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दोस्तो, मैं चाहत हूं। मेरा गोरा चिट्टा रंग, कद 5’7″ और फिगर 34-24-34 … मुझे लगता है कि मेरे बारे में इतनी जानकारी आपको मेरे लिए पागल बनाने के लिए काफी है। दोस्तो, मैं गूगल हैंगआउटस पर भी हूं लंबे और सेक्सी रोल प्ले के लिए!
दोस्तो, मैं जानती हूं कि अगर मैं आपके या किसी के साथ में होऊंगी तो ना तो कोई खुद सोएगा और ना ही मुझे सोने देगा। भगवान ने मुझे इतनी फुर्सत से जो बनाया है।
सुंदर और तीखे नैन नक्श, 34 के गोल और सख्त बूब्स, 24 की पतली कमर, गहरी चूत, 34 की गोल मटोल मटकती गान्ड और मेरा मक्खन मलाई जैसा शरीर। मैं जब चलती हूं तो लोग मुझे ताड़े बिना नहीं रह सकते और मुझमें बुड्ढों तक के लंड खड़े करने की ताकत है।
यह कहानी भी एक सुंदर सत्य और सेक्सी घटना पर आधारित है जो कि मेरे साथ हुई। मेरी कहानी पर कमेंट जरूर कीजिएगा।
मैं उस वक्त 22 साल की थी जब मैं बैंगलोर में पेपर देने गई। मैं थोड़े दिनों के लिए एक होटल में रुकी। जिस रूम में मैं रुकी थी, वह काफी अच्छा था। उसमें एक किंग साइज बेड, टीवी, अटैचड बाथरूम और बालकनी इत्यादि सुविधाएं थीं।
दो दिन रूम में रहने के बाद मुझे तन्हाई खाने लगी। मुझे नहीं पता था कि मैं अपने खाली वक्त में क्या करूं और मुझे किसी से बात करने की जबरदस्त लालसा होने लगी।
उसी होटल में सबसे ऊपर वाली मंज़िल पर एक जिम था जो कि पूरी तरह शीशे से ढका था और जिसमें एक बालकनी भी थी। बहुत से हॉट और सेक्सी लड़के और लड़कियां वहां पर एक्सरसाइज करते थे।
होटल में तीसरी रात को करीब 8 बजे थे और मैं बहुत अकेली महसूस कर रही थी और सो भी नहीं पा रही थी। इसलिए मैंने अपने लैपटॉप पर पोर्न विडियो देखना शुरू कर दिया। मैंने एकदम से देखा कि एक हॉट और सेक्सी आदमी जिम की बालकनी में खड़ा स्मोक कर रहा था। वो आदमी बहुत लंबा और बहुत मसल्ड था और उसने टैंक टॉप और ट्रैक पैंट्स पहन रखे थे।
मेरा मन किया कि मैं उसके हॉट शरीर के हर हिस्से को किस कर लूं।
मैं यह सोच ही रही थी कि अचानक मुझे एक आइडिया आया। अपने कमरे की खिड़कियों के सारे पर्दे मैंने खोल दिए। इसका मतलब था कि मैं जो कुछ भी करती, वह सब उस कांच की खिड़की से दिखाई देता और जिम की बालकनी में खड़े उस हॉट और सेक्सी आदमी को तो पक्का ही दिखाई देता।
मैंने एक टाईट टीशर्ट और एक छोटी सी स्कर्ट पहन रखी थी जिसमें मेरी मखमली जांघें साफ देखी जा सकती थीं. और नीचे मैंने काली ब्रा और काली पैंटी पहन रखी थी। मैंने ऐसे दर्शाया जैसे मैं बिल्कुल ही नहीं जानती कि मुझे एक लौंडा देख रहा था। सच कहूं तो मुझे भी नहीं पता था कि वह मुझे देख भी रहा था या नहीं।
मैंने अपने लैपटॉप को बेड की एक साइड पे रखा और मैं खुद बेड की दूसरी साइड पर इस तरह आ गई कि अब बालकनी में खड़ा वह मसलड लड़का मेरी पीठ देख सकता था। मैं धीरे धीरे अपनी जांघों को अपने हाथों से मसलने लगी और ऐसा करते करते अपने हाथ अपनी स्कर्ट के अन्दर ले गई।
मैं अपनी चूत को अपनी पैंटी के ऊपर से ही रगड़ने लगी और मादक सेक्सी सिसकारियां लेने लगी। इसके बाद मैंने अपनी स्कर्ट को ऊपर उठाया और अपनी नंगी जाघें और पैंटी के नीचे अपनी चूत के दर्शन उस हॉट नौजवान को कराए।
