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अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार!
मेरा नाम अमित है, मैं पुणे का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 24 साल है और मेरे लंबे लंड के बारे में कहने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि
मैं जिसी लड़की को चोद्ता हूँ वो तो जान ही जाती है। पुणे के ठंड के मौसम में मेरा लंड कुछ ज्यादा ही खड़ा होता है।
मैं जो कहानी आपको बताने जा रहा हूँ वो तब की है जब मैं 22 साल का था। दिसम्बर का महीना चल रहा था। ठण्ड पड़ रही थी, मैं मन ही मन में सोचता था कि कोई मस्त माल मुझे चोदने को मिल जाये।
ऐसे में मेरा नसीब खुल गया। मेरा एक दोस्त मुझे एक पार्टी में ले गया। वहाँ का क्या महौल था, सब लोग नशे में नाच रहे थे, जोर से
संगीत बज रहा था, मेरी नजर एक औरत पर पड़ी, वो तो मानो हुस्न की मलिका थी, कमाल का फ़िगर था, उसे देखते ही मैं होश खो बैठा।
वो अकेली थी शायद उसे किसी की जरूरत थी।
मैं मौका देख कर उसके पास गया और उससे बात करने लग गया। मुझे पता चला कि उसका नाम ईशा है, वो एक डॉक्टर है। जान-पहचान करने के बाद वो मुझसे खुल कर बातें करने लगी।
थोड़ी देर बाद उसे किसी का फोन आया और उसने मुझे कहा- मुझे कहीं और जाना है। उसने मुझे उसका नंबर दिया और कहा- हम बाद में मिलते हैं। मुझे कल काल करना। मैं उसके मन की बात समझ गया था।
दूसरे दिन मैंने उसे फोन किया तो उसने कहा- रविवार के दिन ठीक एक बजे मेरे घर पर आ जाना! उसने अपना पता बताया और मैं ठीक एक बजे उसके घर चला गया, उसने दरवाजा खोला, वो बड़ी सेक्सी लग रही थी।
मैं अन्दर गया तो घर अन्दर से सजा हुआ था। मैंने पूछा- यह क्या है? तो वो बोली- आज मेरा जन्मदिन है।
मैंने उसे विश किया और काम पूछा तो उसने कहा- आपके साथ में जन्मदिन मनाना है। मैंने कहा- आप मुझे पहले ही बता देती तो मैं आपके लिए गिफ्ट ले आता। उसने कहा- वो तो मैं अपनी पसंद से लूंगी। मैंने कहा- आपको जो चाहिए वो मैं आपको देने के लिए तैयार हूँ। मैंने पूछा कि आपको क्या चाहिए तो उसने कहा- लंड!
मैं सुनकर चौंक गया, मैंने कहा- वो तो मेरे पास एक ही है, वो मैं आपको कैसे दे सकता हूँ? उसने कहा- नाटक मत करो और जल्दी तैयार हो जाओ! मैं बहुत खुश था, उसने कहा- अपने कपड़े उतारो!
मैंने अपने कपड़े उतार दिए, उसने मेरा खड़ा लंड हाथ में पकड़ा और कहा- आज से यह लंड और इस लंड का मालिक मेरे गुलाम हैं। अचानक उसने मुझे गाल पर प्यार से एक चांटा मारा और बोली- केक लेकर आओ! मैंने पूछा- केक कहाँ है?
