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प्रेषक : रवीश सिंह
मेरा नाम रवीश सिंह है और मैं जम्मू का हूँ पर अब मुम्बई में रह रहा हूँ। देखने में लम्बा गोरा हीरो माफिक हूँ, आखिर जम्मू का पानी पिया है। J&K के हालात के कारण जम्मू छोड़ना पड़ा इसलिए पढ़ाई अधूरी रह गई पर मेरी इंग्लिश (बोलचाल की) अच्छी है। मुम्बई में पहले तो मैं अपने माता पिता के साथ गोवंडी के झोपड़पटी में रहा और इधर उधर छोटे मोटे काम करता रहा। झोपड़े में रह कर थोड़ा कमज़ोर हो गया और रंग भी फीका पड़ गया।
माँ पिता की मौत के बाद अँधेरी ओशिवारा में एक सोसाइटी में पंपमैन की नौकरी मिल गई। काम इतना सा था कि सुबह तड़के सात बिल्डिंग में पानी चढ़ाने के लिए पम्प का स्विच ऑन और ऑफ़ करना होता था। मुझे सेक्रेटरी ने पंप रूम में रहने की इज़ाज़त दे दी। इलाका बदलते ही किस्मत बदल गई। पानी का काम सवेरे ही पूरा हो जाता था। मैं सोसाइटी में फ्लैट्स और दुकान की ख़रीद बिक्री या किराये पे लगाने का काम करने के लिए एक एजेंट के साथ काम करने लगा। मैंने एक व्यायामशाला भी जॉइन कर ली और मस्त बॉडी बन गई, इसी के चलते मुझे एक जिम में इंस्ट्रक्टर की नौकरी भी मिल गई।
जिम में मैंने दोपहर की शिफ्ट ले ली। अपने एजेंट दोस्त की मदद से एक फ्लैट किराये पर ले लिया है।
जिम से ही मुझे पहली चूत मिली। अब उसकी कहानी।
जब कभी फ्लैट नहीं दिखाना होता तो जिम चला जाता। जिम सवेरे 6:30 से 10:30 बजे तक और शाम 5:00 से रात 10:30 (जो मेरी शिफ्ट थी) तक चलता था। सवेरे 11 बजे से 1 बजे तक महिलाओं के लिए योगा क्लास होती है जो रिया लेती है। जिम का मैनेजर इमरान मेरा अच्छा दोस्त है इसलिए उसके कमरे में बैठ कर गप्पबाज़ी करते रहते।
इमरान की गर्लफ्रेंड है शाहीन, ज्यादा वक़्त वो उसी के साथ फ़ोन पर लगा रहता।
इमरान ने शाहीन के कई नग्न तस्वीरें मुझे दिखाई, मस्त माल थी, इमरान उसे कई बार चोद चुका है।उसकी बातें सुन मुझे भी चोदने का मन होता था। इमरान मुझे बोला भी कि शाहीन से बात कर उसकी किसी सहेली से ‘सेटिंग’ करा देगा। पर अभी तक कुछ हो नहीं सका।
एक दोपहर इमरान को शाहीन का फोन आया कि वह ऑफिस से जल्दी फ्री हो गई है। इमरान को चोदने का मौका मिला तो मुझे जिम की चाबियाँ दे कर बोला- यार, शाहीन जल्दी फ्री हो गई है, दो शॉट मार के आता हूँ, रिया की क्लास खत्म होने वाली है, तो तू जिम बंद करके निकल जाना, वैसे भी शाम को तू ही है। आज तेरी सेटिंग भी करा देता हूँ।” आँख मारी और चला गया।
इमरान की बातों ने मुझे उत्तेजित कर दिया और मैं मोबाइल पर अश्लील क्लिप देखने लग गया। लंड खड़ा ही हुआ था कि रिया की क्लास ख़त्म हो गई। थोड़ी देर रिया का इंतज़ार किया, नहीं आई तो मैं ही हॉल में चला गया। हॉल में रिया एसी के नीचे अपना पसीना सुखा रही थी अपना टॉप उठा कर गले के ऊपर चेहरे को ढकते हुए।
उसके गेहुँए ज़िस्म पर पसीना मोती सा चमक रहा था और सूखने लगा था। इसी मुद्रा में रिया पीठ का पसीना सुखाने मुड़ी तो सफ़ेद ब्रा में कैद उसके बड़े बड़े मम्मे जवानी का मस्त नज़ाऱा पेश कर रहे थे।
सेक्सी क्लिप देख मेरा लंड पहले ही उत्तेजित था, ऊपर से रिया की जवानी देख फिर कड़क हो गया। मैंने तुरन्त ग्लूकोस का पानी भरा गिलास लिया और रिया के सामने खड़ा हो गया। टॉप नीचे करते ही उसकी नज़र मुझसे मिली तो पहले वो सकपकाई, फिर शरमा कर मुस्कुरा दी।
मैंने पानी का गिलास दिया और बोला- मुझे भी योगा सिखाओ ना !
