगे बदन को चाटने लगा. पराई बीवी की चूचियों को चूसने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था.
फिर चुत की याद आई तो मैं उसकी पैंटी के ऊपर से जीभ फेरने लगा. वो अपनी पैंटी को निकालने की कोशिश कर रही थी. मैंने उसकी पैंटी उतार दी.
उसकी चुत एकदम क्लीन शेव थी. मैं उसकी टांगों को खोल कर बुर को चाटने लगा. वो ‘अफ … अफ … अफ.’ करने लगी.
मंजू बोली- रोहित अब अपना लंड मेरी चुत में डाल दो.
मेरा लंड तो तैयार ही था. मैंने मंजू की चुत पर लंड सैट करके धक्का दे दिया. मेरा लंड बड़ी आसानी से मंजू की चिकनी चुत में घुसता चला गया.
कुछ मिनट की चुदाई के बाद मेरा वीर्य उसकी चुत में झड़ गया.
चुदाई के बाद हम दोनों वॉशरूम में आ गए. मंजू ने अपनी चुत को साफ़ किया.
चुदाई के बाद हम दोनों नंगे ही अंजलि के रूम की तरफ आ गए. रूम का दरवाजा बंद नहीं था.
मैंने थोड़ा सा खोल कर देखा कि मेरी बीवी अंजलि, रमेश के लंड के साथ क्या कर रही है.
रमेश अंजलि के सारे कपड़े उतार चुका था. रमेश अभी भी अंडरपैंट में था. वो अंजलि के मम्मों को चूसने में लगा था. अंजलि रमेश के लंड को उसकी पैंट से निकालने की कोशिश कर रही थी.
रमेश ने अपने लंड को बाहर निकाल दिया. उसका लंड करीब 8 इंच का होगा और मोटा करीब 3 इंच का.
अंजलि लंड देख कर हैरान हो रही थी. क्योंकि मेरा लंड करीब इससे काफी छोटा है.
रमेश अंजलि के बदन को चाट चूम रहा था और अंजलि रमेश के लंड को आगे पीछे कर रही थी.
अब रमेश अंजलि के मुँह के पास लंड झुलाने लगा और बोला- मुँह में ले लो.
अंजलि नानुकर कर रही थी, फिर वो लंड को पकड़ कर हिलाने और चाटने लगी.
इतने में रमेश अंजलि के मम्मों को कस कर दबा दिया, जिससे उसका मुँह खुल गया और रमेश ने उसी पल अपने लंड को मुँह में डाल दिया.
अंजलि लंड को बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी, लेकिन रमेश कस कर पीछे से उसका सर दबा रहा था.
कुछ देर बाद अंजलि अपने आप ही मुँह में लंड को आगे पीछे करने लगी.
रमेश का लंबा लंड होने के कारण अंजलि सिर्फ़ आधा लौड़ा ही मुँह में ले पा रही थी.
काफी देर चूसने के बाद भी रमेश का लंड का पानी नहीं निकाल रहा था.
करीब दस मिनट के बाद रमेश के लंड ने वीर्य मेरी बीवी के मुँह में छोड़ दिया. वो लंड निकाल कर सीधा बाथरूम में चली गई और मुँह को साफ़ किया. उसे थोड़ा वॉमिटिंग भी हुई. फिर वो रूम में आ गई और बेड पर लेट गयी.
रमेश फिर धीरे धीरे उसके मम्मों को चूसने लगा.
कुछ देर बाद उसने अंजलि की चुत पर जीभ रख दी और चुत की फांकों में जीभ फेरने लगा. अंजलि ‘अफ उफ़ ..’करने लगी.
दो मिनट के बाद रमेश का लंड फिर खड़ा होने लगा. इस बार अंजलि ने अपने आप से ही रमेश के लंड को लेकर मुँह में ले लिया था और लंड चूसने लगी.