उसने कहा- फ्रिज में रखा है। मैं नंगा ही केक लेने गया, केक लेकर आया और उसे मेज पर रख दिया। उसने अपना मोबाइल उठाया और कॉल किया, वो बोली- केक काटने का टाइम हो गया है, जल्दी आ जाओ। तभी पीछे का एक दरवाज़ा खुला और 5-6 औरतें अन्दर आ गई जिनकी उम्र 25 से 30 साल की थी। मुझे शर्म आ रही थी। उनमें से एक बोली- ईशा, इंतजाम तो बहुत अच्छा किया है। ईशा बोली- चलो प्रोग्राम जल्दी शुरू करते हैं।
ईशा ने केक काटा और चाक़ू से केक मेरे लंड पर लगाकर लंड को मुह में लेकर चूसने लगी।
फिर ईशा ने मुझसे कहा- नयना को केक खिलाओ! मैंने एक केक का टुकड़ा लिया और अपने लंड पर मसल दिया अब मैं तो नयना को जानता नहीं था तो में उनमें से एक औरत के पास गया तो उसने मुझे उल्टा किया और मेरे चूतड़ों पर दो चांटे रसीद कर दिए। मैं दूसरी के पास गया तो उसने भी वैसा ही किया। तब मैं तीसरी के पास गया तो उसने भी वैसा ही किया लेकिन मैं जैसे ही चौथी के पास गया तो उसने झट से मेरा लंड चाटकर साफ़ कर दिया और नयना अपने कपड़े उतारकर अलग बैठ गई।
इसी तरह से मैंने सबको बारी बारी से केक खिलाया और एक एक करके सब नंगी हो गई और मिलकर डांस करने लगी।
ईशा भी नंगी हो गई और सोफे पर लेट गई।
उसके बाद एक औरत बोली- आज ईशा का जन्मदिन है इसलिए आज सिर्फ ईशा ही चुदेगी और बाकी हम अपने अपने तरीके से एन्जॉय करेंगी।
इतने में ईशा ने ढेर सारा केक अपनी नंगी चूत में लगा लिया, मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर रखा और चाटने लग गया, फिर अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया। उधर बाकी औरतें एक दूसरी की नंगी चूत गांड में उंगली कर रही थी।
तभी एकदम से एक औरत मेरे पास आई और उसने अपना मुँह खोल लिया। मैंने अपना लंड चूत से निकालकर उसके मुँह में डाल दिया। इधर ईशा उल्टी लेट गई और केक की क्रीम को अपनी गांड में लगाने लगी।
मैं सब समझ चुका था, मैंने लंड उसकी गांड के छेद पर टिकाया और जोर से धक्का मारा। एक ही बार में पूरा लंड अन्दर, वो जोर से चिल्ला पड़ी, मुझे मजा आ रहा था, जैसे ही मैंने अपना लंड गांड से निकाला तो फटाफट एक औरत ने अपने मुँह में लपक लिया और चूसने लगी, फिर उसने वापस लंड को ईशा की चूत पर टिका दिया तो मैंने धक्का मारा, लंड सरकता हुआ चूत के अन्दर चला गया।
मैं पूरी ताकत से उसे चोद रहा था। 15 मिनट बाद ईशा स्खलित हो चुकी थी, मैंने भी जोर लगाकर अपना पूरा पानी चूत के अन्दर छोड़ दिया।
थोड़ी देर बाद मैंने अपना लंड निकाला तो ईशा की चूत से नदी बह रही थी उसकी सब सहेलियों ने उसकी चूत का पानी पिया और उसके बाद हम सब नंगे सोफे पर बेठ गए। थोड़ी देर बाद सब औरतें मेरे लंड के साथ खेलने लगी। वो बारी बारी मेरे लंड पर केक लगा कर जोर से चूस रही थी, मुझे बहुत मजा आ रहा था।
सबने मिल कर दो बार मेरे लंड से पानी निकाला और पी लिया। मैं बहुत थक चुका था।
थोड़ी देर बाद ईशा मुझसे बोलने लगी- ये सब मेरी सहेलियाँ हैं, आज इनकी चूत चुदाई नहीं हुई है, अगली बार तुम्हें इन सबकी भी चुदाई करनी है।
मैंने पूछा- ये औरतें आपके पास कहाँ से आती हैं?
वो बोली- मैं एक लेडी डॉक्टर हूँ, इलाज के समय औरत की नंगी चूत और गांड देखकर पता लगा लेती हूँ कि उसने कितना लंड खाया है, बस फिर उसे भी अपनी पार्टी में शामिल कर लेती हूँ।
फिर सबने मुझे पाँच पाँच सौ रुपए दिए और बोली- अब हम भी तुम्हें अपने घर बुलाकर चुदाई कराएंगे।
फ़िर मैंने बारी बारी उनके घर जाकर उनकी खूब चुदाई की।
मेरी कहानी आप सबको कैसी लगी, मुझे जरुर मेल कीजिएगा। [email protected]
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