This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम दिलजीत है, पंजाब का जालंधर सिटी का रहने वाला हूँ। मैं अन्तर्वासना का बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ और सभी कहानियाँ पढ़ चुका हूँ।
मैं अपनी कहानी कई दिनों से आपसे कहने की कोशिश कर रहा था सो आज लिख रहा हूँ। यह मेरी पहली कहानी है उम्मीद है कि आपको बहुत पसंद आयेगी। यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक नहीं है कहानी को मजेदार करने के लिए काल्पनिक बातें भी लिखी गई हैं।
कहानी शुरू होती है आज से 4 साल पहले से, सर्दियों के दिनों की बात है, मैं किसी काम से अपने शहर से बाहर गया हुआ था, आते आते शाम के 5 बज चुके थे। मैं बस में बैठा हुआ था, अभी मेरा शहर 3 घंटे बाद आने वाला था तो मैं अपने मोबाइल पर गाने सुनने लग गया और सोने की कोशिश करने लगा।
बस मैं लगभग सभी सीट भरी हुई थी, 2-3 सीट को छोड़ कर ! मैं और मेरे पीछे की सीट वाली औरत अकेली बैठी हुई थी।
थोड़ी देर बाद बस रुकी और बस में भीड़ हो गई। एक बहुत सुन्दर लड़की बस में आई, उसने अपना सामान सेट किया और मेरे पीछे की सीट पर जाकर बैठ गई और मेरे साथ एक बुजुर्ग आदमी आ कर बैठ गया पर उसकी पत्नी को कहीं जगह नहीं मिली तो मैंने अपनी सीट उस बुजुर्ग औरत को दे दी और मैं पीछे वाली सीट के साथ जा कर खड़ा हो गया जहाँ पर वो सुन्दर लड़की बैठी हुई थी। वहाँ पर खड़ा मैं अपनी किस्मत को कोस रहा था कि यह मेरे साथ भी बैठ सकती थी। पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। उस लड़की का नाम पूनम है, यह मुझे बाद मैं पता चला था। तो मैं अपनी किस्मत को कोस रहा था, उसके साथ वाली औरत उठ कर उतर गई।
मैं उसकी सीट पर बैठ गया तो थोड़ी देर बाद हमारे बीच बात होनी शुरू हो गई। उसे भी जालंधर जाना था, वो वहाँ पढ़ाई करती थी और पीजी में रहती थी।
मैंने भी अपने बारे में बता दिया कि मैं भी जालंधर मैं रहता हूँ और काम के साथ साथ प्राइवेट पढ़ाई भी करता हूँ।
तो बातों बातों में मैंने नोट किया कि वो मेरे साथ चिपक कर बैठी है। तो यह बात जैसे ही मेरे मन में आई तो मेरे अंदर का शैतान जाग गया।
तो मैंने चेक करना शुरू किया, मैंने उसके हाथ को छुआ तो उसने मेरी तरफ देखा और मुस्कुरा दी। मैंने भी सोचा कि लाइन साफ़ है।
बस फिर क्या था, मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे कहा- तुम मुझे बहुत अच्छी लगी। उसने भी मुझे कहा- कि वो मुझे पसंद करती है।
बाहर अंधेरा हो चुका था और बस में लाइट जल चुकी थी। मैंने उसकी टांगों पर हाथ चलाना शुरू कर दिया। पर उसने मुझे रोक दिया और बोली- कोई देख लेगा ! एक मिनट रुको !
और उसने शाल निकाल कर ओढ़ लिया। मैंने भी यही किया, चादर निकाली और ऊपर ले ली ताकि लोगों को कुछ पता न लगे कि हम दोनों क्या कर रहे हैं।
फिर मैंने उसकी टांगों पर हाथ चलाना शुरू किया और उसका हाथ मैंने पकड़ कर अपनी टांगों पर रख दिया। मैं जीन्स के ऊपर से ही उसकी फुद्दी पे हाथ फेरने लग पड़ा और उसका हाथ सीधा मेरे हथियार पर जा पहुँचा। वो मेरे लण्ड को पैंट के ऊपर से ही मसले जा रही थी, ऐसे लग रहा था कि जन्मों से प्यासी हो वो !
