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अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार !
आप सबने मेरी कहानियाँ
मेरे साथ पहली बार और मेरे अंकल
पढ़ी, उनके लिए मुझे बहुत सारे मेल भी आये, मुझे बहुत अच्छा लगा पर मैं सबके मेल का जवाब नहीं दे पाई उसके लिए मैं माफी चाहती हूँ।
एक बार फिर मैं आपके सामने अपनी एक बहुत ही हसीन आपबीती लेकर उपस्थित हुई हूँ, आशा करती हूँ कि आप लोगों को पसंद आएगी।
यह घटना लगभग छः महीने पहले की है तब मैं एक कोचिंग में ट्यूशन के लिए जाती थी, वहाँ एक टीचर थे मयंक, जो मुझे काफी पसन्द करते थे और मैं भी उन्हें पसन्द करती थी, मैं उन्हें मयंक सर कहा करती थी।
कोचिंग स्कूल मेरे घर से काफी दूर था इसलिए मैं अपनी स्कूटी से जाती थी।
एक दिन मेरी कुछ किताबें कोचिंग में ही छुट गई और मैं घर आ गई। घर आने के बाद मुझे लगा कि शायद मेरी किताबें कोचिंग में ही रह गई हैं।
अगले दिन जब मैं ट्यूशन के लिए कोचिंग गई, तो वहाँ मुझे मयंक सर ने कहा- रोमा, कल तुम अपनी किताबें कोचिंग में ही भूल गई थी, वो मेरे पास हैं, पर मैं भी उन्हें घर भूल आया हूँ, तुम मेरे साथ घर चल कर अपनी किताबें ले लेना।
मैंने कहा- ठीक है सर !
उस दिन कोचिंग में मेरी क्लास जल्दी छुट गई, सर ने मुझे कहा- चलो रोमा, घर चल कर अपनी बुक्स ले लो !
मैं सर के साथ उनके घर चली गई।
सर के घर में कोई नहीं था मैंने सर से कहा- क्या आप अकेले रहते हैं?
तो उन्होंने कहा- नहीं, पापा मम्मी भी हैं, पर वे अभी एक रिश्तेदार के यहाँ शादी में गये हुए हैं।
सर ने कहा- रोमा, बैठो, मैं तुम्हारे लिए कॉफी लेकर आता हूँ।
मैंने कहा- सर, आप मुझे मेरी बुक्स दे दो, मुझे घर जाना है।
तो सर ने कहा- चली जाना रोमा, पर कॉफ़ी तो पी लो ! और वैसे भी आज क्लास जल्दी ही छूट गई है।
थोड़ी ही देर में सर ने कॉफ़ी लेकर आ गये, मुझे कॉफ़ी दी और मेरे ही पास बैठ गये, मुझसे कहने लगे- रोमा, अगर तुम्हें स्टडी में कोई भी प्रोब्लम हो तो तुम मेरे घर आकर मुझसे पूछ लिया करो !
मैंने कह दिया- ठीक है !
इतने में वो अपने पैर से मेरे पैर को सहलाने लगे। मैंने कॉफ़ी पी और कहा- अब मुझे जाना है सर, आप बुक्स दे दीजिए।
उन्होंने मेरी पुस्तकें दी और मैं आने लगी तो सर ने मुझे पीछे से आकर मेरे बूब्स पकड़ लिए और दबाने लगे।
मैंने कहा- यह क्या कर रहे हो सर आप?
इतने में उन्होंने मुझे अपनी तरफ किया और मेरे होंटों को चूमने लगे। मैं भी तो यही चाहती थी तो मैं सर का साथ देने लगी और उनके होंटों को चूमने लगी।
सर ने मुझे वहीं सोफे पर लिटा दिया और मेरे उरोज दबाने लगे। इतने में मेरे मोबाइल में मेरे घर से फ़ोन आया तो मैंने अपने आप को सर की बाहों में से छुड़ाया और कहा- अभी मुझे घर जाना है, घर से फ़ोन आया है।
सर कहने लगे- प्लीज़ रोमा, थोड़ी देर रुक जाओ, फिर चली जाना।
मैंने कहा- नहीं सर, अभी मुझे जाना है। फिर कभी करेंगे।
अगले दिन जब मैं फिर कोचिंग गई तो क्लास छूटने के बाद सर ने मुझे कहा- रोमा, कल तुम्हारी बहुत याद आई यार !
और सर ने मुझे एक गिफ्ट दिया तो मैंने उनसे कहा- इसमें क्या है?
तो उन्होंने कहा- इसे तुम घर जाकर अकेले में खोलना !
