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शालिनी के अभी तक के दोनों सेक्स अनुभव बाथरूम में ही हुए थे और वो भी अकेले ही हुए थे, और बहुत ही अच्छे हुए थे और उसने बहुत एन्जॉय भी किया था।
अब वो इसे बेडरूम तक लाना चाहती थी, और वो भी अकेले नहीं उस काले नौकर के साथ जिसने उसकी नींद उड़ा रखी थी।
आगे की पूरी योजना उसके दिमाग में तैयार थी और शालिनी की नग्न देह के दर्शन करने के बाद वो नौकर भी अब उसके काबू में था।
और मौका भी अगले ही दिन मिल गया।
शालिनी के डैडी के एक दोस्त कर्नल साब का बंगला थोड़ी ही दूर पर था और वहाँ एक शराब-कवाब की पार्टी थी, वहाँ यह सिस्टम था कि जब भी किसी के यहाँ कोई पार्टी होती थी, आस पास के बंगले के नौकर वहाँ काम करने जाते थे, उनके यहाँ से भी नौकर जाने थे, लेकिन शालिनी के घर पर रहने की वजह से उसके डैडी ने एक नौकर को उसकी हिफाज़त और चाकरी के लिए वहाँ छोड़ने का निर्णय किया, और सब नौकरों में राजेश ही जवान और हट्टा कट्टा था तो शालिनी ने उसका ही नाम सुझाया।
वो उस दिन की घटना के बाद सकपकाया हुआ था, उसे शक था कि शालिनी को सब पता चल गया है इस लिए वो डर भी रहा था।
लेकिन शालिनी के डैडी ने उसे उस दौरान घर में प्रवेश की इजाज़त नहीं दी, उसे बाहर रह कर ही देखभाल करनी थी और पूरी रात सोना भी नहीं था।
शालिनी को कहा गया कि वो घर के अंदर ही रहेगी और अंदर से पूरी तरह से लॉक करके रखेगी। शालिनी ने मुस्कुरा कर सहमति में सर हिला दिया और शाम होते होते उसके अलावा सब नौकर चले गये और रात आठ बजे शालिनी के डैडी भी चले गए।
अब पूरे बंगले में सिर्फ वो दो ही बचे थे, राजू जैसे ही बंगले का बड़ा फाटक बंद करके अंदर आया, वहाँ शालिनी खड़ी थी, वो एकदम से सकपका गया और हकलाते हुए बोला- मैडम जी, आपको घर के अंदर रहना चाहिए !
वो तेज़ आवाज में बोली- यह बात तू मुझे बताएगा कि मैं कहाँ रहूँ? तू नौकर है नौकर की औकात में रह ! समझा?
वो फिर हकलाते हुए बोला- मैडम, मालिक साब बोल के गये हैं।
वो फिर तेज़ आवाज में बोली- अभी मैं हूँ तेरी मालकिन ! चुपचाप अंदर चल, तेरे से कुछ हिसाब करना है !
वो डरते डरते उसके पीछे अंदर आ गया और चुपचाप एक कोने में खड़ा हो गया।
वो शान से एक सोफे पर बैठ गई और बोली- हाँ, अब बोल ! उस दिन बाथरूम की खिड़की से मुझे देखने की हिम्मत कैसे हुई तेरी?
“वो.. मैं… मैं.. वो….!”
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वो चिल्लाई- यग क्या मैं मैं लगा रखी है? मैंने तुझे खुद उस खिड़की पर देख लिया था, इसलिए झूठ तो बोलना मत, मैं जो पूछ रही हूँ उसका जवाब दे सच सच ! वरना अगर डैडी को बता दिया ना, तो बहुत हंटर पड़ेंगे ! समझा?
“क्या तूने मुझे पूरी बिना कपड़ों के देखा?”
“नंगी देखा?”
वो चुप हो गया और नीचे देखते हुए फर्श पर नाख़ून से कुरेदने लगा।
वो फिर चिल्लाई- बोल जल्दी?
“हाँ !”
“साले हरामजादे, तो फिर वहाँ से हटा क्यों नहीं?”
“पूरे वक्त देखता ही रहा?”
वो फिर चुप हो गया।
“साले, शर्म नहीं आई तुझे अपनी मालकिन को ऐसे बिना कपड़ों के नंगी देखते हुए?”
