This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
प्रेषक : विक्रम शर्मा
अभी तक आपने पढ़ा कि कैसे मैं, सोनाली, निकिता आपस में सेक्स करने लगे।
अब आगे:
अब सोनाली जिसे सिर्फ लड़कियाँ पसंद थी, धीरे धीरे उसे मैं पसंद आने लगा था मगर हमने शादी नहीं की क्योंकि उसे भी अकेला रहना पसंद था मुझे भी रोज रोज नई नई चूत मारना पसंद था।
एक दिन ऐसे ही मैं निकिता और सोनाली बैठे थे, हमारी बात हो रही थी, निकिता बोली- क्या बात है विक्रम, जब तुम काम करते हो तब कोई लड़की तुम्हारे सामने नंगी हो जाए तो तुम्हें कुछ नहीं होता और जब तुम सेक्स करते हो तो एक बार में ही इतना थका देते हो कि शरीर भी हिलाने का मन नहीं होता।
मैं बोला- देखो, जब मैं काम करता हूँ तो अन्दर-बाहर दोनों तरफ से काम और जब सेक्स करता हूँ तब अंदर-बाहर दोनों तरफ से सेक्स ! जब सेक्स करता हूँ तो मुझे सिर्फ सेक्स पता होता है, मैं दिल से, होंठों से तुम्हारे होंठ चूसता हूँ।
निकिता बोली- देख विक्रम, मेरी चूत गीली मत कर ! तेरे बारे में सोचते ही वो गीली हो जाती है ! अच्छा बता, शाम को क्या कर रहा है?
मैंने कहा- क्यों?
बोली- शाम को सोनाली के यहाँ एक पार्टी है।
मैंने पूछा- कौन सी? मुझे तो नहीं पता!
“अबे ! वो सीक्रेट नंगी पार्टी है, हमारी एक फ्रेंड है, उसका जन्मदिन है तो एक नंगी पार्टी रखी है, हम दोनों ने उसकी चूत चाटी हुई है, तुझे चाटनी है तो बोल ! कुंवारी चूत है, हमने सोचा तेरे लौड़े से उसकी चूत की सुहागरात मनवाएँ ! बोल हमारी सहेली है !
मैं बोला- ठीक है !
वो बोली- आराम से ही चोदियो ! बहुत हल्की-फुल्की है, 22 साल की ही है।
मैंने बोला- कभी तेरे साथ ऐसा किया है तो बोल?
वो बोली- चल छोड़ ! रात को 11 बजे आ जईयो सोनाली के घर ! ओ के?
मैंने कहा- ठीक है।
रात को 11 बजे मैं सोनाली के घर गया देख तो पार्टी चल रही थी, कोई 10-12 लड़कियाँ और औरतें थी, कुछ लड़के नंगे डांस कर रहे थे। लड़कियाँ-औरतें उनके लण्ड से खेल रही थी ।
मैं पहुँचा, तभी निकिता मेरे पास आई, एक खूबसूरत, मासूम सी लड़की के पास ले जाकर बोली- सपना, ले यह रहा तेरा जन्मदिन का गिफ्ट !
तभी दूसरी लड़कियाँ और औरते बोल उठी- यही विक्रम है क्या?
वो बोली- हाँ, विक्रम ही है।
वो बोली- हाय, कभी तुमने हमसे तो मिलवाया नहीं इसे, बस इसकी तारीफ ही करती है, और आज भी इसे बुलाया तो भी किसी और के लिए?
वो बोली- यह खास है और खास लोगों के लिए ही है।
वो बोली- अच्छा कोई बात नहीं ! इसका मतलब हम खास नहीं हैं न?
निकिता बोली- ऐसा नहीं है मगर इसे छोड़ने का ही मन नहीं करता, आज इसका जन्मदिन नहीं होता तो इसे भी ना मिलवाती।
वो बोली- अच्छा इसका लण्ड तो हमने एक बार दिखवा दे !
निकिता बोली- अभी जिसके लिए बुलाया है, उसके साथ कर लेने दो, फिर बाद में !
तभी निकिता ने मुझे बोला- सपना को ऊपर ले जा और मज़ा कर !
उसने बोला- हाय, मेरा नाम सपना है।
मैंने बोला- मैं विक्रम !
तभी निकिता बोल उठी- ऐसे ही बात करोगे या कुछ और भी? चलो ऊपर कमरे में जाओ !
मैंने सपना को गोद में उठाया और सीढ़ियों से ऊपर ले गया।
तभी पीछे से आवाज़ आई- हाय हाय !
उन औरतों और लड़कियों की आवाज थी। यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉंम पर पढ़ रहे हैं।
मैं और सपना कमरे में आये, मैंने उसे बिस्तर पर बैठाया और कमरा अंदर से लॉक किया, सपना के पास आया और बोला- मैं आपका गिफ्ट हूँ !
वो बोली- मालूम है, मगर डर लगता है, पहली बार है !