“इमरान कहाँ है? वैसे मस्त बॉडी है तुम्हारी, योगा की क्या ज़रुरत है?” रिया ने सवाल करते हुए मेरे बाइसेप्स को छुआ फिर छाती को भी स्पर्श किया।
“शाहीन को चो… मिलने गया है, एक आसन तो दिखा दो !” मैंने कहा।
“चलो हलासन दिखाती हूँ !” रिया बोली और पीठ के बल लेट गई अपने दोनों पैर उठा कर मुख तक ले गई।
“इससे क्या फ़ायदा है?” मैंने पूछा।
“इससे पैर की और पेट की कसरत होती है।” रिया ने कहा।
“छू कर देखू?” और उत्तर की प्रतीक्षा किये बिना ही उसके पैरों को सहलाते हुए चूतड़ तक पहुँच गया। चूतड़ और गांड दोनों हाथों से नापी कि कोई भी मेरी मंशा समझ जाये पर रिया कुछ नही बोली।
मतलब आग उधर भी थी बल्कि उसी अवस्था में पैर चौड़े कर दिए। मन तो किया अभी पैंट फाड़ कर चूत चूस लूँ।
रिया उठी और बोली- अब तुम करो !
“जीन्स में कैसे करूँ?”
“जीन्स निकाल दो? क्यों अंदर कुछ नही पहना क्या?” कहते हुए आँख मारी और हाथ से पैंट सहलाने लगी।
मेरा लौड़ा तो बस काबू ही नही रहा और उसकी बढ़ती अकड़न दिमाग पर हावी हो गई। तपाक से रिया को अपनी ओर खींचा और एक चुम्बन जड़ दिया। सब कुछ इतना जल्दी हुआ ही रिया भी आश्चर्यचकित रह गई। अलग हुए तो उसने गहरी सांस ली, गीले होटों पर जुबान फिराई फिर आलिंगनबद्ध हो चूमने लगी।
यह चुम्बन ज्यादा गहरा था कभी उसकी जुबान मेरे मुँह में कभी मेरी उसके मुँह में। रिया की कमसिन जवानी भी वासना के सागर में गोते लगा रही थी। एक दूसरे का थूक का स्वाद चखने के बाद थोड़े अलग हुए तो मैं रिया का टॉप निकालने लगा और वह मेरा जीन्स खोलने लगी।
पल भर में सिर्फ अंडर गारमेंट्स में थे। रिया मेरी कसरती बॉडी पर जगह जगह चूम रही थी, कभी बांहों पे कभी गालों पे। फिर छाती पे चूमने लगी और मेरे निप्पल चूसने लगी। रिया मेरे दाई ओर चिपकी थी। मेरी छाती चूसती हुई धीरे से हाथ मेरे सिक्स पैक्स पर फेरते हुए मेरी अंडरवियर में घुसा मेरे लंड से खेलने लगी। मैं भी अपना हाथ उसकी पेंटी में घुसा उसकी गांड और चूतड़ पर फिरा रहा था।
रिया अपने घुटनों के बल बैठी और मेरी चड्डी उतार मेरा लंड चूसने लगी। मेरा लौड़ा रिया के मीठे थूक से चमक रहा था। रिया भी मज़े से चूस रही थी।
“मस्त लंड है तेरा, मेरी चूत तो अभी से गीली हो रही है।” रिया बोली और पैर चौड़े कर पेंटी दिखाई जो गीली हो चुकी थी। फिर बहुत सारा थूक इखट्टा कर मेरे लंड पर थूका और हाथ से मलने लगी। थूकते हुए एक लार रिया के रसीले होठों से ठुडी को भिगोते हुए चुचों के बीच गिरी। रिया इतनी कामुक लग रही थी कि मैंने झुक कर उस लार को चाटा और रिया को चूमते हुए उसकी ब्रा के हुक खोल मस्त बोबों को आज़ाद किया।