रमेश और अंजलि 69 की पोजीशन में थे इसलिए रमेश को मेरी बीवी की चुत चाटने में आसानी थी. रमेश अंजलि की चुत को बुरी तरह से चूस रहा था.
अंजलि कहने लगी- बस करो अब. अब सहा नहीं जा रहा है. रमेश तुम अपना लंड जल्दी से डालो.
रमेश अभी मेरी बीवी को थोड़ा और तड़पाना चाह रहा था. इसलिए वो चुत को चूसे जा रहा था.
अंजलि अब बेकाबू हो गयी और बोली- रमेश, अपना लंड मेरी चुत में पेल दो.
फिर रमेश, अंजलि की चुत पर अपना लंड घिसने लगा. वो बहुत बड़ा खिलाड़ी था. उसने लंड का सुपारा चुत के मुँह पर सैट करके दबा दिया. लंड का सुपारा चुत में फंस गया.
अंजलि अपनी गांड को उठा कर लंड चुत में लेना चाह रही थी.
इतने में रमेश एक धक्का कसकर मार दिया. लंड चुत से फिसल कर निकल गया.
फिर रमेश ने लंड को दोबारा चुत पर सैट करके धक्का दे दिया.
उसका लंड करीब 3 इंच चुत के अन्दर चला गया. अंजलि मोटे लंड के कारण चीख पड़ी और बोली- उई मां मर गई रमेश धीरे … आह मार ही दोगे क्या.
अंजलि ‘आह … अफ … अफ ..’ करने लगी.
एक मिनट के बाद रमेश ने अंजलि के मम्मों को पकड़ कर धक्का दे दिया. इस बार उसका लंड आधा से अधिक घुस गया. अंजलि दर्द से कराहने लगी
रमेश ने अंजलि से पूछा- भाभी जी, आप तो पहली बार नहीं ले रही हैं. वो बोली- रमेश, तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है और मोटा भी … इसलिए मुझे दिक्कत हो रही है.
इसी बातचीत के साथ ही रमेश ने दोबारा झटका मारा और अपना लंड चुत में अन्दर तक घुसा दिया.
अंजलि तड़फ कर दोहरी हो गई. वो ‘आह मर गई … ओह … अफ ..’ करने लगी.
कोई 5 मिनट के बाद अंजलि को थोड़ी राहत आई और वो चूतड़ उठा कर चुत चुदवाने लगी.
करीब दस मिनट की धुआंधार चुदाई के बाद रमेश ने अंजलि से घोड़ी बनने का इशारा किया.
अंजलि घुटनों के बल बैठ गयी. रमेश लंड को पीछे से चुत पर सैट कर धक्का मार दिया.
लंड दो धक्कों में ही पूरा अन्दर चला गया. अंजलि फिर दर्द से होने लगा ‘आह … अया … अफ ..’
कुछ देर की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद रमेश के लंड ने पानी छोड़ दिया.
अंजलि बिस्तर पर लेट गयी और उसकी चुत से वीर्य टपकने लगा.
मैं और मंजू इस चुदाई को देख कर गर्म हो गए और मैं मंजू को लेकर दूसरे रूम में चला आया. मैं फिर से मंजू की चुदाई करने लगा. पांच मिनट के बाद मेरा वीर्य उसकी चुत में भर गया. हम दोनों थक कर बिस्तर पर लेट गए.
फिर हम दोनों सो गए.
करीब 12 बजे रात में मेरी नींद खुली तो देखा कि मंजू मेरे बगल में नहीं थी.
मैं उठ कर रमेश के रूम में गया, तो देखा कि मंजू वहां थी.
मंजू रमेश के लंड को पकड़ कर अंजलि के चुत पर सैट कर रही थी.
इतने में अंजलि ज़ोर से चिल्ला पड़ी- आह निकालो … मेरी गांड फट गयी. तब मुझे समझ में आया कि अंजलि गांड मरवा रही है.
