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समीर सनम
हाय दोस्तों, मैं समीर महाराष्ट्र मराठवाड़ा औरंगाबाद से हूँ, मैं पहली बार अन्तर्वासना.कॉम पर अपनी सच्ची कहानी भेज रहा हूँ।
अनु दी बारहवीं पास है। यह जब हुआ तब दी पढ़ाई छोड़ चुकी थी, उनकी उम्र 20 साल, बदन गोरा 28-24-28 दी का नाप (दी ने बाद में बताया था) कद 5 फिट 6 इंच, दी अक्सर घर ही में रहती थी।
बात उन दिनों की है जब मैं बारहवीं कक्षा में था, तब मेरे बड़े भाई की शादी हुई और मैं इस बीच लगभग एक महीना कॉलेज नहीं जा पाया और जब सभी मेहमान चले गये तो मैं भी अगले दिन से कॉलेज चला गया।
शादी बहुत जल्दी हो जाने की वजह से मैं अपने दोस्तों को भी शादी में बुलाना भूल गया। जब क्लास लगी तो प्रोफ़ेसर ने मुझसे पूछा- तुम इतने दिनों तक कहाँ थे ! तुम्हें अचानक कॉलेज की याद कैसे आई?
तो मैंने उनसे बता दिया- घर में शादी थी इसलिये नहीं आ सका !
तो पूरे वर्ग को यह बात पता चल गई !
मेरी क्लास में लड़कियाँ भी थी।
मध्यांतर में मैं अपने दोस्तों के साथ, कॉलेज के नजदीक ही एक होटल है, हम उसमें चले गये सभी ने चाय पी और मेरे से भुगतान करवाया। तभी राजेश ने मुझ से आकर कहा- पेमेंट कर दे तो मैं तुझको कुछ बताऊँगा कुसुम के बारे में।
मैंने पैसे दिए और उससे पूछा तो उसने कहा- कुसुम तेरा मोबाईल नम्बर ले गई है।
दोस्तो, मुझे लगा कि ज्योति ने मंगवाया होगा, ज्योति कुसुम की सहेली है और हमारी क्लासमेट भी ! कुसुम एक बिंदास और ज्योति एक शर्मीली लड़की है।
तभी राजेश ने कहा- तेरा मोबाईल कहाँ है?
तो मैंने उससे कहा- अभी हैंडसेट भाभी को दे दिया है पर सिम मेरे पास है।
उसने पूछा- कब से?
मैंने उसे बताया- इन्हीं आठ दस दिनों से !
तब उसने कहा- कुसुम को तेरा नम्बर लिए तीन दिन हुए हैं।
मैंने पूछा- किसलिए चाहिए थ मेरा नम्बर उसे, तूने पूछा है क्या?
उसने कहा- नहीं लेकिन उसके बिन्दास रवैये से तो लग रहा था कि ज्योति के लिए लिया हो !
उसी दिन मैंने मोबाईल की व्यवस्था करने की सोची और मैं अपने चाचा के यहाँ जोकि इसी शहर में रहते हैं, उनके यहाँ चला गया और अपनी चचेरी बहन जिसका नाम अनु है, उससे उसका मोबाईल मांगा तो उसने देने से इन्कार कर दिया। मैं अपने घर के लिये निकल ही रहा था कि चाचा-चाची आ गए और मुझको जाता देख कहा- समीर कहाँ जा रहे हो? कब आए थे? कहाँ जा रहे हो?
इतने सवाल एक साथ सुनकर मैं तो धरा की धरा ही रह गया, मैंने कहा- वो अनु दी से मोबाईल मांगने आया था !
तो चाची ने कहा- तेरे चाचा और मैं तुम्हारे ही घर गये थे। मेरी छोटी बहन की सगाई है।
उसके बाद चाची ने बताया कि चाचा, चाची और मेरे मम्मी-पापा भी जा रहे हैं और कहा- या तो तू यहाँ अनु के साथ रुक जा या तू अनु को अपने घर ले जा !
तभी अनु दी ने कहा- मैं यहीं रहूँगी, समीर तुझे यहाँ रुकना है तो रुक नहीं तो चला जा !
मैंने कहा- ठीक है।
तभी चाचा जी ने कहा- समीर तू यहीं रुक जा ! भाई, भाभी यहीं आ रहे हैं, हम यहीं से चले जाएँगे।
मैंने कहा- ठीक है !