फिर मैंने धीरे धीरे सेक्सी अंदाज़ में अपनी पैंटी उतारी और ऐसा करते करते मैंने अपने नंगे चूतड़ के दर्शन भी करा दिए उस गरमा गरम लौंडे को। उसके बाद मैंने अपनी टी शर्ट भी उतार दी।
अब वो लड़का पीछे से मुझे सिर्फ ब्रा और छोटी सी स्कर्ट में देख सकता था। “क्या वो मुझे देख भी रहा है?” मैंने अपने मन में सोचा।
उसके बाद मैं बेड पर अपने पेट के बल लेट गई और अपनी स्कर्ट ऊपर करके अपने नंगे चूतड़ और अपनी गान्ड उस नौजवान को दिखाई। ऐसा करने के बाद मैं अपनी पीठ के बल लेट गई और अपनी स्कर्ट ऊपर करके लैपटॉप पर पोर्न वीडियो देखते हुए अपनी चूत ज़ोर से मसलने लगी।
मैंने एक उंगली अपनी चूत में घुसाई और फिंगरिंग करने लगी। कुछ ही पलों में मेरे रोंगटे खड़े हो गए। इसका कारण फिंगरिंग तो था ही पर यह भी था कि मुझे एक अनजान आदमी देख रहा था। कम से कम मैं तो यही समझ के चल रही थी कि वह मुझे देख रहा था।
मैं अपनी चूत मसलते मसलते धीरे धीरे बोलने लगी- आ जा राजा और मेरी चूत की प्यास बुझा जा। 5 मिनट बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाली हूं। मैं बहुत ज़ोर से फिंगरिंग करने लगी जिसकी वजह से मेरी टांगें कांपने लगी और मैंने अपना सारा चूत रस अपने बेड पे ही निकाल दिया। बेड मेरे चूत रस से गीला हो गया और मैं एकदम शांत हो कर अपने चूत रस के ऊपर ही लेट गई। मेरा पूरा बेड मेरे चूत रस की वजह से चिपचिपा हो गया था।
मैं बेड से उठी और ऐसे दर्शाया जैसे मुझे बिल्कुल पता नहीं था कि कोई मुझे देख रहा था। अब भी मेरी पीठ उस लड़के की तरफ थी। मैंने एक कदम और बढ़ाते हुए अपनी ब्रा भी निकाल दी ताकि वो लड़का मेरी सेक्सी नंगी पीठ और मेरे साइड बूब्स देख सके।
फिर मैंने अपनी अलमारी से अपनी नाइटी निकाल के पहन ली लेकिन जब मैंने मुड़ कर देखा तो बालकनी में कोई भी नहीं था। हाय रे मेरी किस्मत! वो लड़का जा चुका था और जिम भी बंद हो चुका था।
मैं बहुत उदास हो गई और नहा कर आई। मैंने एक सिम्पल सी ब्रा और पैंटी पहन ली और ऊपर एक झीनी नाइटी पहन ली जो कि कुछ भी छुपाने में असक्षम थी।
अब आता है कहानी का सबसे मज़ेदार हिस्सा जिसके बारे में मैंने बिल्कुल भी सोचा नहीं था।
रात के 11 बज रहे थे और मैं अभी भी बहुत अकेला महसूस कर रही थी और सो नहीं पा रही थी। मैं फेसबुक पे अपना टाइम पास कर रही थी।
अचानक मेरे दरवाज़े पर दस्तक हुई। पहले मुझे लगा कि रूम सर्विस वाला है कोई पर फिर मैंने सोचा कि रात को 11 बजे क्यूं आएगा कोई? मुझे काफी डर भी लग रहा था दरवाज़ा खोलते हुए।
फिर भी मैंने दरवाज़ा खोला और मैंने देखा कि बाहर वही लड़का खड़ा था जो कि जिम की बालकनी में भी खड़ा था। करीब से वो और भी मस्क्युलर और बड़ा लग रहा था और मुझे देख कर हंस रहा था। उसमें से बहुत ही अच्छी खुशबू आ रही थी और ऐसा लग रहा था जैसे वो अभी अभी नहा कर आया हो।
मुझे अजीब अजीब खयाल आ रहे थे कि कहीं वो मुझे किडनैप ना कर ले। उसने अभी भी एक टैंक टॉप और ट्रैक पैंट्स पहन रखे थे। उसने कहा- रिलैक्स! डरो मत। मैं सिर्फ तुमसे बात करना चाहता हूं। क्या मैं अन्दर आ सकता हूं?
मैंने अनचाहे मन से उसे अन्दर आने दिया। मेरी टांगें कांप रही थीं।
उसने अपना परिचय दिया। उसका नाम अर्जुन था और वह लगातार नाइटी में ब्रा में कैद मेरे मम्मों को घूर रहा था। मैंने भी अपना परिचय उसे दिया, अपना नाम बताया.
