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इशरत की गोरी गोरी मुलायम टाँगें, मांसल जाँघें और गोल गोल चूतड़ का क्या नज़ारा दिख रहा था..
और पीछे से उस आदमी का लंड इशरत की गाण्ड की दरार की बीच से होता होता हुआ चूत में घचागच घुसे जा रहा था..
फ़च फ़च की आवाज़ से कमरा गूँज रहा था।
सच बताऊँ तो यह नज़ारा देख और इशरत की कामुक चीखें सुन मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया लेकिन फिर जब महसूस हुआ कि यह मेरी बीवी है..
एक पल तो मुझे बहुत तेज़ गुस्सा आया और जैसी ही मैं उस आदमी को मारने के लिए आगे बढ़ने लगा…
इशरत बोली- ओह मा.. आह आह आह आह.. और ज़ोर से, फाड़ दो आज मेरी फुद्दी को ! …माआ आआ आ… मर गई मा.. आह.. म्म्म्म… रूको मत.. और ज़ोर से…
अचानक मुझे ऐसा लगा जैसा मेरे साथ धोखा हुआ है, मेरी बीवी मेरे पीठ पीछे गैर मर्दों से चुदती है… इतना बड़ा धोखा…???
लेकिन ना जाने क्यूँ मुझे बुरा नहीं लग रहा था.. बल्कि वो हैवान जिस तरह मेरी इशरत को चोद रहा था… उसे देख कर ही मेरा लंड फटने को हो रहा था।
फ़च… फ़च… की आवाज़ गूँज रही थी पूरे कमरे में !
इशरत की दर्द भारी आहें किसी को झाड़ने के लिए काफ़ी थी..
बहुत तेज चीख रही थी वो- ओह… हाँ… और चोदो मुझे.. चोदो चोदो.. चोदो मुझे… आज मज़ा आ रहा है चुदाई का.. …आज मुझे चोदते रहो.. रहम मत खाओ मुझ पर… मा… आ.. म… मैं … झड़ने वाली हूँ…
तभी वो आदमी और जोर से इशरत को चोदने लगा.. किसी मशीन की तरह चूत के अंदर बाहर हो रहा था..
मेरी इशरत की चूत के पानी की वजह से उसका पूरा लंड चमक रहा था..
इशरत भी अपने चूतड़ पीछे की तरफ़ उछाल उछाल कर चुद रही थी..
तभी वो मचलने लगी और उसका शरीर में थरथरत हुई और वो झड़ने लगी..
झड़ते वक़्त बहुत तेज़ी से चीख रही थी और गालियाँ दे रही थी- …चोद मुझे रंडी के बीज… फाड़ दे आज मेरी इस छीनाल चूत को..
…आआ… आआआ…आअहह… माइईईई मैं …त त तो गई…
तभी उसने इशरत का मुँह घुमाया और ज़ोर से उसके होंठों को चूमने लगा.. दोनों जीभ निकाल कर चूस रहे थे.. लार बह रही थी.. एक दूसरे की लार को चाट रहे थे.. इतना गंदा लग रहा था देखने में.. लेकिन वो दोनों तो अलग ही दुनिया में खोए हुए थे !
झड़ने की वजह से अब इशरत से खड़ा नहीं हुआ जा रहा था.. तो उसने इशरत को गोद में उठाकर बेड पेर लिटा दिया और और उसके ऊपर आ गया..
तभी अचानक उसने मुझे देख लिया।
उस हैवान की चुदाई करने के अंदाज से मैं इतना डर गया था कि जब उसने मेरी तरफ देखा तो मेरी गांड फट गई.. और शायद वो इस बात को समझ भी गया…
उसने मेरे तरफ देखते देखते अपना लंड इशरत की फ़ुद्दी पर टिकाया और एक ज़ोरदार धक्का दिया.. यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
“…आह ह ह ह… मर गई माँ… उईईइ माँ…!!”