मैंने उसकी फुद्दी पर से अपना हाथ उठाया और चूचियों पर जा पहुँचा। मैं उसकी चूचियाँ टॉप के ऊपर से दबाने लगा। क्या नर्म गर्म चूचियाँ थी उसकी ! जैसे हाथ में रुई के गोले आ गये हों।
उसकी चूचियाँ 36 साइज़ की लग रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने उसके टॉप के अंदर हाथ डाल लिया और उसकी ब्रा के ऊपर से उसकी दोनों चूचियों को बारी बारी मसलने लगा।
वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी, मेरे लण्ड पर उसके हाथों की कसावट बढ़ रही थी। मैंने सोचा कि आज इसकी फुद्दी मिल जाएगी। मैंने उसकी ब्रा में से एक चूची को निकाला और उसके निप्पल को पकड़ कर मसलने लगा। मैंने थोड़ा जोर से दबा दिया, उसका दूसरा हाथ मेरे हाथ पर आ गया जो उसकी चूची पर था, और वो बोली- आराम से करो, दर्द होता है।
फिर मैंने उसकी पैंट के अंदर हाथ डालने की कोशिश की पर उसकी चूत तक नहीं पहुँच सका। यह वक़्त भी कितनी जल्दी ख़त्म हो गया, बस बस स्टैंड पहुँच चुकी थी तो हम दोनों ठीक ठाक हो गये और बातें करने लग गये। साढ़े आठ बज चुके थे, हम दोनों बस में से उतरे तो मैंने उसका हाथ पकड़ा और कुर्सियों पर बैठ गये।
मैंने उसे कहा- आज रात मेरे पास रुक जाओ ! वो कुछ सोचने लगी पर उसने यह कहा- पी जी वाली आंटी पूछेंगी तो क्या जवाब दूँगी?
मैंने कहा- उसे बोल दो कि तुम्हारी बस खराब हो गई है और एक ढाबे के पास रुके हुए हैं, जैसे ही बस ठीक होगी तो मैं पहुँच जाऊँगी। और यह भी बोल देना कि और भी औरतें हैं साथ में जिनको जालंधर जाना है तो घबराने की कोई बात नहीं है।
उसने अपनी सहेली को फोन किया जो उसके रूम में रहती है और बात करते करते वो मेरे से दूर होती गई और 10 मिनट बाद मेरे पास आकर बोली- आज की रात मैं तुम्हारे साथ हूँ।
मुझे तो यकीन नहीं हो रहा था कि पूनम मान जाएगी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
तो अब मेरी बारी थी कमरे का इंतजाम करने की, मैंने अपने दोस्त विकास को फ़ोन किया क्यूंकि उसकी पूरा परिवार कनाडा में रहता है और वो अपनी कोठी में अकेला होगा।
हमने कई काल गर्ल को उसकी कोठी में लाकर चोदा हुआ था। मैंने उसे बताया कि मेरी गर्लफ्रेंड मेरे साथ है और उसे सारी बात समझा दी।
मैंने उसे कहा- अपनी कार में हम दोनों को आकर ले जाओ।
मैं और पूनम बस स्टैंड पर बैठ कर विकास का इन्तजार करने लगे।
मैंने अपने घर वालों को फ़ोन करके बोल दिया कि मैं आज विकास के घर रुकूँगा। दस मिनट बाद विकास आ गया, मैंने दोनों की जान पहचान करवाई और उसे कहा- अभी हम लोगों को खाना खाना है।
हमने पूनम का सामान कार में रखा और तीनों बैठ गए। विकास ने डिनर का आर्डर फ़ोन पर दे दिया।
करीब 15 मिनट बाद हम विकास के घर पर पहुँच गये। मैंने उतर कर घर का मेन गेट खोला और विकास कार को अंदर ले आया।
मैंने बाकी दरवाजे खोले और विकास पूनम का सामान ले आया। विकास ने पूनम का सामान एक बेडरूम में रख दिया और वापिस आ गया।
जहाँ पूनम रुकी हुई थी, मैं उस बेडरूम में गया। वो अपना बैग खोल कर कपड़े निकाल रही थी जो उसको रात को पहनने थे। मैं उसके पास गया और वो मुझे देख कर मुस्करा दी।
मैंने उसे कहा- कपड़े बदल कर नीचे आ जाना ! खाना आ गया है।
मैं और विकास खाना लगाने लगे और पूनम कपड़े बदल कर टेबल के पास जाकर बैठ गई।
उसने हल्के नीले रंग का टॉप और काला पजामा पहना हुआ था। थोड़ी देर में खाना लग गया, हम लोग आपस में बात करते हुए खाना खाने लगे।
हम लोग ऐसे बात करने लग गये जैसे हम आज से नहीं कई सालों से जानते हों एक दूजे को !