और कहा- क्या हम लोग इस संडे को मिल सकते हैं?
मैंने हाँ कर दी और कहा- सर, बताइए तो इसमें है क्या?
तो उन्होंने कहा- प्लीज़ रोमा, तुम इसे घर में अकेले में खोलकर देख लेना।
मैं उस गिफ्ट को लेकर घर आई और अपने कमरे में जाकर दरवाजे को लॉक करके उस गिफ्ट को खोलने लगी।
उसमें बहुत ही सुन्दर काले रंग की ब्रा और पेंटी थी और उसमें एक लैटर था, उसमें लिखा था- रोमा, संडे को तुम यही ब्रा और पेंटी पहन कर आना ! मुझे अच्छा लगेगा।
कुछ देर बाद सर का फ़ोन आया, उन्होंने कहा- रोमा गिफ्ट कैसा लगा?
मैंने कहा- बहुत अच्छा है, पर आप एक बात बताओ कि आपको कैसे पता कि मैं किस साइज़ की ब्रा और पेंटी पहनती हूँ?
तो सर ने कहा- कल जब तुम मेरी बाहों में थी तो पता लगा लिया था कि तुमको किस साइज़ की ब्रा और पेंटी आएगी।
मैंने कहा- आप बिल्कुल सही आकार की ब्रा-पैन्टी लाए हैं।
फिर सर ने कहा- रोमा, तो इतवार का प्रोग्राम पक्का ना? मैं तुम्हारा इन्तजार करूँगा !
मैंने हाँ कर दी।
आखिर संडे आ गया, मैंने नहा कर वही ब्रा और पेंटी पहन ली और फिर अपनी जींस और टीशर्ट पहन कर मैं सर के घर पहुँची।
मैंने दरवाजे की घंटी बजाई तो सर ने दरवाजा खोला। वो लोअर और बनियान में थे, उन्होंने कहा- आ जाओ रोमा अन्दर ! मैं तुम्हारा ही इन्तजार कर रहा था।
मैं अन्दर जाकर सोफे पर बैठ गई।
सर भी मेरे पास आ कर बैठ गये और कहने लगे- रोमा, मुझे तुमको कुछ दिखाना है ! क्या तुम देखना चाहोगी?
मैंने कहा- हाँ जरूर देखूँगी !
तो सर दूसरे कमरे में गये और अपना लेपटोप लेकर आये, उसे चालू कर उसमें एक वीडियो चला दिया। उस विडियो में एक चुदाई का सीन चल रहा था।
मैं वो विडियो देखने लगी, सर मेरी जांघ पर हाथ फिराने लगे और कहा- रोमा मैंने जो तुम्हें गिफ्ट दिया था, आज तुमने वही पहना है ना?
मैंने कहा- हाँ, आज मैंने वही ब्रा और पेंटी पहनी है।
मैं वो विडियो देखकर गर्म होने लगी थी।
फिर सर ने कहा- रोमा, क्या मैं देख सकता हूँ कि तुम कैसी लग रही हो उनमें?
मैं शर्माने लगी तो सर ने मेरी टीशर्ट उतार दी और मुझे वही सोफे पर लिटा दिया और मेरे होंटों को चूमने लगे, मेरे चूचे दबाने लगे। काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे को चूमते रहे, मुझे बहुत मजा आ रहा था।
फिर सर उठे और मेरी जींस का बटन खोल कर मेरी जींस उतार दी और कहने लगे- रोमा आज तो तुम इस ब्रा और पेंटी में बहुत खूबसूरत लग रही हो !
फिर सर ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और अपने कमरे में ले गए, मुझे बेड पर बिठा दिया।
फिर उन्होंने अपने लोअर को थोड़ा नीचे सरका कर अपना लंड निकाल कर मेरे होंटों से लगा दिया और कहने लगे- लो रोमा, चूसो इसे ! मैं तो उनका लंड देख कर हैरान रह गई, इतना बड़ा और मोटा था वो ! इतना अच्छा लंड देख कर मैंने तो उनके लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
मुझे उनके लण्ड को चूसना बहुत अच्छा लग रहा था, दस मिनट तक मैं सर के लंड को चूसती रही।
फिर उन्होंने अपना लंड मेरे मुँह से निकाला, मुझे बेड पर लिटा दिया और अपने सारे कपड़े उतार कर मेरे ऊपर आकर मेरे बूब्स दबाने लगे।
मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी।
फिर उन्होंने ब्रा का हुक खोल कर ब्रा को उतार दिया और मेरे निप्प्ल को चूसने लगे और एक हाथ से मेरी चूत को सहलाने लगे।
मैं आ आआ आह ह्ह्ह अह अह उइ उइ करके सिसकारने लगी।
फिर वो बूब्स को चूमते हुए नीचे आने लगे और पेंटी के ऊपर से मेरी चूत को चूमने लगे और अपने दोनों हाथों से मेरे बूब्स दबाने लगे। मैं कहने लगी- सर, थोड़ा धीरे धीरे दबाओ !
