This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
नमस्कार दोस्तो, आंटियो, भाभियो,
मेरा नाम पंकज है और मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ। मैं एक कॉल बॉय हूँ, यह मेरी पहली कहानी है, मेरे जीवन की सच्ची घटना है।
यह उस वक़्त की बात है जब मैं पढ़ता था। हमारे घर के बगल में एक महिला दर्जी की दुकान यानि बुटीक थी जो उन्होंने घर में ही खोल रखी थी। मैं उन्हें आंटी कहता था पर उनका नाम अनीता है, उनके परिवार में उनका पति, उनकी बेटी और एक छोटा बेटा था।
अनीता आंटी बहुत ही कमसिन औरत थी, शादी के इतने दिनों बाद भी उनकी खूबसूरती बरकरार थी, वो बहुत गोरी, पतली, कमर 28, चूचियाँ 34 साइज़ की और चूतड़ ऐसे कि देखते ही किसी का भी लण्ड खड़ा हो जाये। पर उसका पति एक काला सा आदमी था वो शायद अपने पति से खुश नहीं थी और हमेशा लड़ती रहती थी, मेरा उनके घर कभी-कभार आना जाना था और हमेशा दिमाग में उसको चोदने का ख्याल रहता था।
जब भी मैं उनके बुटीक पर जाता और वो झुकती तो उनकी गोरी चूचियाँ उसके सूट में से साफ़ दिखाई देती और मेरा लण्ड उनको चोदने के सपने देखने लगता। पर मैं उसे मुठी मार कर शांत कर लेता।
एक दिन जब मैं उनके घर गया तो घर सूना-सूना सा था, मैंने सोचा कि शायद घर में कोई नहीं है, पर मुझे आखिर वाले कमरे से कुछ आवाज़ आई तो मैंने जाकर देखा कि अनीता आंटी रो रही थी।
मैं अन्दर गया तो वो मुझे देख कर आँसू पौंछने लग गई। मैंने पूछा- आंटी क्या हुआ?
वो बोली- कुछ नहीं !
मैंने कहा- ..प्लीज ! आप मुझे बता सकती हो, मैं किसी को नहीं बताऊँगा ! तो वो फ़ूट फ़ूट कर रोने लगी और मुझे कहा- मैं तुम्हारे अंकल से बहुत परेशान हूँ।
मैंने कहा- क्या हुआ?
वो बोली- वो मुझे कोई सुख नहीं दे सकते !
मैंने पूछा- कैसा सुख आंटी?
मैं समझ गया था पर मैंने एक्टिंग की और पूछ लिया।
वो अपने आपे में नहीं थी और रोती रोती बोली- मुझे उनके साथ सेक्स करना पसंद नहीं वो कुछ मज़ा नहीं दे पाते ! पर मैं सेक्स करना कहती हूँ मेरा बहुत मन करता है सेक्स करवाने का !
यह कहते ही वो एकदम चुप होकर मेरी तरफ देखने लगी और बोली- यह मैंने क्या बोल दिया तुम्हारे सामने पंकज ! प्लीज तुम यह बात किसी को मत कहना !
मैंने कहा- नहीं आंटी ! मैं किसी को नहीं कहूँगा, आप चिंता न करो।
मैं उनसे बोला- आप फिर किसी और के साथ क्यों नहीं कर लेती? वो बोली- किस पर मैं इतना विश्वास कर सकती हूँ कि वो मेरे साथ सेक्स कर ले और किसी को ना बताए।
मैंने कहा- आंटी ट्रस्ट तो अभी अभी किया है आपने मेरे पे !
यह बात सुनते ही उनकी आँखों में एक चमक आ गई और उन्होंने मेरे हाथ पकड़ लिया। हाथ पकड़ते ही मानो मेरे बदन में कर्रेंट सा लग गया हो, मुझे मेरे सपने पूरे होते नज़र आ रहे थे।
उन्होंने मुझे अपनी बाहों में ले लिया। मैं उनकी गर्दन को चूमने लगा और जैसे ही उन्होंने मुझे अपनी बाहों में ढील दी, हमारे होंठ एक दूसरे के होंठों में समां गए, हम दोनों एक दूसरे के होठों को पागलों की तरह चूसने लगे और उन्होंने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी। मैं उनकी जीभ को चूसने लगा, हमारे बदन में जैसे आग लग गई थी। मैं एक हाथ से उनकी चूचियाँ दबाने लगा और किस करना बंद करके मैंने उनका शर्ट उतार दिया और झटके से उसके काले रंग के ब्रा को उनकी चूचियों से हटा कर चूचियाँ चूसने लगा और वो आहें भरने लगी। मैं एक चूची को चूसता तो दूसरी को हाथ से दबाता। कुछ देर ऐसा ही चलता रहा और फिर मैंने उनकी सलवार उतार दी और उनके गुलाबी रंग के पैंटी को धीरे से उनकी जांघों से अलग कर दिया। क्या कमाल की चूत थी ! छोटे छोटे बालों के बीच से मानो मुझे बुला रही हो।
मैंने अपनी उंगली उसमें डाल दी। अनीता आंटी एकदम से चीख उठी, मैं धीरे से अपनी उंगली अन्दर-बाहर करने लगा और फिर मैंने दो उंगलियों से ऐसे ही किया।
फिर मैं उनकी चूत पर अपना मुँह रख कर अपनी जीभ से उसे चाटने लगा। अनीता आंटी बोली- यह सुख मुझे आज तक नहीं मिला था पंकज, जो तुमने आज दिया है। करो और जोर से चाटो !
तकरीबन दस मिनट तक चाटने के बाद उनकी चूत बिल्कुल गीली हो गई थी और तब मैंने अपने कपड़े उतारे।
मेरा लण्ड देख कर वो बोली- यह कितना अच्छा है, कितना लम्बा है, बस अब रहा नहीं जाता पंकज, डाल दो इसे और बुझा दो मेरी चूत की आग !
और यह सुनते ही मैं उन पर टूट पड़ा और मैंने धीरे से सरकाते हुए अपना लण्ड उनकी चूत में डाल दिया।
और उन्होंने मुझे कस के पकड़ लिया और मैं धीरे से अन्दर-बाहर करके उन्हें चोदने लगा और वो अपने होठों को अपने दातों के बीच दबा रही थी और बीच बीच में बोल रही थी- जोर से ! कितना अच्छा लग रहा है ! करो ! और जोर से करो ! बुझा दो आज इसकी आग ! कर दो इसे शांत !
मैं यह सुनते ही और जोर से चोदने लगा और साथ में उनकी चूचियों को दबाता रहा। तकरीबन 20 मिनट चोदने के बाद आंटी और मैं दोनों झड़ गए और एक दूसरे के ऊपर लेट कर चूमने लगे, हम एक दूसरे के होठों और जीभ को बहुत देर चूसते रहे।
जल्दी ही मेरा लौड़ा दुबारा खड़ा हो गया और वो बोली- अब दुबारा करो ! इतना मज़ा मुझे कभी नहीं आया जितना तुमसे आज चुद कर आया है !
हमने दुबारा सम्भोग किया। अब भी अक्सर जब घर पर वो अकेली होती हैं, हम एक दूसरे की प्यास बुझा देते हैं।
आपको मेरी कहानी कैसे लगी, प्लीज़ ईमेल करके ज़रूर बतायें।
[email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000