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अंकल का फॉल होते देख भाभी अंकल के कमरे से तुरंत निकल कर मेरे कमरे में आ गई। इतने तगड़े लंड से जबरदस्त चुदाई के बाद मैं एकदम थक गई थी और अपने बिस्तर पर निढाल पड़ी थी। भाभी भी सामने कुर्सी पर चुपचाप बैठी थी।
इतने में मेरे कमरे में रमाकांत अंकल आकर निशा भाभी के पैर पकड़ लिए और गिड़गिड़ाते हुए माफ़ी माँगने लगे तो भाभी ने कहा- ठीक है अंकलजी, इस बार मैं आपको माफ़ कर देती हूँ पर आप आगे से ऐसा गलत काम पायल के साथ नहीं करेंगे।
अंकल- थैंक यू बेटी निशा, अब मैं आगे से ऐसा कोई गलत काम नहीं करूँगा।
फिर निशा भाभी ने अंकलजी से कहा- अंकलजी, मैं तो आपका इतना बड़ा लिंग देख के एकदम से डर गई थी, अभी तक मैं डर से सहमी हुई हूँ, मेरे पति से आपका लिंग दुगना लम्बा और दुगना मोटा है।
अंकल- बेटी, मेरे लिंग में बीमारी होने के कारण यह 10 इंच लम्बा और अत्यधिक मोटा हो गया है। पहले तो यह केवल 7 इंच लम्बा था।
अंकल ने महसूस किया कि निशा उनके लिंग की बातों में दिलचस्पी ले रही है।
फिर रमाकांत अंकल ने कहा- बेटी निशा, मेरा लिंग कोई साँप थोड़े न है जिसे देख कर तुम डर गई, लो अभी मैं तुम्हें अपना लिंग दिखा कर तुम्हारा डर समाप्त कर देता हूँ।
यह बात सुनकर भाभी शर्म से लाल हो गई और बोली- नहीं अंकलजी, उस समय तो मैंने मजबूरी में आपका लिंग देख लिया था पर अभी देखने में शर्म आएगी।
अंकल ने निशा को फुसलाते हुए कहा- डरो नहीं बेटी, एक बार देख लो, अगर तुम्हें देखने में अच्छा नहीं लगेगा तो मैं तुरंत बंद कर लूँगा। निशा भाभी ने शरमाते हुए, सकुचाते हुए बोला- ठीक है अंकलजी, दिखाईये।
निशा भाभी की भैया के साथ शादी अभी दो महीने पहले ही हुई है। भाभी एकदम गोरी और अत्यधिक सुन्दर है, भाभी की जिस्म तो एकदम छरहरा है पर उनके उरोज और नितम्ब शरीर के अनुपात में अत्यंत बड़े हैं। कोई भी उनकी ओर देख के तुरंत आकर्षित हो जाता है।
भाभी की हाँ सुनते ही रमाकांत अंकल का लिंग उनके लुंगी के अन्दर खड़ा हो गया था। अंकल ने ज्योंही अपनी लुंगी खोली तो उनके 10 इंच लम्बा लपलपाते हुए लिंग को भाभी हक्की बक्की हो कर के विस्फरित नज़रों से देखने लगी।
भाभी अंकलजी का फनफनाया हुआ गधे जैसा लिंग देख के एकदम सिहर उठी। वो बहुत गौर से अंकल का लपलपाता हुआ लिंग देखने लगी। अंकल भाभी को गर्म होते देख कर भाभी से कहा- डरो नहीं बहू, लिंग को पकड़ कर देखो, इससे तुम्हारा डर ख़त्म हो जायेगा।
भाभी ने सकुचाते हुए अपने कोमल, नाजुक हाथ से अंकल का गधा जैसा मोटा लिंग पकड़ लिया। भाभी का हाथ अंकल के लिंग पर पड़ते ही उसका आकार और भी बड़ा हो गया।
फ़िर भाभी ने कहा- अंकलजी, यह तो बहुत ही मोटा है। मेरे पति का लिंग तो इसके तुलना में बहुत पतला है।
अंकल- बेटी, तुम्हे अब डर नहीं ना लग रहा है? भाभी- नहीं अंकलजी, अब डर नहीं लग रहा है। अंकल- बेटी, अभी तुम्हें मेरा लिंग पकड़ने में कैसा लग रहा है?
भाभी ने उत्सुकतावश अंकल से पूछा- अंकलजी, जरा अपने लिंग की टोपी खोल के दिखाओ तो, मुझे खोलने में शर्म लग रही है। अंकल- शर्माओ मत बेटी, तुम खुद इसे खोल के देख लो।
फिर भाभी ने अंकल के लिंग की टोपी खोला तो उनके अंडे जितने बड़े सुपारे को देख कर अचंभित होकर बोला- ओ, माई गॉड ! यह तो किसी भी लड़की की योनि को एकदम से फाड़ देगा, पता नहीं पायल ने इसे कैसे बर्दाश्त कर लिया?
