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प्रेषक : विक्रम शर्मा
मेरा नाम विक्रम है मेरे परिवार में मेरे अलावा मेरे पापा, मम्मी, दो भाई और एक बहनें है, मेरी उम्र 28 साल है। मैं एक प्राइवेट कंपनी में काम करता हूँ और मैं अच्छा खासा कमा लेता हूँ। मेरा काम प्रोजेक्ट मैनेजर का है। अब मैं आप लोगों को अपनी कहानी पर लाता हूँ जो कई भागो में है।
बात उन दिनों की है जब मैंने नई नई नौकरी ज्वाइन की। मेरी बॉस एक लड़की थी, सोनाली था उसका नाम, उसकी उमर कोई 35 साल के लगभग होगी मगर लगती 25 की थी। उसकी एक सेक्टरी थी वो 27 के लगभग की थी, उसका नाम निकिता था, बिल्कुल पतली, लंबी मॉडल जसी लगती थी।
मैं उससे कनिष्ठ था मेरा काम उसके काम में उसकी मदद करना था।
हम लोगों का काम मार्केटिंग और जनसम्पर्क का है, हम लोग कम्पनियों के मार्केटिंग और ब्रैंड प्रोमोटर हैं हमें एक टीम की तरह काम करना पड़ता है तो हम लोगो की एक टीम है मेरी बॉस सोनाली, निकिता और मैं।
मैं जब जो काम करता हूँ, बस वो ही करता हूँ, सब कुछ छोड़ कर उसमें ही लग जाता हूँ, उसके अलावा मुझे कुछ और याद नहीं रहता। मैं अपना सब कुछ उसी में ही लगा देता हूँ। इस कारण से ऑफिस में मेरी छवि गम्भीर किस्म के इन्सान की है, इसी से मेरी बॉस सोनाली और निकिता और मुझ पर काफी विश्वास करते हैं मगर निकिता अक्सर मुझे छेड़ती और मजाक करती थी। मुझे भी वो अच्छी लगती थी मगर मैं ध्यान नहीं दे पाता था। मगर वो थी एकदम दिलफेंक लड़की ! उसे देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाये !
वो दिलफेंक थी मगर बस दूर से ही बातों से, किसी को आसानी से अपने पास भी नहीं आने देती थी ! मगर मेरे में उसको न जाने क्या खास लगता था !
खैर मैं कभी ध्यान नहीं देता था।
उन दिनों जब हम लोगों के पास बहुत ज्यादा काम था और हमारी बॉस सोनाली को एक काफी बड़ा काम मिला। मगर मैं और निकिता पहले ही काफी व्यस्त थे, ऊपर से एक और बड़ा काम ! मैं ज्यादा पुराना नहीं था और मेरे पास अनुभव भी कम था पर फिर भी मेरा काम काफी अच्छा था तो मुझे सीधे अब सोनाली जी के साथ काम करना था और निकिता को पुराने सारे काम दे दिए गए क्योंकि नया काम काफी बड़ा था !
तो अब निकिता अलग से काम में लग गई और मैं सोनाली के साथ नए काम में !
सोनाली जी काफी कम बोलती थी और मैं भी ! हमें एक महीने में काम ख़त्म करना था, मैं कभी ऑफिस में कभी रात को सोनाली जी के घर में उनके साथ 1-2 बजे तक काम करता था। हमारी बातचीत काफी कम होती थी।
इसी बीच निकिता को काम से दिल्ली जाना था तो मुझे उसके काम भी संभालने पड़े। अब मुझे 24 में से 16 घंटे काम करना पड़ रहा था तो तो सोनाली ने अपनी गाड़ी मुझे दे दी अपने ड्राईवर के साथ !
अब मैं रोज सुबह सोनाली जी के साथ ऑफिस जाता था, पहले ड्राईवर मुझे लेता था फिर सोनाली को ! हम दोनों एक साथ ऑफिस जाने लगे तो हम लोगों में थोड़ी थोड़ी बात होने लगी और सोनाली काम की कभी कभी तारीफ करने लगी। करती तो वो पहले भी थी मगर अब हम कुछ पास आ गए थे और थोड़ी-बहुत हंसी-मजाक भी कर लेते थे कभी कभी !