हमने अपना डिनर ख़त्म किया, टेबल को साफ़ किया और बर्तन रसोई में ले जा कर साफ़ करने लगे तो पूनम भी आकर मदद करने लगी।
विकास ने उसे कहा- आप हमारे मेहमान हो, आप बेडरूम में जाकर आराम करो, दिलजीत थोड़ी देर में आपके पास आता है।
और वो शरमा कर हंस कर चली गई बेडरूम में ! मैंने और विकास ने सब सफाई कर दी, मैंने विकास से कंडोम लिए, पन्द्रह मिनट बात की और पूनम के बेडरूम में चला गया।
मैंने दरवाजा खोला, जाकर बेड पर बैठ गया तो पूनम उठ कर बैठ गई। मैंने उसका हाथ पकड़ कर उस पर चुम्बन किया और उसे अपने गले से लगा लिया। मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया, पूनम भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैंने उसे कस कर अपने सीने से लगा लिया।
हम दोनों एक दूजे को बेतहाशा चूमे जा रहे थे, फिर मैं उसके गले को चूमने लग गया। मैंने उसका टॉप उतार दिया, उसने सफ़ेद रंग की ब्रा पहनी हुई थी, मैं ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियाँ दबाने लगा।
पूनम आह..ह्ह… ऊफ़…र… अ..अ… अ…हो… की आवाज निकल रही थी. मैंने उसका पजामा भी उतार दिया। उसकी काली रंग की पेंटी थी, क्या मखमली टाँगें उसकी बिल्कुल दूध जैसी ! अब बारी थी उसको पूरी नंगी करने की। उसका बदन ! क्या बताऊँ, करीब 36-26-36 का होगा। मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसे दोबारा पकड़ कर चूमने लगा।
मैंने उसकी ब्रा उतार दी, क्या चूचियाँ थी उसकी बिल्कुल दूध जैसी सफ़ेद और उन पर गुलाबी रंग के चुचूक ! लाजवाब ! मैं उसकी चूचियाँ चूसने लगा उसे बहुत ही मजा आ रहा था, वो कह रही थी- और जोर से चूसो।
मैं जोश में आकर उसकी चूचियाँ जोर जोर से चूसने लग जाता और कभी एक हाथ से उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को सहला देता था।
थोड़ी देर मैंने उसके चूचे चूसे। वो भी अब पूरी गर्म हो गई थी। मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी। चूत पर एक भी बाल नहीं था, शायद उसी दिन ही घर पर बाल साफ़ किए हों ! मस्त लग रही थी उसकी चूत !
मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ लगा दी और चाटने लगा। उसकी चूत से कुछ लिसलिसा सा पानी निकल रहा था, नमकीन सा स्वाद था !
अब उससे रहा नही गया, वो बेताबी से मेरा लण्ड पैंट के ऊपर से पकड़ पर दबाने लगी। मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए, जल्दी जल्दी क्यूंकि अब मुझसे भी कण्ट्रोल नहीं हो रहा था।
पूनम मेरा लण्ड देख कर बोली- इतना लम्बा और मोटा मेरी फुद्दी में कैसे जायेगा?
मेरे लण्ड का साइज़ 7′ लम्बा है और 3′ मोटा है।
फ़िर पूनम अपने मुँह में मेरा लण्ड लेकर चूसने लगी जैसे कोई आइसक्रीम चूसता है।
मुझे बहुत मजा आ रहा था कसम से !