मैंने कहा- कोई बात नहीं, मैं हूँ न ! आप इतनी प्यारी और खूबसूरत हैं।
और उसकी आँखों में आँखें डाल कर देखने लगा।
वो भी देखने लगी। मैंने उसे बाहों में लिया और उसकी आंखों में ही देखता रहा। उसके गालों पर हाथ लाकर उसके नरम नरम होंठों को अपनी उंगलियों से छुआ, उसके होंठों के पास अपना मुँह ले जाकर उसकी आँखों में देखने लगा, अपने हाथ उसके बालो में और कानों पर फेरने लगा, उसकी सांसें गर्म होकर मेरे मुँह पर लगने लगी। तभी उसने तेज सांसों के साथ मुझे बाहों में ले लिया। मैंने भी उसे बाहों में कस लिया और उसकी कमर में हाथ फिराने लगा, उसके कूल्हों पर हाथ फ़ेरने लगा।
तभी वो मुझसे अलग हुई और मेरे होंठ चूसने लगी। थोड़ी देर में मैंने उसे अलग किया और उसके चहेरे को होंठों से छूने लगा। वो पागल होने लगी, उसका हाथ मेरे लण्ड पर जाने लगा, मैं उसके कान अपनी जीभ से चाटने लगा, उसकी गर्दन को अपने होंठों से चूमने लगा।
वो पागल होने लगी और मैं उसे नंगा करने लगा। अब वो केवल ब्रा और पेंटी में रह गई और मैं उसके पूरे बदन को अपने होंठों से चूमता रहा, रगड़ता रहा। उसके मम्मे दबाते हुए चूसे, उसकी चूत को पेंटी के ऊपर से चूमा और दांतो से उसकी पेंटी उतार दी।
उसकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी, शायद वो झर भी चुकी थी। तभी मैंने शहद की शीशी उठाई और उसकी चूत पर काफी सारा शहद डाल कर चाटने लगा। वो पागल होकर अपने चूतड़ उठाने लगी, मैं उसकी चूत चाटता रहा।
जब उसकी चूत बिल्कुल साफ हो गई तो उसके होंठों को चूसना शुरु किया, फिर उसके कान फिर मम्मे ! वो पागल हुए जा रही थी, उसने मुझे नंगा किया, मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। फिर मैंने उसे लेटाया, तेल की शीशी उठाई, पहले काफी सारा तेल अपने लण्ड पर लगाया, फिर उंगली डाल कर उसकी चूत में लगाने लगा।
वो मुझे काटने लगी।
मैंने पहले एक उंगली से तेल लगाया फिर दो उंगलियों से उसकी चूत थोड़ी चौड़ी की, तभी मैं उसके मम्मे चूसते हुए उसके होंठ चूसते हुए उसके ऊपर आया और अपना लण्ड उसकी चूत पर रखा, अपने दोनों हाथों से उसके मम्मे पकड़े, उसके होंठ चूसते हुए उसकी जीभ चूसते हुए अपना लण्ड उसकी चूत में डाल दिया। तेल की वजह से लण्ड एक ही बार में पूरा अन्दर पहुँच गया मगर मैं उसकी जीभ चूस रहा था तो उसने मेरे होंठ काटे खाए और उसकी आँखों में से पानी निकल गया। मैं थोड़ी देर उसके ऊपर चुपचाप लेटा रहा, उसकी आँखों मे दर्द के मारे आँसू निकल रहे थे।
मैंने थोड़ी देर के बाद फिर उसके होंठ चूसते हुए, उसके मम्मे दबाते हुई लण्ड को आगे-पीछे करना शुरु किया तो उसे मज़ा आने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी, मगर उसकी कुँवारी चूत होने की वजह से मेरा लण्ड छिल गया था तो मुझे भी थोड़ा-थोड़ा दर्द था।
मैंने भी उसे लेटे लेटे आराम से चोदा। मेरे झड़ने से पहले वो 3 बार झर चुकी थी। मैं उसके पास ही लेटा रहा, थोड़ी देर बाद उठा तो देखा वो सो चुकी है, पूरी चादर खून से लाल है, मेरे लण्ड में दर्द है उस पर भी खून लगा है। मैं जाकर नहाया, लण्ड साफ किया तो देखा उसकी खाल काफी छिल गई है। आज पहले बार मोटा लण्ड होने की वजह से मुझे भी काफी दर्द महसूस हुआ, मुझे लगा कि अब दो तीन दिन तक मैं भी किसी को ढंग से चोद नहीं पाऊँगा। मैंने सोचा कि नीचे सोनाली, निकिता और भी लड़कियाँ हैं, तो मैं उनसे बचने के लिए नीचे ही नहीं गया, वहीं सो गया।
अन्तर्वासना की कहानियाँ आप मोबाइल से पढ़ना चाहें तो एम.अन्तर्वासना.कॉम पर पढ़ सकते हैं।
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000