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चमेली को हटाते हुए ससुर ने उसे बिस्तर पर लेटा दिया, अपनी टांगें चौड़ी करते हुए चमेली बोली- तुम बाप बेटे ने तो मेरी चूत का भोंसड़ा कर दिया है, अगली बार से हज़ार रुपए लूँगी ! कल साले राजू ने खेतों में पकड़ लिया था, उसने और चंपा के आदमी ने मेरी 1 घंटे तक बजाई। अभी तक दुःख रही है।
ससुर ने चंपा की चूत में उंगली घुसा दी और बोला- नाराज़ क्यों होती है अगली बार से हज़ार पक्के ! कुतिया तेरी जवानी इतनी मदमस्त है, कोई चोदे बिना रह ही नहीं सकता।
ससुरे का लौड़ा चमेली की चूत में घुस चुका था, उसकी चूचियाँ जोरों से हिल रही थीं, ससुर धक्के पर धक्के मारे जा रहा था। शहर में 50 का आदमी ठीक से चल नहीं पाता, यहाँ यह कुत्ता बांका जवान बना हुआ था।
इसके बाद ससुर ने चमेली को अपनी गोद में बिठा लिया और पीछे से लौड़ा उसकी चूत में पेल दिया अंदर घुसा हुआ लंड और चमेली की मसलती हुई चूचियों ने मेरी चूत में आग लगा दी थी। चमेली चूचियाँ दबवाती हुई उह आह करते हुए चुदवा रही थी।
चुदाई चरम सीमा पर थी।
कुछ देर बाद ससुर ने अपना वीर्य त्याग दिया और उठते हुए बोला- थोड़ी तेल मालिश कर दे। आज तो मज़ा आ गया। जब से बहू को नंगी नहाते हुए देखा है, लौड़ा तब से टनक भी बहुत रहा था। साली रसीली की क्या मस्त गदराई हुई मांसल चूचियाँ हैं।
चमेली ससुर के लौड़े और जाँघों की तेल मालिश कर रही थी। चमेली ससुर के लौड़े को मुट्ठी में भर कर मस्ती से उसकी मालिश में लगी हुई थी। दोनों नंगे बैठे हुए थे ससुरजी उसकी चूचियाँ मसल रहे थे। मैं एकदम से अंदर घुस गई, दोनों हड़बड़ा कर हट गए। ससुर का लौड़ा पूरा तना हुआ था, मैं कुटिल मुस्कराहट देती हुई बाहर आ गई थी।
कुछ देर बाद चमेली बाहर आ गई और बोली- दीदी, किसी को बताना नहीं, बाबूजी का मन था तो मालिश कर रही थी।
मैंने उसकी चूतड़ों पर हाथ फेरते हुए कहा- मैंने सब देख लिया था। लेकिन तुम घबराओ नहीं और यह ले 1000 रुपए, तुझे एक छोटा सा काम बाद में बताऊँगी, कर देना, अब जब तेरा मन हो, तब ससुर जी से चुदवा लेना, मैं तो तेरी सहेली हूँ मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगी। अब तू जा मौज कर।
इसके बाद मैं ससुर के कमरे में आ गई, ससुर झेंपते हुए से कुरता पहन रहे थे, नज़रें नीची करके बोले- रसीली किसी को बताना नहीं, मैं तुम्हारे हाथ जोड़ता हूँ।
कामुक सी अंगड़ाई लेते हुए मैंने कहा- पापा जी, आप बेकार ही परेशान हो रहे हैं।
मैंने नादान बनते हुए 50 साल के ससुर से झूठ बोला- पापा जी मुझे पता है, आप तो अभी सिर्फ 40 के आस पास ही हैं और मम्मीजी आप से 10 साल बड़ी हैं। इस उम्र में तो मन करेगा ही। जब भी घर में हम लोग अकेले हों आप चमेली के साथ जो करना चाहें वो कर लिया करिए, मैं किसी से नहीं कहूँगी।
सुबह चमेली के आने के बाद मेरी सास बाहर भैंसों का काम करने जाती थीं तो 1 घंटे बाद ही वापस आती थीं। अगले दिन मेरी सहमति से चमेली ससुर की मालिश रोज़ इस एक घंटे के बीच करने लगी और सोमवार को जब सासुजी दो घंटे को मंदिर जाती थीं। ससुर साहब लौड़े से चमेली की चूत की मालिश कर देते थे।
ससुर को अब रोज़ मालिश की आदत पड़ गई थी। यह सब मेरे सहयोग से हो रहा था ! यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
एक सोमवार मैं ससुर के पास लो-कट ब्लाउज और पेटीकोट में गई और बोली- पापाजी अगर मेरी बहन की शादी विनोद से हो जाए तो हमारा घर और सुंदर हो जाएगा।
ससुर बोले- तेरी सास नहीं मानेगी। मैंने अपनी नाभि पर उंगली घुमाते हुए कहा- पापाजी, कभी बात चले सासू माँ से तो आप मेरी बहन की तारीफ़ कर देना। आपको तो शादी में कोई दिक्कत नहीं है न?