अब वो एकदम से उसके पैरों में गिर गया और गिड़गिड़ाते हुए बोला- मैडम जी, माफ़ कर दो ! साब को और मेरे चाचा को मत बताना, मैं मर जाऊँगा !
शालिनी ने उसका गिरेबान पकड़ कर उठाया और कहा- ठीक है नहीं बताऊँगी साले पर तुझे भी मेरे सामने पूरा नंगा होना पड़ेगा अभी, इसी वक्त ! चल शुरू हो जा !
वो और घबरा गया- मैडम जी, माफ़ कर दो !
शालिनी बोली- बस माफ़ी इसी शर्त पर मिलेगी ! खोलता है कपड़े या करूँ फोन डैडी को?
और यह कहते हुए उसने झूठ मूठ में नम्बर मिलाने का नाटक किया।
और उधर राजू ने घबरा कर कमीज़ के बटन खोलने शुरू कर दिए।
शालिनी की साँसें तेज़ हो गई, वो एक छड़ी लेकर सोफे पर बैठ गई, उसे नज़दीक आने का इशारा किया।
तब तक वो कमीज़ उतार चुका था, उस गरीब आदमी की बनियान में कई जगह छेद थे, उसने उसे भी उतार दिया।
उसका सीना चौड़ा और मज़बूत था, जिस पर घने काले बाल थे, जो उस काले को और काला बना रहे थे।
अब शालिनी ने उसके पैंट पर छड़ी मारी और उसे उतारने का इशारा किया।
अब वो खुद बहुत उत्तेजित होती जा रही थी और यह बात उसके हाव-भाव से जाहिर हो रही थी, और अब वो नौकर भी इस बात को समझ रहा था कि आज उसे कुछ और मज़ा मिल सकता है इसलिए उसने भी पैंट की चेन नीचे की और पैंट उतार दी।
अब वो एक बहुत ही घिसी घिसाई सी अंडरवियर में उसके बिल्कुल सामने खड़ा था।
उसके इस भयानक काले रूप को देख के शालिनी उत्तेजना के मारे कांपने लगी, सोफे से खड़ी हो गई, उसकी बालों से भरी छाती पर हाथ रख दिया, उसमें उंगलियाँ फिराने लगी और एक हाथ उसकी पीठ पर कस लिया।
उसकी चाहत आज पूरी होने को थी, यह काला गुलाम आज उसके कब्जे में था, अपने दोनों हाथ उसके काले और बालों से भरे बदन पर फिराते हुए उसने उसके दोनों हाथ उसे ऊपर करने को कहा और जैसे ही उसने अपने दोनों हाथ ऊपर किये, उसकी बगलों से पसीने की तेज़ दुर्गन्ध आने लगी, उसके बगलों में बहुत बाल थे कुल मिला कर वो एक बदसूरत, काला और भद्दा मर्द था, पर वो अप्सरा जैसी खूबसूरत शालिनी को उत्तेजित कर रहा था।
अब शालिनी के हाथ उसके पेट पर फिसल रहे थे, साथ ही अब वो नौकर भी जबरदस्त उत्तेजित हो गया था, उसका लंड बहुत ज्यादा तन कर बड़ा हो गया था, पर दिक्कत यह हुई कि वो गलत दिशा में था और वहीं पर बड़ा हो गया था, इससे वो फंस गया था उसने उसे सीधा करने के लिए हाथ नीचे लाना चाहा पर शालिनी ने रोक दिया, बोली- क्या परेशानी है तुझे? चुपचाप खड़ा रह !
वो बोला- मैडम जी, मेरा वो…वो….!!
“क्या हुआ उसको?” वो बोली।
“वो चड्डी में फंस रहा है और बहुत दर्द हो रहा है।”
“ओहो !”
अब शालिनी का ध्यान उसकी चड्डी में बुरी तरह से फंस रहे लंड पर गया- बाप रे ! इतना बड़ा !