मैंने कहा- छोड़ो, नहीं तो तुम्हारे मुँह में ही मेरा गिर जाएगा ! उसने छोड़ दिया और कहा- जल्दी से फुद्दी में घुसा ! अब बर्दाश्त नहीं होता !
फिर मैं उसकी फुद्दी पर अपना लण्ड रख कर अन्दर करने लगा तो बोली- आराम से करना ! अभी यह सिर्फ़ दूसरी बार है। क्रीम लगा अपने लण्ड पर ! नहीं तो दर्द होगा !
मैंने झट से क्रीम अपने लण्ड पर और उसकी फुद्दी पर लगाई और लंड को उसकी फुद्दी में घुसाने लगा।
उसे बहुत दर्द हो रहा था पर मेरा लण्ड धीरे धीरे उसकी फुद्दी में घुस गया, उसको तकलीफ हो रही थी, उसने कहा- उई… ईई… ईए… थोड़ा धीरे से कर ना !
मैंने उसे पूछा- पहली बार कब किया था? तो उसने कहा- एक हफ्ता पहले बॉयफ़्रेन्ड के साथ ! मगर वो ठीक तरह नहीं कर पाया था। वो सिर्फ पूनम की सील ही तोड़ सका, उसे संतुष्ट नहीं कर सका तो अब मेरी बारी थी कुछ करने की !
मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में दबा दिया। उसने कहा- थोड़ा रुक जा, अभी दर्द हो रहा है। मैंने अपना लण्ड को अन्दर ही रहने दिया ! जब उसका दर्द कम हुआ तो मैं अपना लण्ड उसकी फुद्दी में और आगे करने लग गया।
उसे दर्द हो रहा था। फिर मैं उसकी चूत में लण्ड अन्दर-बाहर करने लगा। थोड़ी देर बाद उसे भी मजा आने लग गया, वो भी नीचे से अपनी गाण्ड हिला-हिला कर मेरे लण्ड के ठुमकों को जवाब दे रही थी।
मस्त चुद रही थी वो ! उई… ई… ई… ई… आ… आ… आह्ह… उफ्फ… की आवाजें निकल रही थी उसके मुँह से ! कभी कभी मेरी पीठ पर अपने नाख़ून भी गड़ा देती ! वो पूरे जोश में चुदवा रही थी मेरे नीचे लेट कर मजे से !
उसने कहा- हई… ई… ई… मजे से चोद राजा ! आज मिला है असली लण्ड ! मजे से जोर-जोर से चोदो मुझे ! वो फिर जोर जोर से अपनी कमर हिलाने लगी, मेरे लण्ड को धक्के मारने लगी, पूरी मस्ती में थी वो, कह रही थी- जोर से चोद ! जोर से ! और जोर से ! मैं भी जोर जोर से चुदाई कर रहा था उसकी, मुझे भी बहुत मजा जा रहा था।
फिर उसका शरीर अकड़ने लगा। वो मुझे जोर से पकड़ कर झरने लगी, फ़िर वो झर कर शांत हो गई, पर मेरा माल नहीं निकला था अभी, मैं अभी भी लगा हुआ था। उसके कहा- जल्दी कर, अब दुख रहा है ! मैंने कहा- थोड़ी देर और लगेगी। उसने कहा- ठीक है, जल्दी कर !
मैंने भी अब अपने धक्के तेज कर दिए और अब मेरी भी बारी झरने की थी। मैंने कहा- कहाँ निकालूँ अपना माल? तो उसने कहा- अंदर ही डाल दे ! फिर मैं भी आहा… आआ… आ… उह़ा… कर के उसकी चूत में झर गया।
बहुत ही मजा आया उसकी चूत मारने में ! हम दोनों ने उस रात करीब 4 बार चुदाई की थी। मुझसे चुदने के बाद उसने अपने यार को जवाब दे दिया और हम दोनों का संबंध तीन साल तक चला और उसने अपनी कई सहेलियाँ को मुझसे और विकास से चुदवाया।
उसकी सहेलियों की कहानी फिर कभी… दोस्तो, मेरी कहानी आपको कैसी लगी, मुझे मेल करके बताना ! [email protected] 3237
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000