अंकल ने मुस्कुराते हुए कहा- ऐसी बात नहीं है बेटी, क्या पायल की चूत फटी? मोटे लिंग से सम्भोग करवाने से किसी भी स्त्री को अत्यधिक आनन्द आता है।
भाभी- ना बाबा ना, इतने मोटे लिंग से तो मैं सम्भोग करवाने के बारे में सोच भी नहीं सकती हूँ। अंकल- अरे बाबा, मैं तुम्हें मुझसे कोई सम्भोग करवाने को थोड़े न बोल रहा हूँ, मैं तो केवल तुम्हारा डर ख़त्म करना चाहता हूँ।
तभी भाभी ने देखा कि अंकल के लिंग के छिद्र से कुछ चिकना सा निकल रहा है तो अंकल से पूछा- अंकलजी, ये आपके लिंग के छिद्र से ये चिकना सा क्या निकल रहा है?
अंकल- बेटी, इस चिकनाई के कारण योनि में लिंग सुगमता से प्रवेश कर जाता है, कसी हुई भी योनि में जरा भी दर्द नहीं होता है। अंकल- बेटी इस चिकनाई को चाट कर देखो यह तुम्हें अत्यंत ही स्वादिष्ट लगेगा।
भाभी- अंकलजी, चाटने से कोई बीमारी नहीं न हो जाएगी? अंकल- नहीं बेटी बिल्कुल नहीं कुछ होगा, ये चिकनाई तो प्रोटीन से भरी एक अत्यंत ही स्वास्थवर्धक चीज़ है।
ऐसा सुनकर भाभी अंकल के सुपारे पर लगी चिकनाई को अपने जीभ से चाटने लगी। भाभी के सुपारे चाटने से अंकल का सुपारी और भी बड़ा हो गया था।
अंकल- बेटी, सुपारा को चाटने के बजाय उसे अपनी मुँह में लेकर चूसो तो चिकनाई तुम्हारे मुँह में अच्छे से जायेगी। भाभी- पर अंकल, आपका सुपारा तो अत्यंत ही बड़ा है, ये मेरे मुँह में नहीं जा पायेगा। अंकल- पायल, इसे अपने मुँह में लेकर चूस चुकी है, यह अन्दर चला जायेगा बेटी।
ऐसा सुनकर भाभी अंकल का मोटा सुपारा अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।
अंकल- बहु, सुपारी चूसने में कैसा लग रहा है? भाभी ने अपने मुँह से सुपारी निकाल कर बोला- अंकलजी, बहुत अच्छा लग रहा है ! हजारों कहानियाँ हैं अन्तर्वासना पर !
तो अंकल ने कहा- बेटी, मेरे पूरे लिंग को अपने मुँह में लेकर चूसो तो तुम्हें और भी अच्छा लगेगा।
ऐसा सुनकर भाभी अंकल का 10 इंच लम्बा लिंग अपने पूरे मुँह में लेकर चूसने लगी, और इधर अंकल ने धीरे से भाभी के बड़ी-बड़ी, कसी हुई चूचियों को अपने दोनों हाथों से दबाना शुरू कर दिया।
भाभी भी पूरी मस्ती में आ गई थी इसलिए उसने कुछ नहीं बोला। फिर अंकल ने भाभी की चूचियाँ दबाना छोड़ कर भाभी की बालों को पीछे से पकड़ कर उसके मुँह में अपने लिंग को अन्दर-बाहर करने लगे, वो भाभी की मुँह को चूत की भांति चोद रहे थे। ऐसा करने से भाभी को थोड़ा दर्द होने लगा तो भाभी ने अपना मुँह लिंग से बाहर निकाल लिया।
थोड़ी देर सुस्ताने के बाद अंकल ने कहा- बेटी, तुम्हारी योनि कसी हुई है या खुली हुई है? भाभी- मुझे इस बारे में कोई आईडिया नहीं है अंकलजी।
अंकल- ठीक है बेटी, अभी अपनी योनि को मुझे दिखाओ तो मैं तुम्हें बताता हूँ कि तुम्हारी योनि कसी हुई है या खुली हुई है।
भाभी- मुझे अपने कपड़े खोलने में शर्म आ रही है अंकलजी, आप खुद ही मेरे कपड़े खोल के मेरी योनि को देख लीजिये।
फिर क्या था, अंधे को जैसे दो आँखें मिल गई हो, अंकल ने पहले भाभी की साड़ी को खोला फिर पेटीकोट को खोल दिया, फिर ब्लाउज को खोल दिया।
अब भाभी केवल ब्रा और पैंटी में थी। अंकल भाभी के ब्रा और पैंटी में उनके गदराये हुए गोरे-गोरे जिस्म को देख करके एकदम सन्न रह गये, और अपने लिंग को आगे-पीछे हिलाने लगे।