थोड़ी ही देर में मम्मी-पापा आ गये, उन्होंने खाना खाया और रात नौ बजे सब चले गये।
अनु ने सभी काम ख़त्म करके नहा कर अपने कमरे में चली गई और मुझे आवाज दी- समीर इधर तो आ !
मैं चला गया।
दी ने कहा- नहा कर आ !
मैंने कहा- मैं रात में नहीं नहाता हूँ।
तो उसने कहा- यहाँ रहना है तो वही करो जो मैं कहूँ।
मैं झट से नहाने चला गया, वापस आया तो मैंने देखा कि अनु दी सभी दरवाजे और खिड़कियाँ बंद कर रही है। मैंने सोचा कि घर पर कोई नहीं है, इसलिए ऐसा कर रही होगी।
मैं चाचा चाची के कमरे में जाकर लेट गया कि तभी अनु वहाँ पर आई, उसने कहा- तुम यहाँ नहीं, मेरे कमरे में मेरे साथ सोओगे !
तो मैं डर गया और कहा- नहीं !
तो उसने कहा- मोबाईल चाहिये या नहीं?
मैंने कहा- चाहिये !
उसने कहा- चलो मेरे साथ !
मैं चल पड़ा। अब हम अनु दी के कमरे में आ गये। तभी अनु ने अपना मॉनीटर ऑन किया, उस पर एक ब्लू फिल्म चल रही थी !
दी ने मुझसे पूछा- कभी देखी है?
मैंने ना में सर हिला दिया।
दी ने कहा- मेरे बॉयफ़्रेंड ने यह पैनड्राइव में दी है, दो महीने हो चुके, रोज़ पूछता है कि देखी है? मैं नहीं कह दती हूँ। पर असल में मैं बहुत बार फिल्म देख चुकी हूँ, बैंगन भी, खीरा भी डाल कर अपनी चूत शांत करती हूँ। छः महीने से मेरा बॉयफ़्रेंड है लेकिन उसको किस के सिवा कुछ नहीं करने दिया, अपनी चूचियाँ भी नहीं दबाने दी !
मैं यह सब देख कर गर्म हो चुका था। दी की बातें मुझ अजीब लग रही थी, मैंने कहा- इसमें मैं क्या कर सकता हूँ?
दी ने कहा- मैं चाहती तो उससे भी चुद सकती थी लेकिन मुझको अपनी इज्ज़त किसी अपने को ही दिखानी है !
मैंने कहा- दी, मैं किसी और को चाहता हूँ, उसका नाम ज्योति है, लेकिन सिर्फ सेक्स के लिये ही नहीं, बल्कि मैं उससे शादी भी करना चाहता हूँ।
इससे पहले कि मैं और कुछ कहता, दी ने कहा- तुम चुदाई जानते हो?
दी की बातें सुनकर मुझे लग रहा था कि आज मैं वो भी जान जाऊँगा।
तभी दी ने फिल्म शुरु से चलाई और मुझको सब समझाया और कहा- यदि तुम घर की इज्ज़त को कहीं और चुदवाना चाहते हो तो ठीक है !
मैंने कहा- आप मेरी दी हो ! और आप ही से सेक्स कैसे करूँ?
तभी दी ने मुझको अंतरवासना.कॉम दीखाई और एक भाई-बहन की कहानी पढ़वाई, बोली- जब सगे कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं?
मैंने कहा- पर?
दी ने कहा- पर वर कुछ नहीं ! कभी किया है या नहीं?
मैंने नहीं में सर हिला दिया लेकिन अब मेरे दिल में भी वही सब कुछ चल रहा था।
तभी दी ने मरे लंड पर हाथ रख दिया और कहा- आग लगा रखी है, बुझाओगे नहीं? मैंने दी के ओंठों को चूम लिया।
दी ने कहा- पहले ही मान जाते तो इतना वक़्त बर्बाद ना होता !
मैंने जब घड़ी की तरफ देखा तो रात के दो बज गए थे। अब दी ने अपने कपड़े उतार फ़ेंके जो पहले ही ना के बराबर थे, मेरे लंड को बाहर निकाला और उसको देख कर कहा- इसको कभी नापा है?
मैंने कहा- नहीं !
तभी दी ने कहा- आज तक कितना भी लम्बा खीरा हो, सिर्फ दो ढाई इन्च ही अन्दर डाला है, अब यह 6′ लम्बा और 2′ मोटा लौड़ा अन्दर जाएगा तो मेरी क्या दुर्दशा होगी?