और फिर उसने ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी।
…फ़च फ़च… आ..ओह..
यही सब आवाज़ें सुनाई दे रही थी.. वो अभी भी मुझे देख रहा था..
मुझसे अब रहा ना गया और मैंने धीरे धीरे अपना लंड सहलाना शुरू किया..
तभी उसने इशरत को घोड़ी बनाया और.. और मुझे अपनी तरफ आने का इशारा किया..
बोला- ओ गान्डू.. चल इधर आ जल्दी..
मैं बिना कुछ बोले उनकी तरफ चला गया.. अब इशरत भी मुझे देख रही थी, कि कैसे उसका पति उसी के यार के सामने हुक्म सुनने के लिए खड़ा है।
वो बोला- चल इसकी चूत चाट चाट कर साफ कर !
मैं बिना कुछ बोले इशरत की चूत के नीचे आ गया और इशरत ने अपनी कमर नीचे कर चूत मेरे मुँह पर रख दी..
सच कहूँ दोस्तो, उस रस से भरी गीली चूत का स्वाद इतना अच्छा लगा कि मैं पागलों की तरह उसे चूसने लगा, उसका रस पीने लगा।
इशरत भी मचल उठी और अपना सर इधर उधर पटकने लगी।
तभी मेरा मुँह पर एक लंड आकर टकराया और इशरत की चूत में फ़च से घुस गया।
इशरत फिर एक बार कराह उठी..
…आह !
फिर एक ताबड़तोड़ चुदाई शुरू हो गई.. उसके टट्टे बार बार मेरे मुँह पर लग रहे थे.. मैंने इशरत की भगनासा को चाटना शुरू कर दिया और कभी कभी उसके अंदर बाहर आते जाते लंड को भी चाट लेता था..
इशरत- …..हा.. हाँ.. अफ.. आ.. करो.. हाँ और करो.. आह… आ.. श… …जल्दी .. जल्दी.. अहहह… मैं झड़ने वाली हूँ.. उफ्फ़… आह.. आह आह… म्म्म्म.. मा. झ.. झाड़… झ र.. रह… रही. हूँ… आ ह ह ह ह …
और तभी वो आदमी भी जोर्र से गुर्राया- ..ओह ह ह ह ह..
और उसने अपना सारा बीज इशरत की चूत में उगल दिया.. ओह ह ह ह…
कुछ पलों बाद उसका लंड इशरत की योनि से बाहर निकला.. क्यूँकि मैं अभी भी वहीं था..
उसका सारा बीज इशरत की फ़ुद्दी से अचानक से बह कर मेरे मुँह में गिर गया.. पहली बार तो कुछ घिन आई कि मेरे मुँह में आदमी का माल.. लेकिन फिर मैं इशरत की चूत को चाट चाट कर उस आदमी का सारा माल पी गया.. और सामने लटक रहे लंड को भी चूस कर साफ कर दिया..
उस रात उसने इशरत को 4 बार चोदा और चारों बार मैंने इशरत की चूत से उस आदमी का माल चाटा।
आख़िर में मुझे इशरत को चोदने का मौका मिला और मैं एक मिनट में ही झड़ गया…
अब जब भी इशरत का मन करता है किसी मर्द को भी ले आती है.. और उनकी चुदाई के बाद उसका माल इशरत की चूत से चाट कर पी जाता हूँ..
अगली सुबह हम तीनों बहुत खुश थे, फिर हम अपने अपने काम पर चले गये।
हम कई बार कुछ ऐसे ही नजारा सोच कर रोल प्ले करते हैं।
जी हाँ ! यह कोई धोखा नहीं, पहले से सोचा समझा रोल प्ले सेक्स था.. जिसमें हम तीनों, मैं रोहित, मेरा दोस्त शमीम और उसकी बीवी इशरत को बहुत मज़ा आया..
हसीन धोखा तो आप सभी पाठकों के लिए था..
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