अपना गीला लौड़ा रिया के मम्मों के बीच के गलियारे में चलाने लगा। रिया को उठा कर जिम की बेन्च पर लिटाया और पेंटी खोल कर निर्वस्त्र किया। रिया की पेंटी पर लगे चूत के शहद को चाटा। लौड़ा एक बार फिर रिया से चुसवाया और उसकी टांगें उठा कर लंड चूत में पेलने लगा।
रिया भी पकड़ कर चूत में घुसवा रही थी। हौले से आधा लंड घुसाया फिर एक झटका दिया और ज़ोर से चोदने लगा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
रिया भी मज़े से चुदवा रही थी- हाँ राजा, ज़ोर से जानू… फाड़ दे हरामी… हाँ आ ऊ र र र र राजा…”, रिया कि सिसकियाँ माहौल को गरम कर रही थी। मेरा लौड़ा रिया की मार रहा था और हाथ उसके उचकते मम्मों को मसल रहे थे। रिया कि चूत ने पानी छोड़ दिया लेकिन मेरा लौड़ा अब भी दौड़ रहा था।
“मेरा छूटने वाला है।” मैंने चोदते हुए बोला।
“भेनचोद, अन्दर मत निकालना, मुँह में दे दे।” रिया ने टूटती हुई आवाज़ में जवाब दिया।
तीन-चार झटके और मारने के बाद एन वक़्त पर चूत से लंड निकाला और रिया के मुँह से पहले ही मम्मों पर निकल गया। फिर भी रिया ने मुँह में ले बाकी गटक लिया, चाट कर लंड साफ़ किया और संतुष्टि की मुस्कान दी।
कपड़े पहनते हुए मैंने पूछा- तुम पहले भी कर चुकी हो?
“क्यूँ कुंवारी चूत चाहिए? वो भी दिला दूंगी, बस मुझे खुश करता रहे, रहा तेरा सवाल तो हाँ, मैं कई बार चुद चुकी हूँ, इमरान ने कितनी ही बार ठोका है मुझे !” रिया ने रुखा सा जवाब दिया।
“नाराज़ मत हो जान, मेरा वो मतलब नहीं था। इमरान ने शाहीन की चुदाई की इतनी बातें की लेकिन तुम्हारे बारे में कुछ नहीं कहा।” मैंने रिया को चूमते हुए कहा।
“मालूम है, उसे शाहीन रांड भी मैंने ही दिलाई, तुझे भी दिलाऊँगी मस्त चूत बस उस हरामी इमरान की तरह मुझे भूल मत जाना, मादरचोद जब देखो तब शाहीन की चूत और गांड में घुसा रहता है।”
बातों बातों में पता चला कि रिया कई औरतों को घर जा कर योगा सिखाती थी और इन्हीं में से प्यासी औरतों को पैसों के बदले लंड दिलवाती थी।
इमरान भी जिगोलो था जो इन दिनों शाहीन के चक्कर में रिया की क्लाइंट को एंटरटेन नहीं कर रहा था। जो भी हो मेरे लिए चूतों का बंदोबस्त होने वाला था।
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