अर्जुन- सुनो चाहत! तुम ऊपर वो जिम देख रही हो? उसने ऊपर जिम की बालकनी की तरफ इशारा किया जैसे कि मुझे कुछ पता ही ना हो.
वो बोला- मैं उस जिम में ट्रेनर का काम करता हूं। देखो, नाराज़ मत होना लेकिन कुछ घंटे पहले मैंने तुम्हें बालकनी से आधी नंगी देखा और तुम्हें अपनी चूत में उंगली करते हुए भी देखा. उसने ऐसा हंसते हुए कहा।
मैं बहुत खुश हुई कि मेरा आइडिया काम कर गया लेकिन आश्चर्यचकित होते हुए बोली- क्या? और ड्रामा करते हुए अपनी आंखें झुका लीं।
अर्जुन- चाहत, तुम बहुत हॉट लग रही थी। जब से तुम्हें देखा है, मैं और मेरा लंड दोनों नहीं सो पाए हैं। देखो चाहत, मैं बिल्कुल सीधे बात करूंगा। मुझे लगता है कि तुम बहुत सेक्सी हो और मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूं। लेकिन अगर तुम्हें कोई ऐतराज़ है और तुम कुछ नहीं करना चाहती तो मैं पूरी तरह समझता हूं। मैं तुम्हें अकेला छोड़ दूंगा और फिर तुमसे कभी नहीं मिलूंगा। क्या कहती हो?
मैं- क्या? सेक्स? सच में?
अर्जुन- हां … सेक्स! सच में! मुझे जवाब दो। मुझे पता है कि तुम्हें भी चाहिए। देखा मैंने तुम कैसे एक दमदार लंड के लिए तरस रही थी। मत तरसाओ अपनी जवानी को। मान जाओ। मैं तुम्हें ज़िन्दगी भर का मज़ा दूंगा। तुम्हारी जवानी का रस पी जाऊंगा और तुम्हें इतना मज़ा आएगा कि ज़िन्दगी भर नहीं भूल पायोगी।
मुझे उसकी इस बात का बिल्कुल भी बुरा नहीं लगा बल्कि उसकी ऐसी बातें सुनकर मेरी चूत में आग लग गई। मैं कुछ नहीं बोली और मैंने अन्दर से दरवाज़ा बंद कर लिया और उसे एक कुटिल मुस्कान दी। वो सब समझ गया।
मैं- शुरू करें? वो आगे आया और अपने दोनों हाथ मेरे बूब्स पर रख दिए। उसके जिस्म से जो खुशबू आ रही थी, वो मुझे पागल बना रही थी और मेरे जिस्म की आग को और भड़का रही थी।
उसने मेरी नाइटी उतार दी और मैं अब सिर्फ ब्रा और पैंटी में उसके सामने थी। मेरे निपल्स मेरी ब्रा में सख्त हो गए।
उसने मेरे दोनों हाथ पीछे करके बांध दिए और कहा- जब तक मैं ना कहूं, मुझे छूना मत! मैं हैरान रह गई पर मान गई।
वो मेरे करीब आया और मेरी गर्दन और मेरे कंधों पर चूमने लगा। मैं बहुत एक्साइटेड हो रही थी।
उसकी ट्रैक पैंट में भी तम्बू बन गया था लेकिन मैं कुछ भी नहीं कर सकती थी। फिर एक ही झटके में उसने मेरी ब्रा मेरे जिस्म से अलग कर दी और बहुत ज़ोर ज़ोर से मेरे बूब्स चूसने लगा। वो हल्के हल्के मेरे बूब्स को काट रहा था और अपने हाथों से दबा भी रहा था। उसने कूल्हों से ऊपर के मेरे पूरे जिस्म को जी भर के चूसा।
इसके बाद वो अपने घुटनों के बल बैठ गया और मुझे देखने लगा। मेरी आँखों में चुदाई का नशा उसे साफ नज़र आया होगा।
उसने मेरी पैंटी उतार दी और फिर खड़े होकर अपनी ट्रैक पैंट भी निकाल दी। उसने सफ़ेद अंडरवियर पहना हुआ था और उसका लंड अंडरवियर फाड़ कर बाहर आने को बेताब था।
वो फिर बैठ गया और मेरी पैंटी को मेरी टांगों से निकाल कर सूंघने लगा। मेरी आधी गीली पैंटी की खुशबू उसे बहुत पसंद आई क्यूंकि उसमें मेरा चूत रस था।
कहानी जारी रहेगी. [email protected] [email protected]
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