तो उन्होंने कहा- रोमा, तुम मुझे सर मत कहो, मुझे तुम मयंक ही कहो।
मैंने कहा- ठीक है !
फिर उन्होंने मेरी पेंटी भी उतार दी और चूत को पागलों की तरह चूसने लगे और मेरी सीत्कारों से सारा कमरा गूंजने लगा।
मैं भी उनके सर को अपनी चूत में दबा रही थी, मुझे बहुत मजा आ रहा था।
फिर उन्होंने लंड को मेरे मुंह में दल दिया, मैं लंड को चूसने लगी।
और फिर कुछ देर के बाद सर ने कहा- रोमा, क्या अब मैं अपना लंड तुम्हारी चूत में डाल दूँ?
मैं कहने लगी- हाँ मयंक ! डाल दो ! अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा !
तो उन्होंने लंड को मेरी चूत पर रखा और लंड से मेरी चूत को सहलाने लगे, फिर धक्का लगाया पर लंड अन्दर नहीं गया तो उन्होंने एक और जोर का धक्का मारा तो उनका आधा लंड मेरी चूत के अन्दर चला गया और मेरी चीख निकल गई, मैं कहने लगी- मयंक निकालो अपने लंड को बाहर ! मुझे बहुत दर्द हो रहा है।
तो वो कहने लगे- थोड़ा तो दर्द होगा रोमा !
और वो मेरे ऊपर लेट कर मेरे होंटों को चूमने लगे।
फिर सर ने एक और जोर का धक्का मेरे तो उन का पूरा लिंग मेरी फ़ुद्दी में चला गया और वो अपने लंड को चूत के अन्दर आगे पीछे करते हुए मुझे चोदने लगे और दोनों हाथों से मेरे बूब्स को भी दबाने लगे।
मेरे मुँह से आ आआ आआऊ ऊऊ ऊईई ईई ईईइ आ आह्ह्ह ह्ह्ह की आवाजें निकलना और तेज हो गई, मुझे और मजा आने लगा, मैं कहने लगी- मयंक, और जोर जोर से चोदो ! मुझे बहुत मजा आ रहा है।
यह सुनते ही सर ने उनकी स्पीड और बढ़ा दी।
इतने में मैं झड़ गई पर सर अभी भी पूरे जोश में थे और मुझे चोदे जा रहे थे।
फिर वो कहने लगे- रोमा, मैं भी झड़ने वाला हूँ।
और उन्होंने अपना सारा माल मेरी चूत के ऊपर छोड़ दिया और मेरे ऊपर ही लेट गये।
काफी देर तक हम वैसे ही पड़े रहे, फिर मैं उठ कर बाथरूम में चली गई और अपने आप को साफ करने लगी।
तभी सर फिर पीछे से आकर मेरे बूब्स दबाने लगे और अपने लंड को मेरी गांड से लगा दिया और कहने लगे- चलो रोमा, आज मैं तुम को नहलाता हूँ।
और उन्होंने शॉवर चालू कर दिया, वो मेरे बूब्स पर साबुन लगाने लगे और बूब्स को जोर जोर से दबाने लगे। फिर उन्होंने साबुन मेरी चूत पर लगाया और उसे भी सहलाने लगे।
मैं फिर से गरम हो गईम सर का लंड भी फिर से खड़ा हो गया था तो मैं नीचे बैठ कर उनके लंड को चूसने लगी।
फिर सर ने मुझे वहीं बाथरूम के फर्श पर लिटा दिया और मेरी चूत को चूसने लगे।
मैं फिर सिसकारिया भरने लगी, कुछ देर बाद सर ने लंड को मेरी चूत पर रखा और मुझे फिर चोदना चालू किया।
मैं भी पूरे मजे के साथ चुद रही थी। सर कहने लगे- रोमा, मैं फ़िर से झड़ने वाला हूँ।
और वो झड़ गये। फिर हम साथ साथ नहार और मैं अपने कपड़े पहन कर अपने घर आ गई।
तो दोस्तो, यह थी मेरी मयंक सर के साथ की चुदाई !
उम्मीद करती हूँ कि आपको पसंद आयेगी।
तो आप मुझे मेल करके जरूर बताइयेगा।
रोमा
मेरा मेल आईडी है
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