हमारी मेहनत की परीक्षा थी, 3 दिन बाद हमें ताज होटल में अपना काम दिखाना था कि हमने क्या किया है।
सोनाली काफी तनाव में थी, निकिता थी नहीं, मैं और सोनाली को ही सब कुछ देखना था।
तीन दिन कैसे निकले हमें पता ही नहीं चला।
अब रात को 9 बजे हमे ताज होटल जाना था अभी दोपहर के 3 बजे थे। सोनाली ने कहा कि वो घर जा रही है, मैं भी घर चला जाऊँ। रात को 8 गाड़ी में उसके घर आ जाऊँ, वहीं से दोनों साथ चलेंगे।
सोनाली घर चली गई, मैं भी कुछ देर बाद घर चला गया। काफी थका हुआ था, सोचा थोड़ा सो लूँ, न जाने रात को कितनी देर हो जाए।
रात को 8 बजे जब मैं सोनाली के घर आया, मैंने देखा कि सोनाली क्या गज़ब लग रही थी !
उसे देखते ही एक बार तो मेरा लंड खड़ा हो गया। मगर मैंने सोचा कि बॉस है, अपना ध्यान हटा लिया।
वो काफी तनाव में थी, बोली- क्या देख रहे हो? हमें चलना है।
मैंने कहा- कुछ नहीं ! बस आप काफी कयामत लग रही थी।
मैंने पहली बार ऐसा बोला था। वो कुछ नहीं बोली, बोली- चलो !
गाड़ी में मैं उसके साथ पीछे बैठा। 40 मिनट का रास्ता था, 15 मिनट तक वो कुछ नहीं बोली, फिर बोली- मालूम नहीं कैसे होगा? क्या होगा? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा !
मैं बोला- टेंशन मत लो, हमने काफी बढ़िया काम किया है, उन्हें पसंद आयेगा।
वो बोली- मालूम नहीं ! हमने मेहनत तो बहुत की है, मगर फिर भी उन्हें पसंद नहीं आया तो?
मैं उसे समझाने लगा।
वो बोली- ठीक है, तुम ही दिखाना ! मैं चुप रहूँगी।
मैंने कहा- ठीक है।
हम 15 मिनट पहले पहुँच गए, सोनाली मेरे साथ थी, हमारे लिए पहले से ही एक काफ़ी बड़ी मेज बुक थी जहाँ हमें अपना सारा काम दिखाना था।
हम लोग इंतजार कर रहे थे, 15 मिनट बाद वो लोग आये, 7 लोग थे, उन्होंने पूछा- तो सोनाली जी, अपने हमारी कंपनी के लिए क्या बनाया है?
तो सोनाली ने मेरी तरफ़ इशारा करके कहा- ये आपको बताएँगे !
मैं एक घंटे तक जो हमने काम किया था, दिखाता रहा, बताता रहा। यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉंम पर पढ़ रहे हैं।
जब मैंने बंद किया तो वो लोग बोले- सोनाली, आपने हम लोगों के लिए हमारी सोच से ज्यादा अच्छा काम किया है।
उन्होंने मेरी और सोनाली की काफी तारीफ की और हम लोगो को वो काम पहले से ज्यादा रूपों में वो काम दे दिया। सोनाली काफी खुश थी, उसने मेरे गाल पर चूम लिया और बोली- मैं बता नहीं सकती कि कितनी खुश हूँ मैं ! चलो ताज में डिस्को चलते हैं।
मैंने कहा- नहीं !
मगर वो जबरदस्ती मुझे ले गई !
मेरी नियत पहले ही उसे देख कर बिगड़ रही थी, ऊपर से उसने चुम्बन ले लिया था !
हम लोग डिस्को पहुँचे, वो बोली- कुछ ड्रिंक लोगे?
मैं बोला- मैं शराब नहीं पीता !
वो बोली- कोई बात नहीं, मेरे साथ कुछ ले लो !
मैंने सोफ्ट ड्रिंक ली, उसने एक टकीला शॉट !
वो बोली- चलो, डांस करते हैं।
मैं बोला- आज आप इतनी अच्छी लग रही हैं, पहले ही दिल काबू में नहीं ! ऊपर से आप क्यों?
वो बोली- अच्छा? ऐसी बात है?
मैंने बोला- हाँ ऐसी ही है ! कुछ हो जायेगा।
वो बोली- कुछ नहीं होगा, तुम बस आओ, डांस करते हैं।
मैंने डांस करते हुए पहली बार उसके बदन को छुआ, क्या मखमली बदन था ! मेरे होश उड़ने लगे थे।
वो बोली- पी मैंने है, नशा तुम्हें हो रहा है !
मैंने कहा- आप किसी से कम हैं क्या !
वो बोली- लाइन मार रहे हो?
मैं बोला- नहीं !
वो बोली- चलो तुम पर नशा ज्यादा चढ़े, उससे पहले खाना खाते हैं।
हमने खाना खाया मगर मैं उसे ही देखता रहा।
फिर हम घर जाने लगे, मैंने उसके घर उसे छोड़ा…
कहानी जारी रहेगी।
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