मैंने कहा- दी रहने देते हैं, फिर कभी करेंगे !
तब दी ने कहा- मैं भी कुंवारी हूँ, तू भी कुंवारा है, जो कुछ भी होगा आज ही होगा !
और अपनी चूत पर वैसलीन लगाने लगी। उसके बाद मुझे नंगा किया और मेरे लंड को चूसने लगी।
मैंने कहा- तुम यह कब सीखी दीदी?
दी ने कहा- फिल्म देख कर !
और मेरे नीचे आ गई। जब दी ने अपने हाथों से मेरे लंड पर वैसलीन लगाई तो मुझे बहुत मज़ा आया, और दी ने कहा- पहला रस मेरी चूत को चाहिये !
और दी ने अपनी चूत पर मेर लण्ड अपने हाथ से रखा और कहा- धीरे से आगे सरका !
मैंने ज्योंही आगे सरकाया, मुझको तकलीफ हुई लेकिन बहुत मजा आया। मैंने थोड़ा जोर लगाया तो दी रो पड़ी और रोते-रोते ही कहने लगी- और आगे तक !
मैंने जैसे ही थोड़ा आगे किया, मुझको भी दर्द हुआ। इस तरह थोड़ा थोड़ा करके मैंने दी की चूत में पूरा लौड़ा घुसा दिया और दी बेसुध सी हो गई। हम तकरीबन बीस मिनट बिना हिले डुले लेटे रहे फिर जाकर दी ने कहा- आगे-पीछे कर !
मैं करने लगा और बहुत मज़ा आ रहा था कि अचानक मुझको कुछ महसूस हुआ कि दी ने सुसु किया है और अब दी भी नीचे-ऊपर हो रही थी। थोड़ी ही देर में दी ने मुझको जम कर पकड़ लिया और मुझको अपन लंड पर कुछ चिपचिपा स महसूस हुआ।
दी ने कहा- बस !
लेकिन मैं नहीं माना तो दीदी ने एक तमाचा मारा और कहा पहले- तो ना नुकर कर रहा थ और अब?
तभी मुझको कुछ हुआ और मेरी गति बढ़ गई, मैंने दी से कहा- मुझको लग रहा है कि कुछ निकलने वाला है।
तभी दी ने कहा- इसी का इंतजार था !
और कहा- एक भी बूंद बाहर मत गिरने देना, पूरा अंदर ही डालना ! पता नहीं मुझको कुंवारा पति मिलेगा या नहीं !
इस तरह दी ने मुझसे रात भर अपनी चूत चुदवाई। हम सुबह 8 बजे तक लगे रहे। फिर ना जाने कब आँख लगी और आँख खुली तो दी मेरा लिंग चूस रही थी।
उसने कहा- मोम-डैड कल सुबह आने वाले हैं, अब फिर से रात हमारी है। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
मैं उठ कर बैठ गया तो दी ने कहा- मुझको दी नहीं, अनु कहा करो !
फ़िर मुझको बहुत कुछ सिखाया, चूत चाटना, दूधों को पीना, औरत को सेक्स किधर छूने से होता है, चूत की सुरंगें दिखाई, मुझको अपने निपल्स से दूध पिलाया !
मैं और दी पूरे 3 साल एक दूसरे के हर अंग का मजा लेते रहे। जिस समय दी की शादी हुई उनकी उम्र 23 साल की थी, तब उनका नाप 32-30-32 हो चुका था।
दी ने बताया कि चाची यानि उनकी मम्मी ने दी को बताया कि चुदाई की वजह से नाप बढ़ गया है। दी ने बताया कि चाची सब कुछ जानती है, वो खामोश रही क्योंकि हम खुश थे और दी उनकी एक मात्र संतान है।
दी ने मेरे लिए चार साल तक शादी नहीं की, यह बात मुझे बाद में चाची ने बताई, चाची मुझसे भी खुल कर बात करने लगी थी।
आज भी दी और मैं चुदाई करते हैं। दी ने अपने पति से कोई संतान होने नहीं दी और हम दोनों की तीन संताने हैं, यह बात दी ने मुझको बताई।
इस तरह मैंने अपने दी के साथ ही अपना पहला सेक्स किया और इसके अलावा मैंने आज तक किसी दूसरी लड़की से सेक्स नहीं किया। पर दी अब बहुत ही कम मायके आती हैं, अब मुझे मूठ मारनी पड़ रही है।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मेल करें।
[email protected]
प्रकाशित : 21 सितम्बर 2013
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