दो तीन धक्कों में रमेश का लंड पूरी तरह से मेरी बीवी कि गांड के अन्दर घुस गया था. अंजलि दर्द से ‘आह … आह … अफ ..’ कर रही थी.
मंजू अंजलि के मम्मों को दबा रही थी. कभी कभी चुत को चाट भी रही थी.
अंजलि अब थोड़ा शांत हो गयी थी और मज़े से ‘आह … अफ ..’ कर रही थी.
दस मिनट के बाद रमेश ने अंजलि की गांड में से लंड निकाल लिया और मंजू को बोला- अब मैं तुम्हारी गांड मारना चाहता हूँ.
मंजू घोड़ी की पोजीशन में आ गयी. रमेश ने अपना लंड मंजू की गांड में पेल दिया और धकधक चोदने लगा.
मंजू बड़ी मस्ती से अपनी गांड मरवा रही थी और अंजलि ये सीन देखे जा रही थी.
करीब 10 मिनट के बाद रमेश का वीर्य मंजू की गांड में गिर गया.
मैं चुपचाप अपने रूम में चला गया. फिर मैं मुठ मार कर सो गया.
सबेरे 5 बजे मेरी नींद खुली तो देखा मंजू मेरे बगल में है. मेरा लंड खड़ा हो गया था. मैंने मंजू की नंगी चुत में लंड डाल दिया.
मंजू की नींद खुल गई, वो भी मेरा साथ देने लगी.
पांच मिनट की चुदाई के बाद मेरा वीर्य निकलने वाला था. मैंने पूछा- भाभी रस लेना है? वो बोली- हां मेरे मुँह में गिरा दो.
मैंने लंड चुत से निकाला और उसके मुँह की चुदाई करने लगा. दो मिनट में ही मेरा वीर्य उसके मुँह में भर गया.
सुबह के करीब 6 बज गए थे. मैं और मंजू बाथरूम से साफ़ होकर निकले और देखने चले गए कि रमेश क्या कर रहा है.
उसके रूम के पास जाते ही मुझे अंजलि के कराहने की आवाज़ सुनाई दी.
दरवाजा अभी भी थोड़ा खुला था और अंजलि डॉगी स्टाइल में चुदा रही थी.
दस मिनट की जोरदार चुदाई के बाद रमेश का वीर्य अंजलि की चुत में भर गया था.
रमेश ने अपना लंड निकल लिया था. यह अभी भी करीब 6 इंच का होगा.
सुबह 7 बजे मैं और मंजू बाथरूम से फ्रेश होकर निकले और सोफा पर बैठ गए.
दो मिनट के बाद रमेश भी कमरे से निकला. वो शॉर्ट पहने था.
मैंने पूछा कि अंजलि क्या कर रही है? वो मुस्कुराते हुए बोला- भाई साहब आप ही देख लो.
मैं अंजलि के रूम में गया तो देखा कि अंजलि की चुत से अभी भी वीर्य निकल रहा है और वो सोई थी. चादर चारों तरफ वीर्य से भीगा हुआ था. मुझे लगा कि अंजलि की घनघोर चुदाई हुई है.
मैंने उसके ऊपर चादर डाल दी. मैं मंजू और रमेश एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे. हम लोग चाय पीने लगे.
करीब 9 बजे अंजलि नाइटी डालकर बाहर आ रही थी.
उसको चलने में तकलीफ़ हो रही थी. मंजू उसको पकड़ कर सोफा पर ले आई.
मंजू ने अंजलि से पूछा- रमेश ने कुछ ज़्यादा तंग किया क्या? वो मुस्कुरा कर बोली कि नहीं. मंजू ने पूछा- बिना कंडोम के अच्छा लगा या नहीं!
फिर अंजलि ने उसको चिकोटी काट ली. वो अपनी ‘कंडोम लगा कर चुदाई’ वाली शर्त भूल गई थी.
हम लोग चार दिन तक घमासान वाइफ स्वैप सेक्स का मजा लेते रहे.
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