ससुर जी का चमेली को चोदने का समय हो रहा था, ससुर बोल पड़े- नहीं नहीं मुझे कोई दिक्कत नहीं है, मैं तेरी हर तरह से मदद कर दूंगा। तू जरा चमेली को भेज दे, कुछ काम है उससे !
मैंने कहा- अभी भेजती हूँ।
मैं मुस्करा कर वहाँ से चली आई।
मेरी सास कभी कभी मेरे देवर विनोद का कमरा खुद ही साफ़ कर देती थीं। एक दिन वो कमरा साफ़ करने जा रही थीं, तब मैंने अपनी बहन रजनी की वो फोटो जिसके पीछे विनोद ने आई लव यू विनोद लिखा था, पलंग के नीचे रख दी और दरवाज़े की ओट से देखने लगी।
जैसे ही सास ने पलंग का गद्दा उठाया नीचे मेरी बहन की फोटो रखी थी, फोटो उठाकर वो थोड़ी देर देखती रहीं। मैं पीछे से उनके पास पहुँच गई और अनजान बनते हुए बोली- अरे, यह रजनी की फोटो कहाँ से आई?
मैंने मम्मीजी के हाथों से फोटो ले ली, उसका पीछे का हिस्सा मेरी तरफ था उस पर लिखा हुआ था आई लव यू विनोद।
मम्मीजी की तरफ मुड़ते हुए मैंने पीछे का हिस्सा दिखाया और बोली- मम्मीजी, विनोद तो मेरी बहन से प्यार करने लगा है, दोनों की शादी हो जाए तो कैसा रहे?
तभी मेरा ससुरा भी उधर से निकला, मैंने लंबा सा घूँघट डाल लिया और बोली- पापाजी, विनोद मेरी बहन से प्यार करते हैं, देखिये !
और मैंने फोटो उनकी तरफ बढ़ा दी।
ससुर बोले- अरे यह तो अच्छी बात है, दोनों बहनें एक घर में आ जाएँगी तो अच्छा रहेगा।
सास बोली- अभी तू जाकर काम कर ! बाद में बात करना इस बारे में !
फोटो उठाकर मैंने अपने पास रख ली।
अगले दिन रविवार था, मैं सास के पास बैठी थी, देवर उधर से निकला, मैंने पास बुलाकर पूछा- भैयाजी आपको रजनी पसंद है ना, आप उससे शादी करना चाहते हैं ना?
देवर सास का बिगड़ा मुँह देखकर बोलने से डर रहा था। मैंने वो फोटो निकालकर उसे दिखाई और बोली- यह आपने ही तो लिखा है। देवर झेंपते हुए बोला- हाँ मैंने ही लिखा है।
सासू मुँह बनाते हुए बोली- देख रसीली, तेरी शादी में तो लड़की वालों का खर्च भी हमने उठाया था, अब विनोद से बहन की शादी करनी है तो अपने बाप से कहना दस लाख रु दहेज़ के देने होंगे।
मैं बोली- इतना तो मेरे पापा नहीं दे पाएंगे।
सासु बोली- तो मैं अपने विनोद की शादी तेरी बहन से नहीं करती।
शाम को थोड़ी देर के लिए देवर अकेला था, वो मेरे सामने थोड़ा झेंप रहा था, मैंने खुद आगे बढ़कर उसको कस कर चिपकाया और उसके होंटों में होंट डालकर एक लम्बा चुम्बन लिया और बोली- सेक्स का मन कर रहा है?
देवर बोला- मन तो बहुत कर रहा है लेकिन कैसे करेंगे?
मैंने कहा- तुम्हें मेरी दो बातें माननी पड़ेगी।
देवर बोला- क्या?
मैंने कहा- पहली, तुम्हें 30 दिन तक दाढ़ी नहीं बनानी है, और दूसरा, काम 20 दिन बाद मैं तुम्हें बताऊँगी।
देवर बोला- मंजूर है।
मैंने कहा- आज तेरे भैया तो ट्रैक्टर का सामान लेने पटना गए हैं, कल आएँगे, रात को एक बजे छुपकर कमरे में आ जाना, अच्छी तरह से चुदाई का खेल खेले बहुत दिन हो गए हैं।
देवर रात को छुपते हुए मेरे कमरे में आ गया, मैंने उसे अपनी बाहों में भरते हुए कहा- तुमने अपनी माँ के सामने यह बात मान ली कि तुम रजनी से प्यार करते हो। मैं बहुत खुश हूँ, आज मैं पूरी रात तुम्हे मज़ा दूंगी।
“भाभी, माँ ने तो शादी के लिए मना कर दिया है?”