भाभी- अंकलजी, मुझे ब्रा और पैंटी में देख कर आप अपने लिंग को क्यों हिला रहे हैं? अंकल- बेटी, तुम्हारे इतने सुन्दर जिस्म को देख के मैं अपने आपको नियंत्रित नहीं कर पा रहा हूँ। भाभी- अंकलजी, मुझे आपके इरादे नेक नहीं लग रहे हैं, कहीं आप मेरे साथ सम्भोग करने को तो सोच नहीं रहे हैं।
अंकल- नहीं बेटी, मुझे गलत मत समझो, मैं तो केवल तुम्हारी योनि का निरीक्षण करना चाहता हूँ। भाभी- ठीक है अंकलजी, कीजिये।
फिर अंकल ज्यों ही भाभी का पैंटी खोलने लगे तो भाभी ने शर्म से अपनी हाथों से अपने चेहरे को छिपा लिया। पैंटी उतारने के बाद रमाकांत अंकल भाभी की गोरी-गोरी, बिना बालों की एकदम चिकनी और एकदम पाव की तरह फूली हुई चूत को देख कर उनकी आँखें एकदम फटी की फटी रह गई।
अंकल ने भाभी के कोमल योनि को सहलाते हुए बोला- बेटी, तुम्हारी योनि तो अत्यंत ही सुन्दर है, तुम्हारा पति तो अत्यंत ही भाग्यशाली व्यक्ति है।
अंकल के योनि सहलाने से भाभी के जिस्म में एकदम करंट सा दौड़ गया।
फिर भाभी ने कहा- अंकलजी, अब आप मेरी योनि को देख के बताईये कि यह कसी हुई है या खुली हुई है? अंकल- बेटी, ऐसे देखने से पता नहीं चलेगा, तुम्हे बिस्तर पर लेटा कर तुम्हारी योनि को चीर के देखना पड़ेगा।
ऐसा कह कर अंकल ने भाभी को अपने दोनों हाथों से उठा के बिस्तर पर लेटा दिया और फिर भाभी की दोनों टांगों को एकदम से फैला दिया।
फिर अंकल ने भाभी के योनि के दोनों फांकों के चीर के देखा, बीच का भाग एकदम गुलाबी था फिर अंकल ने भाभी की चूत को सूँघ करके उसकी मादक खुशबू को लिया फिर उसे चूम लिया।
भाभी- अंकलजी, अपने मेरी योनि पर चुम्बन क्यों लिया? अंकल- बेटी, किसी सुन्दर चीज़ का चुम्बन लेना कोई अपराध है क्या? मैं तुम्हारे साथ सम्भोग थोड़े न कर रहा हूँ। भाभी– ओ के, अंकलजी !
फिर अंकल ने भाभी के पाव जैसे फ़ूली हुई योनि को अपने दोनों हाथों से चीर के उसके बीच के गुलाबी भाग को अपने जीभ से कुत्ते की तरह चाटने लगे, इधर भाभी के मुँह से आनन्द भरी सिसकारी निकलने लगी।
अंकल के भाभी के चूत को चाटे जाने से भाभी की चूत से मलाई निकलना शुरू हो गया, जिसे अंकल प्यार से चाट-चाट कर खाने लगे। भाभी की मुँह से सी-सी की आवाज़ निकल रही थी।
थोड़ी देर के बाद भाभी ने अंकल से कहा- अंकलजी, अब जल्दी सा मेरी चूत का निरीक्षण करके बतलाइये कि मेरी चूत कसी हुई है या ढीली है?
यह सुनकर अंकल ने चूत की मलाई खाना छोड़ कर भाभी की दोनों टांगों को फैला कर उनकी चूत को चीर कर उसका निरीक्षण करने लगे।
थोड़ी देर के बाद अंकल बोले- बहू, ऐसे तुम्हारी चूत को चीर कर देखने से पता नहीं चल रहा है, तुम्हारी चूत के छेद पर पर मुझे अपने लिंग का सुपारा को रगड़ कर चेक करना पड़ेगा।
भाभी- ठीक है अंकलजी, पर मेरी चूत के अन्दर आपका लिंग नहीं जाना चाहिए। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
अंकल- नहीं बेटी बिल्कुल अन्दर नहीं जायेगा, मैं पूरी सावधानी बरतूँगा।
ऐसा बोल कर अंकल ने भाभी के चूत के दोनों गुलाब की पँखुरी जैसे ओठों को फैला कर अपने लिंग का सुपारा को रगड़ने लगे। अंकल भाभी के चूत के पूरी फाँक पर ऊपर से नीचे तक अपने सुपारे को रगड़ रहे थे।
भाभी भी मस्ती में आकर आह-ऊहह करने लगी। भाभी को मस्ती में आया देखकर के अंकल ने भाभी से कहा- बेटी, केवल रगड़ने से कुछ पता नहीं चल रहा है, तुम्हारी चूत में केवल अपना सुपारा घुसा के चेक करूँ क्या? मैं तुम्हें चोदूँगा नहीं।
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