उसने सोचा अंडरवियर से बाहर निकलते हुए लंड को नज़दीक से देखना चाहिए इसलिए उसने उसे अपने एकदम पास खींच लिया, अब उसका अंडरवियर शालिनी के चेहरे के एकदम नज़दीक आ गया था और अंडरवियर में हाथ डाल कर एक झटके से उसका अंडरवियर नीचे खिसका दिया।
लेकिन यहाँ एक तमाशा हो गई, उसका काले नाग जैसा मोटा और कड़क लंड उछल कर बाहर निकला और सीधा उसके चेहरे और होंठों से टकराया, शालिनी बुरी तरह से हकबका गई, यह देख उस नौकर को हंसी आ गई।
शालिनी ने अपनी झेंप मिटाने के लिए उसके लंड पर ज़ोरदार तमाचा लगा दिया और चिल्लाई- साले चुपचाप खड़ा रह !
और अब ध्यान से उसके लंड को देखा जो उसके बदन से भी कहीं ज्यादा काला था और बेतहाशा झांटों से घिरा हुआ था।
और साथ ही साथ तेज़ बदबू का झोंका भी आया इतना ज्यादा कि उसका जी खराब हो गया- साले गंदे ! कितनी बदबू मार रहा है !
और उसे अपनी लातों और थप्पड़ों के साथ अपने बेडरूम में ले गई और बाथरूम के अंदर धकेल दिया वहाँ पाइप वाला शावर लेकर उसके ऊपर चला दिया, उस नौकर को अब इस खेल में मज़ा आ रहा था, और शालिनी को भी क्यूंकि वो अपनी सारी भड़ास इस पर निकाल सकती थी और कोई देखने वाला नहीं था और यह एक तरह से उसका गुलाम नौकर था।
उसने वहाँ पड़ी लिक्विड सोप की शीशी उस पर उड़ेल दी और लूफा से उसके बदन को रगड़ने लगी, अब वो खुद उत्तेजना की आग में जल रही थी।
उसका पूरा बदन झाग से भर गया था उसने उसकी बगलों, सीना, पीठ, गांड लंड के आस पास की जगह और फिर लंड को पकड़ के जी भर के रगड़ा, और उससे चिपटती भी गई, उसके खुद के कपड़े गीले होकर उसके बदन से चिपक गये थे।
फिर उसने पाइप के सिरे से शावर वाला नोजल हटा के पानी की तेज़ धार बना ली और उसके बदन पर मारने लगी, जैसे कि सर्विसिंग करने वाले लोग स्कूटर पर मारते हैं।
जैसे जैसे उसके झाग बह रहे थे, अंदर से उसका काला कलूटा बदन बाहर आ रहा था। और शालिनी का खुद का जिस्म और सारे कपड़े भी पानी से गीले हो के चिपक गए थे, उसकी चूत कामवासना के दौरान निकलने वाले पानी से गीली हो गई थी, उसकी आँखों में लाल लाल डोरे तैर आये थे।
यह बात वो नौकर भी समझ गया था, वो खुद भी उत्तेजित हो गया था।
और दोस्तो, मैंने अपनी पहले की कहानियों में भी बताया है कि जब भी कामवासना की आग भड़कती है तो सब रिश्ते, ओहदे और भेद भाव ख़त्म हो जाते हैं।
यहाँ भी यही हुआ !
मालकिन और नौकर का भेदभाव जाता रहा, उस नौकर राजू ने शालिनी के हाथ से पाइप छीन कर दूर फेंका और उसके कपड़े उतारने को लपका।
यहाँ भी शालिनी की एक और फ़ंतासी भी थी जो वो हमेशा से चाहती थी कि कोई उसके साथ कपड़े फाड़ कर सेक्स करे, इसलिए वो अपने टोपर और केप्री को पकड़ कर उसे उतारने नहीं दे रही थी, पर अब वो उसका गुलाम नौकर नहीं था।
और जो लडकियाँ इस कहानी को पढ़ रही होंगी वो जानती होंगी कि बहुत ज्यादा महंगे और कीमती कपड़े उतने ही नाज़ुक भी होते हैं।
दोस्तों इस महा-उत्तेजक कहानी का अगला और उत्तेजक अंतिम भाग आप आगे पढ़ेंगे।
लेकिन आप इस कहानी के बारे में अपनी राय मुझ तक भेजते रहें !
आपका अरुण
[email protected]
प्रकाशित : 10 अक्तूबर 2013
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