देवर का पजामा नीचे सरकाते हुए बोली- उसकी चिंता न करो, तुम्हारी शादी रजनी से ही होगी। देखो तुम नर्वस हो रहे हो, तुम्हारा लंड पूरा मूंगफली हो रहा है। लाओ इसे पहले चूस कर कड़क करती हूँ !
मैंने अपना ब्लाउज उतारा और इसके बाद देवर के लंड का टोपा बाहर निकाल कर 3-4 बार उस पर अपनी जीभ फिराई। लंड ने हिचकोले मारने शुरू कर दिया था, अब उसे मैंने अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी। थोड़ी देर में ही कड़क लम्बा लंड मेरे सामने था। देवर ने इस बीच मेरे हॉर्न बजा बजा कर चूचियाँ गरम कर दीं थीं। देवर ने मुझे गोद में उठाकर बिस्तर पर लेटा दिया और मेरा पेटीकोट खींच कर नीचे उतार दिया।
देवर अपने हाथ से मेरी चूत सहलाते हुए बोला- रसीली भाभी, चूत तो आपकी बहुत चिकनी हो रही है?
मैंने देवर को भींचते हुए कहा- तुम्हारे लिए की है, एक बार चूस कर देखो ना बड़ा मज़ा आता है !
हम दोनों 69 में लेट गए, देवर ने चूत के दाने पर सीधा मुँह रखा और उसे चूसने लगा।
“आह, कितना मज़ा आ रहा है !” मैंने भी उसका लंड मुँह में डाल लिया। गज़ब का मज़ा आ रहा था, देवर की जीभ मेरी चूत की फलकों में घुस गई थी।
कुछ देर तक हम दोनों ने एक दूसरे के गुप्त अंगों को चूसा इसके बाद मैंने देवर को हटा कर अपने चूतड़ों के नीचे मोटा तकिया रखा और उसकी पप्पी लेते हुए बोली- अब अपनी प्यारी कुतिया भाभी को चोद दो !
देवर ने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा और उसे धीरे से अंदर घुसा दिया और मेरे ऊपर गिरते हुए पूरा अंदर तक पेल दिया।
आह, बड़ा मज़ा आ रहा था। सुबह पति ने चोदा था और अब देवर पेल रहा था, सच मेरी चूत को लौड़े खाने में बड़ा मज़ा आता है। हर लंड से चुदने का एक अलग ही मज़ा होता है। देवर पूरा मज़ा दे रहा था, उसने दनादन मेरी चूत पेलनी शुरू कर दी।
आह… आ… ओह… उह… उह… की आवाज़ों से कमरा गूंजने लगा।
मैं देवर के गालों की पप्पी लेते हुए बोली- थोड़ा लंड को चूत में आराम करने दो, इतना पेलोगे तो थक जाओगे !
देवर ने पेलना रोक दिया, अंदर चूत में मोटा लंड घुसाकर मेरी चुचूकों को चूसने लगा। मुझे बड़ा आनन्द आ रहा था।
कुछ देर बाद उसने मेरी चूत में 3-4 धक्के और मारे और अपने वीर्य कि मेरी चूत की कन्दरा में भर दिया।
अब हम दोनों चिपक कर बातें करने लगे, देवर ने बातें करते करते मेरी गांड में उंगली घुसा दी और भोले बनते हुए पूछा- भाभी, गांड में भी लंड डाला जाता है ना?
मैंने उसके गाल नोचते हुए कहा- जहाँ छेद हो, लंड तो वहाँ घुस ही सकता है, लेकिन जो मज़ा चूत चोदने का है, वो किसी और जगह का नहीं है। तेरे भैया गांड चोदते हैं, इसी कारण जल्दी झड़ जाते हैं। गांड कभी मत चोदना, लंड कमजोर हो जाता है। दुनिया में जानवर तक गांड नहीं चोदते।
मैं नहीं चाहती थी कि शादी के बाद देवर मेरी बहन की गांड मारे।देवर मेरी बातों से संतुष्ट दिख रहा था। इसके बाद मैंने उसके होंटों पर एक पप्पी ली और बोली- लेकिन पीछे से चूत मारने का मज़ा अलग ही है…
कहानी जारी रहेगी !
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प्रकाशित : 20 अक्तूबर 2013
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